जुलाई का महीना लगभग पूरे भारत में बारिश का होता है। मानसून का एहसास कराता जुलाई महीना कई मायनों में बहुत स्पेशल है, मिट्टी की सौंधी सौंधी खुशबू, चारों तरफ हरियाली का वातावरण, पक्षियों की चहचहाहट और बारिश के पानी से भरपूर पूरे शबाब में गिरते झरने, प्रकृति का कण कण खिल जाता है इस महीने में, ऐसे में पर्यटन का महत्व और कई गुना बढ़ जाता है क्योंकि जब प्रकृति मुस्कुराती है तब घूमने का आनंद ही कुछ और होता है, जानते हैं भारत में जुलाई माह के दौरान पर्यटन योग्य 20 आकर्षक जगहों की विशेषताओं को
भारत के शीशमुकुट पर स्थित यह जगह अपने अतिशयोक्तिपूर्ण परिदृश्यों, अधिक ऊंचाई वाले इलाकों और अनोखी सांस्कृतिक विरासत के लिए लोकप्रिय है। यहां तिब्बती बौद्ध धर्म का शांतिपूर्ण प्रभाव है जो यहां के स्थलों की ऊंचाई के साथ आध्यात्मिकता को भी उच्च स्तर पर ले जाता है। लद्दाख में ट्रैकिंग ट्रेल्स के साथ मोटरबाइकिंग सबसे लोकप्रिय है जो एडवेंचर्स गतिविधियों के शौकीन लोगों की सबसे पसंदीदा एक्टीविटी है। बारिश के महीनों में भी बहुत ज्यादा बरसात न होने की वजह से यहां रिवर राफि्ंटग लोकप्रिय एक्टीविटीज में से एक है।
हिल स्टेशन के रूप में प्रसिद्ध दार्जिलिंग का हिमालयन रेलवे जिसे लोकप्रिय टॉय ट्रेन के नाम से भी जानते हैं इसको यूनेस्कों ने विश्व धरोहर स्थल के रूप में घोषित किया है। चाय बागानों की खुशबू और इनकी खासियतों की वजह से विशेष रूप से दार्जिलिंग की चाय को जीआई टैग भी मिला हुआ है, जिसका स्वाद लेते हुए आप यहां बागानों की सैर भी कर सकते हैं। भारत की सबसे ऊंची और विश्व की तीसरी सबसे उच्च चोटी कंचनजंगा के अविस्मरणीय दृश्यों और कई साहसिक गतिविधियों को करने के साथ ही स्थानीय बाजारों का लुत्फ ले सकते हैं, अनूठी बंगाली, तिब्बती और नेपाली संस्कृतियों का सम्मिश्रण हैं।
दक्षिण भारत के कश्मीर के नाम से लोकप्रिय यह हिल स्टेशन केरल की प्रमुख जगहों में से एक है साथ ही दक्षिण भारत का सबसे बड़ा चाय उत्पादक क्षेत्र के रूप में जाना जाता है, विशाल चाय बागानों में चाय बनाने के प्रोसेस को विस्तार से समझ और सीख सकते हैं। घुमावदार पहाड़ियों के सुंदर और धुंध भरे मनमोहक दृश्यों के नजारें बेहद खूबसूरत प्रतीत होते हैं। शांति प्रदान करते यहां के बैकवाटर्स एरिया बेहद आकर्षक लगते इस क्षेत्र का संबंध ब्रिटिश औपनिवेशिक काल से भी है जिसके बारें में यहां के मूल निवासी जनजातीय समुदाय मुथुवन से सुनने को मिलता है। विभिन्न जीवों के निवास स्थान के साथ ही यह विशेष प्रकार की वन्य औषधियों के लिए भी मशहूर है।
पर्यटकों के बीच प्रमुख लोकप्रिय हिल स्टेशन के रूप में प्रसिद्ध मनाली अपनी खूबसूरती और खुशगवार मौसम के बीच पर्यटकों को खूब लुभाता है। अद्भुत प्राकृतिक दृश्यों का खूबसूरत संकलन करता मनाली आराम और रोमांचकारी अनुभव प्रदान करता है। सुरम्य वातावरण, गहरी घाटियां, बहुत सारे ट्रेक और दर्रो की विशेषताओं से परिपूर्ण मनाली रिवर राफि्ंटग के रोमांचक मौके देता है। प्रकृति का अनुभव करने के साथ ही यहां ट्रैंकिग, पैराग्लाइडिंग, स्कीइंग और स्नोबोर्डिंग साथ अन्य कई साहसिक गतिविधियों से अपना मनोरंजन कर सकते हैं।
स्पीति वैली बेहद ठंडी रेगिस्तानी जलवायु क्षेत्र है जहां हैरान कर देने वाले परिदृश्यों के नजारें बहुत मनमोहक हैं। स्पीति वैली में बौद्ध और तिब्बती धर्म के लगभग सभी प्राचीन और अभूतपूर्व मठों की श्रृंखला है जिसकी प्रकृति गोद में पर्यटक अक्सर शांति और धार्मिकता की सीख लेते हैं और इसे छोटे तिब्बत की भी संज्ञा दी जाती हैं। अधिक ऊंचाई पर बसे गांव अपनी विशेष संस्कृति के लिए पर्यटकों के बीच आकर्षण का केंद्र हैं। घाटी में विभिन्न वन्य जीव जन्तुओं का घर होने के साथ ही कई सारी वनस्पतियों का भी गढ़ है, यहां हिमालयी नीली भेड़, हिम तेंदुए और अन्य विचित्र जानवर देखने को मिलते हैं।
पवित्र धरती के रूप में प्रसिद्ध ऋषिकेश अति पावन शहर है, जहां आध्यात्मिकता और धार्मिकता का विशेष स्थान है। पर्यटक यहां ध्यान की पराकाष्ठा को पाने के लिए विशेष साधना करते हैं। उत्तराखंड की धरती पर यह जगह प्राकृतिक सुंदरता के साथ ही तन और मन दोनों को रिचार्जअप करने का काम करती है। अलौकिक खुशी का एहसास कराती यह जगह विश्व को योग से परिचित कराते भारत देश की‘‘योग राजधानी या योग नगरी’’ नाम से जानी जाती है। अगर आप एडवेंचर शौकीन है और खूबसूरत नजारों के बीच कुछ समय बिताना चाहते हैं तो यह जगह आपके लिए बेहतर ऑप्शन हो सकता है।
खूबसूरत परिदृश्यों का नगर वायनाड अपनी हरियाली, मसाला बागानों की महक, झरनों और विविधता से परिपूर्ण वन्य जीवंतता के लिए प्रसिद्ध हिल स्टेशन है। यहां इलायची, काली मिर्च और कॉफी जैसे विविध मसालों की खूबियों के बारें में जान सकते हैं। बरसात के मौसम में यहां के आश्चर्यजनक झरनांं की निराली छटा है। जनजातीय जीवंत संस्कृति की पहचान को बरकरार रखता वायनाड ऐतिहासिक महत्वो और कई एडवेंचर्स एक्टीविटीज के लिए भी जाना जाता है। यहां के नीलगिरी बायोस्फीयर रिजर्व में विभिन्न जानवरों के साथ ही सुंदर पक्षियों की प्रजातियों को देखा जा सकता है।
हिमाचल प्रदेश की राजधानी और पहाड़ी क्षेत्रों के रूप में प्रसिद्ध शिमला जुलाई के महीनें अतिसुंदर दिखता है। पर्वतीय क्षेत्रों में बारिश का ज्यादा प्रभाव न होने की वजह से मौसम खुशगवार और दिलकश रहता है, ऐसे में ब्रिटिश औपनिवेशिक कला को परिभाषित करती यह जगह ऐतिहासिक और प्राकृतिक दृष्टि से अनोखी और बेमिसाल है। घुमक्कड़ी के शौकीन लोगों के लिए शिमला उन पंसदीदा जगहों में से एक है जहां जाने का ख्वाब प्रत्येक पर्यटक का होता है।
खूबसूरत हिल स्टेशन के रूप में मंसूरी पर्यटकों को लुभाता है। बरसात के मौसम में केम्पटी फॉल्स का कई धाराओं में बंटकर गिरना आकर्षण का केंद्र के रूप में प्रसिद्ध है, पहाडियों के अद्भुत दृश्यों के साथ उड़नखटोले से सैर करना रोमांचक अनुभव प्रदान करता है। पहाड़ियों पर बादलों की रूहानी छांव इस जगह की खूबसूरती को बेहिसाब बढाता है, मौसम की खूबसूरती का मज़ा लेने के साथ ही यहां कई सारी रोमांचकता से भरी गतिविधियों को भी एन्जॉए कर सकते हैं।
नीले पानी के झील के किनारे पर बसा टूरिस्ट प्लेस पर्यटकों के बीच खासा पसंद किया जाता है। घनी हरियाली की छांव में तेजी से गिरते फॉल्स के नजारें, झीले के किनारों पर बने मोटरबोट हाउस और ऊंचे ऊंचे वृक्षों की अद्भुत श्रृंखला कोडाईकनाल को बेहतर आकर्षक बनाने का काम करते हैं। हरे भरे घास के मैदानों में दूर तक भ्रमण करना, धुंध भरे बादलों को स्पर्श करना, इन सब के बीच बसे हुए इनके प्रमुख गांव के दृश्य जिनकी मुख्य आजीविका पर्यटन पर ही आधारित है। पहाड़ियों पर खड़ी सीधी स्तंभ चट्टानें, सीढीनुमा खेती और 12 वर्षां में एक ही बार खिलने वाले कुरिंजी फूल की शोभा की वजहों से यह हिल स्टेशन हिल स्टेशनों की राजकुमारी के रूप में जाना जाता है। वन्य जीवों और जन्तुओं के लिए भी कोडाईकनाल उत्तम स्थान हैं, यहां नीलगिरी तहर, उड़ने वाली गिलहरी और भारतीय गौर शामिल है।
इसे कोडागु नाम से भी जाना जाता है, जो पश्चिमी घाटों की पूर्वी ढलानों पर स्थित फेवरेट हिल स्टेशन है, सबसे ऊंची चोटी पुष्पगिरी है इसी के पास से कावेरी नदी निकलती है जो दक्षिण भारत की मुख्य नदियों में से एक है। प्राकृतिक महत्व के साथ ही पौराणिक कहानियों के प्रभाव दिखाई पड़ते हैं। प्रकृति के आशीर्वाद की वर्षा में यह हिल स्टेशन अद्भुत अकल्पनीय और अविस्मरणीय दृश्यों का संकलन करता है। झीलें, हरे भरे घास के मैदानों की शोभा, मोहक ध्वनि के साथ गिरते झरने जिसमें नहाने का अपना ही मजा है। तिब्बती स्वर्ण मंदिर की सुंदरता देखते बनती है। कूर्ग को कई उपनामों से नवाजा है जो कई चोटियों और नदियों के मुहानों से परिपूर्ण है, नदी इस स्थान से अरब सागर में प्रवेश करती हैं।
कुमाउं पहाड़ियों की रेंज में स्थित उत्तराखंड का लोकप्रिय डेस्टिनेशन नैनीताल सैलानियों की पहली पसंद पर रहता है। शानदार तालों की खूबसूरती के लिए मशहूर नैनीताल नैनी झील के किनारे पर बसा हुआ है, जिसकी उत्पत्ति को लेकर पौराणिक कथाएं कही जाती हैं, यहां सती जी के नेत्र गिरे थे, उनका यहां मंदिर भी अवस्थित है, इसी नाम पर इस झील का नाम नैनी झील पड़ गया। नैनी झील के किनारे किनारे टहलना और शहर की सुंदरता को देखना मन को प्रसन्नता प्रदान करता है। झीलों और पहाड़ियों की गोद में बसा नैनीताल नौका विहार, ट्रैकिंग ट्रेल्स और खूबसूरत अनुभव देने वाला शहर है। मानसून के मौसम में पहाड़ी क्षेत्रों का मौसम और सुहावना हो जाता है, ऐसे में पर्यटन की शोभा देखते बनती है।
गंगटोक का शाब्दिक अर्थ है पहाड़ी की चोटी, यह सिक्किम राज्य की राजधानी के रूप में प्रसिद्ध एक पर्यटनीय स्थल है। यहां के जलप्रपात, पहाड़ और गंगटोक से दिखाई देने वाला माउंट कंचनजंगा का विहंगम दृश्य आंखों को अकल्पनीय अनुभव प्रदान करता है। पूर्वी भारत का शानदार सितारा गंगटोक कई आकर्षक केंद्रों का स्थान है। बौद्ध मठों के धार्मिक वातावरण, विशाल दर्रे, बर्फ की चोटियां, हरियाली का दामन और साफ नीला आकाश गंगटोक को और खास बनाते हैं। यहीं पर सात बहनों के नाम से प्रसिद्ध झरने प्रवाहित होते हैं जिनमें मानसून के मौसम में जल की अधिकता से बहुत सुंदर नजारों का निर्माण होता है। आध्यात्मिकता प्रेमी ध्यान की तलाश में यहां आना पंसद करते हैं और प्रकृति प्रेमी सुंदरता के विहंगम दृश्यों का दीदार करने को इस धरा पर कदम रखते हैं। सिक्किम के गंगटोक में हर वर्ग के लिए बेहद खास आकर्षण हैं।
वैसे तो यह शहर झीलों के शहर के नाम से विश्व भर में विख्यात है लेकिन यहां पर्यटन की दृष्टि से झीलों के साथ ही कई फेमस पैलेस, किले और स्मारकें अवस्थित हैं। धार्मिक महत्व की बात करें तो यहां से कुछ दूरी पर श्रीनाथ जी का मंदिर श्रद्धालुओं को अपनी ओर आकर्षित करता है। झीलों के सुंदरतम दृश्यों के बीच बसा यह शहर अपने गौरवपूर्ण इतिहास के लिए भी जाना जाता है। किसी समय में मेवाड़ की राजधानी के नाम से प्रसिद्ध इस जगह में आज भी महत्वपूर्ण इमारते अवस्थित हैं, जिनकी वास्तुकला और सफेद संगमरमर के प्रयोग से वह आज भी अवलोकनीय हैं। राजस्थान की फेमस सिटी उदयपुर राजे रजवाड़ों की लोकप्रिय नगरी रही है जिसकी छाप आज भी यहां भली भांति देखने को मिलती है।
रेगिस्तान के नखलिस्तान के रूप में प्रसिद्ध माउंट आबू की खूबसूरती, मानसून के मौसम में देखने लायक होती है। अरावली पर्वतमाला पर मौजूद यह हिल स्टेशन धार्मिक स्थानों के लिए भी लोकप्रिय स्थान है। प्रसिद्ध दिलवाड़ा जैन मंदिर जिसको विमलशाह अपने भाइयों की मदद से तैयार करवाया था, जो जैन धर्म के अनुयायियों के लिए प्रमुख मंदिरों के रूप में प्रसिद्ध है। नदियों, झीलों, झरने और सदाबहार वनस्पतियों के साथ ही यहां कई प्रमुख हिंदू धर्म के पवित्र स्थान भी है। पुराणों के अनुसार इस स्थान को ऋषि मुनियों की तपस्थली के रूप में भी जानते हैं, जिसका प्राचीन नाम अर्बुदारण्य था जो धीरे धीरे आबू नाम में परिवर्तित हो गया। विशेष बात है कि यह राजस्थान का एकमात्र हिल स्टेशन है, जो पर्यटकों को राजस्थान और गुजरात की गर्मी से बचाने के लिए प्रसिद्ध और लोकप्रिय जगह है। इस पर्वत का जिक्र कई शिलालेखों और अभिलेखों में भी देखने को मिलता है। शानदार मौसम के साथ पौराणिक और आध्यात्मिक महत्व को बयां करता माउंट आबू प्रकृति की चाह और धार्मिक पर्यटकों के अनुरूप स्थान है।
सबसे पहले सूर्योदय के नजारों से सुशोभित होने वाले अरूणाचल प्रदेश मे स्थित तवांग बेहिसाब खूबसूरती की मिसाल है। हरियाली के रंगों को बिखेरता यह स्थान धार्मिक दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण स्थान है जहां बौद्ध और तिब्बती मठों के आकर्षण हैं और यहां प्राकृतिक सौंदर्य से सराबोर कई आकर्षण हैं जैसे झीलें, झरनें, ऊंची ऊंची चोटियां और विभिन्न पशु पक्षियों की उपस्थिति, जो दर्शाती है प्रकृति में इनकी महत्ता और इनकी खूबसूरती को। तवांग अरूणाचल प्रदेश का शीर्ष पर्यटन स्थल है जो राष्ट्रीय राजमार्ग 13 पर स्थित है। तवांग शब्द का अर्थ है-घोड़े द्वारा चुना गया। कहते हैं कि यहां की धरती को मठ के लिए मेरा लामा लोद्रे ग्यात्सो के घोड़े द्वारा चुना गया था। पर्यटन क्षेत्र होने के साथ ही यह ब्रिटिश समय से ऐतिहासिक जगह के रूप में भी प्रसिद्ध है।
पुणे के पास मौजूद हिल स्टेशन महाराष्ट्र का फेमस टूरिस्ट पॉइंट है जो मुंबई और पुणे को जोड़ने वाली रेलमार्ग का एक प्रमुख ठहराव भी है। हरियाली का आंचल फहराये खूबसूरत लोनावला इतना आकर्षक है कि यहां का सुरम्य परिवेश, धुंध भरे बादल और दूर दूर तक पहाड़ियों की झलक मन को भाव विभोर कर देती है। जुलाई के समय यहां अच्छी वर्षा भी होती है जो पर्यटकों को अपनी ओर लुभाती है, लोनावला के निकट ही खंडाला भी फेमस डेस्टिनेशन है जिन्हें आपस में जुड़वां हिल स्टेशन भी कहते हैं। प्रकृति की सुंदरता के साथ ही ऐतिहासिक दृष्टि से भी यहां देखने को बहुत कुछ है जैसे लोहागढ और विसापुर किले साथ ही करला, भजा और बेडसा गुफाओं को देख सकते हैं। यहां आने की कनेक्टीविटी भी बेस्ट है जो मुंबई पुणे एक्सप्रेस वे पर है, साथ ही कई प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है।
बर्फ की श्वेत वादियां, अनंत नीले आकाश की दृश्यता और झीलों पर तैरते शिकारे, कश्मीर की खूबसूरती की जितनी मिसाल दी जाए उतनी कम है, यहां के सौंदर्य को शब्दों में बयां कर पाना संभव ही नहीं है, यह तो एक प्यारा सा एहसास है जिसे सिर्फ महसूस किया जा सकता है। यहां कई ऐसी जगह है जो पर्यटन की दृष्टि से बेहद खास है। प्रकृति के आशीर्वाद को सहेजता कश्मीर कई मर्ग, झीले, मंदिर, ऐतिहासिक स्मारक और घाटियों का स्थान है और श्रीनगर, कश्मीर की राजधानी के रूप में जानी जाती है। पहाड़ों पर झुकते बादलों के नजारें, दूर दूर तक शांति का आवरण लिये घास के मैदान अपनी मौन उपस्थिति से बहुत कुछ कहते हैं, जो पर्यटकों के दिल में सीधे दस्तक देता है।
सतारा जिले के पास अवस्थित यह हिल स्टेशन ब्र्रिटिश काल से ही ऐतिहासिक रूप से भी महत्वपूर्ण है और कृष्णा नदी के उद्गम स्थान होने की वजह से हिंदू धर्म के अनुयायियों के लिए एक तीर्थस्थल के रूप में भी जाना जाता है साथ ही महाराष्ट्र के स्ट्रॉबेरी क्षेत्र के रूप में भी जाना जाता है। अगर आप ठंडे वातावरण की तलाश के साथ ऐतिहासिक स्मारक और किलों का दर्शन करना चाहते हैं तो महाबलेश्वर एक बेस्ट ऑप्शन हो सकता है। कृष्णा नदी के साथ ही यहां 5 नदियां वेन्ना, कोयना, सावित्री और गायत्री प्रवाहित होती हैं जिन्हें पंचनद भी कहते हैं। प्रतापगढ फोर्ट जो विरासत का धनी है और आर्थुर सीट जो देखने में पहाड़ों की एक कला है जहां सावित्री घाटी और ब्रहम आर्यन वैली के मनोरम दृश्यों का संकलन है।
रामायणकालीन अवशेषों को अपने सीने में समेटता कर्नाटक का यह शहर अभूतपूर्व और अविस्मरणीय नगर हैं जिसे त्रेता युग के महाराजा सुग्रीव के शहर किष्किंधा की संज्ञा दी जाती है। हम्पी विजयनगर साम्राज्य के हिस्से में आने की वजह से इसका जुड़ाव मध्यकालीन इतिहास से भी है। मानसून के महीनों में यहां का मौसम खुशगवार और हरा भरा रहता है, पर्यटक यहां मौसम की खूबसूरती का लुत्फ लेते हुए प्रमुख पर्यटन स्थलों का दीदार कर सकते हैं। आप यहां की प्रमुख हम्पी बाजार में खरीदारी का अनुभव भी ले सकते हैं।
भारत में जुलाई का महीना खुशगवार महीनों में से एक है जब हर तरफ हरियाली संपन्न वातावरण पर्यटन के लिए सर्वोत्तम वातावरण का निर्माण करता है। कहीं ज्यादा बारिश होती है, कहीं कम और कहीं सामान्य पर इस मौसम की दस्तक मात्र मन को प्रसन्नता से भर देती है। अलग मौसमों का भारत के विभिन्न हिस्सों में भिन्न असर देखने को मिलता है, जो घुमक्कड़ी के लिए रोमांचक अनुभव प्रदान करते हैं।