हिमाचल प्रदेश की धौलाधार हिमालय पर्वत श्रेणियों के बीच मौजूद यह शानदार हिमनद झील है जिसकी खूबसूरती और दृश्यता पर्यटकों को खूब आकर्षित करती है। प्राकृतिक शांत वातावरण, स्वच्छ निर्मल आकाश की नीली छवि और हरे भरे घास के मैदानों की सुंदरता और बर्फ से ढके पर्वतों के नजारों के बीच बसी यह झील मीठे और ताजे पानी का स्त्रोत है, इसकी खूबसूरती और वातावरणीय दिव्यता के कारण यह झील हिमाचल के बेशकीमती रत्नों मे से एक है। जहां रोमांच और प्रकृति प्रेमियों के लिए विशेष आकर्षण हैं, इन रास्तों की शांति और सुकून हर किसी को अपनी ओर आकर्षित करता है, जहां साहसिक एडवेंचर के शौकीन, प्रकृति की चाह और भक्ति की छोटी सी कोशिश करने वालों के लिए कई सारे अवसर हैं।
हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में धर्मशाला से करीब 15 किमी उत्तर पश्चिम दिशा में मिंकियानी दर्रे की तलहटी में स्थित और धौलाधार पर्वतश्रेणी के दक्षिणी भाग से घिरी हुई है। यह करीब 2950 मीटर की ऊंचाई पर स्थित झील है जिसका आधार गांव करेरी है। करेरी ट्रेक की दूरी लगभग 12-13 किमी है, जिसमें लगभग 1 से 2 दिन का समय लग सकता है। इस झील में प्रमुखतः हिमालयी पर्वतमालाओं की बर्फ ही पिघल कर जल के रूप में एकत्र होती है जिससे यह स्वच्छ निर्मल और बर्फ जैसी शीतल रहती है।
यह झील बाहरी प्रवाह न्यूंड में गिरती हुई आगे जाकर व्यास नदी में एक होते हुए पोंग बांध के महाराणा प्रताप सागर जलाशय में गिरती है।
करेरी झील धौलाधार पर्वतमालाओं के लिए ट्रेकिंग स्थल की तरह जानी जाती है जिसका करीब 13 किमी लंबा ट्रेक मॉडरेट से कठिन है, जिसमें लगभग 5 किमी का जंगल क्षेत्र भी आता है जिसमें देवदार और चीड़ के चौड़ी पत्ती वाले वनों के साथ चट्टानों पर उगे हुए घास के मैदान भी शामिल हैं, करेरी झील मिंकियानी दर्रे व बलेनी दर्रे के माध्यम से चंबा व भरमौर तक ट्रेकिंग आधार का कार्य करती है।
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करेरी गांव ट्रेकिंग का शुरूआती चरण बिंदु है जहां से लगभग 8 किमी की चढाई वनों और न्यूंड नदी के किनारे से होकर की जाती है, जहां बहती हुई नदियों पर लकड़ी के पुल बने हैं, घने वनों के रास्ते धीरे धीरे और ढलानयुक्त हो जाते हैं
रेवती से करेरी झील के रास्ते में आपको इंद्रहारा दर्रा, मून पीक और अद्भुत नजारें देखने का अवसर मिलता है। जहां शिव मंदिर की उपस्थिति आपको आध्यात्मिक आभा का एहसास कराती है। रेवती से करेरी झील तक का रास्ता और कठिन हो जाता है इसमें रास्तें खड़े और पथरीले होते जाते हैं जहां आपको चट्टानें और कभी हिमखंडों के अंश भी देखने को मिल सकते हैं।
समुद्र तल से करीब 1800 मीटर की ऊंचाई से शुरू होते ये ट्रेक करेरी गांव से शुरू होकर करीब 3000 मीटर की ऊंचाई तक पहुंचते हैं। जहां अनोखे परिदृश्यों की सैर के साथ प्रकृति की नजदीकी बहुत अच्छे से महसूस होती है।
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यूं तो करेरी जाने के लिए साल भर मौसम शानदार रहता है जिसमें आप ट्रेकिंग गतिविधि कर सकते हैं। वैसे मानसूनी सीजन में थोड़ी सावधानी ज्यादा बरतनी पड़ती है क्योंकि रास्ता फिसलन भरा होने से जोखिम हो सकता है। सर्दियों की ऋतु में भारी बर्फबारी के कारण भी ट्रेकिंग थोड़ा चैलेन्जस से भरा हो सकता है। इसलिए करेरी झील ट्रेकिंग के लिए सबसे अच्छा समय सितंबर से नवंबर का होता है इस समय मौसम भी लाजवाब और शानदार होता है और सुहाने मौसम में ट्रेकिंग करना और ज्यादा अच्छा अनुभव प्रदान करता है।
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करेरी झील ट्रेक की शुरूआत करेरी गांव से होती है जहां पहुंचने के लिए आप धर्मशाला से सड़क माध्यम से पहुंच सकते हैं। धर्मशाला से करेरी की दूरी लगभग 25 किमी है और धर्मशाला तक पहुंचने के लिए आप हवाई, रेल या सड़क मार्ग चुन सकते हैं।
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करेरी झील हिमालय के उन बेमिसाल रास्तों की श्रृंखला है जहां सुदंरता, प्रकृति और रोमांचकता के असीमित दायरे हैं। करेरी झील की शांति, संपन्नता और मनमोहक नजारों के संग्रह यहां आए पर्यटकों को न सिर्फ प्राकृतिक सुंदरता को महसूस कराती है बल्कि कृत्रिम दुनिया की चकाचौंध और दुष्प्रभावों से भी दूर रखती है। जहां जिंदगी के उन अनछुए पहलूओं का आभास होता है जिनके बिना शायद हम इस समय जीवन की कल्पना नहीं कर सकते लेकिन प्रकृति की जादूगरी तो देखिये इस ट्रेक पर वहीं वस्तुएं नगण्य हैं और यही नगण्यता जीवन की संपूर्णता का खूबसूरत एहसास कराती है।
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प्रश्न1ः क्या करेरी झील पहली बार जाने वालों के लिए ठीक है?
उत्तर1ः जी हां। यह पहली बार जाने वालों के लिए भी सहज और सुगम ट्रेकों में से एक है।
प्रश्न2ः क्या करेरी झील ट्रेक पर जाते समय गाइड करना अनिवार्य है?
उत्तर2ः ऐसा नहीं है। करेरी झील ट्रेक के दौरान रास्तों पर प्रतीक चिन्हों की बेहतर उपलब्धता है, आप चाहें तो इसके अनुसार रास्ता तय कर सकते हैं लेकिन पहली बार आने वालों के लिए कोई असुविधा न हो इसलिए गाइड लेने की सलाह दी जाती है।
प्रश्न3ः करेरी झील ट्रेक पर जाते समय स्वयं कैपिंग सामान ले जाना जरूरी होता है?
उत्तर3ः करेरी झील ट्रेक पर रूकने या ठहरने हेतु आवास के कोई विकल्प नहीं होते इसलिए आपको अपनी व्यवस्था लेकर जाना ही उचित रहता है। स्थानीय ट्रेकिंग ऑपरेटर भी सारी बुनियादी सुविधा मुहैया कराते हैं, बेहतर है कि आप उनसे पूछ लें।
प्रश्न4ः क्या ट्रेकिंग के दौरान खाने पीने की सुविधा होती है?
उत्तर4ः ट्रेकिंग के दौरान रास्ते में आपको साधारण भोजन या पेय मिल जाएं ऐसी संभावना है, लेकिन कोई निश्चितता नहीं होती इसलिए आप चाहें तो पैक्ड भोजन या नाश्ता अपने साथ ले जा सकते हैं।
प्रश्न5ः क्या करेरी झील ट्रेक पूरा करने के लिए कोई समय सीमा भी निश्चित है?
उत्तर5ः जी नहीं, यह पूर्णतया आपकी इच्छा पर निर्भर है। आप चाहें तो आराम से ट्रेकिंग करते हुए मौसम और पर्यावरण की खूबसूरती को समझते हुए यात्रा पूरी कर सकते हैं।
प्रश्न6ः क्या करेरी झील ट्रेकिंग पर जाने से पहले पंजीकरण अनिवार्य है?
उत्तर6ः जी हां, करेरी झील ट्रेकिंग पर जाने से पहले करेरी गांव में पंजीकरण कराना जरूरी होता है।
प्रश्न7ः सर्दियों के दौरान करेरी झील जम जाती है?
उत्तर7ः जी हां सर्दियों के दौरान करेरी झील जम जाती है इसलिए ट्रेकिंग करते समय सर्दियों के कपड़ों के साथ स्थानीय गाइड की मदद लेना बेहतर विकल्प हो सकता है।