भारत की सिलिकाॅन वैली, स्टार्टअप हब के नाम से मशहूर, बैंगलोर का आधुनिक नाम बंगलुरू है। आम बोलचाल में इसका पूर्व नाम ही ज्यादा चलन में रहता है। भारत की तेजी से विकसित आईटी इंडस्ट्री की राजधानी बैंगलोर, देश का तीसरा सबसे बड़ा नगर है। तो वहीं लोकसंस्कृति में ‘भारत के उद्यान नगर’ उपनाम से प्रसिद्ध है। यह शहर विशाल होने के साथ ही ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और आधुनिक भी है। प्राकृतिक रूप से बात करें तो इस जगह को प्रकृति ने बहुत खूबसूरती से संवारा है। प्रकृति और आधुनिकता का ऐसा अनोखा संगम सिर्फ यहां ही देखने को मिल सकता है। साल भर सुहाने मौसम की सौगात देता ये शहर बरबस ही पर्यटको का दिल अपनी ओर लुभा लेता है। यहां हम बैंगलोर के 10 घूमने योग्य स्थानों का जिक्र करेंगे जिसके बारें में जानकर आप बैंगलोर में इन्हें घूमे बिना रह नहीं पाएंगे।
मैसूर के शासक टीपू सुल्तान का ये महल उनका ग्रीष्मकालीन निवास था। मुगल जीवनशैली पर बना यह महल पूरी तरह सागौन की लकड़ी से बना है इसमें खंभे, मेहराब और बालकनी हैं। ऐसा माना जाता है कि राजा टीपू सुल्तान ऊपरी मंजिल की पूर्वी और पश्चिमी बालकनी में अपना दरबार लगाते थे। महल की दीवारों पर खूबसूरत फूलों की आकृतियाँ सजी हुई हैं। महल के बाहर बगीचे बहुत शोभनीय प्रतीत होते हैं। टीपू की मौत के बाद, ब्र्रिटिश प्रशासन ने सिंहासन को ध्वस्त करके उसे टुकड़ों में नीलाम किया क्योंकि यह इतना कीमती था, कि कोई एक व्यक्ति एक साथ पूरा सिंहासन खरीद नहीं सकता था। टीपू सुल्तान का महल पर्यटकांे के लिए आकर्षण का केंद्र है। यह पूरे राज्य में बने कई बेहतरीन महलों में से अद्भुत है।
स्थानः श्रीरंगपटना, बैंगलोर।
उपयुक्त समयः अक्टूबर से फरवरी।
यह मंदिर निराकार शिव के सबसे प्रिय, करीबी भक्त और उनके वाहन नंदी बैल को समर्पित है। बैठे हुए बैल की विशाल प्रतिमा वाला ये मंदिर दक्षिण बेंगलुरू में है। हर दिन यहां बहुत बड़ी संख्या में भक्तगण आते रहते हैं। मंदिर का निर्माण लगभग 500 साल पहले हुआ है। किवंदती है कि कैंपेगोड़ा के शासक के स्वप्न में नंदी भगवान आये और एक मंदिर पहाड़ी पर निर्मित करने की बात कही। द्रविड़ शैली में बना यह मंदिर ना सिर्फ आस्था का प्रतीक है बल्कि वहां के किसानों का मानना है कि अगर वे नंदी कि प्रार्थना करते हैं तो वे अच्छी उपज का सुख ले सकते हैं। साथ ही मान्यता है कि विश्वभारती नदी प्रतिमा के पैर से निकलती है। इस मंदिर के पास लगने वाला मूंगफली मेला बहुत प्रसिद्ध है। बसवनगुड़ी मंदिर नाम से प्रसिद्ध इस बुुल टेंपल तक पहुंचने में कोई विशेष परेशानी नहीं होती है।
स्थानः बसवनगुडी, बैंगलोर।
उपयुक्त समयः नवंबर से दिसम्बर।
बेंगलुरू के प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों में से एक इस महल की वास्तुकला तुदौर शैली की है। 1880 में बने इस महल के निर्माण में उस समय लगभग 1 करोड़ रूपये लगे थे। ये बेंगलुरू का सबसे आकर्षक पर्यटन स्थल है जो सपनों और कल्पनाओं के महल की तरह लगता है। इसके सामने बना सुंदर उद्यान इसकी सुंदरता में चार चांद लगाता है। महल को बनाने में करीब 82 सालों का लम्बा समय लगा इससे आप समझ ही सकते हैं कि इसकी सुंदरता की सीमा को सिर्फ शब्दों में बयाँ करना आसान नहीं है। दरअसल इसके निर्माण मंे पूरी कोशिश की गई कि ये इंग्लैण्ड के विंडसर कास्टल की तरह दिखे। महल के अंदर की दीवार ग्रीक, डच और प्रसिद्ध राजा रवि वर्मा के पेंटिंग्स से सुशोभित है, जिससे इसकी शोभा कई गुना और बढ़ जाती है।
स्थानः पैलेस रोड, वसंत नगर, बैंगलोर।
उपयुक्त समयः अक्टूबर से फरवरी।
बेेंगलुरू के आकर्षक पर्यटन स्थलों में विधान सौधा का नाम भी आता है, इसका निर्माण वास्तुकला नियो-द्रविडियन शैली पर हुआ है। इस इमारत को वर्तमान में कर्नाटक राज्य की विधानसभा के रूप में जाना जाता है और इमारत का कुछ हिस्सा कर्नाटक सचिवालय के काम आता है। विधान सौधा की तर्ज पर बनी दूसरी इमारत को ‘विकास सौधा’ कहा जाता है। करीब 46 मीटर ऊंची यह इमारत बेंगलुरू की सबसे ऊंची इमारत है जिसमें वास्तुकला शैली के कई रंग देखने को मिलते हैं। इसके साथ ही यहां लगाई जाने वाली इन्द्रधनुषीय रंगों की प्रकाशीय लाइट्स, इसकी सुंदरता को कई गुना बढ़ा देती है।
स्थानः अम्बेडकर वीधी, सम्पांगी राम नगर, बैंगलोर।
उपयुक्त समयः नवंबर से फरवरी।
वर्ष भर अपने सुंदर, नवसृजित लाल पुष्पित हुए, गुलाबों की वजह से यहां का नाम लालबाग रखा गया। भारत के सबसे खूबसूरत वानस्पतिक बगीचों में से एक, इस बगीचे को हैदर अली और टीपू सुल्तान ने बनवाया था। इस बाग के अन्दर एक बहुत ही मनोहारी झील है जो करीब 1.5 किलोमीटर मंे फैली हुई है। इस झील की नज़ाकत एक द्वीप की तरह प्रतीत होती है, जो इसकी सुंदरता कोे नये आयामों तक पहुुंचा देता है। यहां एक ग्लास हाउस भी है। यहां एक स्थाई पुष्प प्रदर्शनी लगाई जाती है, जिसमें दुर्लभ प्रजातियों के पौधों को अफगानिस्तान और फ्रांस से लाया जाता है। इस बाॅटनिकल गार्डन में वनस्पतियों की 1000 से ज्यादा प्रजातियां पाई जाती हैं। इस बगीचे के मनमोहक वातावरण से मोहित होकर आप प्रकृति को धन्यवाद कहते नहीं थकेंगे।
स्थानः सुदामा नगर, मावाल्ली, बैंगलोर।
उपयुक्त समयः नवंबर से फरवरी।
बहुत ही विशाल क्षेत्र में बना यह पार्क, सैंकड़ों वर्षों पुराने पेड़, सुंदर झीलें, हरियाली से सजा इसका दामन, कमल के तालाब, फूलों की क्यारियां और भी बहुत कुछ, जो ऐसा लगता है मानो प्रकृति आपसे कुछ कहना चाह रही हो। यह जगह बैंगलोर के आकर्षक स्थानों में से एक है जिसकी सुंदरता की कोई मिसाल नहीं है। इस पार्क को देख कर पर्यटक बेंगलुरू शहर को ‘गार्डन सिटी’ के नाम से भी बुलाते हैं। यहां 6000 पौधों के साथ 68 किस्मों और 96 प्रजातियों के आसपास पौधें हैं। आम, अशोक, पाइन, इमली, गुलमोहर, बाँस जैसे वृक्ष इसकी रमणीकता को और बढ़ा देते हैं। अगर आप भी प्रकृति का बहुत करीब से आनंद लेना चाहते हैं तो इस पार्क का मज़ा जरूर लीजिए।
स्थानः केन्द्रीय प्रशासनिक क्षेत्र, बैंगलोर।
उपयुक्त समयः नवंबर से फरवरी।
नेहरू प्लेनेटेरियम बैंगलोर में स्थित एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है जो सभी आयु वर्ग के लोगों के लिए आकर्षक है। यहां एक ऐसी अद्भुत दुनिया होती है जो खगोलीय घटनाओं को बयां करती है। यहां आपको खगोलीय दृश्यों की अनुभूति होती है और ब्रह्मांड के रहस्य को सुलझाया जाता है। यहां की एक और महत्वपूर्ण विशेषता है खगोलीय शिक्षा केंद्र। यहां तारे, ग्रहों, उपग्रहों के इन सबकी गुत्थी सुलझायी जाती है। खगोल विज्ञान केंद्र, विज्ञान के क्षेत्र में रूचि बढ़ाने का काम करती है। यह इससे संबंधित रोचक तथ्यों को उजागर करने का काम करता है। और शिक्षात्मक मनोरंजन को बढ़ावा देता है।
स्थानः श्री टी चैदैया रोड, हाई ग्रांउड्स, बैंगलोर।
उपयुक्त समयः अक्टूबर से फरवरी
ये बैंगलोर का रोचक पर्यटन स्थल है, जिसे सर एम.विश्वेश्वरैया का नाम दिया गया है। इस संग्रहालय का सबसे मुख्य आकर्षण मोबाइल विज्ञान प्रदर्शन है, जो वर्ष भर होता है। यहां एक हवाई जहाज और एक भाप इंजन का भी प्रदर्शन किया गया है। अगर आप इलेक्ट्रानिक्स मोटर शक्ति, उपयोगकर्ता और धातु के गुणों के बारें में दिलचस्पी रखते हैं तो यहां इसके बारें में भी प्रदर्शन किया गया है। आप प्रगति को जिंदगी का हिस्सा बनाना चाहते हैं तो यहां के सेमिनार प्रदर्शन और वैज्ञानिक विषयों पर बने फिल्म शो का आनंद ले सकते हैं। यहां की प्रमुख ख़ासियतें- इंजन हाल, इलेक्ट्रानिक प्रौद्योगिकी वीथिका, किंबे कागज धातु वीथिका, लोकप्रिय विज्ञान वीथिका और बाल विज्ञान वीथिका है। यहां आकर आप प्रैक्टिकली उन चीजों को समझ सकते हैं जिन्हें सिर्फ किताबों में पढ़ा जाता है।
स्थानः कस्तूरबा रोड, चिन्नास्वामी स्टेडियम, बैंगलोर।
उपयुक्त समयः अक्टूबर से फरवरी
अगर आप पैदल भ्रमण और हाईकिंग के शौकीन हैं तो बनेरघट्टा उद्यान आपके लिए बेस्ट चयन हो सकता है। ये उद्यान जंगली बिल्लियोें, भारतीय तेंदुओ, बाघ, चीतों और हाथियों को प्राकृतिक रूप से रूबरू करवाता है। इस पार्क में एक सांप और मगरमच्छों का फाॅर्म भी है। बैंगलोर आने वाले पर्यटकों के मनोरंजन बढाने के लिए वन्यजीव संरक्षण को बढावा दिया जाता है। जिन्हें प्रकृति की गोद में रखने से वन्य प्रजाति के साथ ही पारिस्थतिकी तंत्र भी मजबूत होता है । प्राकृतिक प्र्राणी भंडार के मामले में यह उद्यान बहुत धनी है। यहां मौजूद तितली पार्क, जो नाम से ही इतना खूबसूरत है, बड़ी खूबसूरती से आपकी स्मृतियों में खुशियों के रंग भरने का काम करता है। अगर आप भी प्राकृतिक छांव मंे प्रकृति के इन अनमोल तोहफों का मज़ा लेना चाहते हैं तो बनेरघट्टा राष्ट्रीय उद्यान आपके लिए एकदम सटीक चयन साबित हो सकता है।
स्थानः बनेरघट्टा, बैंगलोर
उपयुक्त समयः अक्टूबर से जनवरी
नैसर्गिक सुंदरता का पर्याय नंदी हिल्स, बैंगलोर का एक बहुत आकर्षक पर्यटन स्थल है। यह एक हिल स्टेशन है, जो प्राकृतिक सुंदरता के साथ कई सारे दैवीय अनुभूति कराने वाले मंदिरों का स्थान है। यहां जरमाडागू झरने का दृश्य मंत्र मुग्ध करने वाला है तो वहीं अमरनारायण मंदिर में आप दर्शन कर सकते हैं। इस जगह को नंदी दुर्ग के नाम से भी जानते हैं।
स्थानः बेल्लारी रोड, नंदी हिल्स, बैंगलोर।
उपयुक्त समयः वर्ष भर।
बैंगलोर एक खूबसूरत शहर है जो प्राचीन युग की यादों से लेकर नवीन सृजनात्मकता की ओर अग्रसर है। हरियाली, जोश और तकनीक से भरपूर इस उत्कृष्ट शहर की सुंदरता को एक बार स्वयं देखकर महसूस कीजिए और इस अनूठे अनुभव के एहसास को अपनी सुखद यादों में जोड़ लीजिए।