विकास की नई परिभाषाओं को साकार करता भारत देश हर क्षेत्र में तरक्की और तकनीक के नये आयामों को गढ रहा है साथ ही उड्डयन और विमानन क्षेत्र में तेजी से बढते हुए अंतरराष्ट्रीय और स्थानीय स्तर दोनों में विशेष पहचान बना रहा है। भारतीय विमानन उद्योग एयरपोर्ट और विमान दोनों तरह से सेवाओं की बेहतर उपलब्धता के लिए नियमित अग्रसर है जो अति आवश्यक पहलू हैं। भारतीय हवाई अड्डों पर गौर करें तो यह क्षेत्रफल और यात्री ट्रैफिक उपलब्धता आधार पर बेहतर प्रदर्शन कर बड़े हवाई अड्डों की गिनती मे आते हैं, जो अपनी अलग अलग विशेषताओं की वजह से मशहूर हैं, आइए भारत में क्षेत्रफल के हिसाब से सबसे बड़े 15 हवाई अड्डों के बारें में विस्तार से जानते हैं।
हैदराबाद हवाई अड्डे के नाम से भी मशहूर यह हवाई अड्डा सबसे बड़े क्षेत्रफल और व्यस्त हवाई अड्डों में प्रमुख है, इसकी शुरूआत 2008 में बेगमपेट एयरपोर्ट की जगह पर हुई थी, वर्तमान में तेलंगाना के अन्तर्गत आता है। विकसित सुविधाओं को मुहैया कराता यह एयरपोर्ट दो रनवे से सुसज्जित है, जिसका पहला रनवे बहुत लंबा है, जो दुनिया का सबसे बड़ा यात्री विमान एयरबस ए380 को समाहित कर सकता है, एकीकृत यात्री टर्मिनल के साथ लगभग 33 मिलियन यात्रियों के लिए भी सुविधाजनक है। पूर्वी भाग घरेलू उड़ानों और पश्चिमी भाग अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के लिए संरक्षित है। यहां 46 इमिग्रेशन काउंटर, स्वयं से चेक इन करने के लिए 22 कियोस्क, सहायता प्राप्त चेक इन के लिए 96 कियोस्क, 9 गेट और 10 एयरोब्रिज के साथ कई और भी सुविधाओं का संग्रह हैं।
भारत के प्रमुख हवाई अड््डों में से एक है, जो नये नये रिकॉर्ड अपने नाम कर रहा है, जनवरी 2025 में यह हवाई अड्डा दुनिया भर के 150 गंतव्यों से जुड़कर भारत का पहला ऐतिहासिक एयरपोर्ट बन गया है साथ ही नेट जीरो कार्बन उत्सर्जन हवाई अड्डे के रूप में फाइव स्टार रेंटिग के साथ एशिया का पहला एयरपोर्ट बन गया है, जो अपनी नवीकरणीय ंऊर्जा, ग्रीन बिल्डिंग सर्टिफिकेशन, जल प्रबंधन, परिचालन दक्षता, इलेक्ट्रिक वाहन और टैक्सीबॉट और ऊर्जा प्रबंधन प्रणाली के तौर पर प्रसिद्ध है। आश्चर्यजनक बात है कि यह उपलब्धि निश्चित समय 2030 से बहुत पहले ही साल 2025 में ही हासिल कर ली गई है। यहां चार रनवे की उपलब्धता के साथ ही कई अन्य बेहतर सुविधाएं भी प्राप्त होती हैं।
इसे बेंगलुरू एयरपोर्ट के नाम से भी जाना जाता है, जहां मनोरंजन हेतु टर्मिनल 1 से बीरा टैपरूम और जौ व अंगूर नाम से मनोरंजन केंद्र बनाए गये हैं, यहां उड़ान भरने से पहले यात्रियों के लिए आराम की समुचित व्यवस्था है जहां कई शॉपिंग केंद्र के साथ मनपंसद खाने का स्वाद भी चख सकते हैं। इस एयरपोर्ट का ध्येय है कि हवाई अड्डा मानवीय भावनाओं की विविधताओं को प्रस्तुत करती एक जगह है, जहां टी2 पर दो थीमों की कलाएं जाहिर होती हैं - कर्नाटक की संपन्न विरासत की झलक और संस्कृति और भरत नाट्यशास्त्र के अन्तर्गत नौ रसों या भावनाओ को एन्जॉए करने का अवसर मिलता है, जहां 43 कलाकारों के साथ 60 अद्भुत कलाकृतियों को निहारा जा सकता है।
उत्तरी गोवा के पेरनेम तालुका में स्थित यह हवाई अड्डा भारत के प्रमुख हवाई अड्डों में से एक है, जो समय समय पर ग्राहकों को विभिन्न तरह की आकर्षक छूट प्रदान करता है, गोवा की प्रमुख पर्यटन स्थलों से बेहतरी से जुड़ा हुआ यह एयरपोर्ट कारपोरेट सामजिक उत्तरदायित्व को पूरी जिम्मेदारी से निभाने के लिए पहल कर रहा है जो सामाजिक बुनियादी ढांचे के निर्माण और सामूहिक स्थानों के पास समुदायों के जीवन में सुधार पर ध्यान केंद्रित करने की योजना है, जो इनकी शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वच्छता, सशक्तिकरण और आजीविका पर निर्धारित है। इस हवाई अड्डे का लक्ष्य वर्षा जल संचयन, सीवेज मैनेजमेंट, और एनर्जी प्रबंधन को मैनेज करना है जो इलेक्ट्रानिक गेट और स्वचालित ट्रे पुनप्राप्ति के साथ नवीनतम तकनीक को अपनाता है। एयरपोर्ट पर फार्मेसी, रेस्टोरेंट के साथ अन्य सुविधाएं मुहैया कराई जाती हैं, जहां आप रूकने से लेकर खरीदारी तक के अनुभवों को प्राप्त कर सकते हैं, यहां ड्यूटी फ्री उत्पाद भी मिलते हैं।
त्वरित स्वचालित चेक इन और ड्रॉप ऑफ के साथ यह हवाई अड्डा क्षेत्रफल के हिसाब से 5वां सबसे भारतीय हवाई अड्डा है जो तेज है और संपर्क रहित चेक इन के लिए चेहरा पहचानने वाली तकनीक इस्तेमाल करता है। इस हवाई अड्डे पर महाराष्ट्र की जीवंत संस्कृति को भली भांति विस्तारित करती यहां की सजावट अपने यात्रियों को विशेष तौर पर पंसद आती है, एयरपोर्ट के टी2 पर स्थित आर्टबीट ऑफ़ न्यू इंडिया संग्रहालय, हवाई अड्डे पर वैश्विक तौर पर सबसे बड़े सार्वजनिक कला प्रोग्राम्स में से एक है, जो सिर्फ महाराष्ट्र ही नहीं अपितु पूरे भारत की समृद्ध संस्कृति को दर्शाता है। टर्मिनल में एक प्रमुख मूर्तिकला का भी उदाहरण हैं जिसमें संपूर्ण भारत से आई 6000 कलाकृतियों का संकलन है, वास्तुशिल्प की विशेषताओं के साथ गाड़ियां, पूजा धार्मिक अनुष्ठान संबधित वस्तुओं का संकलन और डेली लाइफ की जरूरतों से जुड़ी वस्तुओं का प्रदर्शन है, जो भारत की विस्तृत सांस्कृतिक परंपराआेंं की विरासत और कला शिल्प कौशल पक्ष को उजागर करता है।
दक्षिण के प्रवेश द्वार के नाम से प्रसिद्ध यह एयरपोर्ट चेन्नई शहर का प्राथमिक हवाई अड्डा है, जो अंतरराष्ट्रीय तौर पर बेहतर कनेक्टीविटी के साथ भारत के प्रमुख हवाई अड्डों में से एक है। शानदार लाउंज, ड्यूटी फ्री दुकानें, विस्तृत खुदरा दुकानें, रेस्तरां, आउटलेट, मुद्रा विनिमिय अन्य बेसिक सुविधाओं के साथ यह एयरपोर्ट भारत के बड़े एयरपोर्ट में शामिल है, इस एयरपोर्ट को अपनी सुविधाओं और सेवाओं की बेहतर उपलब्धता के लिए विश्व स्तर पर कई पुरस्कार मिले हैं, ऑन टाइम प्रदर्शन के मामले में इसे साल 2021 में वैश्विक लिस्ट में 8वां स्थान मिला हुआ है और भी पुरस्कारों से इस एयरपोर्ट को नवाजा जा चुका है।
भारत में सार्वजनिक निजी भागीदारी पीपीपी के तहत बनने वाला पहला एयरपोर्ट है, जो दुनिया का पहला पूरी तरह से सौर ऊर्जा पर चलने वाला एयरपोर्ट है। अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के लिए यह तीसरा सबसे व्यस्त और भारत में सातवां सबसे बड़ा हवाई अड्डा है, जिसे संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिष्ठित सम्मान ‘चैपिंयस ऑफ द अर्थ’ सम्मान मिला है। हरित ऊर्जा को बढावा देता यह एयरपोर्ट विकास परियोजनाओं की 163 चालू परियोजनाओं के साथ लक्ष्य पूर्ण करने को अग्रसर है, यहां तीन मुख्य टर्मिनल हैं जिसमें घरेलू, व्यावसायिक जेट और इंटरनेशनल टर्मिनल हैं, इसके अलावा एक डोमेस्टिक कार्गो टर्मिनल और अंतरराष्ट्रीय निर्यात आयात कार्गो टर्मिनल भी है।
हवाई अड्डे के भीतर और बाहर बेहतर माहौल और ग्राहकों के अनुभव दायरे का विस्तार के साथ ग्राहक के साथ आत्मीय संबंधों का निर्माण करना इनका प्रमुख ध्येय है जो हमारी परिसंपतियों में सुरक्षा मानकों को सुनिश्चित करते हैं। ग्राहकों को अच्छाई साथ विकास के मूल दर्शन को ध्यान में रखते हुए डिजिटल विकास को बढावा देते हैं।
यह मिहान इंडिया लिमिटेड और एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के संयुक्त सहयोग द्वारा ऑपरेट किया जाता है, यह सभी मौसमों उपलब्ध रहने वाला हवाई अड्डा है, जहां 21 चेक इन काउंटर हैं और बोर्डिंग गेटों की संख्या डोमेस्टिक के लिए 6 और इंटरनेशनल के लिए 2 है। लगभग 1510 वर्ग मीटर का कार्गो काम्पलेक्स है, जहां 1400 से अधिक विमान आकाश छूते हैं और यहां की सुरक्षा की जिम्मेदारी सीआईएसएफ द्वारा निभाई जाती है।
यह असम राज्य का सबसे बडा हवाई अड्डा है जो पर्यटकों, व्यापारियों और स्थानीय यात्रियों के लिए एक प्रमुख केंद्र होने के रूप में भारत के सात राज्यों के लिए एक प्रवेश द्वार का कार्य करता है, जो कई सारे तीर्थस्थलों तक ले जाने का भी काम करता है। यह एक पूर्णतः परिचालित अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा है जिसे साल 2000 में ही अंतरराष्ट्रीय दर्जा मिला है, यह पूरे पूर्वोत्तर भारत के लिए आर्थिक संवाहक का भी काम करता है, जो क्षेत्रीय संपर्क योजना के तहत कार्य करता है।
यह कालीकट या करीपुर हवाई अड्डे के नाम से भी जाना जाता है जो केरल राज्य के अन्तर्गत आता है, सन् 1988 में बने इस हवाई अड्डे को साल 2006 में अंतरराष्ट्रीय तौर पर मान्यता मिली, इस एयरपोर्ट के लिए स्वर्गीय स्वतंत्रता सेनानी ने केपी केशव मेनन ने बहुत संघर्ष किया, हवाई अड्डा, नेशनल राजमार्गों से कनेक्टड है सबसे पास लगभग 2.5 किमी नेशनल हाईवे 966 है और एनएच 66, जो एयरपोर्ट से 8 किमी दूर है। केरल राज्य सड़क परिवहन निगम हवाई अड्डे से कोझिकोड शहर के लिए फ्लाईबस जो लो फेयर एयर कंडीशनर बस है, सेवाएँ संचालित करता है जो शहर तक यात्रा करने में सबसे सस्ते विकल्पों में से एक है।
लखनऊ एयरपोर्ट और अमौसी एयरपोर्ट के नाम से मशहूर यह हवाई अड्डा उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में अवस्थित, प्रदेश का सबसे बड़े हवाई अड्डों में से एक है, जो प्रमुख राजनीतिक गंतव्य के रूप में नामित है, नवाबों का शहर लखनऊ, सिर्फ एक ऐसा शहर है जिसकी तुलना क्वीसंलैंड की राजधानी ब्रिसबेन ने सिस्टर सिटी के रूप में की जाती है, जो हेरिटेज आर्क के बीच में स्थित है। इस एयरपोर्ट के टर्मिनल 3 की शुरूआत साल 2024 में पीएम मोदी द्वारा उद्घाटित हुई थी, जो अपने यात्रियों की सुरक्षा और कल्याण को प्राथमिकता देते हुए एक आरामदायक यात्रा कराने के लिए प्रतिबद्ध है।
तमिलनाडु के तीसरे सबसे बड़े शहर के रूप में प्रसिद्ध कोयंबटूर कई उद्योगों का केंद्र है, जिसे दक्षिण के डेट्राइट के नाम से भी जाना जाता है। यह हवाई अड्डा तेरह घरेलू और तीन अंतरराष्ट्रीय गंतव्यों के लिए सीधा संपर्क प्रदान करता है, जिसकी स्थापना 1940 में हुई थी, जिसे सन् 2012 में अंतरराष्ट्रीय दर्जा प्राप्त हुआ। इस हवाई अड्डे पर दो हैंगर मौजूद हैं जो कोयंबटूर फ्लांइग क्लब के विमानों और दूसरा निजी वाहकों के विमानों को आश्रय प्रदान करता है।
पिपरी चिंचवाड़ में सेवाएं प्रदान करता यह एयरपोर्ट नाइट लैंडिग सुविधाओं के साथ डीवीओआर डीएमई और एनडीबी जैसी नेविगेशनल सुविधाओं से सुसज्जित है, पुणे का हवाई यातायात कन्ट्रोल भारतीय वायुसेना द्वारा किया जाता है। इसे लोहागांव वायु स्टेशन भी कहा जाता है। पुणे एयरपोर्ट टर्मिनल में महाराष्ट्र की संस्कृति और विरासत को दर्शाते अनोखे डिजाइन्स हैं जिसमें पारंपरिक लोककथाओं की पेंटिग्स, वारली कला और शिवाजी की कांस्य प्रतिमा आंगुतको का ध्यान आकर्षित करती है। मेट्रो से बेहतर संपर्क जो केवल 3 किमी की दूरी से उपलब्ध है।
केरल की राजधानी के रूप में प्रसिद्ध इस शहर में इस एयरपोर्ट की नींव साल 1932 में रखी गई थी, लेकिन इसे आधिकारिक मान्यता सन् 1991 में मिली। यह एयरपोर्ट कोवलम के खूबसूरत नजारों के नजदीक है, जहां से और भी पर्यटन स्थल नजदीक हैं। यह शंकुमुगुम बीच से निकट है जो भारत के किसी जल निकाय से सबसे निकटतम हवाई अड्डों के रूप में पहचान बनाता है।
भारतीय हवाई अड्डों की प्रगति में निरंतरता भारतीय तकनीक, संस्कृति और अर्थव्यवस्था की प्र्रगति का परिचायक है। नागरिक विमानन एवं उड्डयन मंत्रालय के तहत उज्ज्वल भारत की दिशा में बढते कदम प्रत्येक एयरपोर्ट को अत्याधुनिक सुविधाओं और उन्नत तकनीक समृद्ध बनाने हेतु निरंतर प्रतिबद्ध और प्रगतिशील है जो सबसे सुरक्षित यात्रा कराने के लिए निर्बाध रूप से आवश्यक तत्व हैं।
प्रश्न 1. क्षेत्रफल की दृष्टि से सबसे बड़ा भारतीय हवाई अड्डा कौन सा है?
उत्तर 1. हैदराबाद स्थित राजीव गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा क्षेत्रफल के अनुसार सबसे बड़ा हवाई अड्डा है।
प्रश्न 2ः भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण एएआई का क्या महत्व है?
उत्तर 2ः भारत में हवाई अड्डों के विकास, रखरखाव, प्रबंधन के लिए जिम्मेदार संस्था के रूप में कार्य करती है।
प्रश्न 3ः भारत में लगभग कितने हवाई अड्डे हैं?
उत्तर 3ः भारत में लगभग 487 हवाई अड्डे हैं, जिसमें निजी और सरकारी के साथ घरेलू और अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे भी शामिल हैं।
प्रश्न 4ः कोचीन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा किस तरह की भागीदारी के अन्तर्गत आता है?
उत्तर 4ः कोचीन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा पीपीपी मॉडल पर बना भारत का पहला हवाई अड्डा है जो निजी क्षेत्र के अन्तर्गत आता है।
प्रश्न 5ः क्या, हवाई अड्डों पर घरेलू और अंतरराष्ट्रीय यात्राओं के लिए अलग अलग टर्मिनल होते हैं?
उत्तर 5ः जी हां
प्रश्न 6ः समय पर प्रदर्शन करने के मामले में कौन सा हवाई अड्डा प्रमुख है?
उत्तर 6ः समय पर प्रदर्शन करने के मामले में बेंगलुरू स्थित कैम्पेगोड़ा इंटरनेशनल हवाई अड्डा प्रमुख है।
प्रश्न 7ः गोवा में कितने एयरपोर्ट मौजूद हैं?
उत्तर 7ः गोवा में दो एयरपोर्ट मनोहर इंटरनेशनल हवाई अड्डा और दाबोलिम हवाई अड्डा अवस्थित हैं।
प्रश्न 8ः नई दिल्ली में कितने हवाई अड्डे हैं और उनकी विशेषता क्या है?
उत्तर 8ः नई दिल्ली में दो एयरपोर्ट मौजूद हैं, एक सफदरजंग एयरपोर्ट, जो घरेलू उड़ानों के लिए प्रमुख है और दूसरा इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा जो अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के साथ घरेलू उड़ानें भी संचालित करता है।
प्रश्न 9ः हवाई अड्डों को किन चुनौतियों का सामना करना पड़ता है?
उत्तर 9ः विशेष रूप से व्यस्त मौसम के दौरान उच्च यात्री यातायात प्रबंधन और कभी कभी मौसम की अनिश्चितता की वजह से समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
प्रश्न 10ः उत्तर प्रदेश के सबसे बड़े हवाई अड्डे के रूप में कौन सा हवाई अड्डा प्रमुख हैं?
उत्तर 10ः उत्तर प्रदेश में कुल 5 एयरपोर्ट अवस्थित हैं जिसमें से सबसे बड़ा और प्रमुख चौधरी चरण सिंह इंटरनेशनल हवाई अड्डा, लखनऊ है, जिसे अमौसी हवाई अड्डे के नाम से भी जानते हैं।