• Aug 12, 2025

दिल्ली चिड़ियाघर, देश की राजधानी में बना देश का सबसे प्रमुख और सबसे शानदार पर्यटन स्थल है जहां विश्व भर के लगभग 130 प्रजातियों के करीब 1350 जानवर और पक्षी रहते हैं। 176 एकड़ क्षेत्रफल में बना यह स्थान दिल्ली के पुराने किले के पास और इंडिया गेट के करीब ही स्थित है।

प्रकृति की हर संरचना विशेष है और यहां मौजूद विभिन्न प्रजातियों को निहारना उनके साथ समय बिताना अद्वितीय अनुभूति प्रदान करता है। मनोरंजन और ज्ञान का संगम सभी को अपनी ओर आकर्षित करता है, आप अकेले जाएं या परिवार और बच्चों के साथ, बेहतर सप्ताहांत ठिकाना है, आइए जानते हैं दिल्ली के इस राष्ट्रीय प्राणी उद्यान की पूरी जानकारी......शायद यह आपका अगला पड़ाव हो?

संक्षिप्त इतिहास 

इसकी संकल्पना 1 नवंबर 1959 को रखी गई थी, 1982 में देश का पहला मॉडल चिड़ियाघर बनाने के उद्देश्य से राष्ट्रीय प्राणी उद्यान नाम दिया गया। यहां 200 प्रकार की प्रजातियों के पेड़ और पौधे हैं जिनकी हरियाली से संपन्न यहां का वातावरण चिड़ियाघर के जानवरों और आये पर्यटकों को छाया और राहत देते हैं। इस चिड़ियाघर का डिजाइन ब्रिटिश वास्तुकार मेजर ऑब्रे वेनमैन और जर्मन चिड़ियाघर स्पेशलिस्ट कार्ल हेगनबेक ने तैयार किया था।

चिड़ियाघर की संरचना जानवरों के अनुसार खाइयों और बाड़ों के सम्मिश्रण से तैयार किया गया है, जिससे कि जानवर अपने आप को प्रकृति के करीब महसूस करें। अन्य स्थानों की अपेक्षा यहां जानवरों को अपने लिए जगह और स्वतंत्रता के साथ ही खुले परिदृश्यों के प्रदर्शन मिलते हैं।

राष्ट्रीय प्राणी उद्यान दिल्ली प्रवेश शुल्क (2025 नवीनतम)

प्रवेश शुल्क के लिए आप चिड़ियाघर के मुख्य द्वार के पास टिकट विंडो से या चिड़ियाघर की आधिकारिक वेबसाइट से ऑनलाइन ले सकते हैं।

आयु वर्ग भारतीय विदेशी 
वयस्क (18 साल से ऊपर) 80रूपये 400 रूपये 
बच्चे (5 से 12 साल) 40रूपये 200 रूपये 
5 साल से कम उम्र के बच्चे निःशुल्क  निःशुल्क 
सीनियर सिटीजन ( 60 प्लस ) 40 रूपये अनुमन्य नहीं 

 

चिड़ियाघर भ्रमण करने के लिए बैटरी रिक्शा की सवारी (पूर्णतः वैकल्पिक)

बड़ों के लिए करीब 67 रूपये शुल्क 
बच्चों के लिए करीब 34 रूपये शुल्क 
पूरे चिड़ियाघर को भ्रमण कराने के 80 रूपये लगभग 

 

ध्यान देंः विशेषकर सप्ताहांत और अवकाश के दिनों पर टिकट की कीमतों में परिवर्तन देखने को मिल सकता है, बेहतर रहेगा कि ऑफिशियली वेबसाइट या जब टिकट बुकिंग करें तब कीमतें देख लें।

घूमने के लिए बेहतर समय

चिड़ियाघर जाने के लिए बेहतरीन समय सर्दियों का है जब मौसम में ठंडक और बहुत ज्यादा धूप तेज नहीं होती जैसा कि गर्मियों में रहती है। जानवर भी ग्रीष्म की बजाये शीत में ज्यादा एक्टिव रहते है इसके साथ ही सुबह में जल्दी या दोपहर बाद के समय भी जानवर ज्यादा एक्टिव और आकर्षक लगते हैं।

दिल्ली राष्ट्रीय प्राणी उद्यान का समय

मंगलवार से रविवार प्रातः 8ः30 मिनट से शाम 4ः30 बजे अप्रैल से अक्टूबर 
मंगलवार से रविवार सुबह 9 बजे से शाम 4 बजे तक नवंबर से मार्च 

 

साप्ताहिक अवकाश : सोमवार

अन्य अवकाशः राष्ट्रीय पर्वों पर भी बंद रहता है।

चिड़ियाघर के आकर्षण

यहां भारतीय और विदेशी दोनों प्रजातियों के करीब 100 से भी ज्यादा दुर्लभग्रस्त प्राणियों को देख सकते हैं।

सफेद बाघः

सफेद बाघों के लिए मशहूर है, बंगाल टाइगर की जेनेटिक रिजनरेशन प्रजाति है। सफेद बाल, काली धारियां और नीली आंखे लिए विशेष लगते हैं जो खाई वाले बाड़ों में प्राकृतिक वनस्पति और जलनिकाय की व्यवस्था के साथ रखे जाते हैं।

शेरः

एशियाई शेरों के समूह यहां देखने को मिलते हैं जो अपने भारत के ही हैं लेकिन अति दुर्लभ और संकटग्रस्त श्रेणी में पहुंच गए हैं। इनके आवास गुफाओं जैसे बाड़े होते हैं, जहां चट्टान और पेड़ों की अधिकता होती है।

हाथीः

राष्ट्रीय प्राणी उद्यान में एशियाई हाथी जिनके कान और दांतो की बनावट अफ्रीकी हाथियों से छोटी होते हैं। हाथी बहुत होशियार और सोशल जानवर है, जिनकी अपनी टीम में और संरक्षकों से अच्छी बॉडिंग होती है। शाकाहारी हाथी फल, सब्जियां, घास, गन्ना और रोटी खाते हैं।

गैंडे

भारतीय नर गैंडों की उपस्थिति प्रिय लगती है, इनके एक सींग और मोटी स्किन होने की वजह से इन्हें गर्मी अधिक लगती है इसलिए इनके बाड़े विशाल और मिट्टी के तालाब व पानी की टंकियों से बने होते हैं जिससे इन्हें गर्मियो में ठंडक मिलती रहे। गैंडा एक शाकाहारी जानवर है जिसकी खुराक घास, पत्ते, पेड़ों की शाखांए और जल में उगने वाले पौधे होते हैं।

हिरनः

इस चिड़ियाघर में हिरणों की कई नस्लें है जिनकी आदत खुले मैदानों या जंगली एरिया में आजादी से घूमने की है इसमें हिरण की विभिन्न प्रजातियों के नाम दलदली हिरण, सांभर हिरण, चित्तीदार हिरण, हॉग हिरण, भौंकने वाला हिरण, चूहा हिरण, काला हिरण के अलावा और भी प्रजातियां शामिल है। आकर्षक दिखने वाले इस जानवर की फुर्ती देखने लायक होती है, जो घास और जड़ी बूटियों को खाते हैं।

इसके अलावा आप चिड़ियाघर में इन जानवरों को देख सकते हैं।

  • बंदर रीसस मकाक
  • भालू स्लॉथ बियर
  • भेड़िये भारतीय प्रजाति
  • धारीदार लकड़बग्घा
  • सुनहरा सियार
  • भारतीय लोमड़ी
  • तेंदुए
  • जगुआर
  • काला पैंथर
  • चीता एशियाई
  • जिराफ
  • जेब्रा
  • दरियाई घोड़ा,
  • मगरमच्छ
  • घड़ियाल अमेरिकी
  • सांप भारतीय कोबरा, अजगर, वाइपर
  • कछुए भारतीय स्टार कछुआ, लालकान वाला स्लाइड

पक्षी वर्ग

  • मोर
  • तोता
  • हॉर्नबिल
  • पेलिकन
  • फ्लेमिंगो
  • बत्तख
  • सारस 
  • चील
  • उल्लू आदि 

कैसे पहुंचे?

दिल्ली चिड़ियाघर पहुंचने के कई तरीके हैं, जहां आप आसानी से चिड़ियाघर की सैर के लिए पहुंच सकते हो। 

वाया मेट्रोः

  • निकटतम मेट्रो स्टेशनः प्रगति मैदान (नीली लाइन) या खान मार्केट (वायलट लाइन)
  • चिड़ियाघर की प्रगति मैदान मेट्रो स्टेशन से लगभग डेढ किमी की दूरी पैदल भी तय कर सकते है।
  • खान मार्केट मेट्रो स्टेशन से दिल्ली चिड़ियाघर की दूरी लगभग 4 किमी है जिसे आप बस, ऑटो या ई रिक्शा की मदद से तय कर सकते हैं।

वाया बसः

  • दिल्ली परिवहन की कई बसें जिनकी रूट संख्या अलग अलग होती है पुराना किला या दिल्ली सुप्रीम कोर्ट के पास स्टॉप लेती है जहां से चिड़ियाघर पैदल भी जाया जा सकता है।

वाया ऑटो/टैक्सी

  • राष्ट्रीय प्राणी उद्यान, मथुरा रोड, दिल्ली पते से आप एनसीआर रीजन या आसपास के क्षेत्र से किसी बुकिंग ऐप ओला, उबर या रैपिडो के माध्यम से या फिर स्थानीय बुक कर पहुंच सकते हैं।

कार या अन्य पर्सनल साधन द्वाराः

  • आप चाहें तो यहां शुल्क सहित पार्किंग का लाभ ले सकते हैं। वीकेंड में पार्किंग में जगह पाने के लिए थोड़ी मशक्कत करनी पड़ सकती है।

चिड़ियाघर सुविधाएं

  • इस चिड़ियाघर में जानवर किसी बंद पिजंड़े की बजाए खाइयों से अलग किए विशाल और विस्तृत बाड़ों में रखे जाते हैं, बेहतर आश्रय स्थल का निर्माण करता हैं और आंगुतको के लिए सुरक्षित रहते हुए देखना आसान होता है।
  • चिड़ियाघर घूमने में पैदल रास्तों की बेहतर सुगमता है। वातावरण में पेड़ पौधों की अधिकता से छाया और आराम से रूकने के कई स्थान हैं, इसे अच्छी तरह से घूमने में 2-3 घंटे का समय लग सकता है।
  • आप चाहें तो पूरा रास्ता पैदल भ्रमण कर सकते हुए तय कर सकते हैं
  • बैटरी चालित रिक्शे की मदद भी ले सकते हैं पूरा भ्रमण भी इसी माध्यम से कर सकते हैं। बुजुर्ग और बच्चों के लिए यह अच्छा विकल्प है।
  • चिड़ियाघर में मौजूद क्लोकरूम मे अपने साथ लाए सामानों को बहुत ही साधारण दर पर जमा कर सकते हैं और आराम से चिड़ियाघर घूम सकते हैं।
  • व्हीलचेयर सुविधा दिव्यांगों या जरूरतमंद पर्यटकों को व्हीलचेयर सुविधा भी उपलब्ध कराई जाती है।
  • जगह जगह बने विश्राम स्टॉप, टॉयलेट और खाने पीने की जगहों पर कुछ अच्छा सा चख सकते हैं।
  • चिड़ियाघर मैप और सूचना बोर्ड के माध्यम से जानकारी और घूम सकते हैं।
  • पीने के पानी की सुविधा जगह जगह पर उपलब्ध है जहां अपनी बोतलें या कप में फ्री में पानी पी सकते हैं जिसमें वाटर कूलर और आर ओ सुविधा है।
  • साधारण फोटोग्राफी कर सकते हैं लेकिन व्यावसायिक स्तर पर फोटोग्राफी करने के लिए परमिशन की जरूरत होती है जिसके लिए अलग से शुल्क निर्धारित है।

नियम और विनिर्देश

  • 1. टिकट लेते समय पर्यटकों के पास वैध पहचान पत्र होना जरूरी है।
  • 2. चिड़ियाघर परिसर में कोई भी प्लास्टिक, हथियार, नशा करने वाले या मादक पदार्थ और शराब, पालतू जानवरों को नहीं ले जा सकते हैं।
  • 3. किसी भी पशु पक्षी या जानवर को कुछ भी खिलाना नहीं है, न ही इन्हें छूने या छेड़ने की कोशिश करना है और इन्हें अनावश्यक परेशान करना या चिढाना भी नहीं है।
  • 4. साफ स्वच्छ वातावरण बनाए रखने में मदद करनी चाहिए और किसी भी संपति को नुकसान नहीं पहुंचाना है।
  • 5. यहां निर्दिष्ट और कर्मचारियों द्वारा बताए गए सभी नियमों और आदेशों का पालन करना जरूरी है।
  • 6. प्रवेश और निकास समय सीमा का ध्यान रखना भी आवश्यक है।

पर्यटकों के लिए सुझाव

  • 1. समय से पहुंचे जिससे चिड़ियाघर का बेहतर अवलोकन कर सके
  • 2. पानी हेतु दोबारा इस्तेमाल में लाई जाने वाली बोतलों का इस्तेमाल करना उचित है।
  • 3. बैरीकेडिंग सीमा को लांघने का प्रयास नहीं करना है और तय किए रास्तों का ही पालन करना है।
  • 4. चिड़ियाघर में टहलते समय अनावश्यक शोर शराबा नहीं करना है
  • 5. बच्चों पर हर समय ध्यान जरूर देना है।
  • 6. आरामदायक फुटवियर्स पहनें, पैदल चलने में आसानी होगी।
  • 7. बहुत ज्यादा भीड़ से बचने के लिए सप्ताहांत और अवकाश के दिनों से परहेज करें।

चिड़ियाघर के अन्य पहलू

  • यह प्राणी उद्यान न केवल एक पर्यटन स्थल है बल्कि जैव संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है
  • दुर्लभ प्रजातियों जैसे शेर व घड़ियाल का बंदी प्रजनन केंद्र भी है
  • भारतीय केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण सीजेडए के हिस्से के रूप में रिसर्च और संपदा संरक्षण का काम करता है।
  • जैव विविधता पर केंद्रिंत यह चिड़ियाघर पर्यावरण जानकारी भी उपलब्ध कराता है जो स्कूली स्तर और जागरूकता कार्यक्रमों के तहत जागरूक भी करता है।

आस पास के दर्शनीय स्थल

राष्ट्रीय प्राणी उद्यान घूमने निकले तो आसपास के इन दर्शनीय स्थानों का भी अवलोकन कर सकते हैं।

  • पुराना किला
  • इंडिया गेट
  • हुमायूं का मकबरा
  • लोधी गार्डन
  • राष्ट्रीय शिल्प संग्रहालय

निष्कर्ष

दिल्ली चिड़ियाघर, दिल्ली जैसे व्यस्त शहर में पर्यावरण और जैव संरक्षण की विरासत को सहेजता बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान है जहां सिर्फ अवलोकन ही नहीं बल्कि शैक्षिक और मनोरंजन का भी सम्मिश्रण हैं। आप शहर में रहकर जंगलों के प्राकृतिक आवास को देखकर रोमांचित हो सकते हैं और यहां की हर चीज के बारें में गहन अध्ययन करने के साथ ही खुद की जानकारी बढाने के साथ ही यादगार तस्वीरों की बढिया श्रृंखला भी तैयार कर सकते हैं।

दिल्ली का यह कोना विशेष है, जहां न सिर्फ आप चिड़ियाघर देखते हो बल्कि आसपास के भी प्रसिद्ध स्थलों को घूमने के लिए परिवार या दोस्तों के साथ पूरे दिन का परफेक्ट प्लान कर सकते हैं।

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