केरल, समुद्र किनारे बसा यह राज्य कई सारे मनमोहक हिल स्टेशन को खुद में समाए हुए है ऐसी ही एक खूबसूरत जगह इडुक्की जिले के अन्तर्गत वागामोन है, जहां शहर की भागदौड़ भरी जिंदगी का शोर नहीं है, बल्कि हरियाली लिए खुशनुमा धुंध भरा वातावरण हैं जिसमे आप चाहें तो एकांत में प्रकृति की खूबसूरती को यहां घंटो बैठकर निहार सकते हैं या दोस्तों, परिवार संग यादगार समय बिता सकते हैं।
दक्षिण भारत की खूबसूरती में चार चांद लगाता यह हिल स्टेशन आपके लिए पर्यटन के सारे अवसर उपलब्ध कराता है जिसे देखकर आप भी यही अनुभव करेंगे कि बेशक, इसी की तो खोज थी। अपने लुभावने आकर्षण और अलौकिक वातावरण की सौगात प्रदान करता यह हिल स्टेशन किन किन फेमस जगहों के लिए जाना जाता है, विस्तार से बात करते हैं इस आर्टिकल में।
विशाल फौलादी चट्टान, ज़मीन से करीब 2500 मीटर की ऊंचाई पर स्थित यह स्थान जहां से पूरी घाटी के विस्मित करते नजारों को देखने के साथ ही सूर्योदय, सूर्यास्त के अद्भुत दृश्यों का आनंद लिया जा सकता है, पर्यटन स्थल होने के साथ ही यह एक मुस्लिम तीर्थस्थल की भी तरह जाना जाता है, यहां कभी अफ़गानी सूफ़ी संत शेख फ़रीदुद्दीन आकर रूके थ,े यहां मौजूद विशाल चट्टान को इनकी दरगाह या अंतिम विश्राम स्थल के रूप में भी जाना जाता है, मान्यता है कि इसका विशाल गोल आकार, संत की मृत्यु के बाद हुआ और उनके समय में बहुत छोटी सी हुआ करती थी, जिस पर वे अपनी पान या सुपारी पीसते थे। चट्टान की दरारों के बीच मौजूद जलस्त्रोत कभी सूखते नहीं हैं जो आश्चर्य में डालता है। यहां आप चाहें तो जीप से भी पहुंच सकते हैं या पथरीले रास्तों की मदद से पैदल भी जाया जा सकता है। एडवेंचर शौकीन लोगों के लिए पर्वतारोहण करना एक अच्छा विकल्प हो सकता है
कुरिसुमाला पर्वत पर वागामोन के इस पवित्र स्थान पर हर साल तादाद से भी ज्यादा ईसाई धर्म के लोग आध्यात्मिक महत्व के कारण देखने आते हैं। इस चर्च की वास्तुकला सिस्टरशियन मठ की तरह है जहां प्रतिदिन प्रार्थना और अन्य सभाएं आयोजित होती हैं, यह एक चर्च से भी ज्यादा आश्रम के रूप में स्थापित है जहां तक जाने का रास्ता ही दैवीय आभा का आभास कराता है। मनमोहक वातावरण और प्रकृति की गोद में कलरव करते मधुर पक्षियों के स्वर, आध्यात्मिकता को और उच्च कोटि पर लेकर जाते हैं। यहां मौजूद चट्टानी गुफाएं मौन स्वीकृति से अपनी दिव्यता बिखेर रही हैं। कुरिसमाला पर्वत की विशेषता है कि यहां की दरारों से शहद निकलता है क्योंकि इनकी दरारों में मधुमक्खियां अपने छत्ते बनाती हैं। यहां गौ पालन भी बहुत बड़े स्तर पर किया जाता है। प्रकृति की छांव में प्राकृतिक उपहारों के लिए कृतज्ञता व्यक्त करने का इससे अच्छा स्थान इस धरती पर हो ही नहीं सकता।
चीड़ और देवदार के जंगलों के आकर्षक नजारों की शोभा देखते बनती है, जहां फिल्म निर्माताओं को भी शूटिंग की बेस्ट लोकेशन मिल जाती है। ऊंचे ऊंचे पेड़ों के दुर्लभ शानदार परिदृश्यों के बीच से सूर्य की आती रोशनी का आकर्षण मन को मोह लेने वाला होता है। बॉलीवुड के कई गीतों में हमने इस तरह के जंगलों की छटा को निहारा है। बढिया तापमान और ठंडक भरा वातावरण यहां की मोहकता को और बढा देता है, जहां पतले और लम्बे पेड़ों की कतारें, हरी घास की पहाड़ियां, फोटोग्राफी के शौकीनों, मौजमस्ती करना, पिकनिक प्रेमियों और एडवेंचर एक्टीविटी पसंद करने वाले लोगों के साथ सबको रिझाता है।
वागामोन की यह जगह खुली जगह पर्यटकों को खूब आकर्षित करती है जिसे एशिया का स्काटलैंड भी कहा जाता है। छोटे छोटे तालाबों को प्रदर्शित करती यह जगह हरे भरे घास के मैदानों की प्यारी सी घाटियां इतनी आकर्षक प्रतीत होती है कि यहां एक छोटी सी सैर करना तो बनता ही है। अगर आप एडवेंचर्स पसंद करते हैं, तब तो यह यह जगह आपके लिए एकदम उपयुक्त है जहां आप पैराग्लाइडिंग, ट्रैकिंग और भी बहुत कुछ कर सकते हैं। घुमावदार पहाड़ियों का अंदाज और आकर्षक वनों की अधिकता मन को लुभाने वाली होती है।
वागामोन की यह कृत्रिम झील दर्शकों के लिए किसी चमत्कार से कम नहीं है, यह प्राकृतिक जलधार पर बांध बनाकर तैयार की गई है। चारों ओर हरियाली का खुशनुमा वातावरण, चीड़ के वृक्षों की शोभा, चाय के बागान और विभिन्न रंगीन फूलों की वादियां इस झील का मंत्रमुग्ध करने वाला दृश्य बनाता है जिसके शांत जल की छाया पर स्वच्छ निर्मल आकाश की झलक मानो किसी दिवास्वप्न सी सुंदर दिखती है। जो संध्या के वक्त डूबते सूरज की परछाईं से हल्का नारंगी रंग प्रतिविबिंत करती बहुत शांति प्रदान करती है। जीवंत फूलों की खुशबू और सर्दियों में छाई धुंध बेहद लुभावनी प्रतीत होती है। बोटिंग, सैर, फोटोग्राफी करने के साथ ही अन्य साहसिक एक्टीविटी भी कर सकते हैं।
मलयाली भाषा में मोट्टा कुन्नू नाम से प्रचलित ये पहाड़ियां वागामोन की शानदार जगहों में से एक है, जिसके गोद में कई छोटे छोटे घास मैदानों के समूह हैं जो बहुत वृहद क्षेत्रफल में फैले हुए हैं जिनकी समुद्र तल से ऊंचाई लगभग 1100 मीटर के आसपास है। हरी भरी हरियाली के आकर्षक परिदृश्यों की श्रृंखलाएं, सर्द जलवायु का आंचल और अपने नाम के अनुरूप बंजर प्रतीत होती ये पहाड़ियां अपनी भू संरचनाओं और तापमान संबधी कारकों के फलस्वरूप बनी हैं। जहां घूमना, समय व्यतीत करना, निहारना, कुहासे भरी सुबहों को देखना बहुत प्यारा लगता है जहां शांत वातावरण और विभिन्न शानदार चीजों के कारण पर्यटक काफी संख्या में आना पसंद करते हैं और केरल की खूबसूरती में वृद्धि करता यह स्थान कई यादगार स्मृतियों को केंद्रित करता है। पैराग्लाइडिंग, पर्वतारोहण का अभ्यास करने के साथ ही मनोहारी दृश्यों का अवलोकन कर सकते हैं।
आप इसे पालोझुकुम झरना भी कह सकते हैं, चट्टानी चट्टानों के बीच प्रवाहित होता यह झरना लगभग 200 फीट की ऊंचाई से उड़ती हुई धुंध और स्वच्छ जल के कुंड में नीचे गिरता हुआ अनूठा परिदृश्य बनाता है। इडुक्की के कोमल वनों और हरियाली से सुसज्जित पहाड़ियों के मध्य इस झरने की मोहकता पर्यटकों को अपनी ओर खींच ही लेती है, जहां ताजी डुबकी लगाकर खुद को तरोताजा और अच्छा फील करना, शहरी हलचल से सुकून प्रदान करता है। यहां मौसम सर्द और वातावरण सुखद रहता जिसमें विश्राम करना आपकी थकान को स्फूर्ति में बदल देता है। आप इसके पास ट्रैंकिंग और कैपिंग भी कर सकते हैं जहां आपको इसके लिए कुछ शुल्क भी भुगतान करना पड़ता है।
केरल के पश्चिमी घाटों पर अवस्थित यह घाट अपनी संपन्न हरियाली के परिदृश्यों और जीवों की विभिन्नताओं के लिए जाना जाता है जो समुद्र तल से करीब 1200 मीटर की ऊंचाई पर, भाव विव्हल करने वाले झरनों, झीलों, चाय के बागानों की शोभा, चीड़, देवदार के वनों और घास के मैदानों की व्यापकता से अपने दर्शकों का दिल जीत लेता है, प्रकृति के अद्भुत चमत्कारों जैसे सूर्योदय, सूर्यास्त को निहारना अलौकिक सुख प्रदान करने वाला होता है। आसपास के गांवों के दृश्यों के साथ गिरती पहाड़ियों की शांति पूर्ण अवस्थिति सैलानियों को मंत्रमुग्ध कर देती है। यहां से आप खरीदारी का अनुभव भी प्राप्त कर सकते हैं, जहां से स्थानीय प्रोडक्ट के साथ ही इस क्षेत्र की विशेष यादगार वस्तुओं को खरीदकर किसी को तोहफे में भी दे सकते हैं और पैराग्लाइडिंग का रोचक अनुभव भी फील कर सकते हैं।
इस जगह से पहाड़ी शहर वागामोन की खूबसूरती को निहारना पर्यटकों को खूब लुभाता है यहां स्थापित तेंदुए की मूर्ति इस जगह की पहचान कराती है, जहां से आप शांत वातावरण, निर्मल जलवायु और गहरी घाटियों को देख सकते हैं। इस जगह कई व्यू पॉइंट है लेकिन करिकाडु व्यूपॉइंट वागामोन की बहुत ही सहज जगह पर स्थित है जहां से आते जाते परिदृश्यों को देखना अच्छा लगता है जिसमें विविध फूलों के आकर्षण, झरनों की कल कल करती आवाजें, और कुहासे में डूबे पहाड़ मन मोह लेने वाले होते हैं, साथ ही यहां आप पहाड़ी लोगों द्वारा बेचे जाने वाले उत्पादों का भी मजा ले सकते है।
दक्षिण भारत में भगवान शिव के पुत्र कार्तिकेय को भगवान मुरुगन कह कर पुकारा जाता है, इन्हीं के नाम पर इस पहाड़ी का नाम मुरुगन हिल्स है जो कुरीसुमाला पहाड़ी के पूर्व में स्थित एक छोटी सी पहाड़ी है जिस पर भगवान मुरुगन का एक ही चट्टान के आकर्षण से बना मंदिर है, जहां आध्यात्मिक वातावरण के साथ ही ताजी हवाओं के झोंके आपके मन को भीतर तक झकझोर देते हैं। दर्शन के लिए दूर दूर से भक्त आते हैं जिन्हें यहां भ्रमण करना और चारों ओर बिखरी शांति का अनुभव लेना बहुत रूहानी लगता है जिसमें प्रकृतिवादी, आध्यात्मिक, साहसिक और फोटोग्राफी का शौक रखने वाले लोगों के लिए बहुत लुभावना और रोचक स्थान है।
अंत में, वागामोन एक छोटा सा पहाड़ी शहर है जिसकी सुंदरता, प्राकृतिक विशेषताएं, विरासतें और कृत्रिम तरह तैयार किए गए प्रकृति की गोद में आकर्षण पर्यटको का मन मोह लेने के साथ ही यहां की खूबियों के बारें में देखना आपको इनका दीवाना बना देगा। वागमोन सारे पक्षों पर खूबसूरती से मंत्रमुग्ध करता ऐसा आकर्षण है जहां देवदार, चीड़ के जंगलों की अद्वितीय उपस्थिति सभी को हैरत में डाल देती है। प्राकृतिक, सांस्कृतिक और धार्मिक परिप्रेक्ष्यों में संपन्न वागामोन कुल मिलाकर संपूर्ण तरह से घूमने योग्य स्थानों में से एक है।
प्रश्न1. वागामोन में किस तरह की साहसिक गतिविधियों का अभ्यास कर सकते हैं?
उत्तर1. ट्रेकिंग, पैराग्लाइडिंग, कैपिंग और बोटिंग सहित कई अन्य एडवेंचर्स एक्टीविटी कर सकते हैं।
प्रश्न2ः वागामोन जाने का सबसे अच्छा समय कौन सा है?
उत्तर2ः वागामोन जाने का सबसे उपयुक्त समय सितंबर से मई है।
प्रश्न3ः वागामोन, किस राज्य के अन्तर्गत आने वाला हिल स्टेशन है?
उत्तर3ः वागामोन, केरल राज्य के इडुक्की जिले के अन्तर्गत आने वाला हिल स्टेशन है।
प्रश्न4ः वागामोन जाने में निकटतम हवाई अड्डा कौन सा है?
उत्तर4ः कोच्चि इंटरनेशनल हवाई अड्डा है जो लगभग 100 किमी दूरी पर स्थित है।
प्रश्न5ः वागामोन जाने के लिए निकटतम रेलवे स्टेशन की दूरी कितनी है?
उत्तर5ः करीबी रेलवे स्टेशन कोट्टायम है जिसकी न्यूनतम दूरी 73 किमी है।
प्रश्न6ः क्या सड़क मार्ग वागामोन जाने के लिए एकमात्र और बेहतर विकल्प है?
उत्तर6ः जी हां सड़क मार्ग वागामोन जाने के लिए एकमात्र सहारा है, आप चाहें एयरपोर्ट से जाएं या रेलवे स्टेशन से या अपने वाहन से हों, वागामोन पहुंचने के लिए आपको सड़क माध्यम से ही जाना होता है, यह एक बेहतर तरीका है।
प्रश्न7ः वागामोन केरल के किस हिल स्टेशन के करीब है?
उत्तर7ः मुन्नार हिल स्टेशन
प्रश्न8ः वागामोन का थंगरपारा किस धर्म का तीर्थ है?
उत्तर8ः मुस्लिम धर्म
प्रश्न9. वागामोन किस घाट पर स्थित है?
उत्तर9. पश्चिमी घाट पर