जीवन के दिव्य अनुभवों को महसूस करने के लिए केदारनाथ यात्रा सर्वोत्तम है, हिंदू धर्म के चार धामों में से एक और पूरे भारत के लिए आस्था का महान केंद्र यह धाम कुदरत के सबसे खूबसूरत उपहारों में से एक है, विशेष आध्यात्मिक स्थल के रूप में यहां की सकारात्मक शक्तियां और चमत्कार किसी अजूबे से कम नहीं है।
सितम्बर माह में केदारनाथ यात्रा एक उपयुक्त समय है जहां जाने के लिए मौसम की स्थिति, ठहरने व्यवस्था और हर एक पड़ाव मार्ग की तैयारी की जानकारी होना बहुत आवश्यक है। संबधित रूपरेखा आपकी सितम्बर में केदारनाथ यात्रा को सहज और सफल बनाने में कारगर साबित होगी।
सितम्बर में केदारनाथ का मौसम लगभग 14 डिग्री सेल्सियस से करीब 17.5 डिग्री सेल्सियस तक रहता है जो रात के समय 5 डिग्री सेल्सियस से 8 डिग्री सेल्सियस तक गिर जाता है। वैसे मानसून अगस्त के अंत तक खत्म हो जाता है लेकिन कभी कभार हल्की फुहारें को बीच रास्ते थोड़े फिसलन भरे हो सकते हैं, ऐसे में सावधानी बरतें।
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हिंदू धर्म का फेमस मंदिर केदारनाथ के पट वर्ष में एक नियत समय दिन व तारीख पर खुलते हैं जो हिन्दी महीने की तिथि अनुसार अक्षय तृतीया पर दरवाजे खोले जाते हैं यह समय अप्रैल अंत या मई शुरूआत का होता है और यह पट शीतकाल आने पर लगभग नवम्बर मध्य तक में शुभ मुहूर्त दिन समय में बंद कर दिए जाते हैं। इनमें से सितंबर माह केदारनाथ घूमने के लिए बहुत खास है।
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शांत वातावरण और सीमित श्रद्धालुः मंदिर के पट खुलने के साथ ही लोगों के अंदर आस्था और भक्ति के उमड़ते उत्साह की वजह और गर्मी से राहत पाने के उद्देश्य से केदारनाथ खुलने के शुरूआती महीनों में बहुत ज्यादा भीड़ रहती है। लेकिन सितम्बर माह तक भक्तो और यात्रियों की संख्या सीमित रह जाती है। जिससे गहरी शांति और आध्यात्मिक आभा का बेहतर अनुभव मिलता है।
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बारिश की आवृत्ति कमः सितम्बर महीने में बारिश की भी आवाजाही कम हो जाती है या नहीं भी होती है जिससे बारिश से होने वाले जोखिमों का खतरा कम रहता है और मानसून हो जाने की वजह से मौसम एकदम साफ, स्वच्छ और खूबसूरत हरियाली से परिपूर्ण रहता है। स्वच्छ पहाड़ी हवा, निर्मल वातावरण और बेहतर पर्यावरण की बेमिसाल छवि पेश करता केदारनाथ अद्भुत सौंदर्य की झलक पेश करता है।
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मौसम में ठंडक लेकिन अत्यधिक नहींः सितम्बर माह में सर्द वातावरण तो रहता है किन्तु असहनीय ठंड नहीं होती हैं।
ठहरने के विकल्पों में उपलब्धता आसान : केदारनाथ यात्रा पर जा रहे हैं तो सबसे ज्यादा जरूरी है रूकने के विकल्पों को बेहतर समझना, कम श्रद्धालुओं के चलते इस समय केदारनाथ या आस पास की जगहों गौरीकुंड, सोनप्रयाग, रूद्रप्रयाग में रहने के विकल्प आसानी से मिल जाते हैं। सितम्बर माह केदारनाथ यात्रा के लिए मौसम, ऑफ सीजन, सीमित दर्शनार्थी और बेहतर ठहरने विकल्पों की वजह से सर्वोत्तम रहता है।
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पटों के खुलने की तारीखः 30 अप्रैल 2025, (अक्षय तृतीया)
केदारनाथ धाम पट बंद होने की इस वर्ष की तारीखः 2 नवंबर, 2025, (संभवतः भाई दूज पर)
2025, सितंबर में घूमने के लिए उपयुक्त तारीखेंः
1 से 20 सितम्बर 2025 तक की तारीखें तीर्थयात्रा की दृष्टि से बेहतर हैं, क्योंकि महीने के अंत में बर्फबारी और सर्द वातावरण बढने की आशंका के साथ मौसम संबंधी दिक्कतों से बचने के लिए सितम्बर का शुरूआती समय यात्रा के लिए उपयुक्त है।
सुबह 4 बजे से दिन में 3 बजे तक
शाम 5 बजे से रात 9 बजे तक
मंदिर दो घंटे के लिए बंद रहता है।
प्रातःकालीन आरती का समय सुबह 4 बजे से सुबह 7 बजे तक रहता है।
सायंकालीन आरती के लिए शाम 6ः00 बजे से शाम 7ः30 बजे समय है।
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केदारनाथ यात्रा के लिए गौरीकुंड से आगे की यात्रा पैदल, खच्चर या पालकी माध्यम से करनी होती है। गौरीकुंड तक आसानी से साधन उपलब्ध हैं। इसके लिए आपको सबसे पहले ऋषिकेश या हरिद्वार पहुंचना होगा। ऋषिकेश या हरिद्वार पहुंचने के लिए बस या रेल के माध्यम चुन सकते हैं
इसके बाद ऋषिकेश या हरिद्वार से रूद्रप्रयाग, गुप्तकाशी होते हुए सोनप्रयाग पहुंचना है, यह सफर आप टैक्सी या रोडवेज/निजी बसों से कर सकते हैं।
सोनप्रयाग से गौरीकुंड की यात्रा करनी है जिसके लिए शेयरिंग वाहन का इस्तेमाल कर सकते हैं। सोनप्रयाग से गौरीकुंड की लगभग 5 किमी की यात्रा है। निजी वाहनों को सोनप्रयाग से आगे ले जाने की अनुमति नहीं है।
गौरीकुंड से केदारनाथ की यात्रा लगभग 18 किमी है जिसे आप पैदल, खच्चर, पालकी या हेलीकॉप्टर से संपन्न कर सकते हैं।
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केदारनाथ जाने के लिए यदि आपके पास स्वास्थ्य संबंधी परिस्थिति है, वरिष्ठ नागरिक हैं या समय की कमी है और आप 18-19 किमी की पैदल यात्रा कर पाने में सहज नहीं है तो हेलीकॉप्टर एक बेहतर सुलभ और आसान तरीका है। इसके लिए विभिन्न हैलीपैड से यह सुविधा प्रदान की जाती है।
एक तरफ हेलीकॉप्टर से पहुंचने में लगभग 15 मिनट या उससे कम समय भी लग सकता है
एडवांस बुकिंग बेहतर विकल्प है इसके लिए आपको आईआरसीटीसी हेली यात्रा पोर्टल पर जाना होगा।
बेस और तिथि का चयन कर नियत भुगतान करें
हैलीपेड पर एडवांस बुकिंग स्लिप, पहचान पत्र और पंजीकरण संख्या पर्ची साथ रखें
हेलीकॉप्टर सेवा में मौसम की गहरी भूमिका होती है, विषम परिस्थितियों जैसे अत्यधिक बारिश, कोहरे या बादलो की धुंध के कारण उड़ानो में देरी या कैसिंल हो सकती हैं।
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अंत में, केदारनाथ यात्रा हिंदू धर्म की प्रतिष्ठित तीर्थयात्राओं में से एक मानी जाती है जिसको करने के लिए स्वस्थ तन के साथ स्वस्थ मन की भी आवश्यकता होती है। धार्मिक संपन्नता और आध्यात्मिक आभा को महसूस करने का यह पवित्र सफर उत्सव साल में चंद महीनों के लिए संपन्न किया जाता है। भगवान शिव और उनकी दिव्य आभामय उपस्थिति का आशीर्वाद प्रदान करता यह धाम सिर्फ एक मंदिर ही नहीं बल्कि कण कण में दिव्य अनुभूति का एहसास कराता स्वयं उनका निवास स्थान है।
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प्रश्न 1ः केदारनाथ धाम किस राज्य में है?
उत्तर 1ः उत्तराखंड के रूद्रप्रयाग जिले में केदारनाथ धाम है।
प्रश्न 2ः क्या केदारनाथ धाम यात्रा करने से पहले यात्रा पंजीकरण कराना अनिवार्य है?
उत्तर 2ः जी हां, सुरक्षा की दृष्टि से केदारनाथ यात्रा करते समय पंजीकरण कराना जरूरी है।
प्रश्न 3ः क्या केदारनाथ यात्रा वर्ष में कुछ ही समय के लिए उपलब्ध रहती है?
उत्तर 3ः जी हां, अक्षय तृतीया से लेकर अक्टूबर अंत या नवंबर शुरूआत तक ही उपलब्ध रहती है।
प्रश्न 4ः केदारनाथ यात्रा करने के लिए क्या क्या विकल्प उपलब्ध हैं?
उत्तर 4ः केदारनाथ यात्रा पैदल, खच्चर, पालकी या हेलीकॉप्टर से संपन्न कर सकते हैं।
प्रश्न 5ः क्या हेलीकॉप्टर सेवा के लिए पहले से बुकिंग कराना जरूरी है?
उत्तर 5ः जी हां, क्योंकि तुरंत हेलीकॉप्टर सेवा मिलना थोड़ा मुंश्किल हो सकता है। तीर्थयात्रियों की भीड़ देखते हुए पूर्व बुकिंग कराना सुरक्षित माना जाता है।
प्रश्न 6ः यात्रा पूर्व पंजीकरण किन माध्यमों से कर सकते हैं?
उत्तर 6ः यात्रा पंजीकरण करने के लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों ही माध्यमो से पंजीकरण संपन्न करा सकते हैं।