• Sep 15, 2025

दक्षिण भारत का राज्य कर्नाटक सितम्बर माह में मानसूनी चमक से और निखर जाता है, जहां हरियाली में सराबोर प्राकृतिक सुंदरता और भी ज्यादा आकर्षित करती है। ऐसे में कर्नाटक की शानदार जगहों पर घूमना पर्यटन की शोभा को बढाता है, यहां कई आकर्षणों की भव्य श्रृंखला है जिसमें प्राकृतिक स्थलों से लेकर दर्शनीय स्थलों की शानदार विशेषताओं और ऐतिहासिक विरासतों, बागानों और बारिश में गुनगुनाते झरनों और नदियों की स्वप्निल झलक देखने को मिलती है। 

सितम्बर में कर्नाटक के खूबसूरत पर्यटन आकर्षणों की विस्तृत चर्चा करते हैं इस ब्लॉग में जहां प्रकृति के सबसे खूबसूरत मौसम में इसकी रंगत सभी को मंत्रमुग्ध कर देती है। 

1. कूर्ग

कर्नाटक का खूबसूरत हिल स्टेशन कूर्ग, भारत का स्कॉटलैंड कहा जाता है इसके विशाल झरने, पहाड़ियों की ऊंचाई, विस्तृत कॉफी बागानों के मंत्रमुग्ध करते परिदृश्य पर्यटकों को विशेष रूप से स्वयं की ओर आकर्षित करते हैं। मनमोहक वातावरण की छवि लिए यह हिल स्टेशन प्राकृतिक सुदंरता और भव्य नज़ारों का संगम है जहां सितम्बर माह में हरियाली की छवि लिए हरे भरे और सुकून शांति देते विहंगम दृश्य भीतर तक झकझोर देते हैं। झरनों की पुरजोर बहने की कोशिश और धुंध से लिपटी पहाड़ियों की दृश्यता मानसून महीनों में पर्यटन के रंग बिरंगे अंदाज़ को पेश करता है। पश्चिमी घाट पर बसा कूर्ग घने वनों और कॉफी बागानों की खुशबू से और भी ज्यादा महकता है, जो बारिश का मज़ा कई गुना बढाते हैं। कम भीड़, शांति से भरा आरामदायक, निर्मल और स्वच्छ वातावरण में जब प्रकृति मुस्कुराती है तब ताज़ी हवा और मिट्टी की भीनी खुशबू और भी ज्यादा ख़ास हो जाती है।

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सितम्बर में मौसम

इस दौरान कूर्ग का मौसम लाजवाब रहता है जब सर्द एहसास कराती दोपहर और भी ज्यादा सुहावनी होने लगती है और रात का मौसम, दोपहर से भी ज्यादा ठंडक देता है। ऐसे में तापमान ज्यादातर 17 डिग्री सेल्सियस से लेकर 25 डिग्री सेल्सियस तक रहती है। हल्की फुहार, बादलों से ढके आसमान और मिट्टी की भीनी खुशबू वाली बयार कुदरत का अनमोल तोहफा देती तन और मन के साथ आत्मा को भी शांति सुकून देती है। 

कूर्ग के प्रमुख आकर्षण 

पक्षियों की चहचहाहट सुनते हुए उन्हें देखना और हरियाली के आकर्षण में वन्यजीवों को देखना लुभावना लगता है, इसके अलावा एबी फॉल्स को मानसून सीजन में गिरते हुए देखना, राजा की सीट, दुबारे हाथी शिविर, मदिकेरी हिल्स, इरूप्पु जलप्रपात, मदिकेरी किला, धीमी बारिश के दौरान ट्रेकिंग, रिवर राफ्टिंग और कई सारी रोमांचक गतिविधियों का आनंद ले सकते हैं। 

2. हम्पी 

कर्नाटक का ऐतिहासिक विरासतों को सहेजता हम्पी रामायणकालीन और विजयनगर साम्राज्य के अवशेषों और खंडहरों के लिए जाना जाता है जिसकी शोभा सितम्बर के माह में और भी ज्यादा आकर्षित करती है। यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल के रूप में नामित यह अनोखा गंतव्य है जहां मानसून के बाद हरियाली की छटा बिखरी होने के साथ ही शांति और सुकून का ठिकाना मिलता है। मौसम में ठंडक और शानदार फोटोग्राफी करने के लिए इस मौसम में जाना प्रिय अनुभव देता है। कम भीड़ की वजह से शांत और हरे भरे नजारों की रौनक मन की भीतरी परत तक पहुंचती है।

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सितम्बर में मौसम

हम्पी का मौसम सितम्बर में काफी अच्छा रहता है जिसमें न्यूनतम तापमान 20 डिग्री सेल्सियस से लेकर 29 डिग्री सेल्सियस तक रहता है और माह के शुरूआती दिनों में बारिश की संभावना रहती है जो आखिरी में न के बराबर हो जाती है। हवाओं की तेज़ रफ्तार और ठंडक मन को शांत करने के साथ ही भीगे मौसम की झलक देखने को मिलती है। धुंध भरे बादलों की उपस्थिति पर्यटन के आकर्षण में चार चांद लगा देती है। 

हम्पी के प्रमुख आकर्षण 

तुंगभद्रा नदी, सनापुर झील, विरूपाक्ष मंदिर, मतंगा पहाड़ी, लोटस पैलेस, हेमकूट पहाड़ी घूमने के साथ ही यहां हम्पी बाजार में खरीदारी का अनुभव ले सकते हैं। यहां आप कई सारे ऐतिहासिक स्थलों की सैर कर सकते हैं और कोराकल सवारी का आनंद ले सकते हैं जो तुंगभद्रा नदी पर एक अनोखी नाव की सवारी होती है। सुरम्य परिवेश और अनोखे गंतव्यों की फोटोज़ का कलेक्शन कर सकते हैं जिसके लिए यहां का हर कोना एकदम परफेक्ट है।  

3. मैसूर

कर्नाटक का मैसूर शहर कई सारी उत्कृष्ट जगहों के संग्रह के लिए मशहूर है जहां सितम्बर में हरियाली और रंग बिरंगे फूलों क्यारियों की सजावट मन को मोह लेती है। व्यवस्थित और खूबसूरत शहर मैसूर अपनी अद्वितीय खूबसूरती और भव्य राजसी अंदाज़ों को बखूबी बयां करता है। अपने वैभव विरासत और शाही खूबसूरती के लिए प्रसिद्ध मैसूर में एक से बढकर एक श्रेष्ठ वास्तुकला कृतियों के नमूने हैं जिनकी बनावट और अंलकरण मन को आकर्षित करती है। सितम्बर में यहां मौजूद बांधों और झीलों की चमक और ज्यादा रंगीन हो जाती है क्योंकि बरसात की वजह से पानी की भरपूर उपलब्धता मन तरंग को और भी ज्यादा बढा देती है। ऐतिहासिक संपन्न दृष्टिकोण लिए मैसूर के प्रसिद्ध मंदिरों और कला संग्रहालयों की छवि भी देखते बनती है।

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सितम्बर में मौसम

मैसूर में सितम्बर भर हल्की बारिश का आनंद और तापमान की रेंज न्यूनतम 21 डिग्री सेल्सियस से लेकर 29 डिग्री सेल्सियस तक रहती है। जहां हल्की रिमझिम संग पर्यटन का मज़ा और कई गुना बढ जाता है। 

मैसूर के प्रमुख आकर्षण 

मैसूर में प्रसिद्ध महलों की खूबसूरत छवियों को देखने का सुअवसर मिलता है जिसमें मैसूर पैलेस जिसे अम्बा विलास पैलेस भी कहते हैं, ललित महल पैलेस, चितरंजन पैलेस, जयलक्ष्मी विलास पैलेस, सेंट फिलोमेना चर्च, बायलाकुप्पे बौद्ध स्वर्ण मंदिर, चामुंडेश्वरी मंदिर, चामुंडी हिल्स, कृष्ण सागर बांध, सोमनाथपुर मंदिर, चेन्नाकेशव मंदिर, त्रिनेश्वरस्वामी मंदिर, लिंगाबुड्डी झील, करंजी झील, कुक्कराहल्ली झील, मैसूर रेल संग्रहालय, मेलोडी वर्ल्ड वैक्स म्यूजियम, मैसूर रेत मूर्तिकला संग्रहालय, जयचामाराजेंद्र आर्ट गैलरी या जगनमोहन पैलेस आर्ट गैलरी, लोकगीत संग्रहालय, चामराजेंद्र दृश्य कला अकादमी, क्षेत्रीय प्राकृतिक इतिहास संग्रहालय मैसूर, मैसूर चिड़ियाघर, वृंदावन गार्डन, रंगनाथिटु पक्षी अभयारण्य, शुक वन, किष्किंधा मूलिका बोनसई उद्यान और भी कई सारे उद्यानो का दीदार करने के साथ ही विश्व प्रसिद्ध बाजारों से खरीदारी का अनुभव ले सकते हैं। 

4. गोकर्ण

गोकर्ण, कर्नाटक का प्रसिद्ध समुद्री तटीय शहर है जहां सितम्बर घूमने के लिए सबसे अच्छा समय माना जाता है इस समय यहां की खूबसूरती और हरियाली के बीच आती जाती लहरों की खामोश आवाज़ें, मन में होने वाले शोर को भी शांत कर देती हैं। उत्तर कन्नड़ ज़िले में अवस्थित यह अनूठा शहर समुद्री तटों के साथ ही प्रसिद्ध मंदिरों के लिए भी जाना जाता है। शानदार सुबहों के आगाज़ से लेकर सूर्यास्त की मध्धम रोशनी के बीच झिलमिलाता अद्भुत प्रतीत होता है। गोकर्ण का ओम बीच अपने ओंकार और धार्मिक दृष्टि के कारण शानदार प्रतीत होता है जिसकी छवि अकल्पनीय आकर्षणों को जन्म देती है। गोकर्ण के समुद्री तटों के साफ स्वच्छ नीले पानी का आकर्षण सर्फिंग करने के लिए सर्वोत्तम जगहें है, जहां शुरूआत करने वाले लोगों के लिए क्लासेज भी चलती हैं। गोकर्ण में शिवरात्रि का उत्सव धूमधाम से मनाया जाता है जिसे देखने के लिए बहुत ज्यादा संख्या में सैलानी आते हैं।

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सितम्बर में मौसम

गोकर्ण का मौसम सितम्बर में हल्की ठंडक भरी हवाओं के बीच 24 डिग्री सेल्सियस से लेकर 27 डिग्री सेल्सियस तक रहता है जिसमें पर्यटन में कोई विशेष दिक्कत नहीं होती है। बारिश की मध्धम संभावना रहती है जिसमें बिना आस्तीन के कपड़ों के साथ रेनकोट और रेन शूज पहनने से परेशानी नहीं होती है। 

गोकर्ण के प्रमुख आकर्षण 

महाबलेश्वर मंदिर, महागणपति या सिद्धगणपति मंदिर, कोटि तीर्थ जलाशय जहां कई झरनें उद्गमित होते हैं, गोकर्ण में अवस्थित 16वीं शताब्दी का किला प्रमुख आकर्षण हैं जिसकी खूबसूरती आपको मंत्रमुग्ध कर देने के साथ ही हैरत में भी डाल सकती है। तटों के किनारे योगा क्लासेज भी संचालित की जाती हैं। ओम बीच के अलावा कुडले बीच, पैराडाइज बीच, हाफ मून बीच, गोकर्ण बीच और यहां से लगभग 20 किमी दूर याना गुफाओं के आकर्षण को निहार सकते हैं। गोकर्ण ट्रेकिंग, हाइकिंग और रोमांच के शौकीन लोगों के लिए स्वर्ग से भी बढकर उत्तम स्थान है। 

5. चिकमगलूर

मानसूनी मौसम के बाद चिकमगलूर में पर्यटन के लिए सितंबर बहुत सर्वोत्तम समय है जब चारों ओर बिखरी हरियाली में कॉफी बागानों की महक और पहाड़ियों के आकर्षण और भी ज्यादा आकर्षक लगते हैं। लंबी ड्राइव की योजना और आंखों को सुकून प्रदान करते खूबसूरत नजारों की श्रृंखला बेहद प्रिय लगती है। पश्चिमी घाटों में बसा चिकमगलूर कर्नाटक के कॉफी प्रमुख गढों में से एक है जहां जिंदगी की उलझनों से राहत भरे सुकून की तलाश पूरी होती है। यूं तो यहां का मौसम साल भर सुहावना होता है लेकिन सितम्बर में मानसून के बाद यहां जैसे नवजीवन सृजन की खूबसूरती और हरीतिमा का आंचल सब तरफ बिखर सा जाता है।

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सितम्बर में मौसम

धुंध से ढकी पहाड़ियों, कभी कभार रिमझिम बारिशों और विविध आकर्षणों से सजे नज़ारें आकर्षित करते हैं। हरी भरी हरियाली लिए सितम्बर के मौसम में तापमान की श्रृंखला 22 से 28 डिग्री सेल्सियस के बीच में रहती है। 

चिकमगलूर में प्रमुख आकर्षण 

मुल्लयानगिरी यहां की सबसे ऊंची चोटी है जहां से चिकमगलूर का दीदार प्रिय लगता है। हेब्बे फॉल्स, कलहट्टी फॉल्स, मदु गुंडी फॉल्स, कंदबी फॉल्स,की मोहकता सितम्बर में चरम पर रहती है इसके अलावा बाबा बुदनगिरी की पहाड़ियां, केम्मनगुंडी, कुद्रेमुख राष्ट्रीय उद्यान, माणिक्यधारा फॉल्स, भद्रा वन्यजीव अभयारण्य, क्यथनमक्की, शरदंबा मंदिर, कॉफी संग्रहालय, जेड प्वाइंट और यहां बने कॉफी एस्टेट में रहने का मज़ा ले सकते हैं। 

6. उडुपी 

उडुपी कई सारे आकर्षणों का प्रमुख केंद्र है, बहुतायत झरनों की उपस्थिति के साथ ही प्रकृति के विविध कलाओं की खूबसूरत छाप देखने को मिलती है, मानसून के बाद और भी ज्यादा आकर्षक प्रतीत होता है, समुद्री किनारों की खूबसूरती के साथ ही प्राकृतिक हरियाली से सराबोर नजारों और मंदिर प्रतिष्ठानों की आध्यात्मिकता और परंपराएं सैलानियों को अपनी ओर आंमत्रित करती है। यहां हज़ारों सालों पुराने मंदिरों की शोभा के साथ हैरतगेंज तथ्य और आकर्षण हैं। कर्नाटक का यह क्षेत्र धर्म की ऊंचाइयों को स्पर्श करता हुआ बेहद खास और अनोखा प्रतीत होता है, जिसके उद्यान, पार्कों, परंपराओं, विरासतों, ऐतिहासिक इमारतों, स्मारकों और बंदरगाहों की शोभा भी निराली है।

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सितम्बर में मौसम

उडुपी सितम्बर में अधिक तापमान और काफी वर्षा वाला इलाका है जहां रातें दिन की अपेक्षा सर्द और राहत भरी होती हैं। यहां धूप और बारिश का संतुलन बढिया है, तापमान करीब 24 से 27 डिग्री सेल्सियस तक रहता है। बेहतर होगा कि आप अपनी पैकेजिंग लिस्ट में रेनकोट और जलरोधी फुटवियर्स को जगह दें। 

उडुपी के प्रमुख आकर्षण 

मालपे बीच, त्रासी मारवंथे बीच, काउप बीच, ब्लू फ्लैग बीच पडुबिद्री, कोडी बीच, पडुवारी बीच, मट्टू बीच, पडुकेरे बीच, बेंगरे बीच, पदुबिद्री बीच, शिरूर बीच, श्री कृष्ण मंदिर, श्री मूकाम्बिका मंदिर, कडियाली महिषमर्दिनी मंदिर, प्रसन्न अंजनेय मंदिर, अनेकेरे बसादी, श्री परशुराम मंदिर, कुंजरूगिरी श्री दुर्गा देवी मंदिर, अनंतेश्वर मंदिर, अनेगुडे विनायक मंदिर, भाकरे श्री भद्रकाली मंदिर, श्री ब्रह्मा बैदरकला मंदिर, पजाका के चार तीर्थ, श्री वेकंटरमण मंदिर, महथोभरा श्री वीरभद्रस्वामी मंदिर, मिलग्रेस चर्च, जामिया मस्जिद, यूनाइटेड बैसल चर्च, केशवनाथेश्वर मंदिर, सालिग्राम बैकवाटर मैंग्रोव वन, कुडलू तीर्थ झरना, कोडाचाद्री हिल स्टेशन, मन्नापल्ला झील, वरंगा झील, जैन बसादी, हैंगिंग ब्रिज, अरबी फॉल्स, क्षितिजा नेसाराधमा ओटिनेन, जोमुलू तीर्थ, श्री गोमतेश्वर प्रतिमा, बेलकल तीर्थ, कूसल्ली झरनों को निहारते हुए अन्य कई अनकहे आकर्षणों का दीदार कर सकते हैं। 

7. अगुम्बे 

दक्षिण के चेरापूंजी नाम से प्रसिद्ध अगुम्बे शहर की कई विशेषताएं हैं जिसकी वजह से पर्यटकों का ध्यान आकर्षित होता है। पश्चिमी घाट पर बसे समुद्र तल से करीब 250 मीटर की ऊंचाई पर बसे इस गांव की झलक आर के नारायणन द्वारा लिखित मालगुडी डेज किताब पर आधारित शो के कारण जाना जाता है, दरअसल इस शो की शूटिंग इसी गांव में हुई थी जिसकी झलक आज भी बरकरार है। यह हिल स्टेशन कुंदापुर, श्रृंगेरी, होसानगर और तीर्थहल्ली जैसे वनों से घिरा हुआ शानदार प्रतीत होता है। इसी जगह भारत का एकमात्र वर्षावन अनुसंधान केंद्र भी है। छोटे से पहाड़ी शहर के रूप में प्रसिद्ध इस जगह को ऑफबीट जगहों में से एक माना जाता है जहां मंत्रमुग्ध कर देने वाले नज़ारों की खूबसूरती आंखों में समा जाती है। इसकी हरियाली और सुंदरता के कारण यह हरा सोना भी कहलाता है जहां कई दुर्लभ औषधीय वृक्षों का घर है।

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सितम्बर में मौसम

इस मौसम में यहां भारी बारिश के आसार रहते हैं इसके कारण मौसम 15 से लेकर 25 डिग्री सेल्सियस तक रहता है। हवा में नमी की अधिकता होने की वजह से बारिश के अच्छे अवसर हो जाते हैं और वातावरण की जीवंतता और उत्साह दोनों की रौनक देखने लायक होती है।  

अगुम्बे के प्रमुख आकर्षण 

कुंचिकल जलप्रपात, बरकाना झरना, ओनाके अब्बी फॉल्स, जोगी गुंडी झरना, कुडलू तीर्थ झरना, अगुम्बे वर्षावन अनुसंधान, नरसिंहपर्वत ट्रेक, कुद्रेमुख राष्ट्रीय पार्क, सोमेश्वर अभयारण्य और यहां की सबसे ऊंची चोटी नरसिंह पर्वत से अगुम्बे को बढिया से देख सकते हैं। बारिश के समय पर अगुम्बे और भी ज्यादा सजीव हो जाता है जिसमें यहां के झरनों की शोभा देखते बनती है। 

8. जोग फॉल्स 

शिमोगा जिले में अवस्थित यह जल प्रपात शरावती नदी पर बना भारत के प्रमुख जलप्रपातों में से एक है।  जिसकी ऊंचाई और भव्य नजारों की शोभा पर्यटकों को लुभाती है। पश्चिमी घाटों पर बने जोग फॉल्स की ऊंचाई लगभग 253 मीटर है, जिसकी आधार नदी शरावती लगभग चार अलग अलग धाराओं के रूप में गिरती है और कुहासे युक्त एवं करिश्माई वातावरण का निर्माण करती है। जोग जलप्रपात लोकप्रिय आकर्षण स्थल है जहां मानसूनी सीजन में जाना अत्यधिक पसंद किया जाता है क्योंकि इस दौरान यह जलप्रपात अपने खूबसूरती के चरम पर होता है। हरियाली संपन्न वातावरण और इतनी ऊंचाई से गिरती जलप्रपात की धाराएं अपनी आवाज और परिदृश्यों से सभी का मन मोह लेते हैं। जोग जलप्रपात जल विद्युत ऊर्जा का भी स्त्रोत है और यहां आसपास की पहाड़ियों पर ट्रेकिंग गतिविधि एन्जॉए कर सकते हैं। जोग जलप्रपात के आसपास का भाग इतना अद्वितीय है कि इसे यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल में शामिल किया गया है।

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सितम्बर में मौसम

मानसून में यहां बेहतर बारिश देखने को मिलती है जिसकी वजह से तापमान में अक्सर 19 से लेकर 25 डिग्री सेल्सियस तक का उतार चढाव देखने को मिलता है। इस झरने के पास कई फिल्मों की शूटिंग भी संपन्न हुई है जैसे बॉलीवुड मूवी बर्फी और कन्नड़ फिल्म जोगइया। मानसून का मौसम यहां के नजारों की खूबसूरती और भी कई गुना बढा देता है। 

जोग फॉल्स के आसपास प्रमुख आकर्षण 

जोग जलप्रपात के पास नाव की सवारी का आनंद लेते हुए चार झरनों की शोभा देखते हैं, यहां से कुछ किलोमीटर दूरी पर स्थित लिंगानामक्की बांध को देखें इसके अलावा शरावती वन्यजीव सफारी में विभिन्न वन्य प्राणियों और वनस्पतियों को देख सकते हैं। आसपास में गोकर्ण, मुरुदेश्वर मंदिर और याना गुफाओं के साथ ही स्थानीय व्यंजनों को भी चखें। जोग फॉल्स के भव्य दृश्यों के बीच फोटोग्राफी बेहद पंसदीदा शौक है जहां प्रकृति की चाह रखने वालो के लिए यह जगह किसी स्वर्ग से कम नहीं है। 

9. कुद्रेमुख 

कर्नाटक का प्रसिद्ध हिल स्टेशन कुद्रेमुख मानसून सीजन के बाद अपने आकर्षक हरी भरे रंगों से और भी ज्यादा खूबसूरत आकर्षण प्रदान करता है। धुध्ां से ढकी पहाड़ियां, हरे भरे घास के मैदान और यहां का वन्य जीव अभयारण्य अपने बाघों, तेदुएं और हिरणों सहित कई सारे वन्यजीवों को देखने का अवसर देता है। बादलों की छावं और कभी कभार रिमझिम बारिश की फुहार कुद्रेमुख के शांत वातावरण में सुकून की धारा बहाता हुआ किसी दिवास्वप्न से कम नहीं लगता। ट्रेकिंग और इको टूरिज्म को बढावा देता यह स्थान सितम्बर के समय अपनी घनी हरियाली और पंछियों की चहचहाहट से और भी ज्यादा खूबसूरत बन जाता है। प्राकृतिक शानदार परिदृश्यों से लेकर संपन्न जैव विविधता के उत्कृष्ट उदाहरण की तरह कुद्रेमुख का नाम आता है जिसका शाब्दिक अर्थ घोड़े के मुख जैसा है। इस हिल स्टेशन की गोद में प्रकृति की खूबसूरती और जैव विविधता के साथ मंदिरों की आध्यात्मिक आभा के भी सहज दर्शन होते हैं, जहां हर प्रेमी वर्ग की अभिलाषा पूरी हो सकती है।

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सितम्बर में मौसम

इस मौसम में कुद्रेमुख का तापमान करीब 16 से लेकर 24 डिग्री सेल्सियस रहता हैं, इस दौरान कभी कभार हल्की फुल्की बारिश भी हो जाती है ऐसे में इसकी जीवंत उत्साह और उमंग में और भी ज्यादा वृद्धि हो जाती है। 

कुद्रेमुख के प्रमुख आकर्षण 

कुद्रेमुख में कई सारी खूबसूरत और अद्वितीय यादों का संकलन करने को मिलता है, कुद्रेमुख राष्ट्रीय उद्यान जिसे यूनेस्को विश्व धरोहर भी बताया गया है। हनुमान गुंडी जलप्रपात, कुद्रेमुख शिखर, लाख्या बांध, कलसा जगह पर भगवान शिव को समर्पित कलासेश्वर मंदिर है जिसका ऐतिहासिक और आध्यात्मिक बहुत महत्व है। होरानाडु अन्नपूर्णेश्वरी मंदिर, इन्हें पोषण की देवी कहा जाता है। गंगामूला जैसे अलौकिक स्थान में तीन प्रमुख नदियों तुंगा, भद्रा और नेत्रवती नदियों के दिव्य उद्गम स्थानों को देख सकते हैं। कंदबी जलप्रपात और तुंगा नदी के सुरम्य वातावरण को निहार सकते हैं।

10. बेंगलुरू

कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरू का सितम्बर माह में अलग ही आकर्षण होता है जहां खूबसूरत नाइटलाइफ, बाज़ार और बेमिसाल आधुनिकता के साथ पर्यटन की दृष्टि से अनोखा अनुभव मिलता है। बारिश के मौसम की विदाई और सर्दी के मौसम की शुरूआत का एहसास कराता यह महीना सुहानी सुबह की ताज़ी हवा के साथ धुध्ां भरे माहौल और मिट्टी की भीनी खुशबू के एहसास से रूबरू कराता बेंगलुरू इस दौरान कुछ गर्म कुछ हवाओं से सराबोर होता है जहां हर वर्ग के लोगों के लिए कुछ न कुछ स्पेशल है। सितम्बर माह में मनाए जाने वाले गणेश चतुर्थी पर्व की उमंग और उल्लास देखते बनता है जहां पूरा शहर संगीत और नृत्य झलकियों से सजीव हो जाता है।

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सितम्बर में मौसम

हल्की फुल्की फुहार और रिमझिम बूंदों का एहसास कराता सितम्बर इस समय तकरीबन 20 से 27 डिग्री सेल्सियस तापमान पर अपने जीवंत रंगो को बिखेरता है जिसके लुभावने और सुहाने आकर्षण बेंगलुरू को कर्नाटक में घूमने योग्य जगह बनाते हैं।

बेंगलुरू के प्रमुख आकर्षण

बेंगलुरू में इस समय मुथ्यालामादुवु जलप्रपात, शिवसमुद्रम जलप्रपात, होगेनक्कल जलप्रपातों की शोभा को निहारें और यहां डोंगी सवारी का आनंद लें। रंगनाथिटु पक्षी अभयारण्य में पक्षी दंर्शन व उनकी कोमल आवाजों की ध्वनि का मनोरंजन करें साथ ही प्रवासी पक्षियों की झलक भी देखें। बेंगलुरू से कुछ किमी दूरी पर स्थित नंदी हिल्स का अवलोकन कर सूर्योदय या सूर्यास्त के विहंगम दृश्यों को देखें। बेंगलुरू की आधुनिक जीवनशैली और संस्कृति का आनंद लें। 

निष्कर्ष

पश्चिमी घाटों की भव्यता का शानदार अंदाज़ प्रस्तुत करते कर्नाटक में आदर्श पर्यटन के लिए यह आदर्श समय है, सितम्बर कर्नाटक के खूबसूरत पहलुओं को सामने लाता  है जहां ऐतिहासिक विरासत, प्राकृतिक, सांस्कृतिक, रोमांच और आध्यात्मिकता के विभिन्न नजरिए पर्यटकों को रिझाते हैं। जब ऑफ सीजन की उपलब्धता और शांति सुकून देते परिदृश्यों की श्रृंखला मंत्रमुग्ध करने के साथ ही दक्षिण भारत के रत्नस्वरूप कर्नाटक के अद्भुत चमत्कारों की सुखद यात्रा पर लेकर निकलते हैं।

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