दिल्ली चिड़ियाघर, देश की राजधानी में बना देश का सबसे प्रमुख और सबसे शानदार पर्यटन स्थल है जहां विश्व भर के लगभग 130 प्रजातियों के करीब 1350 जानवर और पक्षी रहते हैं। 176 एकड़ क्षेत्रफल में बना यह स्थान दिल्ली के पुराने किले के पास और इंडिया गेट के करीब ही स्थित है।
प्रकृति की हर संरचना विशेष है और यहां मौजूद विभिन्न प्रजातियों को निहारना उनके साथ समय बिताना अद्वितीय अनुभूति प्रदान करता है। मनोरंजन और ज्ञान का संगम सभी को अपनी ओर आकर्षित करता है, आप अकेले जाएं या परिवार और बच्चों के साथ, बेहतर सप्ताहांत ठिकाना है, आइए जानते हैं दिल्ली के इस राष्ट्रीय प्राणी उद्यान की पूरी जानकारी......शायद यह आपका अगला पड़ाव हो?
इसकी संकल्पना 1 नवंबर 1959 को रखी गई थी, 1982 में देश का पहला मॉडल चिड़ियाघर बनाने के उद्देश्य से राष्ट्रीय प्राणी उद्यान नाम दिया गया। यहां 200 प्रकार की प्रजातियों के पेड़ और पौधे हैं जिनकी हरियाली से संपन्न यहां का वातावरण चिड़ियाघर के जानवरों और आये पर्यटकों को छाया और राहत देते हैं। इस चिड़ियाघर का डिजाइन ब्रिटिश वास्तुकार मेजर ऑब्रे वेनमैन और जर्मन चिड़ियाघर स्पेशलिस्ट कार्ल हेगनबेक ने तैयार किया था।
चिड़ियाघर की संरचना जानवरों के अनुसार खाइयों और बाड़ों के सम्मिश्रण से तैयार किया गया है, जिससे कि जानवर अपने आप को प्रकृति के करीब महसूस करें। अन्य स्थानों की अपेक्षा यहां जानवरों को अपने लिए जगह और स्वतंत्रता के साथ ही खुले परिदृश्यों के प्रदर्शन मिलते हैं।
प्रवेश शुल्क के लिए आप चिड़ियाघर के मुख्य द्वार के पास टिकट विंडो से या चिड़ियाघर की आधिकारिक वेबसाइट से ऑनलाइन ले सकते हैं।
आयु वर्ग | भारतीय | विदेशी |
वयस्क (18 साल से ऊपर) | 80रूपये | 400 रूपये |
बच्चे (5 से 12 साल) | 40रूपये | 200 रूपये |
5 साल से कम उम्र के बच्चे | निःशुल्क | निःशुल्क |
सीनियर सिटीजन ( 60 प्लस ) | 40 रूपये | अनुमन्य नहीं |
चिड़ियाघर भ्रमण करने के लिए बैटरी रिक्शा की सवारी (पूर्णतः वैकल्पिक)
बड़ों के लिए करीब | 67 रूपये शुल्क |
बच्चों के लिए करीब | 34 रूपये शुल्क |
पूरे चिड़ियाघर को भ्रमण कराने के | 80 रूपये लगभग |
ध्यान देंः विशेषकर सप्ताहांत और अवकाश के दिनों पर टिकट की कीमतों में परिवर्तन देखने को मिल सकता है, बेहतर रहेगा कि ऑफिशियली वेबसाइट या जब टिकट बुकिंग करें तब कीमतें देख लें।
चिड़ियाघर जाने के लिए बेहतरीन समय सर्दियों का है जब मौसम में ठंडक और बहुत ज्यादा धूप तेज नहीं होती जैसा कि गर्मियों में रहती है। जानवर भी ग्रीष्म की बजाये शीत में ज्यादा एक्टिव रहते है इसके साथ ही सुबह में जल्दी या दोपहर बाद के समय भी जानवर ज्यादा एक्टिव और आकर्षक लगते हैं।
मंगलवार से रविवार | प्रातः 8ः30 मिनट से शाम 4ः30 बजे | अप्रैल से अक्टूबर |
मंगलवार से रविवार | सुबह 9 बजे से शाम 4 बजे तक | नवंबर से मार्च |
साप्ताहिक अवकाश : सोमवार
अन्य अवकाशः राष्ट्रीय पर्वों पर भी बंद रहता है।
यहां भारतीय और विदेशी दोनों प्रजातियों के करीब 100 से भी ज्यादा दुर्लभग्रस्त प्राणियों को देख सकते हैं।
सफेद बाघों के लिए मशहूर है, बंगाल टाइगर की जेनेटिक रिजनरेशन प्रजाति है। सफेद बाल, काली धारियां और नीली आंखे लिए विशेष लगते हैं जो खाई वाले बाड़ों में प्राकृतिक वनस्पति और जलनिकाय की व्यवस्था के साथ रखे जाते हैं।
एशियाई शेरों के समूह यहां देखने को मिलते हैं जो अपने भारत के ही हैं लेकिन अति दुर्लभ और संकटग्रस्त श्रेणी में पहुंच गए हैं। इनके आवास गुफाओं जैसे बाड़े होते हैं, जहां चट्टान और पेड़ों की अधिकता होती है।
राष्ट्रीय प्राणी उद्यान में एशियाई हाथी जिनके कान और दांतो की बनावट अफ्रीकी हाथियों से छोटी होते हैं। हाथी बहुत होशियार और सोशल जानवर है, जिनकी अपनी टीम में और संरक्षकों से अच्छी बॉडिंग होती है। शाकाहारी हाथी फल, सब्जियां, घास, गन्ना और रोटी खाते हैं।
भारतीय नर गैंडों की उपस्थिति प्रिय लगती है, इनके एक सींग और मोटी स्किन होने की वजह से इन्हें गर्मी अधिक लगती है इसलिए इनके बाड़े विशाल और मिट्टी के तालाब व पानी की टंकियों से बने होते हैं जिससे इन्हें गर्मियो में ठंडक मिलती रहे। गैंडा एक शाकाहारी जानवर है जिसकी खुराक घास, पत्ते, पेड़ों की शाखांए और जल में उगने वाले पौधे होते हैं।
इस चिड़ियाघर में हिरणों की कई नस्लें है जिनकी आदत खुले मैदानों या जंगली एरिया में आजादी से घूमने की है इसमें हिरण की विभिन्न प्रजातियों के नाम दलदली हिरण, सांभर हिरण, चित्तीदार हिरण, हॉग हिरण, भौंकने वाला हिरण, चूहा हिरण, काला हिरण के अलावा और भी प्रजातियां शामिल है। आकर्षक दिखने वाले इस जानवर की फुर्ती देखने लायक होती है, जो घास और जड़ी बूटियों को खाते हैं।
दिल्ली चिड़ियाघर पहुंचने के कई तरीके हैं, जहां आप आसानी से चिड़ियाघर की सैर के लिए पहुंच सकते हो।
राष्ट्रीय प्राणी उद्यान घूमने निकले तो आसपास के इन दर्शनीय स्थानों का भी अवलोकन कर सकते हैं।
दिल्ली चिड़ियाघर, दिल्ली जैसे व्यस्त शहर में पर्यावरण और जैव संरक्षण की विरासत को सहेजता बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान है जहां सिर्फ अवलोकन ही नहीं बल्कि शैक्षिक और मनोरंजन का भी सम्मिश्रण हैं। आप शहर में रहकर जंगलों के प्राकृतिक आवास को देखकर रोमांचित हो सकते हैं और यहां की हर चीज के बारें में गहन अध्ययन करने के साथ ही खुद की जानकारी बढाने के साथ ही यादगार तस्वीरों की बढिया श्रृंखला भी तैयार कर सकते हैं।
दिल्ली का यह कोना विशेष है, जहां न सिर्फ आप चिड़ियाघर देखते हो बल्कि आसपास के भी प्रसिद्ध स्थलों को घूमने के लिए परिवार या दोस्तों के साथ पूरे दिन का परफेक्ट प्लान कर सकते हैं।