महाभारतकालीन इतिहास से संबंधित खाटू श्याम मंदिर राजस्थान के सीकर जिले में अवस्थित है, जहां देश भर से श्रद्धालु भारी संख्या में हर रोज दर्शन हेतु आते हैं। ‘‘जय श्री श्याम’’ नाम से गुंजाएमान जयकारे स्पष्ट रूप से इस मंदिर की अलौकिक विशेषता को जाहिर करते हैं। इस मंदिर में साल में एक बार लगने वाला फाल्गुन मेले और हर माह की एकादशी पर भक्तों का विशेष जुड़ाव प्रतीत होता है। गौरवमयी पौराणिक इतिहास, दिव्य वातावरण और भक्तों के साथ होने वालों चमत्कारों की अदृश्य श्रृंखला से इस मंदिर की ख्याति के साथ यहां आने वाले भक्तों की गिनती दिनोंदिन बढती जा रही है, आइए विस्तार से जानें दिल्ली से खाटू श्याम मंदिर की बेहतर यात्रा साधनों के बारें में-
दिल्ली से खाटू श्याम मंदिर की लगभग दूरी 285 किमी है, जिसे तय करने के लिए आपके पास हवाई, रेल और सड़क तीनो ही माध्यम उपलब्ध हैं, आपकी सुविधा हेतु इन तीनों ही माध्यमों के बारें में आपको विस्तार से बताने जा रहें हैं जिससे आपकी यात्रा सुगम और सरल बनें।
रेल मार्ग द्वाराः खाटू श्याम मंदिर का सबसे निकटतम रेलवे स्टेशन रींगस जंक्शन है, यहां से करीब 19 किमी की दूरी पर मंदिर अवस्थित है।
सड़क मार्ग द्वाराः आप चाहें तो अपनी सुविधा और बजट अनुसार कैब से या बस द्वारा खाटू श्याम मंदिर पहुंच सकते हैं, जिसमे सरकारी और प्राइवेट दोनों तरह की बसों के विकल्प मौजूद हैं।
हवाई मार्ग द्वाराः निकटतम एयरपोर्ट जयपुर इंटरनेशनल हवाई अड्डे से कैब या बस के माध्यम से खाटू श्याम मंदिर दर्शन करने जा सकते हैं।
खाटू श्याम मंदिर से रींगस का गहरा नाता है, क्योंकि यहीं से श्रद्धालु श्याम बाबा की निशान यात्रा उठाते हैं साथ ही यहां मंदिर का निकटतम रेलवे स्टेशन रींगस जंक्शन है।
दिल्ली से रीगंस जंक्शन के लिए सर्वश्रेष्ठ रेलगाड़ियां
दिल्ली में भारतीय रेलवे के कई प्रमुख रेलवे स्टेशन पाए जाते हैं, जिनमें से हर रूट की गाड़ी दिल्ली स्थित किसी विशेष रेलवे स्टेशन से चलाई जाती है, रींगस जंक्शन हेतु रेलगाड़ियां दिल्ली कैंट, दिल्ली सराय रोहिल्ला या हजरत निजामुद्दीन से संचालित की जाती है जिसके लिए गाड़ियों की अच्छी उपलब्धता रहती है।
यहां कुछ गाड़ियों की जानकारी दी जा रही है।
रेलगाड़ी का नाम | गाड़ी संख्या | प्रस्थान | आगमन रींगस | अवधि | संचालन |
सैनिक एक्सप्रेस | 19702 | 23ः10 बजे | 06ः43 बजे | 7 घंटे 12 मिनट | रोज |
चेतक एक्सप्रेस | 20474 | 19ः40 बजे | 23 बजे | 3 घंटे 20 मिनट | रोज |
जनशताब्दी एक्सप्रेस | 12066 | 16ः32 बजे | 19ः40 बजे | 3 घंटे 8 मिनट | सोम, मंगल, बुध, शुक्र, शनि |
रेल टिकट दर अनुमान
अगर आप पूरे परिवार सहित खाटू श्याम मंदिर जाने की योजना बना रहे हैं तो अपनी निजी या बुंकिग कैब आपके लिए बेहतर साधन हो सकता है। सड़क मार्ग की बेहतर कनेक्टीविटी और प्रबंधन इसमें बहुत बड़ी भूमिका निभाता है, जिससे सड़क यात्रा आसान और सरल बन जाती है।
सड़क मार्ग दूरी लगभग 290 किमी है, जिसमें कम से कम 6 से 7 घंटे का समय लग सकता है, राष्ट्रीय राजमार्ग एनएच 48 और एनएच 52 की बेहतर उपलब्धता
कैब का अनुमानित खर्च
अगर आप कैब के माध्यम से खाटू श्याम मंदिर जाने का विचार कर रहे हैं तो ईंधन की अनुमानित लागत औसत रूपये 6000 या उससे ज्यादा भी हो सकता है।
बस से यात्रा करना एक आसान और सस्ता विकल्प हो सकता है, दिल्ली से रींगस या सीकर के लिए प्राइवेट या रोडवेज दोनों तरह की बसों के विकल्प आसानी से उपलब्ध रहते हैं। सीकर या रींगस से आप खाटू श्याम मंदिर जाने के लिए टैक्सी या ऑटो रिक्शा की मदद ले सकते हैं।
राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम (आरएसआरटीसी) से रोज एसी और नॉन ऐसी बसें संचालित होती हैं।
कई निजी बस ऑपरेटरों द्वारा भी बसें संचालित की जाती हैं।
भक्तों के प्यारे श्याम धणी वर्ष भर अपने मानने वालों को दर्शनों से कृतार्थ करते रहते हैं, लेकिन सर्दी के दिनों और खास तिथियो त्योहारों पर मंदिर की रौनक और अनुभव सर्वश्रेष्ठ रहता है।
फाल्गुन मेला (फरवरी से मार्च)ः कहते हैं शीश के दानी बाबा श्याम का जन्म फाल्गुन मास में हुआ था, इसलिए यह पूरा महीना मंदिर में उत्सव जैसा वातावरण रहता है और बहुत बडे मेले का आयोजन होता है जिसमें भक्त बहुत दूर दूर से बड़ी श्रद्धा के साथ पैदल आते हैं और ध्वज निशान यात्रा संपूर्ण करते हैं। इस समय रींगस से मंदिर तक के मार्ग को परिवर्तित कर दिया जाता है जिससे दूरी थोड़ी बढ जाती है, ऐसा इसलिए किया जाता है कि भक्तों की भारी भीड़ को नियंत्रित किया जा सके।
माह की हर एकादशीः हिंदू तिथियों के अनुसार माह में दो एकादशी तिथि होती है, शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष की। इन दोनों ही तिथियों में श्रद्धालु बहुत अच्छी खासी संख्या में मंदिर जाते हैं जिस वजह से इन तिथियों में यात्रा के संसाधन सीमित प्रतीत होते हैं और वहां रूकने के स्थानों में भी कमी प्रतीत होने लगती है। भक्त इन दोनों तिथियों में अपनी किसी मन्नत या मनौती मानकर एकादशी तिथि पर मंदिर जाना आरंभ करते हैं, कहते हैं कि उनकी मनोकामना बहुत जल्दी पूरी हो जाती है।
अगस्तः भगवान कृष्ण को मानने वाले भक्त जन्माष्टमी त्योहार पर श्याम बाबा के विशेष दर्शनां हेतु बहुत बड़ी संख्या में मंदिर पहुंचते हैं।
खाटू श्याम बाबा को लखदातार, शीश के दानी, बर्बरीक, अहिलावती सुत और भी न जाने कितने ही नामों से जाना जाता है। इनके भक्त तो इन्हें कलयुग के श्रीकृष्ण के रूप में भी पूजते हैं और मानते भी हैं कि यह वो दर है जहां तकदीर का लेख तक संवर सकता है। दिल्ली से खाटू श्याम मंदिर की यात्रा करना बेहद आसान है, जिसमे से सभी मार्ग बढिया यात्रा विकल्प प्रदान करते हैं। अगर आप बहुत दूर रहते हैं तो हवाई मार्ग आपके लिए सर्वश्रेष्ठ हैं, या आप दिल्ली से जा रहे हैं तो रेल और सड़क मार्ग आपके लिए आसान सुविधाजनक और लचीला जरिया है।