• Oct 07, 2025

महाभारतकालीन इतिहास से संबंधित खाटू श्याम मंदिर राजस्थान के सीकर जिले में अवस्थित है, जहां देश भर से श्रद्धालु भारी संख्या में हर रोज दर्शन हेतु आते हैं। ‘‘जय श्री श्याम’’ नाम से गुंजाएमान जयकारे स्पष्ट रूप से इस मंदिर की अलौकिक विशेषता को जाहिर करते हैं। इस मंदिर में साल में एक बार लगने वाला फाल्गुन मेले और हर माह की एकादशी पर भक्तों का विशेष जुड़ाव प्रतीत होता है। गौरवमयी पौराणिक इतिहास, दिव्य वातावरण और भक्तों के साथ होने वालों चमत्कारों की अदृश्य श्रृंखला से इस मंदिर की ख्याति के साथ यहां आने वाले भक्तों की गिनती दिनोंदिन बढती जा रही है, आइए विस्तार से जानें दिल्ली से खाटू श्याम मंदिर की बेहतर यात्रा साधनों के बारें में- 

दिल्ली से खाटू श्याम मंदिर की लगभग दूरी 285 किमी है, जिसे तय करने के लिए आपके पास हवाई, रेल और सड़क तीनो ही माध्यम उपलब्ध हैं, आपकी सुविधा हेतु इन तीनों ही माध्यमों के बारें में आपको विस्तार से बताने जा रहें हैं जिससे आपकी यात्रा सुगम और सरल बनें। 

दिल्ली से खाटूश्याम यात्राः एक नजर

रेल मार्ग द्वाराः खाटू श्याम मंदिर का सबसे निकटतम रेलवे स्टेशन रींगस जंक्शन है, यहां से करीब 19 किमी की दूरी पर मंदिर अवस्थित है। 

सड़क मार्ग द्वाराः आप चाहें तो अपनी सुविधा और बजट अनुसार कैब से या बस द्वारा खाटू श्याम मंदिर पहुंच सकते हैं, जिसमे सरकारी और प्राइवेट दोनों तरह की बसों के विकल्प मौजूद हैं। 

हवाई मार्ग द्वाराः निकटतम एयरपोर्ट जयपुर इंटरनेशनल हवाई अड्डे से कैब या बस के माध्यम से खाटू श्याम मंदिर दर्शन करने जा सकते हैं। 

यात्रा के समस्त विकल्पों की विस्तृत चर्चाः 

खाटू श्याम मंदिर रेल मार्ग यात्राः सुविधा और बजट अनुसार 

खाटू श्याम मंदिर से रींगस का गहरा नाता है, क्योंकि यहीं से श्रद्धालु श्याम बाबा की निशान यात्रा उठाते हैं साथ ही यहां मंदिर का निकटतम रेलवे स्टेशन रींगस जंक्शन है।

दिल्ली से रीगंस जंक्शन के लिए सर्वश्रेष्ठ रेलगाड़ियां 

दिल्ली में भारतीय रेलवे के कई प्रमुख रेलवे स्टेशन पाए जाते हैं, जिनमें से हर रूट की गाड़ी दिल्ली स्थित किसी विशेष रेलवे स्टेशन से चलाई जाती है, रींगस जंक्शन हेतु रेलगाड़ियां दिल्ली कैंट, दिल्ली सराय रोहिल्ला या हजरत निजामुद्दीन से संचालित की जाती है जिसके लिए गाड़ियों की अच्छी उपलब्धता रहती है। 

यहां कुछ गाड़ियों की जानकारी दी जा रही है। 

रेलगाड़ी का नाम गाड़ी संख्या प्रस्थान आगमन रींगस अवधि संचालन 
सैनिक एक्सप्रेस 19702 23ः10 बजे 06ः43 बजे 7 घंटे 12 मिनट  रोज 
चेतक एक्सप्रेस 20474 19ः40 बजे 23 बजे 3 घंटे 20 मिनट रोज 
जनशताब्दी एक्सप्रेस 12066 16ः32 बजे 19ः40 बजे 3 घंटे 8 मिनट सोम, मंगल, बुध, शुक्र, शनि

रेल टिकट दर अनुमान

  • एसी चेयर कार सीसी लगभग 500 रूपये से 800 रूपये 
  • स्लीपर क्लास एसएल 150 रूपये से 300 रूपये 
  • सामान्य वर्ग 100 रूपये से 200 रूपये 

रींगस जंक्शन से खाटू श्याम मंदिर कैसे पहुंचे? 

  • ऑटो रिक्शा : ( अनुमानित समयावधि 20 से 30 मिनट) किराया प्रति व्यक्ति अनुमान रूपये 100 से 200 रूपये तक 
  • टैक्सीः (सामान्यतः 20 मिनट अनुमानित) प्रति व्यक्ति किराया दर रूपये 300 से रूपये 500 
  • शेयरिंग जीपः स्टेशन परिसर से बाहर निकलने पर आसानी से उपलब्ध प्रति व्यक्ति रूपये 50 से 100 रूपये तक चार्ज करते हैं ( अनुमानित समयावधि 25 से 30 मिनट)

रेल यात्रा विशेषताएं 

  • रेल यात्रा बेहतर सुविधा देते हुए समय बचाती हुई यात्रा का विकल्प प्रदान करती है जिसकी समयावधि अन्य साधनों की अपेक्षा सबसे कम है। 
  •  प्रतिदिन आसानी से उपलब्ध रहते हुए बजट के अनुसार क्लास चुनकर यात्रा कर सकते हैं। 
  • कई रेलगाड़ियों के विकल्पों की आसान उपलब्धता, आप अपने समय और परिस्थिति अनुसार रेलगाड़ी का चयन कर सकते हैं। 

2. खाटू श्याम मंदिर सड़क मार्ग द्वाराः कैब या बस से यात्रा की राह तय करें 

अगर आप पूरे परिवार सहित खाटू श्याम मंदिर जाने की योजना बना रहे हैं तो अपनी निजी या बुंकिग कैब आपके लिए बेहतर साधन हो सकता है। सड़क मार्ग की बेहतर कनेक्टीविटी और प्रबंधन इसमें बहुत बड़ी भूमिका निभाता है, जिससे सड़क यात्रा आसान और सरल बन जाती है। 

दिल्ली से खाटू श्याम मंदिर का सड़क मार्ग 

  • दिल्ली से गुड़गांव 
  • गुड़गांव से बावल 
  • बावल से कोटपुतली 
  • कौटपुतली से नीम का थाना
  • नीम का थाना से रींगस 
  • रींगस से खाटू श्याम जी मंदिर

सड़क मार्ग दूरी लगभग 290 किमी है, जिसमें कम से कम 6 से 7 घंटे का समय लग सकता है, राष्ट्रीय राजमार्ग एनएच 48 और एनएच 52 की बेहतर उपलब्धता 

कैब का अनुमानित खर्च

अगर आप कैब के माध्यम से खाटू श्याम मंदिर जाने का विचार कर रहे हैं तो ईंधन की अनुमानित लागत औसत रूपये 6000 या उससे ज्यादा भी हो सकता है। 

कैब से यात्रा करने के फायदे

  • परिवार सहित यात्रा करने में आसानी रहती है
  • घर से सीधे मंदिर जाने की उपलब्धता होती है, साधन नहीं बदलने पड़ते हैं। 
  • आरामदायक और मनोरंजन करते हुए यात्रा कर सकते हैं 
  • अपनी सुविधा अनुसार कहीं भी रूककर जलपान या आराम करते हुए यात्रा संपन्न कर सकते हैं 
  • बुजुर्ग यात्रियों के लिए राहत भरा सफर रहता है। 
  • प्रस्थान करने के लिए समय की पाबंदी नहीं रहती है। 

बस द्वाराः 

बस से यात्रा करना एक आसान और सस्ता विकल्प हो सकता है, दिल्ली से रींगस या सीकर के लिए प्राइवेट या रोडवेज दोनों तरह की बसों के विकल्प आसानी से उपलब्ध रहते हैं। सीकर या रींगस से आप खाटू श्याम मंदिर जाने के लिए टैक्सी या ऑटो रिक्शा की मदद ले सकते हैं। 

दिल्ली से रींगस/सीकर तक बस सुविधाः 

राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम (आरएसआरटीसी) से रोज एसी और नॉन ऐसी बसें संचालित होती हैं। 

कई निजी बस ऑपरेटरों द्वारा भी बसें संचालित की जाती हैं। 

बस प्राइस फेयर अनुमानितः 

  • नॉन एसी बसः रूपये 300 से रूपये 500 
  • एसी बसः रूपये 750 से रूपये 1200 

बस से जाने हेतु दिल्ली में कहां से चढे? 

  • कश्मीरी गेट आईएसबीटी
  • सराय काले खां आईएसबीटी 
  • रोहिणी बस टर्मिनल

सीकर/रींगस से खाटू श्याम मंदिर कैसे जाएं 

  • सीकर सेः बस (रूपये अनुमानित 50-100) या कैब (रूपये अनुमानित 500-700)
  • रींगस सेः ऑटो रिक्शा (रूपये अनुमानित 100-200) या कैब (रूपये अनुमानित 300-500)

बस यात्रा विशेषताएं 

  • ज्यादातर सीट उपलब्ध होने में आसानी
  • समय प्रस्थान की विशेष पाबंदी नहीं है 
  • अकेले सफर और बजट अनुकूल यात्रा करने में बेहतर 

3. हवाई मार्ग द्वाराः विशेषतः विदेशी और दूर रहने वाले श्रद्धालुओं के लिए मंदिर की सुलभ पहुंच 

  • खाटू श्याम मंदिर पहुंचने के लिए आप हवाई मार्ग भी चुन सकते हैं इसके लिए आपको निकटतम हवाई अड्डा जयपुर इंटरनेशनल एयरपोर्ट पहुंचना होगा। यहां से आप कैब या सार्वजनिक बस के माध्यम से रींगस या सीकर पहुंचकर खाटू श्याम मंदिर पहुंच सकते हैं।हवाई अड्डे से मंदिर तक की अनुमानित दूरी लगभग 60 किमी है, जिसे तय करने में लगभग 1 से 1.5 घंटे तक का समय लग सकता है। आप चाहें तो दिल्ली एयरपोर्ट के माध्यम से भी सड़क या रेल मार्ग द्वारा मंदिर जा सकते हैं।

खाटू श्याम मंदिर जाने का सबसे अच्छा समय

भक्तों के प्यारे श्याम धणी वर्ष भर अपने मानने वालों को दर्शनों से कृतार्थ करते रहते हैं, लेकिन सर्दी के दिनों और खास तिथियो त्योहारों पर मंदिर की रौनक और अनुभव सर्वश्रेष्ठ रहता है।

फाल्गुन मेला (फरवरी से मार्च)ः कहते हैं शीश के दानी बाबा श्याम का जन्म फाल्गुन मास में हुआ था, इसलिए यह पूरा महीना मंदिर में उत्सव जैसा वातावरण रहता है और बहुत बडे मेले का आयोजन होता है जिसमें भक्त बहुत दूर दूर से बड़ी श्रद्धा के साथ पैदल आते हैं और ध्वज निशान यात्रा संपूर्ण करते हैं। इस समय रींगस से मंदिर तक के मार्ग को परिवर्तित कर दिया जाता है जिससे दूरी थोड़ी बढ जाती है, ऐसा इसलिए किया जाता है कि भक्तों की भारी भीड़ को नियंत्रित किया जा सके।

माह की हर एकादशीः हिंदू तिथियों के अनुसार माह में दो एकादशी तिथि होती है, शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष की। इन दोनों ही तिथियों में श्रद्धालु बहुत अच्छी खासी संख्या में मंदिर जाते हैं जिस वजह से इन तिथियों में यात्रा के संसाधन सीमित प्रतीत होते हैं और वहां रूकने के स्थानों में भी कमी प्रतीत होने लगती है। भक्त इन दोनों तिथियों में अपनी किसी मन्नत या मनौती मानकर एकादशी तिथि पर मंदिर जाना आरंभ करते हैं, कहते हैं कि उनकी मनोकामना बहुत जल्दी पूरी हो जाती है।

अगस्तः भगवान कृष्ण को मानने वाले भक्त जन्माष्टमी त्योहार पर श्याम बाबा के विशेष दर्शनां हेतु बहुत बड़ी संख्या में मंदिर पहुंचते हैं।

खाटूश्याम मंदिर जाने के लिए आवश्यक सुझाव

  • अगर आप भीड़भाड़ में मंदिर दर्शन करना नहीं चाहते तो एकादशी और फाल्गुन मेले के समय मंदिर जाने से परहेज करें, अन्य दिनों में दर्शन कर सकते हैं। फाल्गुन मेले की शुरूआत में ही मंदिर दर्शन कर लें तो अच्छा है, क्योंकि अंत के दिनों में ज्यादा भीड़ हो सकती है। 

निष्कर्षः

खाटू श्याम बाबा को लखदातार, शीश के दानी, बर्बरीक, अहिलावती सुत और भी न जाने कितने ही नामों से जाना जाता है। इनके भक्त तो इन्हें कलयुग के श्रीकृष्ण के रूप में भी पूजते हैं और मानते भी हैं कि यह वो दर है जहां तकदीर का लेख तक संवर सकता है। दिल्ली से खाटू श्याम मंदिर की यात्रा करना बेहद आसान है, जिसमे से सभी मार्ग बढिया यात्रा विकल्प प्रदान करते हैं। अगर आप बहुत दूर रहते हैं तो हवाई मार्ग आपके लिए सर्वश्रेष्ठ हैं, या आप दिल्ली से जा रहे हैं तो रेल और सड़क मार्ग आपके लिए आसान सुविधाजनक और लचीला जरिया है।

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