भारत में सितम्बर महीना पहाड़ी क्षेत्रों में नवजीवन की बयार लाता है, चीड़ और देवदार के घने जंगलों की हरी भरी हरियाली, सीढीदार खेतों की रौनक, निर्मल आकाश की साफ नीली छवि, ताज़गी प्रदान करते ठंडी हवाओं के झोंके और पंछियों की चहचहाहट इन सबके साथ ऊंची ऊंची पहाड़ियों के शानदार भव्य नज़ारे और इनकी मोहकता पर्यटन का आनंद बढाता है।
भारत में हिमालय पर्वतीय श्रेणी के क्षेत्रों से लेकर पश्चिमी घाटों के पहाड़ों पर हिल स्टेशनों की खूबसूरती हमेशा ही अनोखापन प्रदान करती है। पूर्वी वादियों से लेकर अरावली पर्वत क्षेत्रों तक भारत में हिल स्टेशनों की भरमार है। जिनके शानदार परिदृश्य और मंत्रमुग्ध करते आकर्षण सितम्बर की खूबसूरती को और भी ज्यादा बढाते हैं।
अरावली पर्वतमालाओें पर बसा यह हिल स्टेशन राजस्थान का एकमात्र हिल स्टेशन है जो मरूस्थलीय राजस्थान में अद्वितीय है। मानसूनी बारिश के बाद यहां का शांत वातावरण और भी ज्यादा हरा भरा हो जाता है, जहां मैदानी क्षे़त्रों की अपेक्षा सुहावने मौसम और सांस्कृतिक संपन्नता के अनमोल सम्मिश्रण मिलते हैं। कभी कभार होती बारिश की बूंदे तन और मन को प्रफुल्लित करती हुई आकाश से पेड़ पौधों की पत्तियों पर गिरती हैं। सितम्बर के समय माउंट आबू का तापमान अक्सर 21 से लेकर 29 डिग्री सेल्सियस तक रहता है।
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माउंट आबू में दिलवाड़ा जैन मंदिरों की आध्यात्मिक आभा को महसूस करें, वन्यजीव अभयारण्य का भ्रमण करें व वन्य प्रजाति , पक्षी दर्शन करें, ब्रहमकुमारीज मेडिटेशन सेंटर में ध्यान का अभ्यास करें, नक्की झील का अवलोकन और नौका विहार का लुत्फ लें, माउंट आबू की सबसे ऊंची चोटी गुरूशिखर की चढाई कर माउंट आबू के भव्य नजारों को निहारें, टॉड रॉक की प्राकृतिक बनावट का अवलोकन करें और अरावली पर्वत की ट्रेकिंग पर जाएं।
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नीलगिरी पर्वत के पास स्थित ऊटी हिल स्टेशन तमिलनाडु का पंसदीदा पर्यटन हिल स्टेशन है, सितम्बर में कुदरत की हरी भरी कालीन लिए यह स्थान चारों ओर धुंध के नज़ारों और मोड़दार रास्तों की खूबसूरती से पर्यटकों को रिझाते हैं। झोपड़ीनुमा बने घर और सीढीदार खेती के विहंगम दृश्य वातावरण की खूबसूरती और भी ज्यादा बढाते हैं। झीलों, झरनों, उद्यानों, पार्क, चोटियां और कुदरत के अनमोल तोहफों के साथ तमिलनाडु का ऊटी अपने यात्रियों का स्वागत वर्ष भर करने को तैयार है, यहां मौजूद नीलगिरी बायोस्फीयर रिजर्व में जैव विविधता और वनस्पतियों और जीवों से संपन्न दृश्यों को देखने का मौका मिलता है।
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ऊटी टॉय ट्रेन में मेट्टुपालयम से ऊटी की सवारी करना रोमांचक अनुभव प्रदान करता है, जहां नीलगिरी पर्वतमाला के आकर्षक दृश्यों की श्रृंखला दिखाई देती है। सरकारी वनस्पति उद्यान, ऊटी झील में बोटिंग का आनंद ले सकते हैं, पाइन के वनों की कतारें निहारना अच्छा लगता है जो एक बेस्ट शूटिंग प्लेस भी है। एवलांच झील की नीली सुंदरता, दक्षिण भारत की सबसे ऊंची चोटी डोडाबेट्टा है। केटी वैली व्यू, ऊपरी भवानी झील जो नीलगिरी के गुप्त रहस्यों में से एक है, एमरॉल्ड झील, सेंट स्टीफंस चर्च और शूटिंग प्वाइंट भी देख सकते हैं। आप यहां नौका विहार, ट्रेकिग व अन्य साहसिक गतिविधियों का रोमांचक अनुभव कर सकते हैं।
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सितम्बर महीनें में पश्चिम बंगाल का यह हिल स्टेशन अपने चाय के बागानों की खुशबू और माउंट कंचनजंगा के दिखाई देने वाले भव्य राजसी दृश्यों के लिए जाना जाता है। जहां मानसूनी मौसम के बाद धुंध कुछ छटने सी लगी है लेकिन कभी कभार होती बारिश की चमक अब भी बरकरार है। दार्जिलिंग में सितम्बर का मौसम आमतौर पर 26 डिग्री सेल्सियस तक रहता है जो रात्रि में और भी ज्यादा कम यानी 18 डिग्री सेल्सियस से भी नीचे आ जाता है। दार्जिलिंग में इन दिनों धूप कम ही देखने को मिलती है। अदृश्य कोहरे और हिमालय के अविस्मयरणीय अनुभव हमेशा के लिए यादों में बस जाते हैं। इस महीनें में दार्जिलिंग जीवंत हो उठता है।
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टाइगर हिल से कंचनजंगा चोटी और सूर्योदय, सूर्यास्त के नजारों का आनंद लें, यूनेस्को विश्व धरोहर दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे में बैठें और आसपास के परिदृश्यों की शोभा को निहारें, बतासिया लूप के इंजीनियरिंग चमत्कारों को देखें, शांति पैगोडा, हिमालयन पर्वतारोहण संस्थान, टिंचुले गांव के भ्रमण पर निकलें।
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उत्तराखंड का प्रसिद्ध हिल स्टेशन नैनीताल अपनी झीलों के लिए पर्यटकों के बीच खासा जाना जाता है। जहां सितम्बर का महीना बेहद खास महीना है, इस समय यहां बारिश बहुत कम होती है जो माह के अंत तक समाप्ति की ओर बढती है। ताज़गी भरी हवाएं, जीवंत परिदृश्यों की श्रृंखला और साफ आसमान के नजारें मनमोह लेते हैं। सितम्बर में तापमान की रेंज 17 से लेकर 23 डिग्री सेल्सियस तक रहता है। लौटते मानसून के कारण पहाड़ियां, घाटियां और वनों की हरियाली पूरे शबाब पर होती है और झरनों का बहाव अपने चरम पर होता हुआ बहुत ही शानदार प्रतीत होता है। परिवारों या एकांत में समय बिताने के लिए नैनीताल बेस्ट प्लेस है।
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नैनीताल का नाम नैनी झील से जाना जाता है, इसकी शोभा और विंहगम दृश्यांं में नौकायान का आनंद लेना और भी ज्यादा लुभावना लगता है। नैना पीक या चाइना पीक की ऊंचाई को निहारें, नैना देवी मंदिर की आध्यात्मिकता का आभास करें, सत ताल, भीम ताल, माल रोड के किनारे झील को देखते हुए भ्रमण करें, टिफिन टॉप से नैनीताल का अद्भुत नज़ारा देखें, ऊंचाई पर बने वन्य जीव अभयारण्य में पशु पक्षियों के साथ अद्वितीय वनस्पतियों का अवलोकन करें। ईको केव गार्डन, मुक्तेश्वर धाम, पेओरा, हनुमान गढी, खुरपा ताल, सेंट जॉन विल्डरनेस चर्च, राज भवन, जिम कार्बेट गुर्नी हाउस, बारापत्थर, रामगढ, जोलीकोट, कार्बेट झरने, आर्यभट्ट रिसर्च व प्रेक्षण संस्थान, सरियाताल, पंगोट व किलबरी पक्षी अभयारण्य, हिमालय दर्शन बिंदु, जिम कार्बेट नेशनल पार्क, स्नो व्यू पॉइंट, कैंची धाम, भोटिया मार्केट से खरीदारी का अनुभव लें और पाषाण देवी मंदिर में मत्था टेकें।
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सुरम्य वातावरण, देवदार चीड़ के जंगलों की घनी हरियाली और सीढीनुमा शानदार पहाड़ियों की ढलानें मनभावन और करिश्माई रूप से प्रिय लगता है। हिमाचल प्रदेश का धर्मशाला सितम्बर में सुहावने मौसम की सुंदरता को दर्शाता पहाड़ियों और ढलानों के आकर्षण परिदृश्यों को प्रस्तुत करता है। मानसूनी सीजन में भारी बारिश के चलते कभी कभी भूस्खलन का डर होता है लेकिन सितम्बर इन दिक्कतों से दूरी बनाता है। हिमालय की धौलाधार पर्वत श्रृंखलाओं के आसपास बसा धर्मशाला दूसरी ओर से हिमालय की शिवलिक माउंटेन रेंज से भी घिरा हुआ सीनरी जैसा चित्रण प्रस्तुत करता है। इस मौसम में धर्मशाला का तापमान करीब 15 डिग्री से लेकर 24 डिग्री सेल्सियस तक रहता है।
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करेरी झील ट्रेकिंग पर जा सकते हैं, नोरबुलिंका संस्थान जो तिब्बती संस्कृति की झलक दिखाता है, स्वयं महसूस करें, धर्मशाला हिल स्टेशन में क्रिकेट स्टेडियम को देख सकते है, तिब्बती और बौद्ध संस्कृति को प्रस्तुत करते मंदिर और मठो की शांति महसूस करें जैसे ग्युतो मठ, नेचुंग मठ और तिब्बत संग्रहालय की अद्वितीय चीजों के सग्रह का दीदार करें। धर्मशाला में नाम आर्ट गैलरी और युद्ध स्मारक के स्वर्णिम इतिहास को स्वयं देखें और समझें।
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दक्षिण भारत का स्वर्ग कहा जाने वाला मुन्नार अपने चाय के बागानों, मोड़दार रास्तों और सीढीनुमा खेती के लिए पर्यटकों को मंत्रमुग्ध करता है। केरल के खूबसूरत हिल स्टेशनों में से सर्वश्रेष्ठ यह हिल स्टेशन हनीमून जोड़ों, प्रकृति प्रेमी और रोमांचक प्रेमियों के लिए स्वर्ग के जैसा है। विस्तृत चाय बागानों के धुंध से ढके नज़ारें और शांति से बहते झरनों के आकर्षण सितम्बर माह में और भी ज्यादा आकर्षक लगता है। मुन्नार अपने शानदार आकर्षण और शीतलता की वजह से दक्षिण के कश्मीर के नाम से पुकारा जाता है। सितम्बर में मानसून विदाई पर होता है और पहाड़ियों की हरियाली अपने चरम पर होती है, लबालब पानी से भरी नदियां और भी सुंदर लगती हैं। मुन्नार का बेमिसाल अंदाज सितम्बर में ही देखने को मिलता है। जिसका तापमान 14 से 20 डिग्री सेल्सियस तक रहता है।
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मुन्नार में कई प्रमुख प्राकृतिक आकर्षण हैं जैसे अट्टुकल झरने, इको पॉइंट, कुंडला झील, एराविकुलम राष्ट्रीय उद्यान, पोथामेडु, मट्टुपेट्टी बांध, टाटा चाय संग्रहालय, न्यायमाकड़, देवीकुलम को देखने के अलावा कई सारे अन्य आकर्षणांं को भी देख सकते हैं और मुन्नार में मसालों और अन्य वस्तुओं की खरीदारी का आनंद भी ले सकते हैं।
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हिमालय का शाही अंदाज़ पेश करता गुलमर्ग सितम्बर में अपनी खूबसूरती आकर्षण में शीर्ष पर होता है। जहां लहराते घास के मैदानों की शोभा, चीड़ देवदार के जंगलों की हरियाली और बर्फ से ढकी पर्वत की चोटियों के मंत्रमुग्ध करते नज़ारें पर्यटन की खुशबू को और भी ज्यादा बढा देते हैं। सितम्बर में गुलमर्ग का तापमान 19 से लेकर 24 डिग्री सेल्सियस तक रहता है, जहां बारिश की उम्मीद कम होती दिखाई देती है और कभी कभार होने वाली बारिश से मौसम में आई ताज़गी और स्फूर्ति प्रदान करता है। गुलमर्ग कश्मीर का सबसे शानदार हिस्सा है। पहाड़ों की ठंडी हवाओं से सराबोर वातावरण तनमन में खुशी की लय छेड़ देता है।
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गुलमर्ग का सबसे फेवरेट आकर्षण हैं गोंडोला सवारी जिसके लिए पर्यटक बहुत ज्यादा उत्साहित रहते हैं, ऊंची केबल कारों में से एक गुलमर्ग गोंडोला, हरे भरे घास के मैदानों से लेकर हिमालय के राजसी अंदाज भरी चोटियों के मंत्रमुग्ध करते दृश्यों को दिखाती है, यह एक रोमांचक अनुभव है। अफरवत चोटी पर गोंडोला सवारी कर पहुंचे, सेंट मेरी चर्च की वास्तुकला सराहें, गुलमर्ग गोल्फ कोर्स विश्व भर में अपने सबसे बड़े मैदान के रूप में लोकप्रिय है जहां विश्वस्तर की प्रतियोगिताओं का आयोजन भी किया जाता है, गोल्फ खेलने के अलावा यहां भ्रमण, सैर और आराम कर सकते हैं। स्ट्राबेरी घाटी में स्ट्रॉबेरी खेतों का आनंद लें और चखें,अल्पाथर झील ट्रेकिंग पर निकलें, गुलमर्ग बायोस्फीयर रिजर्व, खिलनमर्ग की सुंदरता देखें, बाबा रेशी का मंदिर में आध्यात्मिकता महसूस करें और निंगल नाला में छोटी छोटी धाराओं और नदियों की मोहकता महसूस करें।
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पश्चिमी घाटो पर बसे कूर्ग हिल स्टेशन की शोभा का आकर्षण सितम्बर में कुछ ज्यादा ही लुभावना और आकर्षक लगता है। कूर्ग या कोडागु नाम से प्रसिद्ध यह हिल स्टेशन जीवंत और उत्साह से परिपूर्ण वातावरण बनाता है, यहां आने वाले पर्यटकों को मानसून के बाद की हरियाली और हरे भरे घास के मैदानों की सजीवता, कॉफी के बागानों की खुशबू और बारिश के पानी से लबालब बहते झरने बेहद प्यारे लगते हैं। प्रकृति की चाह हो या संस्कृति को समझने का हुनर रखते हों, पहाड़ियों पर मंडराते बादलों की छवि बेहद प्यारी और संतृप्त करती हुई प्रतीत होती है। सुबह की सैर, पंछियों की चहचहाहट सुनना और बागानों की खामोश फोटोग्राफी कूर्ग की सुहाने मौसम में पर्यटन का मज़ा कई गुना बढा देती है।
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दक्षिण भारत के स्कॉटलैंड नाम से प्रसिद्ध कूर्ग में सितम्बर में झरनों की जीवंतता चरम पर होती है ऐसे में अब्बे फॉल्स, इरूप्पु जलप्रपात देखना रोमांचक लगता है। राजा की सीट, मेडिकरी किला देखें, कॉफी बागानों के राजसी अंदाज़ का आनंद लें, दुबारे हाथी शिविर में हाथियों को खाना खिलाने, उनके साथ समय बिताने और फोटोज़ खिंचवा सकते है। तांडियामोल, ब्रहमगिरी में रोमांचकारी ट्रेकिंग का लुत्फ लें। बारापोल नदी में रिवर राफि्ंटग का आनंद लें। सांस्कृतिक अनुभव और स्थानीय स्वाद का मज़ा लें।
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पूर्वोत्तर भारत का प्रसिद्ध हिल स्टेशन शिलांग मेघालय घूमने का सबसे सही समय सितम्बर है जो इस दौरान मानसूनी बारिश को अलविदा और सर्दी का स्वागत करता हुआ आकर्षक प्रतीत होता है। कभी कभी होती बारिश के दौरान यहां छाई कोमल धुंध के साये, पहाड़ियों की हरियाली और साफ नीले आसमान का रंग प्रकृति प्रेमियों और रोमांच के शौकीन लोगों के लिए प्रतिष्ठित झरनों की मोहकता, पावन वनों की सैर या लोक मनभावन स्थलों से मंत्रमुग्ध करते परिदृश्यों का आनंद प्रदान करते हैं। सितम्बर मेंं शिलांग का तापमान लगभग 15 से लेकर 24 डिग्री सेल्सियस तक रहता है, जहां रातें और भी ज्यादा सर्द हो जाती हैं। कभी कभी होने वाली बारिश की बौछार पर्यटकों को और भी ज्यादा लुभाती है, जब वह सड़कों और गलियों की भीनी खुशबू के साथ तनमन को सुंगधित करती है।
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मानसूनी ऋतु के बाद यहां के झरने और अधिक आकर्षक हो जाते हैं जैसे बिशप फॉल्स, सेवन सिस्टर्स झरने, एलीफेंट फॉल्स, शिलांग पीक व्यू पॉइंट, डॉन बास्को म्यूज़ियम, स्वीट झरना, वार्डस लेक और उमियम लेक में नौकायन का आनंद लें। लेडी हैदरी पार्क, फन नांगलोट पार्क, लैटलम घाटी का आकर्षण देखें, वायु सेना संग्रहालय का अवलोकन करें और पुलिस बाजार में खरीदारी का अनुभव लें। मावफ्लांग पवित्र जंगल का अन्वेषण करें।
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पहाड़ों की रानी मसूरी पर्यटकों को साल भर लुभावना आकर्षण प्रदान करता है। प्राकृतिक, सांस्कृतिक और औपनिवेशिक रूप से आकर्षित करता मसूरी प्रेमियों के लिए जन्नत से कम नहीं है। सुहावना मौसम, लुभावने आकर्षण और पहाड़ों की सुरम्य सुंदरता की सिफारिशें पर्यटन की खूबियों में चार चांद लगाने का काम करते हैं। सितम्बर में मसूरी का तापमान करीब 16-24 डिग्री सेल्सियस रहता है। इस दौरान यहां कई सारी रोमांचक गतिविधियां हैं जिनका लुत्फ ले सकते हैं। मंसूर के पौधों की अधिकता की वजह से इसे मसूरी नाम से जाना जाता है। मसूरी का इतिहास और खूबसूरती के किस्से पर्यटको को साल भर बहुत आकर्षित करता है।
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मसूरी में माल रोड पर सैर पर निकलें, मसूरी लेक की भव्यता को निहारें, तिब्बती बौद्ध मंदिर की धार्मिकता को सहेजें, लण्ढोर की प्राकृतिक खूबसूरती को देखें, दलाई हिल्स पर पिकनिक का आनंद उठाएं, कंपनी गार्डन में फव्वारे, पक्षी और फलों को देखें, झरीपानी फॉल्स, केम्पटी फॉल्स की दृश्यता देखें, मसूरी एडवेंचर पार्क पर एडवेंचर्स का आनंद लें, ज्वाला देवी मंदिर, गन हिल से मसूरी का परिदृश्य देखें, कैमल्स बैक रोड पर ऊंट की सवारी का आनंद लें। देवलसारी और बेनोग वाइल्डलाइफ सेंचुरी में वन्य जीवों का दर्शन करें।
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भारत में सितम्बर का महीना हरे भरे शांत और सर्द हवाओं की लहर लिए हिल स्टेशनों के लिए खास होता है जहां आधुनिकता की दौड़ से हटकर कुछ पलों का आराम करना खुद को रिचार्जअप करने जैसा है। हिमालय की सैर पर निकलें फूलों की खुशबू हो, पश्चिमी घाटों में कॉफी के बागानों की महक का आंगन हो या गुलमर्ग की गोंडोला की सवारी पर निकलना चाहते हों, यह हिल स्टेशन प्रकृति के बेहद करीब और रूहानी शांति का एहसास कराते कुदरत की सबसे बेहतरीन सौगात हैं। तो फिर बैग पैक कीजिए और सितम्बर के इस खुशनुमा ताज़ातरीन मौसम में इन हिल स्टेशनों को एक्सप्लोर कीजिए।