• Sep 16, 2025

सितम्बर प्रेम भावनाओं को व्यक्त करने का परफेक्ट समय होता है। मानसूनी फुहारों के असर कम हो रहे हैं, सर्दी के मौसम का आगाज़ करती हुई वातावरण की ठंडक, आसमान का साफ नीला रंग और चारों ओर हरी भरी हरियाली के जीवंत नज़ारे, नव सृजन की धुन पर सजीव हो गए हैं। पर्यटन के नज़रिए से कहीं कहीं यह समय ऑफ सीजन भी होता है, जहां कम भीड़, शांति सुकून प्रदान करता माहौल, होटलों की रियायती दर और क्वालिटी टाइम बिताने का लुत्फ ले सकते हैं।

फूलों की वादियों में कपल्स फोटो क्लिक कराना चाहते हों, पहाड़ों की ऊंचाईयों के भव्य दृश्यों को एक साथ निहारना चाहते हों, कॉफी या चाय के बागानों में हाथ थामे चलना चाहते हों, समुद्री तट की खामोश लहरों के सुर में साथ खो जाना चाहते हों, या किसी खूबसूरत सी सैर पर साथ भ्रमण करना चाहते हों- आज यह लिस्ट सभी प्रेमी जोड़ो के लिए स्पेशल है।

सितम्बर 2025 में पर्यटन के लिए भारत की 10 सबसे हसीन जगहों के बारें में जानते हैं।

1. अलेप्पी, केरल

अलेप्पी को अलपुझा नाम से भी जानते हैं जो अपने बैकवाटर के लिए जाना जाता है। बैकवाटर नदियों, लैगून और झीलों झरनों का एक इंटरकनेक्टड नेटवर्क होता है, जिसके सुंदर नज़ारों की छवि के लिए अलेप्पी पर्यटकों के बीच मशहूर है। केरल राज्य की लगभग 30 प्रतिशत आबादी अलेप्पी में निवास करती है, जो इसकी लोकप्रियता को इंगित करती है। अलेप्पी और कुमारकोम में शुरूआती नदियों के आकर्षण और हाउसबोट की खूबसूरती के लिए अलेप्पी प्रसिद्ध है जहां छोटी बड़ी सभी तरह की नहरें और जलमार्ग हैं, जहां हाउसबोट की सवारी करते हुए आप अनदेखे बैकवाटर के नायाब अंदाज़ का भी पता लगा सकते हैं। हाउबोट में रोजमर्रा जीवन से जुड़ी जरूरत की लगभग हर चीज मौजूद रहती है। हरीतिमा के हरे भरे परिदृश्य, नारियल पेड़ों की सघनता और चावल के खेतों की रौनक इसे और भी ज्यादा आकर्षक बनाते हैं। हाउसबोट के अलावा आप छोटी नाव या कभी कभार स्पीड मोटर बोट से भी अलेप्पी की सैर कर सकते हैं।

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प्रमुख आकर्षण

सर्प आकार बोट मोटर रेस प्रतियोगिता का आयोजन सितम्बर के माह में होता है जिसकी तैयारी बहुत दिनों की पहले ही शुरू हो जाती है, इसका आनंद ले सकते है। छोटे छोटे मानव निर्मित द्वीपों को देख सकते हैं, जहां प्रवासी पक्षियों की उपस्थिति मन को भाव विभोर करती है। लाइटहाउस, अलपुझा बीच, मुल्लाकल, पुन्नमदा झील, थम्पोली बीच, कृष्णापुरम पैलेस, पल्ल्पिरम गांव, मारारी बीच, चेट्टिकुलंगरा मंदिर, राजेश्वरी मंदिर, बैकवाटर्स, आर और क्यूएसटी ब्लॉक द्वीप इसके अलावा अलेप्पी में खरीदारी का अनुभव भी ले सकते हैं जिसमें यहां काली मिर्च और मसालों की संपन्नता विश्व स्तर पर प्रसिद्ध है, इसके साथ ही आप यहां मुल्लाकल में स्थित ‘सोने चांदी और हीरे की गली’ से कोई सोने चांदी या हीरें की चीजें खरीद कर अपने प्रियजन को गिफ्ट भी कर सकते हैं और एडवेंचरर्स शौक जैसे बोटिंग या कायाकिंग का आनंद ले सकते हैं।

कैसे पहुंचे

हवाई मार्ग

  • नजदीकी हवाई अड्डा कोच्चि इंटरनेशनल एयरपोर्ट है जिसकी अलेप्पी से लगभग दूरी 80 किमी है, जिसे स्थानीय वाहनों से तय कर जाया जा सकता है।

रेल मार्ग 

  • अलेप्पी के निकटतम में कोच्चि रेलवे स्टेशन है जिसकी पहुंच अलेप्पी से स्थानीय तौर पर तय कर पहुंचा जा सकता है।

सड़क मार्ग 

  • केरल के प्रमुख शहरों से अलेप्पी के लिए बसें मुख्यतः आसानी से मिल जाती हैं, इसलिए अलेप्पी पहुंचने के लिए आप केरल के प्रमुख शहरों से बस या अन्य साधनों के माध्यम से अलेप्पी बस स्टैंड पहुंचकर अलेप्पी का सफर तय कर सकते हैं। 

2. मनाली, हिमाचल प्रदेश

हिमाचल प्रदेश का खूबसूरत पर्यटक हिल स्टेशन मनाली हमेशा ही शानदार आकर्षण प्रदान करता है जिसमें से सितम्बर का महीना और भी ज्यादा विशेष है क्योंकि रोमांस के साथ साथ रोमांच तलाश करने वालों की मुराद यहां पूरी होती दिखती है। लुभावना मौसम और प्रकृति की कोमलता यहां प्रेमी जोड़ों को रिझाता है जहां लगातार बारिश के बाद मनाली का परिदृश्य स्वच्छ निर्मल और हरी भरी हरियाली से रंगा माहौल और भी ज्यादा सुंदर हो जाता है। यह समय पैराग्लाइडिंग, ट्रेकिंग, रिवर राफि्ंटग और कैपिंग जैसी साहसिक गतिविधियों का आनंद लेते हुए एन्जॉए कर सकते हैं। सितम्बर के समय मनाली का मौसम सुहावना रहता है जिसका तापमान लगभग 24 से लेकर 29 डिग्री सेल्सियस के बीच रहता है। सितम्बर के शुरूआती दिनों में बारिश की अच्छी संभावना रहती है, जो इसकी चमक और भी ज्यादा बढा देता है।

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प्रमुख आकर्षण 

भृगु झील, व्यास नदी, नेहरू कुंड, सोलंग घाटी, जोगिनी झरने, मनाली गोम्पा, वशिष्ठ गर्म पानी के झरने के आश्चर्य, सितम्बर के बाद यहां की झीलें और झरने और भी ज्यादा शानदार भव्य दिखाई देते हैं। हम्पटा दर्रे की गहराई, कोठी मंदिर, ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क अभयारण्य में वन्य प्राणियों की उपस्थिति और पक्षियों को देख सकते हैं, हिडिम्बा देवी मंदिर की वास्तुकला और आध्यात्मिक महत्व को स्वयं फील कर सकते है, इसके अलावा अन्य पर्यटन स्थलों को निहारने के साथ ही रोमांचक गतिविधियों का अनुभव ले सकते हैं साथ ही कपल वीडियोज़ और फोटोशूट बेहतरीन विकल्प है। 

कैसे पहुंचे 

हवाई मार्ग 

  • मनाली से करीब 50 किमी दूरी पर स्थित भुंतर एयरपोर्ट, कुल्लू में स्थित है जहां से स्थानीय बस या टैक्सी की मदद से मनाली पहुंच सकते हैं। यहां से घरेलू उड़ानों की सुविधा मिलती है। इंटरनेशनल उड़ानों के लिए चंडीगढ एयरपोर्ट के माध्यम से पहुंच सकते हैं, जिसकी मनाली से लगभग दूरी 300 किमी है। भुंतर एयरपोर्ट से चंडीगढ एयरपोर्ट का सफर भी तय कर सकते हैं। 

रेल मार्ग 

  • नजदीकी रेलवे स्टेशन जोंगिदर रेलवे स्टेशन है, इसके अलावा चंडीगढ या अंबाला रेलवे स्टेशन से भी मनाली जाया जा सकता है। अंबाला से मनाली की लगभग दूरी 330 किमी है। 

सड़क मार्ग 

  • मनाली सड़क मार्ग से देश के सभी मुख्य शहरों से कनेक्टड है जहां बस से या स्वयं ड्राइव कर भी पहुंच सकते हैं। आप चंडीगढ के रास्ते मनाली पहुंच सकते हैं। 

3. स्पीति, हिमाचल प्रदेश

हिमाचल प्रदेश का अनोखा आकर्षण जिसे शीत मरूस्थल के नाम से जानते हैं, पर्यटकांं के बीच बहुत ज्यादा लोकप्रिय है। शांत घाटियां, स्वच्छ झीलें और प्रकृति के अनोखे आकर्षणों की भूमि स्पीति वैली शीत मरूभूमि पर्वतीय घाटियों की जगह है, स्पीति का अर्थ मध्य भूमि होता है, जिसका प्राकृतिक सौंदर्य और खूबसूरती सितम्बर के दिनों में और भी ज्यादा आकर्षित करती है। बेहद शांत और सुकून देता स्पीति में आबादी बहुत ज्यादा नहीं है। यह घाटी अपनी भौगोलिक विशेषताओं और प्राकृतिक स्थिति के कारण अन्य जगहों से अलग है यहां कोई भी मैकेनिकल डिवाइस काम नहीं करती जैसे कोई मशीन, मोबाइल और लैपटॉप या कम्प्यूटर काम नहीं करता है, जिससे यहां बिताया गया समय प्रकृति और अपनों के बेहद करीब होता है। बारिश के दिनो में यहां नदियों के प्रवाह आकर्षित करते हैं जहां प्रकृति की हरियाली के बीच मोर के नृत्य बेहद प्रिय लगते हैं।

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प्रमुख आकर्षण 

कई साहसिक गतिविधियों को एन्जॉए कर सकते हैं जैसे ट्रेकिंग, रिवर राफि्ंटग, कायाकिंग, कैपिंग और खरीदारी करते हुए विशेष हस्त शिल्प वस्तुओं को खरीद सकते हैं। यहां के लोकप्रिय आकर्षणों में चंद्रताल झील, बौद्ध मठ, कुंजुम दर्रा, कुंजुम माता मंदिर, वैली नेशनल पार्क, की मठ, ताबो मठ, धनकर झील, सूरज ताल, किब्बर, धनकर मठ, सरचू, नाको, गंधोला मठ, बारालाचा दर्रा, त्रिलोकीनाथ मंदिर व अन्य कई स्थल है जहां आप प्रकृति की शीतलता के साथ बौद्ध मठों की आध्यात्मिकता को महसूस कर सकते हैं। 

कैसे पहुंचे 

हवाई मार्ग 

  • नजदीकी हवाई अड्डा कुल्लू में भुंतर एयरपोर्ट है जहां से स्पीति घाटी तक पहुंचने के लिए साधन आसानी से उपलब्ध हो जाते हैं। 

रेल मार्ग 

  • स्पीति घाटी के निकट जोंगिदर रेलवे स्टेशन है, जो शिमला में स्थित है, यहां से स्थानीय टैक्सी या बस से पहुंच सकते हैं। 

सड़क मार्ग 

  • स्पीति घाटी तक सड़क मार्ग से पहुंचने के लिए पहले आपको शिमला तक जाना होगा और शिमला से आगे का सफर दूसरी बस से तय करना होगा। स्पीति घाटी तक पहुंचने के दो रास्ते हैं जो कुल्लू मनाली से और किन्नौर जिले से होकर जाता है। 

4. जयपुर, राजस्थान

राजस्थानी संस्कृति में रचा बसा राजधानी शहर जयपुर नवविवाहित जोड़ों को अत्यधिक लुभाता है, रोमांस और भव्यता से सराबोर इस जगह पर अपने प्रेम का इज़हार करना और जश्न मनाना अच्छा लगता है। ऐतिहासिक विरासत, संस्कृति और आधुनिकता का अद्भुत संयोग कराता स्थान है। जयपुरिया रंग में रंगा यहां का वातावरण अपनी भव्यता, राजसी अंदाज़ और शाही महलों के लिए पर्यटकों के दिलों में खास जगह बनाता है जो किलों, राजाओं, महलों और मरूस्थलीय भूमि लिए सितम्बर में घूमने के लिए हरी भरी और जीवन से भरपूर हो जाता है। मानसून के बाद की ताज़गी और उल्लास से सराबोर जयपुर बादलों से घिरे आसमान के किलों में शानदार दिखते हैं जहां बगीचे खिल जाते हैं और उमस भरी गर्मी की अपेक्षा मौसम में राहत मिलती है।

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प्रमुख आकर्षण 

जयपुर के प्रमुख आकर्षणों में यूनेस्को विश्व धरोहर में शामिल आमेर और जयगढ के किले में हाथी और ऊंट की सवारी का शाही अंदाज फील कर सकते हैं, चहल पहल भरे बाजारों की रौनक और खरीदारी का मज़ा ले सकते हैं। हवाओे के महल हवामहल में जयपुर की समृद्ध विरासत का उत्कृष्ट प्रतीक देख सकते हैं। राजपूत और मुगल स्थापत्य कला के संगम सिटी पैलेस में राजसी अंदाज से सराबोर प्रांगणों और उद्यानों को देख सकते हैं। प्रेमी युगल के लिए जयपुर में कई अद्भुत आकर्षणों की लंबी लिस्ट है जहां मंदिर, झीलें और पौराणिक मान्यता लिए कई अनोखे स्थान हैं। जलमहल, जंतर मंतर, नाहरगढ किला, देखने के साथ ही विशेषतः चोखी ढाणी में रोमांटिक शामें बिता सकते हैं।

कैसे पहुंचे 

हवाई मार्ग 

  • जयपुर इंटरनेशनल हवाई अड्डा जयपुर में ही है जहां आप देश विदेश में कहीं से भी पहुंच सकते हैं। 

रेल मार्ग 

  • जयपुर में जयपुर रेलवे स्टेशन देश के सभी मुख्य शहरों से बेहतरी से जुड़ा हुआ है जहां आप आसानी से पहुंच सकते हैं। 

सड़क मार्ग 

  • जयपुर की सड़क मार्ग से अच्छी कनेक्टिविटी है, जहां देश के लगभग सभी हिस्सों से सीधी बसें या टैक्सियां मिलती हैं। इनकी मदद से आप जयपुर घूमने के लिए जा सकते हैं। 

5. श्रीनगर, जम्मू व कश्मीर

जम्मू कश्मीर की राजधानी श्रीनगर हनीमून जोड़ों की पहली पसंद के रूप में हमेशा जाना जाता है जहां खूबसूरत वादियों के बीच हरियाली और हरे भरे घास के मैदानों की दृश्यता, रंग बिरंगे फूलांं की महक, स्वच्छ नीले आसमान की निर्मल छवि हर एक को अपनी ओर आकर्षित करती है। मंत्रमुग्ध करते नजारें, प्राकृतिक खूबसूरती और सांस्कृतिक समृद्धि का मनमोहक आलिंगन सैलानियों को हमेशा ही अपनी खुशबू से हर्षित करता है। श्रीनगर की खूबसूरती के साथ ही यहां की कारीगरी और स्पेशल चीजों के लिए भी एक क्रेज बरकरार रहता है। पश्मीना शॉल, हाथ के बुने कालीन और केसर, पूरे कश्मीर की अद्भुत शान है। श्रीनगर के लाजवाब पहलू को देखने के लिए सितम्बर में यहां का रूख करना प्रेमी जोड़ों को बहुत सी विशेषताओं के कारण आकर्षित करता है।

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प्रमुख आकर्षण 

अगर आप डल झील की सुंदरता को करीब से देखना चाहते हैं तो सितम्बर का महीना एकदम उपयुक्त समय है जब मानसूनी असर से डल और निगीन झील भी लबालब पानी से भरी हुई होती है और शिकारा की सवारी का मज़ा अपने पूरे शबाब पर मिलता है। झील किनारे बने लकड़ी के गेस्ट हाउस पर्यटकों को और भी ज्यादा प्रिय लगते हैं। यहां के बाग बगीचें, झीलें और ऐतिहासिक स्थल मनमोहक दृश्यों का निर्माण करते हैं। शालीमार बाग, निशातबाग में अपने प्रियजन के साथ समय बिताना और फोटोग्राफी का आनंद लेना बेहतर अनुभव हो सकता है। चिनार के पेड़ो के किनारें टहलना और उनकी ताज़गी को स्पर्श करना अद्भुत एहसास प्रदान करता है। 

कैसे पहुंचे 

हवाई मार्ग

  • श्रीनगर एयरपोर्ट से आराम से श्रीनगर की सैर की जा सकती है। जहां दिल्ली से पहुंचने में लगभग एक घंटे का समय लगता है। देश के प्रमुख एयरपोर्ट से श्रीनगर एयरपोर्ट के लिए सीधी उड़ाने उपलब्ध हैं, श्रीनगर जाने का यह सबसे अच्छा साधन है। 

रेल मार्ग

  • श्रीनगर के नजदीकी प्रमुख रेलवे स्टेशनों में जम्मूतवी या उधमपुर रेलवे स्टेशन है। जहां से श्रीनगर के लिए बस या टैक्सी आसानी से मिल जाती हैं। 

सड़क मार्ग 

  • सड़क के रास्ते श्रीनगर पूरे देश से अच्छे से जुड़ा हुआ है, जहां कई शहरो के लिए श्रीनगर के लिए सीधी बस सेवा की सुविधा मिलती है। जम्मू से श्रीनगर की लगभग दूरी 250 किमी है और दिल्ली से श्रीनगर की दूरी लगभग 800 किमी है। 

6. शिलांग, मेघालय

पूर्वोत्तर भारत का स्कॉटलैंड कहा जाने वाला शिलांग अपनी ऊंची ऊंची पहाड़ियों, पूरे शबाब में बहते झरनों, धुंध से ढकी पहाड़ियों और कभी कभार साफ स्वच्छ आसमान, हरी भरी हरियाली और प्रकृति प्रेम और रोमांच की भावनाओं को बयां करने का बेहद आकर्षक स्थल है। जहां झरनों की शोभा और भी भव्य हो जाती है जिनकी खूबसूरती मानसून वापसी के बाद सितम्बर में और भी ज्यादा जादुई हो जाती है। सुहावने मौसम की सौगात देता शिलांग यूं ही नहीं हनीमून जोड़ों की पसंदीदा लिस्ट में शामिल है। सितम्बर के समय यहां का मौसम लुभावना और दिन में तापमान 16 से करीब 24 डिग्री सेल्सियस तक रहता है व रातें कुछ ज्यादा ही ठंडी होती हैं। कभी कभार हल्की फुल्की बारिश में अपने प्रियजन का हाथ थामें सैर पर निकलना और बिना किसी रूकावट के मनोरम परिदृश्यों का मज़ा लेना बहुत ही यादगार अनुभूति प्रदान करता है।

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प्रमुख आकर्षण 

मानसूनी ऋतु के बाद बिशप फॉल्स, सेवन सिस्टर्स फॉल्स, एलीफेंट फॉल्स, वार्डस झील, उमियम झील की सुदंरता और नौका विहार का आनंद ले सकते हैं। डॉन बास्कों म्यूज़ियम, लैटलम घाटी, कैथेड्रल चर्च, लेडी हैदरी पार्क और अन्य सुदंर स्थानों का अवलोकन कर सकते हैं। गारो, खासी और जयंतियां पहाड़ियों के मध्य बसा मेघालय इनकी खूबसूरती और विशेषताओं की वजह से और भी ज्यादा आकर्षक लगता है। 

कैसे पहुंचे 

हवाई मार्ग 

  • गुवाहाटी राजमार्ग पर लगभग 30 किमी दूरी पर उमरोई हवाई अड्डा है जहां से शिलांग की दूरी तय कर पहुंच सकते हैं। आप चाहें तो गुवाहाटी हवाई अड्डे से भी शिलांग स्थानीय वाहनों की मदद से पहुंच सकते हैं। 

रेल मार्ग 

  • शिलांग के नजदीकी रेलवे स्टेशन गुवाहाटी रेलवे स्टेशन है जिससे शिलांग तक की दूरी तय कर पहुंच सकते हैं। 

सड़क मार्ग 

  • शिलांग की कनेक्टिविटी भारत के बहुत से प्रमुख शहरो से बेहतर है जहां से सड़क माध्यम से भी शिलांग जा सकते हैं, शिलांग तक जाने का एकमात्र जरिया सड़क मार्ग ही है। जहां आप चाहें तो असम के तेजपुर, गुवाहाटी या सिलचर से शिलांग तक की यात्रा स्थानीय वाहन के जरिए कर सकते हैं। 

7. ज़ीरो, अरूणाचल प्रदेश

सितम्बर के ऑफबीट डेस्टिनेशन्स में से एक सूर्योदय की धरती के नाम से मशहूर अरूणाचल प्रदेश में जीरो घाटी प्रेमी जोड़ों के लिए सर्वोत्तम जगहों में से एक है। यहां का तापमान सितम्बर में 14 से लेकर 25 डिग्री सेल्सियस रहता है जो रात्रि में और भी कम हो जाता है। सीढीदार चावल के खेतोे कें विहंगम दृश्य और आपातानी जनजाति का मिलनसार व्यवहार यहां आने के लिए और भी ज्यादा प्रेरित करता है। सितम्बर माह में यहां आयोजित होने वाले संगीत समारोह जो खुले आसमान के नीचे आयोजित होता है, इसकी चमक और संपन्न संस्कृति पर्यटकों को और भी ज्यादा आकर्षित करती है। पूर्वोत्तर राज्यों में से एक ज़ीरो पर्यटन स्थल अद्वितीय और अपनी आदिवासी संस्कृति के लिए बहुप्रसिद्ध है, जिसके चारों ओर पहाड़ियों और धान के खेतों के सुरम्य आकर्षण हैं।

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प्रमुख आकर्षण

टैली वन्य जीव अभयारण्य का भ्रमण करें, मेघना गुफा व मंदिर जो भगवान शिव को समर्पित है, इसकी आध्यात्मिकता आभा महसूस करें, अपातानी संस्कृति को करीब से समझने के लिए गांव को एक्सप्लोर करें, जीरो संगीत समारोह को एन्जॉए करें और साहसिक गतिविधियों जैसे बांस के वृक्षों, चीड़ देवदार के वनों और हरी भरी घनी घाटियों के मध्य सुहानी सी ट्रेक का आनंद लें। यहां के पारंपरिक मछली पालन से घिरे धान के खेतों की मोहकता को महसूस करें। जीरो जाने के लिए सभी भारतीयों को इनर लाइन परमिट यानी आईएलपी की आवश्यकता होती है। गुवाहाटी, तेजपुर या नाहरलागुन से आईएलपी काउंटरों से इसे प्राप्त किया जा सकता है या अरूणाचल प्रदेश पर्यटन वेबसाइट पर ऑनलाइन आवेदन कर भी प्राप्त कर सकते हैं। विदेशी नागरिकों के लिए संरक्षित क्षेत्र परमिट यानी पीएपी आवश्यक होता है। 

कैसे पहुंचे 

हवाई मार्ग 

  • नजदीकी हवाई अड्डा तेजपुर है जिसकी जीरो से लगभग दूरी 275 किमी है। यहां से बस या टैक्सी की मदद से जीरो पहुंच सकते हैं। 

रेल मार्ग 

  • निकटतम रेलवे स्टेशन नाहरलागुन रेलवे स्टेशन है जिसकी गुवाहाटी और असम के अन्य हिस्सों से अच्छी संपर्कता है। यहां से जीरो के लिए बस या टैक्सी आसानी से उपलब्ध रहती हैं। 

सड़क मार्ग 

  • जीरो सड़क मार्ग से अच्छी तरह संपन्न है जहां अरूणाचल प्रदेश और असम के प्रमुख शहरों से बस या कैब की सवारी से पहुंचा जा सकता है। अरूणाचल प्रदेश राज्य परिवहन की बसें भी जीरो तक पहुंचाती हैं। 

8. मुन्नार, केरल

दक्षिण भारत का स्वर्ग कहे जाने वाला यह स्थान हनीमून जोड़ों के लिए स्वर्ग से कम नहीं है जहां वर्ष भर आरामदायी, ताज़गी से भरपूर और लोकलुभावन मौसम रहता है। मुन्नार की खूबसूरती किसी भी अन्य जगहों से बहुत अलग है, मोड़दार पहाड़ियों के घुमावदार रास्ते, सीढीदार चाय के बागानों की खुशबू और सितम्बर के महीने में चहुंओर बिखरी हरियाली के आंचल सी इसे और भी ज्यादा उत्साही और जीवंत बनाते हैं। इस समय यहां की ठंडक प्रेमी जोड़ों को यहां की खूबसूरती से और भी ज्यादा अच्छे से रूबरू कराती है। इस दौरान मुन्नार का मौसम दिन में 22 डिग्री से लेकर 29 डिग्री सेल्सियस तक रहता है जिसमें रात के समय और भी ज्यादा कमी आती है। इस मौसम में आप मुन्नार यात्रा का पूरा आनंद ले सकते हैं और ऑफ सीजन के चलते इस समय रियायती दरों पर होटल और अन्य सुविधाओं का मज़ा ले सकते हैं।

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प्रमुख आकर्षण 

चाय बागानों में सैर करें, नौका विहार के लिए कुंडला झील का रूख करें, अनैमुडी चोटी की चढाई करें, एराविकुलम राष्ट्रीय उद्यान में भ्रमण करें, मुट्टुपेट्टी झील का अन्वेषण कर सकते हैं, इको पॉइंट पर सूर्योदय या सूर्यास्त के नजारें देखें, अट्टुकल जलप्रपात, न्यायमाकड़ और वलारा झरनों का आनंद लें। 

कैसे पहुंचे 

हवाई मार्ग 

  • मुन्नार का नजदीकी हवाई अड्डा कोचीन इंटरनेशनल एयरपोर्ट है जो लगभग 125 किमी की दूरी पर है। 

रेल मार्ग

  • करीबी रेलवे स्टेशन अलुवा है जिसकी मुन्नार से लगभग 145 किमी दूरी है। 

सड़क मार्ग 

  • केरल के प्रमुख शहरों से मुन्नार के लिए बसे मिलती हैं जिसकी सड़क जुड़ाव स्थिति बढिया है। आप देश में कहीं से भी केरल आकर मुन्नार की यात्रा बिना किसी परेशानी के संपन्न कर सकते हैं। 

9. डलहौजी, हिमाचल प्रदेश 

मोहब्बत प्यार की फीलिंग्स को शेयर करने में वातावरण की अहम भूमिका होती है, ऐसा ही मनभावन माहौल प्रदान करता डलहौजी, हिमाचल प्रदेश का छिपा हुआ रत्न है। हरे भरे खेतों और ऊंचे पेड़ों की खूबसूरती से रौनक प्रदान करता डलहौजी अपनी विशेषताओं की वजह से हनीमून के लिए प्रसिद्ध जगहों में से एक है। डलहौजी का नाम ब्रिटिश वायसराय डलहौजी के नाम पर पड़ा क्योंकि सबसे पहले यहां वहीं आएं थे। डलहौजी के शानदार आकर्षण की वजह से इसे भारत का स्विट्जरलैंड भी कहा जाता है। घने पेड़ों की श्रृंखला, मैदानों की हरियाली और प्राचीन ऐतिहासिक मंदिरों की धार्मिक कहानी यहां की खासियत के बारें में और भी ज्यादा इजाफा करती है। रोमांटिक चीजों के साथ अगर आप रोमांचक गतिविधियों के भी शौकीन हैं तो आप यहां ट्रेकिंग, हाइकिंग, पैराग्लाइडिंग, जोर्बिंग या कायाकिंग का आनंद ले सकते हैं।

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प्रमुख आकर्षण 

पर्यटको को यहां की खज्जियार जगह बेहद आकर्षित करती है, इसके अलावा पंचपुला भ्रमण पर निकलें, सतधारा जलप्रपात की भव्य धारा का दीदार करें, सुभाष बावली, गरम सड़क, डैनकुंड चोटी, चमेरा झील, लक्ष्मी नारायण मंदिर, गंजी पहाड़ी, कालाटोप वन्यजीव अभयारण्य में पशु पक्षियों का दर्शन करें, चंबा टाउन की सैर करें, रंगमहल, बारा पत्थर, बकरोटा हिल्स, रॉक गार्डन, सेंट जॉन चर्च की वास्तुकला का अवलोकन करें, सच दर्रा, मॉल रोड और एडवेंचर्स गतिविधियों से मनोरंजन करें। 

कैसे पहुंचे 

हवाई मार्ग 

  • निकट हवाई अड्डा पठानकोट से आप डलहौजी की सैर पर जा सकते हैं, जिसकी डलहौजी से दूरी लगभग 74 किमी है। 

रेल मार्ग 

  • नजदीकी रेलवे स्टेशन पठानकोट रेलवे स्टेशन है, जहां से स्थानीय वाहनों की उपलब्धता से डलहौजी का आकर्षण देखने जा सकते है। 

सड़क मार्ग 

  • डलहौजी जाने के लिए सड़क मार्ग की अच्छी स्थिति है जहां देश के सभी प्रमुख शहरों से बसों का आवागमन सुगमता से होता है। आप चाहें तो हिमाचल प्रदेश के किसी प्रमुख स्थान से भी डलहौजी की यात्रा पर जा सकते हैं। 

निष्कर्ष

भारत में सितम्बर और इज़हार ए मोहब्बत का संयोग सुहावना है। ऐसे में इन जगहों के आकर्षण और विशेषताएं, भावनाओें के गहरे समंदर में और भी ज्यादा प्यार के सीपीओं को मोतियों से भर देती हैं, सुहावने मौसम की छांव में यह मौसम और भी ज्यादा मर्मस्पर्शी हो जाता है, जब मन प्रेमपूर्ण कल्पनाओं और स्पंदन से सराबोर होकर रोमांटिक यात्रा पर निकलने को एकदम तैयार रहता है और ऊंची ऊंची पहाड़ियों पर छाई हरियाली के दामन, रास्तों की भीनी खुशबू व शीतल हवाओं के झोंके अपनी ताज़गी के साथ प्रेम के इस यात्रा को भी और नया सा कर देती हैं।

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