• Sep 17, 2025

हिमाचल प्रदेश का ऐसा छिपा हुआ रत्न जिसकी शिमला से दूरी करीब 19 किमी है। अंग्रेजी शब्द फॉग से बना फागू, वर्ष में ज्यादातर समय कोहरे की छांव में रहता है, इसलिए ब्रिटिशर्स द्वारा इसे यह नाम दिया गया। शांत और एकांतिक वातावरण की खूबी लिए यह स्थान सेब के बाग, भव्य हिमालयी चोटियां, हरी भरी वनस्पतियां, देवदार व चीड़ के घने जंगल और हरियाली से सजी पहाड़ी ढलान पर बने लकड़ी के खूबसूरत घर, आलू की खेत और सुकून भरी नैसर्गिक सुंदरता के लिए मशहूर है। करीब 2500 मीटर की ऊंचाई पर मौजूद यह जगह प्रेमियों के लिए स्वर्ग जैसी है, चाहे वो प्रकृति प्रेमी हों या रोमांस के शौकीन, साथ ही एडवेंचर प्रेमियों के लिए भी यहां बहुत कुछ स्पेशल है।

पर्यटन की दृष्टि से मानकों पर खरी उतरती इस जगह को घूमने का प्लान बना रहें हैं तो गौर करें, यहां हर एक बिंदु के बारें में विस्तार से बताया जा रहा है। 

क्यों जाएं फागू 

हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला एक लोकप्रिय और जाना माना आकर्षण स्थल है इसलिए वहां जरूरत से भी ज्यादा भीड़भाड़ होती है, जिसकी वजह से भारी ट्रैफिक, रूकने और पार्किंग की दिक्कत रहती है और लोग शिमला के आसपास की जगहों को तरजीह देने लगते हैं जिसमें फागु का नाम प्रसिद्ध है। 

फागु का तापमान शिमला से कम ही रहता है, जहां गर्मियों की ऋतु बहुत आनंददायक होती है व सर्दियों में यहां अन्य जगहों से बर्फबारी भी अधिक और मज़ेदार होती है। यूं तो छोटे से गांव फागु का आकर्षण शिमला की तरह ही है लेकिन इसकी सुंदरता, परिदृश्य और शांति अन्य किसी भी पर्यटन स्थल से बढकर है। 

अगर आप भी रोजमर्रा की जिं़दगी से थोड़ा ब्रेक लेना चाहते हैं तो फागु की सैर आपको परफेक्ट गैप देने के साथ ही रिजार्जअप करती है। 

फागू के घूमने योग्य दर्शनीय स्थल

1. भांतिया देवता मंदिर

यहां के स्थानीय देवता के रूप में पूजित यह मंदिर बांठिया देवता नाम से भी जाना जाता है, जो अपनी बनावट, वास्तु और स्थापत्य कला की वजह से खासा आकर्षित करता है। स्थानीय कलाकारों की कारीगरी और लकड़ी की नक्काशी मनमोहक है। पहाड़ी रीति रिवाजों और परंपराओं को बेहतर तरीके से समझने के लिए आप यहां अवश्य पहुंचे। छोटे से इस मंदिर में रंग बिरंगे झंडो की सजावट और शांत वातावरण के साथ स्लेट की छत के आकर्षण मंत्रमुग्ध करने के साथ ही यहां की संस्कृति के प्रति जिज्ञासा पैदा करते हैं। पर्वतीय निवासियों की मासूमियत और सादगी आकर्षित करती है। 

2. देशु काली मंदिर 

फागू में मां दुर्गा या महाकाली को ही देशु काली नाम से जानते है, पहाड़ी चोटी पर अवस्थित यह मंदिर घने देवदार, चीड़ और स्प्रूस के पेड़ों के बीच बना हुआ है। यह मंदिर पहाड़ी शीर्ष फागु के बीचों बीच है, जहां से फागु का व्यू पूरी तरह से दिखता है। इस मंदिर तक पहुंचने के लिए सीढियां बनी हुई हैं जिनकी संख्या लगभग 400 हैं। रास्ते की शुरूआत खड़ी चढाई से है इसलिए थोड़ी सावधानी बरतना जरूरी है। समुद्रतल से इस मंदिर की ऊंचाई करीब 12000 फीट है, जहां प्रकृति और आध्यात्मिकता का मधुर संगम होता है। पवित्र वातावरण के साथ प्रकृति की चरम खूबसूरती को निहारना बहुत भाता है। 

3. फागू घाटी व माँ दुर्गा मंदिर 

फागू का दुर्गा मां मंदिर श्रद्धालुओं के साथ साथ सभी पर्यटकों को बेहद पसंद आता है। सर्दियों के दिनों में होने वाली भव्य बर्फबारी और मंदिर की पवित्रता आपको अंतर्मन से शांति व सुकून प्रदान करती है। खूबसूरत विहंगम परिदृश्यों की श्रृंखला जहां मंदिर की आध्यात्मिकता में चार चांद लगाने का काम करती हैं। फागू की प्राकृतिक सुंदरता देवदार जंगलों के बीच बसी यह वैली सर्द दिनों में बर्फ की चादर ओढ लेती है व गर्मियों में ठंड की राहत देती हवाएं सैर करने की इच्छा को कई गुना बढा देती हैं। प्राकृतिक दृश्यांं की मनमोहक छवि और सीढीदार खेतों के ऊपर बादलों की उपस्थिति के साथ दूर दूर तक फैली गहरी शांति के बीच पक्षियों और पत्तों की आवाज़ें मंत्रमुग्ध करती है। 

4. चेओग 

चेओग एक छोटा सा गांव है जो फागू से करीब 4 किमी की दूरी पर स्थित है जहां हरियाली और पर्वत चोटियों के बीच बसे इस गांव में गहरी शांति और आरामदेय वातावरण की खूबसूरती है। फागू की तराई वाले क्षेत्र में बसा यह गांव आधुनिकता की अंधी दौड़ से कोसों दूर प्रकृति की गोद में बसता खुशनुमा गांव है। यहां आप ट्रैकिंग और हाइकिंग एक्टीविटी करने के साथ ही यहां मौजूद छोटे से बाज़ार में कुछ खरीदारी का अनुभव ले सकते हैं साथ ही मिठाईयां और स्थानीय भोजन का स्वाद चख सकते हैं। चेओग से ही आगे 3 किमी दूरी पर गधराव गांव है वहां भी घूम सकते हैं। 

5. छराबड़ा सूर्यास्त और सूर्योदय बिंदु 

पहाड़ी क्षेत्रों में सूर्योदय और सूर्यास्त के नजारें बेहद खूबसूरत प्रतीत होते हैं ऐसा ही एक स्थान फागू से लगभग 7 किमी दूरी पर छाराबड़ा में कल्याणी हैलीपैड नाम से है। यहां तक आप टैक्सी के माध्यम से भी पहुंच सकते हैं या आप पैदल भ्रमण के शौकीन हैं तो तत्तापानी नदी के रास्ते से फागू और छाराबड़ा की दूरी पैदल भी तय कर सकते हैं। यह जगह पर्यटकों के बीच बहुत लोकप्रिय है जहां पर्यटक अक्सर शिमला या कुफरी घूमने के साथ यहां भी आते हैं। 

6. कातिर व्यू पॉइंट व वन ट्रेल्स 

फागू से कुछ ही दूरी पर स्थित यह पॉइंट हिमालयी पर्वत श्रृंखलाओं को निहारने का सबसे सर्वोत्तम स्थान है। अगर आप ट्रेकिंग के शौकीन है तो छोटे रास्तों से आसपास के वनों का पैदल भ्रमण और प्रकृति की नजदीकी महसूस कर सकते हैं। भ्रमण करते हुए आपको विभिन्न तरह के पक्षी जैसे हिमालयन मोनाल, तीतर या फिर और आश्चर्यजनक प्राणी देखने को मिल सकते हैं। इन रास्तों की खूबसूरती है कि यह कोई बने बनाए रास्ते नही है, ये प्रकृति की ही देन हैं। इन्हें एक्स्प्लोर करना आपके लिए एक खास अनुभव हो सकता है। 

7. ठियोग और आसपास के गांव

सुकून और शांति का पयार्य फागू गांव से महज लगभग 6 किमी की दूरी पर ठियोग गांव का नज़ारा बेहद आकर्षक और खुशनुमा है जहां पर्वतीय स्थानीय निवासियों की अतिथि के प्रति कृतज्ञता और आतिथ्य मनमोहक है। घनी वादियों के रास्ते मंदिरों और पर्वतों के रास्ते और बादलों की धुंध दूसरी ही दुनिया में होने का अनोखा एहसास कराते हैं। हिमाचल की खूबसूरत और पारंपरिक संस्कृति की रौनक भीतर से उत्साह और कौतूहल अनुभव कराती है। छोटे छोटे गांवों की खूबसूरती और आधुनिकता से परे जीवन शैली मन को असीमित आनंद प्रदान करती है। 

फागू में करने और देखने योग्य गतिविधियां 

ट्रैकिंगः फागू की यात्रा करते समय ट्रेकिंग करना बहुत यादगार भरा अनुभव हो सकता है। जहां रास्तों की अधिकता और खूबसूरती आपको मंत्रमुग्ध करते हुए प्रेरित करेगी। देवदार और चीड़ के जंगलो के बीच बसा फागू एक आधार शिविर की तरह काम करता है। ट्रैकिंग और हाइकिंग यहां की लोकप्रिय गतिविधियों में से एक है। 

कैम्पिंगः पहाड़ी क्षेत्रों में कैपिंग करने का अपना ही मज़ा है जहां वास्तव में प्रकृति की नजदीकी महसूस होती है और इस तरह के रोमांचक अनुभव आप शायद ही मिस करना चाहेंगे। रात के समय खुले आकाश के नीचे टिमटिमाते तारों की जगमगहाट देखना आकर्षक लगता है। फागू के मौसम में कभी भी बदलाव हो सकता है इसलिए कैंप लगाने से पहले मौसम का जायज़ा लेना जरूरी है। 

फोटोग्राफी: फागू के खूबसूरत नजारें, धुंध भरा वातावरण और सुनहरे सूर्य के बीच घने जंगलों की चमक हर समय फोटोशूट मोड में ऑन रहता है, ये शौक आपके लिए रोचक अनुभव देने वाला होता है। 

सेब के बागों का दौरा करें: फागू सेब के बागों और आलू की खेती के लिए जाना जाता है जहां इनकी उपलब्धता लोगों को आकर्षित करने के साथ ही अर्थव्यवस्था की रीढ भी है। इन बागों और खेतो को देखना आपके लिए एक नया और अलग अनुभव देने वाला हो सकता है। यहां आप इनके रखरखाव और प्रबंधन से जुड़ी जानकारी सीखने के साथ ही ताजे सेबों को खरीद कर चख भी सकते हैं। 

पक्षियों को देखें: फागू में हिमाचल प्रदेश का राज्य पक्षी हिमालयन मोनाल भी आपको दिख सकता है, इसके साथ ही यहां प्रवासी पक्षियों की वृहद श्रृंखला भी आपको देखने को मिल सकती है। अनोखे आकर्षणों के बीच पक्षियों और अन्य वन्य जीवों को निहारना रोमांचक लगता है। 

फागू घूमने का सबसे अच्छा समय 

फागू साल भर लुभावने मौसम से गुलज़ार रहता है जिस वजह से यहां किसी भी समय घूमा जा सकता है। वैसे यह आपकी च्वाइस पर निर्भर करता है कि आपको किस मौसम में पर्यटन अनुकूल लगता है। 

गर्मी (अप्रैल से जून):  मैदानी क्षेत्रों की तुलना में तापमान में कमी जिससे मौसम लुभावना, हरा भरा और प्राकृतिक परिवेश और मैदानी गर्मी से अमूल्य राहत प्रदान करता है। 

बारिश (जुलाई से सितंबर):  कोहरे की अधिकता, मौसम की ताजगी में सेब की भरपूर बेहतर फसल और कभी कभी बारिश का आनंद ले सकते हैं। धुंध भरे बादलों की शानदार मौजूदगी का आनंद ले सकते हैं। 

सर्दी (दिसंबर से फरवरी):  यह समय अच्छी खासी बर्फबारी का है जब तापमान में अत्यधिक ठंडक होती है। फोटोज़ और यादगार पलों के लिए अच्छा समय

बेहतर समय की बात करें तो मई से लेकर अक्टूबर तक का समय फागू घूमने का सबसे अच्छा समय कह सकते हैं जब वातावरण में नयेपन के साथ सेब के बागों की खुशबू और तापमान का स्तर संतुलित रहता है और अगर आपको बर्फबारी पसंद है तो आपको नवंबर से लेकर फरवरी तक का समय आपके लिए सर्वोत्तम है जब भव्य बर्फबारी को देखने का मौका मिलता है। फागू आप कभी भी आएं यह हमेशा ही बेस्ट और आकर्षक है। 

फागू में भोजन सुविधा 

  • स्थानीय पारंपरिक यहां की फेवरेट डिश सिद्दू को घी के साथ चखें 
  • होमस्टे कर रहें हैं तो स्थानीय घर के बने व्यंजन को खाएं 
  • पारंपरिक हिमाचली मिठाइयों में मीठा सिद्दू, मैश दाल और धाम के साथ बेसन बर्फी का स्वाद आजमाएं और पहाड़ों पर नूडल्स के अनूठे स्वाद का मज़ा लें।

फागू कैसे पहुंचे

निकटतम एयरपोर्ट शिमला का जुब्बर हट्टी है जिसकी फागू से लगभग दूरी 32 किमी है, यहां से आसानी से साधनों के माध्यम से फागू पहुंच सकते हैं। 

निकटतम रेलवे स्टेशन शिमला से फागू की दूरी तय कर सकते हैं।

नई दिल्ली से एनएच 44 और एनएच 5 के रास्ते करीब 350 किमी की दूरी तय कर के दिल्ली से शिमला व शिमला से फागू पहुंच सकते हैं , इसे तय करने में करीब 8 से 9 घंटे का समय लगता है। 

निष्कर्ष 

अंत में, फागू किसी विकल्प में नहीं बल्कि सर्वश्रेष्ठ पर्यटन के रूप में प्रमुख है जहां धुंध भरे बादलों की प्राकृतिक खूबसूरत लुका छिपी में यहां के बाग, हरियाली, पर्वतीय चोटियां और मंदिरों की धार्मिकता अपनी ओर आकर्षित करते हैं। अगर आप भी प्रकृति की सुरीली छांव में गहरी शांति और सुकून की अनुभूति करना चाहते हैं तो पारंपरिक हिमाचली स्वाद को चखते हुए फागू की अनकही यात्रा की शानदार शुरूआत करें। 

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