अगर आप भी मानसूनी स्वर्ग का आनंद लेने के शौकीन हैं तो दार्जिलिंग हिल स्टेशन आपके शौक के लिए एकदम परफेक्ट है, कुहासे से ढका वातावरण, हरी भरी घाटियों की हरियाली बढाते सुंदर दृश्य, गीली सड़कें और नमी लिए वनस्पतियों के अद्भुत नज़ारें, एक ऐसा समय जब सूर्य देवता की उपस्थिति न के बराबर हो जाती है और वर्षा ऋतु पूरे उठान पर होती है, कभी धीमी कभी तेज होती बारिश सुहावने मौसम की खूबसूरती में इज़ाफा करते हुए इसे पूरी तरह मानसूनी लुक में ढाल देती है।
बरसात के मौसम में दार्जिलिंग की स्पेशल चाय की चुस्की के साथ इस जगह को एक्सप्लोर करते हुए मौसम के रूमानी पहलू का आनंद लीजिए जब बर्फ से ढकी चोटियों की जगह साफ और स्थिर आसमान की झलक के साथ पर्यटन स्थानों की निर्मल छवि और रूहानी रास्तों के आकर्षक व्यूज आपका इंतजार कर रहें हैं, तो दार्जिलिंग की मानसूनी ऋतु के करिश्माई रूप को देखने के लिए तैयार हो जाइए, इस ब्लॉग में विस्तार से हम आपको मौसम और पर्यटन स्थानों व उनसे संबंधी अन्य जरूरी चीजों से भी पूरी तरह रूबरू कराने जा रहे हैं, यकीन है दार्जिलिंग यात्रा गाइड आपके बहुत काम आएगी।
दार्जिलिंग में मानसूनी ऋतु जुलाई से सितंबर के मध्य रहती है जिसमें मौसम संबंधी कई ऐसे फैक्ट्स हैं जो एक पर्यटक की नजर से जानना बहुत जरूरी है। बताते हैं यहां के तापमान मौसम और जलवायु के बारें में
पर्यटन दृष्टि से शरद ऋतु और बसंत का समय सबसे अधिक प्रचलित हैं, मानसूनी सीजन भी कुछ कम खास नहीं हैं, क्या हैं इसकी खासियतें, आइए जानते हैंः
हरियाली भरा वातावरणः
स्थिर व निर्मल पलः
बरसाती मौसम होने पर भी दार्जिलिंग में बहुत सी ऐसी टिप्स को फॉलो कर सकते हैं, जिससे यहां आप मनोरंजन और बढा सकते हैं।
दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे को यूनेस्को से विश्व धरोहर स्थल का दर्जा प्राप्त है, कल्पना शक्ति को साकार करती यह टॉय ट्रेन पर्यटकों के बीच बहुत मशहूर है जो दार्जिलिंग से सिलीगुड़ी के मध्य चलती है, यह 13 पड़ाव स्टेशनों के साथ लगभग 80 किमी की दूरी तय करती है। 1881 में बनी यह हिमालयन रेलवे तब से लेकर आज तक पर्यटन के आकर्षण के रूप में जानी जाती है, जिसमें घूमते हुए आप दार्जिलिंग के खूबसूरत परिदृश्यों का आनंद ले सकते हैं।
दार्जिलिंग में मानसून के आगमन पर कई विभिन्न प्रकार के वन्यजीव भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराने लगते हैं, जिन्हें आप इसी मौसम में देख सकते हैं। यहां मौजूद पद्मजा नायडू हिमालयन जूलॉजिकल पार्क में वन्य जीवों की कई आकर्षक प्रजातियां देखने को मिलती हैं, यहां हिमालयन तहर, हिम तेंदुआ, हिमालयन भेड़िया, हिमालयन सालामंडर, नीली भेड़ और लाल पांडा और न जाने कितने ही आकर्षक जानवरों को देखने का लुत्फ ले सकते हैं। यहां कई औषधियुक्त पेड़ों की छांव का आनंद भी ले सकते हैं।
दार्जिलिंग के स्थानीय स्ट्रीट फूड्स का आनंद ले सकते हैं, जिसके स्वादिष्ट स्वाद को बारिश के साथ चखने से आपके मनोरंजन में कई गुना वृद्धि होगी। यहां मशहूर थुकपा, मोमो, गुनड्रक और साथ में दार्जिलिंग की स्पेशल चाय को पीने का जो मजा है, निश्चित ही आपको यादगार अनुभव प्रदान करेगा।
दार्जिलिंग कई पवित्र मंदिरों का हिल स्टेशन है, जहां धार्मिक आकर्षणो की श्रृंखला आपका मन मोह लेगी। हिंदू मंदिरों के साथ ही यहां बौद्ध धर्म को मानने वाले मठों की संख्या भी खूब है, जहां पहुंचकर आप शांत वातावरण में आध्यात्मिक सुख की अनुभूति कर सकते हैं। कुछ की वास्तुकला जापानी संस्कृति से मेल करती हुई प्रतीत होती है। तिब्बती और बौद्ध धर्म के अनुयायियों की यहां अच्छी खासी संख्या देखने को मिलती है।
दार्जिलिंग में मानसूनी सीजन में चाय बागानों की सैर करना एक लोकप्रिय अनुभव हो सकता है, जहां घूमना हर पर्यटक की टू डू लिस्ट में शामिल हो सकता है, जहां भ्रमण करना और जीवंत हरियाली के अनुभव को महसूस करना, एक रोमांचक अनुभव हो सकता हैं। चाय बागानों की पैदल यात्रा कपल्स को बहुत लुभाती है साथ ही एकांतिक पसंद लोगों की भी यह मनपंसद हॉबी हो सकती है।
दार्जिलिंग में घूमना और खरीदारी करना पर्यटक की बहुत पंसदीदा च्वाइस होती है, हर जगह की अपनी कोई विशेषता होती है, जिसे पर्यटक अपने साथ प्रतीक चिन्ह के रूप में खुद के लिए और औरों के लिए भी ले जाने के विशेष इच्छुक रहते हैं। मानसूनी सीजन के दौरान भी यहां से बढिया सी खरीदारी का आनंद ले सकते हैं।
अगर आप को धुंध भरे नजारों को देखना अच्छा लगता है तो बारिश का मौसम दार्जिलिंग घूमने के लिए आपके लिए सर्वोत्तम समय है, जब फॉगी से दृश्यों के समूह आपको मन को झकझोर देते हैं।
दार्जिलिंग पर्यटन करते समय रोपवे से शानदार सीन्स को देखना बहुत आकर्षक लगता है, इतनी ऊंचाई से दार्जिलिंग की मोहकता को निहारना आपको रोमांचित कर सकता है।
महाकाल मंदिर से दार्जिलिंग को देखने का सुखद अनुभव आध्यात्मिकता बढाने के साथ ही अद्भुत नजारों का दीदार भी कराता है, इस मंदिर की पहाड़ी से पर्वत कंचनजंगा के विशाल परिदृश्यों के साथ हरियाली का आनंद भी ले सकते हैं। महाकाल मंदिर भगवान शिव को समर्पित मंदिर के साथ जिस हिल पर उपस्थित है, इसे वेधशाला हिल भी के नाम से भी जानते हैं। मानसून के दिनों में माउंट कंचनजंगा को देखना वातावरण की दृश्यता पर निर्भर करता हैं, क्योंकि नजारें धुंधले होते हैं।
एक रेलवे है जो सर्पिलाकार यानी लूप की तरह बनी हुई है, जो मानसूनी ऋतु में अधिकतर धुंध से ढकी रहती है, जो मंत्रमुग्ध कर देने वाली तस्वीरों के साथ गोरखा सैनिकों को समर्पित एक स्मारक भी है, इसके माध्यम से उन सैनिको को श्रद्धांजलि अर्पित की गई है जिन्होंने भारतीय स्वतंत्रता के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी।
घने जंगलो के बीच बना यह श्वेत पैगोडा जापानी संस्कृति का प्रदर्शित करता हुआ अति मनोरम प्रतीत होता है। शांत वातावरण, धार्मिक स्थिरता और हरे भरे दृश्यांं के संगम और बौद्ध भिक्षुओं की उपस्थिति का तालमेल सभी धर्मों, वैचारकों को एकजुट करने की इच्छा से बनाया गया, जो जलापहाड़ पहाड़ियों की ढलानों पर स्थित एक खूबसूरत आदर्शात्मक प्रतीक है, जो विश्व को शांति का संदेश देता है।
यिगा चोलिंग मठ के नाम से मशहूर यह मठ गेलुक्पा संप्रदाय से संबंधित है, यह मठ मैत्रेय बुद्ध की प्रतिमा जो लगभग 15 फीट ऊंची है, जाना जाता है। विभिन्न रंगों और कलाकृतियों से सजा घुम मठ अपनी इन्हीं विशेषताओं की वजह से पर्यटकों को बहुत लुभाता है, जो मानसूनी सीजन में धार्मिक और ध्यान लगाने वाले लोगों के लिए उपयुक्त स्थान है, मैत्रेय बुद्ध की अद्भुत प्रतिमा रंग बिरंगे वस्त्रों को धारण किये हुए बहुत आकर्षक प्रतीत होती है।
दार्जिलिंग का यह प्रमुख टी बागान है जो दूसरा सबसे पुराना है, लंबी कतारो में व्यवस्थित होती चाय की खेती अपने पर्यटकों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करती है, हरी भरी हरियाली को प्रदर्शित करते खूबसूरत बागान हैप्पी वैली के नाम को सार्थक करते हैं, जहां बारिश के दिनों में गीली पत्तियों की महक मन को खुशी से भर देती है।
बारबोटी रॉक गार्डन के नाम से प्रसिद्ध यह गार्डन दार्जिलिंग में प्रसिद्ध आकर्षण के रूप में जाना जाता है। पत्थरों के कटाव से बने पार्क जो देखने में बहुत अद्भुत प्रतीत होते हैं जहां चट्टानों की प्राकृतिक बनावट देखने में बहुत आकर्षक लगती है, और बरसात की ऋतु में पत्थरों और घनी हरियाली की शोभा देखने में बहुत सुंदर प्रतीत होती है। यहां एक छोटी सी झील भी है, जहां नौका विहार का आनंद भी लिया जा सकता है।
मानसूनी ऋतु में दार्जिलिंग सूरज की अद्भुत रोशनी से नहीं बल्कि अलौकिक धुंध भरे परिदृश्यों को सहेज कर पेश करता है। जब पर्वत कंचनजंगा के अविस्मरणीय नजारों के बजाए प्राकृतिक शानदार रंग हरियाली से ओतप्रोत वातावरण का माहौल शांति और ठंडक प्रदान करता है, दार्जिलिंग की खूबसूरती की कहानियां कहते पहाड़ियां, मंदिर, मठ, स्मारक वर्षा ऋतु में एक अलग ही कहानी कहते हैं जो आंखो के देखने से ज्यादा रूह से महसूस किए जाने वाले मीठे एहसासां की दास्तां होते हैं।