सितम्बर महीना, मानसून का सफर थमने को तैयार है, वातावरण में जीवंत खुशहाली की झलक लिए नीले आसमान की सौगात और हरे भरे समुद्र के किनारे, जिंदादिल और नये से लगते है। धूप से सराबोर तटों की शोभा, मानसूनी समय के बाद लहरों की भरपूर आवाज़ और समुद्री हवा की महक से खूबसूरत लगते भारत के प्रमुख समुद्री तट अपने पर्यटकों को राहत, रोमांस और रोमांच के मनचाहे तोहफे देता है और यही मौसम समुद्री तटों के ऑन सीजन की शुरूआत का संदेशा देता है। अगर आप भी 2025 के सितम्बर महीनें को समुद्री तटों पर एन्जॉए करना चाहते हैं तो तैयार हो जाइए, क्योंकि समुद्री किनारे भी आपके स्वागत में एकदम तैयार हैं।
एशिया के सबसे खूबसूरत समुद्री तटों में से एक यह बीच यूनेस्को द्वारा भी अनुशंसित है जहां चीनी जैसी सफेद रेत, मानसून के बाद साफ पानी के जीवंत दृश्य और उजाला करती प्रवाल भित्तियों की परतें, कितना ही कुछ अनोखा आकर्षण प्रदान करते यह तट अपने पर्यटकों को प्रदान करते हैं। जहां सितम्बर माह की शांति में खो जाना और समुद्री पानी में मस्तियों के गोते लगाने का रोमांचक अनुभव विदेशों से भी अधिक आनंद भारत में प्रदान करता है।
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केरल का वर्कला बीच बहुत ही शांत और स्वच्छ समुद्र तट है जो किसी भी अन्य राज्यों से बेहद खास है। रेत पर पड़ती धूप का रंग सुनहरा प्रतीत होता है, जहां नीले पानी की आती जाती लहरें सैलानियों को छूते हुए वापस अरब सागर में सागर समा जाती हैं। सितम्बर के इस मौसम में यहां हल्की फुल्की बारिश की बौछार आसपास की शिलाओं को धोकर एकदम साफ करती है। जहां नज़ारों की सुंदरता और भी ज्यादा आकर्षक हो जाती है जब समुद्री तट के ऊपरी हिस्से में शॉप्स, कैफे और योगा करते परिदृश्य दिखते हैं।
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वर्कला में बहने वाले प्राकृतिक झरनों में चिकित्सीय गुणों की प्रसिद्धि है जहां लोग जाना पसंद करते हैं, समुद्री तट योग अभ्यास, आध्यात्मिक और पठन पाठन हेतु उपयुक्त है।
कर्नाटक का यह बीच आध्यात्मिक सफर पर निकले सैलानियों के लिए स्वर्ग जैसा है जहां इसका आकार भी ओम आकार का है। सितम्बर के महीने में हरी भरी हरियाली के बीच यहां के कई ऐसे आकर्षण है जो मन को लुभाते हैं। आप यहां लहरों के हल्केपन को महसूस करते हुए जीवन की सच्चाईयों को समझ सकते हैं। चट्टान के आसपास होना और ताड़ के पत्तों की मौजूदगी और सादगी भरी झोपड़ियों की मौजूदगी आपको आंतरिक शांति प्रदान करती है। रेतीले रहस्यों को उजागर करता यह बीच हवाओं में गीली रेत सा और मन मंदिर में पड़ती धूप की सेंक सा विशेष है।
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आधे चांद के आकार का यह बीच दक्षिणी गोवा का एक शांत और शानदार समुद्री तटों में से एक है जहां झूमते पत्तों की रौनक और रेत के कोमल एहसास, इसे बहुत ही आकर्षक बनाते हैं जहां सितम्बर का महीना लगभग बारिश का आखिरी ही होता हैं और अब यहां तैराकी और अन्य गतिविधियों का मज़ा ले सकते हैं। पालोलेम बीच शांत और सुकून भरा समुद्री तट है जहां लहरों की शांत आवाजाही, किनारें पर बनी संरचनाओं के रंग और हवाओं के झोंके चेहरे को स्पर्श करते हुए प्राकृतिक आनंद प्रदान करते हैं।
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सिंधुदुर्ग जिले में तारकर्ली अपनी विशेषताओं के चलते खासा पसंद किया जाता है। सितम्बर माह में यहां पानी साफ, प्रवाल भित्तियों के आकर्षण और वातावरण शांत होता है। जहां मानसूनी दौर के बाद हरियाली का दामन बिखरा होता है और इस समय यहां ज्यादा भीड़भाड़ का समय नहीं होता है। तारकर्ली भारत के प्रमुख बीचांं में से एक है जहां बारिश के बाद पानी के नीचे मूंगा, फिशेज और छोटे कछुओं को भी देख सकते हैं और यहां के उभरे जल में स्कूबा डाइविंग और स्नार्कलिंग का मज़ा ले सकते हैं।
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साफ स्वच्छ आसमान और कम पर्यटकों की भीड़ को सहेजता यह समुद्री तट अपनी सुनहरी रेत और कोमल एहसास के लिए जाना जाता है जिसकी तुलना अलेप्पी से की जा सकती है। मारारी का अंदाज़ ताड़ के पत्तों में संजोए हुए आदर्श स्थान की तरह है जहां पर्यटक शांति की तलाश करते हुए आते हैं। मानसून के शोर के बाद यहां आई हरियाली की शांति और बिखरी हुई सीपियों की चमक की सफेदी, नारियल के पेड़ों की मोहकता और मछुआरों की वापसी जिंदगी के नए रंगों का दर्पण दिखाता यह समुद्री तट बेहद खास अनुभव प्रदान करता है।
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नारियल के पेड़ों की श्रृंखलावार खूबसूरती से नीले रंग की लहरों से सजा खूबसूरत यह बीच लक्षद्वीप का मुख्य आकर्षण हैं जहां मानसून जाते ही स्वच्छ लैगून की झलकों को साफतौर पर देखा जा सकता है, जिनमें स्पष्ट रूप से मछलियों की संख्या को गिना भी जा सकता है। यहां जाने के लिए परमिट की आवश्यकता होती है जिसकी संख्या सीमित होती है इसलिए यहां शांति और मानसून के बाद के विशिष्ट रंगों को देखने का अद्भुत आकर्षण हैं। प्रवाल भित्तियांं पर पड़ती सूर्य की रोशनी और फैला सन्नाटा किसी लय में कोई धुन गुनगुनाता हुआ प्रतीत होता है। जिसमें कभी कभार समुद्री कछुओं की झलक भी दिख जाती है।
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भारत के पूर्वी हिस्सों में विशेष रूप से साफ और शांत समुद्री तटों में अपनी जगह बनाता यह तट सितम्बर में और न्यारा हो जाता है, जिसकी हवा ताज़गी से भरी, लंबी और सुकून की सैर प्रदान करती है। मंदारमणि में प्रमुखतः लाल केकड़ों की रेंगते हुई छवि देखी जा सकती है जहां सबसे लंबे मोटर योग्य समुद्री तट की खासियत भी है। लगभग 13 किमी क्षेत्रफल पर फैला यह समुद्री तट अपनी लहरों और हाथों से फिसलती रेत की मोहकता के लिए पर्यटको को ध्यान अपनी ओर खींचता है।
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अंत में, सितम्बर में भारतीय समुद्री तटों की सैर बहुत ही रोमांचक और अविस्मरणीय पलों का आनंद प्रदान करती है। अंडमान निकोबार के समुद्री तट की स्वच्छता से लेकर लक्षद्वीपीय नीले अगत्ती द्वीप के समुद्री कछुए , गोकर्ण बीच की आध्यात्मिक तरंगों से लेकर मारारी बीच मे बिखरी सीपियों की श्वेत चमक तक, हर भारतीय समुद्री तट अपनी अद्वितीय पहचान से पर्यटकों के दिलों में जगह बनाता है। भारत का हर समुद्री किनारा बहुत विशेष है।