• Aug 12, 2025

कोटा, पश्चिमी भारत के तीसरे सबसे बड़े राज्य के रूप में जाना जाता है जो प्रतियोगी परीक्षाओं जेईई, एनआईआईटी जैसी इंजीनियरिंग और मेडिकल की तैयारी के कोचिंग संस्थानों के लिए मशहूर है, इस वजह से इसे भारत की कोचिंग राजधानी का उपनाम भी मिला है, इसके अलावा यहां कई स्मारक, झीलें, उद्यान और महल भी हैं जो इसे पर्यटन के क्षेत्र में भी आकर्षक बनाते हैं। चंबल नदी के तट पर स्थित इस शहर का इतिहास 12वीं शताब्दी का है जब राव देव ने इस क्षेत्र पर जीत निश्चित कर हाड़ौती की नींव डाली और 1631 में बूंदी से अलग होकर कोटा स्वंतत्र राजपूताना क्षेत्र बन गया। भव्य वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध यह शहर और आस पास का क्षेत्र कौन कौन से आकर्षणों को सहेजे हुए है, जानते हैं इस ब्लॉग में

1. कोटा बैराजः

चंबल घाटी पर बना यह बैराज जहां से पानी के खूबसूरत नजारें देखने में बहुत आकर्षक लगते हैं। मानसून के मौसम में बैराज का दृश्य देखने में और लुभावना लगता है, जहां समय बिताते हुए स्ट्रीट डिशज को खाकर दिल कहता है वाह। फोटोग्राफी और रील बनाने का शौक रखने वाले लोग यहां अपना पूरा मनोरंजन कर सकते हैं। इस बांध का निर्माण सन् 1954 से शुरू हुआ था, जिसका उपयोग राजस्थान और मध्य प्रदेश में सिंचाई के लिए किया जाता है लेकिन यहां आते आंगुतकों की संख्या और मनोरम दृश्यों ने इसे खूबसूरत पर्यटन स्थल बना दिया है।

  • पताः बैराज रोड, स्टेट इलेक्ट्रीसिटी बोर्ड एरिया, कोटा, राजस्थान
  • समयः 24 घंटे खुला रहता है।
  • प्रवेश शुल्कः निःशुल्क

2. गढ़ पैलेसः

किलाबंद महल के रूप में नामित यह पैलेस कोटा के नायक रावों और महारावों का निवास स्थान था, महल की स्थापना 12वीं शताब्दी के आसपास राजकुमार जैत सिंह ने की थी, कहते हैं कि यहां की नींव में इस क्षेत्र के पिछले शासक की बलि दी गई थी, जिनका कटा हुआ सिर यहां दफन है। किले का विशाल मुख्य प्रवेश द्वार के सामने कोटा की मुख्य सड़क है, अगले प्रवेश द्वार को हाथियन पोल कहते हैं, शंकर बान और गजपत बान नाम की दो पीतल तोपें दरवाजे के सामने लगी हुई हैं जो इसे राजसी लुक देती हैं। गोकणेश्वर महादेव मंदिर, बादल महल यहां की शोभा और बढ़ा देते हैं। इस किले में स्वागत गृह बारादरी भी बना हुआ है। इसी के साथ गुलाब महल, पुराना महल, अर्जुन महल, हवामहल, दीवान-ए-आम, अखाड़ा महल और भी कई सारे महल इसके अन्दर अवस्थित हैं। महल की दीवारों पर फूलों, जैव विविधता, भगवान कृष्ण की लीलाओं का दर्शन कराते पेंटिग्स का होना खूबसूरती और बढ़ाता है।

  • पताः सिटी पैलेस, गढ़, कोटा
  • समयः सुबह 10 बजे से शाम 4ः30 बजे
  • प्रवेश शुल्कः भारतीयों के लिए औसत 100 रूपये और विदेशियों के लिए औसत 350 रूपये, कैमरा ले जाने के लिए अतिरिक्त शुल्क देना होता है।

3. गराडिया महादेव मंदिरः

सुंदर आकर्षक परिदृश्य, एकांतिक अनुभव की सुखद अनुभूति कराता यह स्थान, भगवान शिव के भक्तों को अतिप्रिय है जो चंबल नदी और प्राकृतिक वातावरण के मधुर संगम को दर्शाता है जो देखने में खूबसूरत सीनरी जैसा लगता है। आने वाले लोग यहां के प्राकृतिक विहंगम नजारों को देखकर आश्चर्यचकित रह जाते हैं जो इन्हें यहां भगवान शिव के आशीर्वाद के साथ प्रकृति की शानदार जुगलबंदी देखने को मिलती है। धार्मिक स्थल होने के साथ यह खूबसूरत पिकनिक स्पॉट के रूप में भी प्रसिद्ध है।

  • पताः गराडिया महादेव मंदिर, कोटा, राजस्थान
  • समयः ग्रीष्मकालीन- सुबह 6ः30 मिनट से शाम 5ः30 मिनट
  • शीतकालीन- सुबह 7ः30 मिनट से शाम 5 बजे
  • प्रवेश शुल्कः निःशुल्क

4. किशोर सागर जग मंदिरः

किशोर सागर झील के द्वीप पर बना यह जग मंदिर राजपूत शैली में बना एक अनोखा मंदिर है, जिसका निर्माण 17वीं शताब्दी के दौरान कोटा की एक रानी ने करवाया था। झील के सुंदर नजारों के बीच यह मंदिर अलंकृत नक्काशी, झरोखे और मुख्य आकर्षण लटकती हुई बालकनियों के लिए प्रसिद्ध है। भीतर स्थित बगीचे में विभिन्न प्रकार के फूल पौधे हैं और इसके बीच लगे प्राचीन फव्वारे आकर्षण का केंद्र है। बॉलीवुड मूवी बदरीनाथ की दुल्हनिया के कुछ पार्ट्स की शूटिंग इस किले में हुई है।

  • पताः रामपुरा, कोटा, राजस्थान
  • समयः सुबह 9 बजे से शाम 6 बजे
  • प्रवेश शुल्कः मोटर बोट औसत शुल्क लगभग 150 रूपये

5. सेवन वंडर्स पार्कः

सात आश्चर्यों का पार्क कोटा स्थित एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है जहां दुनिया के सात अजूबों का प्रतिविंब देखने को मिलता है, जहां स्थानीय और बाहरी दोनों पर्यटकों को लुभाते हैं। 2013 सन् में उद्घाटित यह पार्क सात एकड़ में फैला हुआ है जिसमें फव्वारे, जल निकाय और पैदल चलने के लिए रास्ता शामिल है। हरी घास के खूबसूरत मैदान से सजा यह पार्क बच्चों को विशेष तौर पर पसंद आता है जो आश्चर्य के साथ जानकारी को भी बढ़ाने वाला है। यहां गीजा का महान पिरामिड (मिस्त्र), क्राइस्ट द रिडीमर(ब्राजील), एफिल टॉवर(फ्रांस), पीसा की झुकी हुई मीनार(इटली), स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी (अमेरिका), ताजमहल(भारत) और कोलोसियम(इटली) इन सबकी हूबहू प्रतिकृति उसी प्रकार के रंगों को दर्शाते हुए लोहे, फाइबर, प्लास्टिक और पत्थरों से बनाई गई हैं, जिसे देखना रोमांचक लगता है।

  • पताः कोटड़ी मिनी फ्लाईओवर के पास, गुमानपुरा, कोटा
  • समयः दोपहर 2ः30 मिनट से रात 10 बजे तक
  • प्रवेश शुल्कः औसत 20 रूपये शुल्क

6. राव माधो सिंह संग्रहालयः

राव माधो सिंह कोटा शहर के संस्थापक के रूप में जाने जाते हैं। इन्हीं के नाम पर यह संग्रहालय गढ़ पैलेस के भीतर स्थित है। यहां इनकी प्रतिमा के साथ राजपूतों के शानदार चित्रों का अंकन देखने को मिलता है। जिसमें आकर्षक मूर्तियां, अस्त्र शस्त्र और अन्य अनमोल प्राचीन वस्तुओं को देखते हुए उस समय के जीवन को महसूस कर सकते हैं।

  • पताः गढ़ पैलेस रोड, गढ़ पैलेस, कोटा, राजस्थान
  • समयः सुबह 10 बजे से शाम 4ः30 बजे
  • प्रवेश शुल्कः औसत शुल्क 30 रूपये और कैमरा ले जाने पर अतिरिक्त शुल्क निर्धारित

7. मुकुंदरा हिल्स राष्ट्रीय उद्यानः

इस उद्यान में दर्रा नेशनल पार्क, चंबल वन्यजीव अभयारण्य और जवाहर सागर वन्यजीव अभयारण्य शामिल हैं। साल 2013 में घोषित यह एक बाघ अभयारण्य भी है जो विभिन्न प्रकार के वन्य जीवों और वन औषधियों का भी घर है। यह कोटा के राजपूत राजाओं का शिकारगाह के रूप में प्र्रसिद्ध स्थान रहा है। यहां आप सफारी और ट्रैकिंग का आनंद ले सकते हैं। यह राजस्थान का तीसरा बाघ अभयारण्य है जो वृक्ष प्रजातियों का अद्भुत संग्रह करने के साथ चार नदियों के समूहों को खुद में समाए हुए है। इस क्षेत्र में चंबल, काली, आहू और रमजान नदी बहती है।

  • पताः क्यू2डब्ल्यू5+एचसीआर, कोटा, राजस्थान
  • समयः सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे
  • प्रवेश शुल्कः प्रति व्यक्ति लगभग 250 रूपये

8. खड़े गणेश जी मंदिरः

दुनिया का एकमात्र मंदिर जहां गणेश जी की प्रतिमा खड़े हुए रूप में स्थित है, भगवान गणेश को बुद्धि और ऋद्धि सिद्धि का देवता माना जाता है। यह मंदिर अपनी अनोखी प्रतिमा के कारण बहुत प्रसिद्ध है। इस मंदिर के बनने का स्पष्ट उल्लेख नहीं मिलता है लेकिन कुछ किंवदंतियों के अनुसार इसका निर्माण लगभग 6 शताब्दी पूर्व का प्रतीत होता है। यह किसी स्थानीय राजा जो भगवान गणेश के अनन्य भक्त कहे जाते हैं उनके द्वारा बनवाया गया मंदिर है। इस मंदिर में भगवान गणेश की दुर्लभ प्रतिमा खड़ी मुद्रा में होने के साथ सीधी सूंड के साथ भी है जो अत्यंत शुभता का परिचायक है। मंदिर अपने शानदार वातावरण जहां मनोरम झील, हरियाली लिए बगीचों के कारण सुप्रसिद्ध है, जहां भगवान गणेश के आशीर्वाद के साथ प्रकृति का वरदान भी मिलता है।

  • पताः विनोबा भावे नगर, कोटा, राजस्थान
  • समयः सुबह 5 बजे से शाम 7 बजे
  • प्रवेश शुल्कः निःशुल्क

9. गोदावरी धामः

हिंदू धर्म के लोकप्रिय देवता भक्त शिरोमणि श्री हनुमानजी को समर्पित यह मंदिर जो अपने अनोखे नाम से जाना जाता है, चंबल गार्डन रोड पर अवस्थित है। आकर्षक बनावट और प्राकृतिक वातावरण के बीच इस मंदिर की बहुत मान्यताएं हैं जो श्रद्धालुओं के बीच इस मंदिर को अत्यधिक लोकप्रिय बनाते हैं। कहते हैं कि यह हनुमान जी के रौद्र रूप की प्रतिमा है जो नीले रंग की मानव रूप में है जिसके सिर पर जटाएं और गले में रूद्राक्ष है। यह जाग्रत स्थान है जो लगभग 1043 साल पुराना है। यहां अखंड रामायण का अनवरत पाठ होता है।

  • पताः कोटा मुख्य कार्यालय, कोटा, राजस्थान
  • समयः चौबीस घंटे खुला रहता है।
  • प्रवेश शुल्कः निःशुल्क

10. चंबल रिवर सफारीः

चंबल नदी कोटा की मुख्य नदियों में से एक है जहां चंबल नदी सफारी का आनंद ले सकते हैं। यहां नौका विहार और नदी सफारी के तहत लुप्तप्राय घड़ियाल, लाल मुकुट वाले कछुए और डॉल्फिन सहित अन्य वन्य जीवों को देखने का अवसर प्राप्त होता है। चंबल नदी सफारी अपने तरह की अनोखी रिवर सफारी है जो राष्ट्रीय चंबल अभयारण्य का हिस्सा है। यह स्थान अपने आंगुतकों को विशेष रूप से आकर्षित करता है।

  • पताः गुमानपुरा, कोटा, राजस्थान
  • समयः सुबह 6ः30 बजे से शाम 5ः30 बजे
  • प्रवेश शुल्कः प्रति व्यक्ति औसत शुल्क 200 रूपये और मोटर बोट किराया लगभग 800 रूपये प्रति घंटा है।

11. गैपरनाथ महादेव मंदिर और झरनाः

भगवान शिव को इंगित कराता यह मंदिर आकर्षक लुभावने परिदृश्य में बना अनोखा स्थान है जहां ऊंचाई से गिरता यह झरना बेहद सुंदर प्रतीत होता है। शिव मंदिर अभिषेक के लिए पवित्र जलधारा अनवरत खूबसूरत उपयोग इस मंदिर का प्रभाव और बढ़ा देता है। इस मंदिर का निर्माण 16वीं शताब्दी के दौरान राजा भोज ने करवाया था। यह मंदिर पहाड़ी की गहराई में लगभग 400 फीट नीचे स्थित है जहां जाने के लिए लगभग 350 सीढियों का प्रयोग करना पड़ता है। महाशिवरात्रि पर्व पर यहां बडे मेले का आयोजन होता है।

  • पताः जमुन्या, करोंदी, कोटा, राजस्थान
  • समयः सुबह 5 बजे से शाम 7 बजे
  • प्रवेश शुल्कः निःशुल्क

12. सेंट्रल स्क्वायर मॉलः

साल 2013 से बना यह मॉल, कोटा का प्रतिष्ठित स्थान है जहां आप अपनी पंसद की ब्रांडेड खरीदारी के साथ मनपंसद स्वाद के जायके का आनंद भी ले सकते हैं। यहां पर्सनल केयर से लेकर होम केयर तक की सारी वस्तुएं आसानी से बिना किसी समस्या के उपलब्ध रहती हैं। यहां स्वचालित सीढियों और जगह जगह बैठने के स्थान हर उम्र के लोगों के लिए इसे सहज बनाते हैं।

  • पताः सेंट्रल स्क्वायर मॉल, कोटा
  • समयः सुबह 10 बजे से रात 9 बजे
  • प्रवेश शुल्कः निःशुल्क


कोटा घूमने के लिए सबसे अच्छा समयः कोटा घूमने का सबसे आकर्षक समय अक्टूबर से मार्च का होता है। जब शहर का मौसम सुहाना और ठंडक भरा होता है।

कोटा कैसे पहुंचेः कोटा हवाई, रेल और सड़क मार्गों से भली भांति कनेक्ट है। आप अपनी सुविधा और बजट अनुसार किसी भी मार्ग का चयन कर सकते हैं।

  • हवाई मार्ग द्वाराः सांगानेर हवाई अड्डा कोटा का निकटतम हवाई अड्डा है जो कोटा से 245 किमी दूरी पर है, यहां से आप कैब या बस के माध्यम से कोटा पहुंच सकते हैं।
  • रेल मार्ग द्वाराः कोटा जंक्शन निकटतम रेलवे स्टेशन है जो देश के सभी मुख्य जगहों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है।
  • सड़क मार्ग द्वाराः आप अपने सोर्स स्थान से बस या कैब की मदद से कोटा पहुंच सकते हैं।

निष्कर्षः

कोटा, हाड़ौती संप्रदाय की लोकसंस्कृति को पेश करता अद्भुत शहर है जहां पर्यटन हेतु आकर्षक झील, झरने, अभयारण्य और प्राचीन मंदिरों की लंबी श्रृंखला हैं, वहीं यह शहर एक व्यवस्थित संरचित वातावरण और प्रतिष्ठित कोचिंग संस्थानों की नींव स्थल के रूप में वर्षों से प्रसिद्ध है। विद्यार्थियों के सपनों को सच करता यह शहर पर्यटन के लिहाज से भी सपनों जैसा है, तो सपनों को जीने के लिए कोटा शहर एक्सप्लोर कीजिए।

partner-icon-iataveri12mas12visa12