दक्षिण भारत का प्राकृतिक सौंदर्य, रचनात्मक गतिविधियां और तकनीकी विकास अद्भुत है। विहंगम दृश्यों का आकर्षण, मौसम की अनुकूलता, पश्चिमी घाटों की सुंदरता, समुद्री किनारों की विशेषता, वन उपवन की अधिकता भारत के दक्षिणी भाग को एक आदर्श पर्यटन स्थान बनाता है। यहां के लग्जरी लाइफस्टाइल बात ही निराली है और अगर आप सोचते हैं कि यहां सिर्फ महंगे पर्यटन के ही अवसर मिलते हैं तो आज आपकी इस गलतफहमी को दूर करते हैं और पर्यटन की दृष्टि से सर्वोत्तम और आपके बजट के अनुकूल रहने वाले दक्षिण भारत के आकर्षण स्थलों के बारें में विस्तार से बताते हैं इस ब्लॉग में।
विजयनगर साम्राज्य के अन्तर्गत आने वाला यह शहर रामायण के किष्किंधा शहर से संबंधित है। यहां के पुराने खंडहर अवशेष, अशोक के अभिलेख और पंपा देवी तीर्थ क्षेत्र के रूप में प्रसिद्ध यह क्षेत्र बेहद ऐतिहासिक और पांरपरिक क्षेत्र है, पर्यटक जहां पुरातन काल से लेकर आधुनिक काल के साक्ष्यों को बेहतर तरीके से देख सकता है। हम्पी की कुछ स्मारकों को यूनेस्को ने विश्व धरोहर स्थल के रूप में भी नामित किया है। विजया महोत्सव वार्षिक रूप से मनाया जाता है, जिसका आयोजन विजयनगर के शासनकाल से लेकर आधुनिक कर्नाटक सरकार द्वारा करवाया जाता है।
निकटतम रेलवे स्टेशन व एयरपोर्टः होस्पेट जंक्शन रेलवे स्टेशन व जिंदल विजयनगर हवाई अड्डा
प्रमुख आकर्षणः ऐतिहासिक स्थलों का अन्वेषण, बोटिंग एवं रॉक क्लाइम्बिंग
स्थानीय किंवदंतियों और ग्रंथों के अनुसार यह क्षेत्र केरल के पावन स्थलों में से एक पर्यटन क्षेत्र है जो दक्षिणी केरल का भाग है। यहां की वर्कला आकार की चट्टानों को राष्ट्रीय भूवैज्ञानिक स्मारक के रूप में घोषित हैं, जो एक भू विरासत स्थल है। यहां अति प्राचीन जर्नादन स्वामी का मंदिर है जिसे दक्षिण का बनारस भी कहा जाता है। पहली ज्ञात पांडुलिपि में इस जगह के बारें में बलिता नाम से बताया गया है।
निकटतम रेलवे स्टेशन व एयरपोर्टः वर्कला शिवगिरी रेलवे स्टेशन व त्रिवेंद्रम एयरपोर्ट
प्रमुख आकर्षणः वाटर राफि्ंटग, बोटिंग के साथ शिवगिरी मठ, कपिल झील और अंजेगो किले को देख सकते हैं।
भारत के दक्षिणतम बिंदु के नाम से प्रतिष्ठित यह स्थान बहुत आकर्षक अद्वितीय दृश्य प्रस्तुत करता है जिसे केप कोमोरिन के नाम से भी जाना जाता है। आकर्षक पर्यटन स्थल होने के साथ ही यह एक प्रसिद्ध तीर्थस्थल भी है। कन्याकुमारी देवी के नाम पर इस स्थान का नाम पड़ा जिनका शाब्दिक अर्थ होता है ऐसी देवी जिन्होंने विवाह न किया हो और कुंवारी हों। समुद्री तट पर इनका पवित्र मंदिर भी स्थित है।
निकटतम रेलवे स्टेशन व एयरपोर्टः कन्याकुमारी रेलवे स्टेशन व त्रिवेंद्रम एयरपोर्ट
प्रमुख आकर्षणः विवेकानंद रॉक मेमोरियल, तिरूवल्लुर प्रतिमा के दर्शनों के साथ यहां के समुद्री तट से सूर्योदय और सूर्यास्त के नज़ारे बहुत आकर्षक प्रतीत होते हैं।
उदगमंडलम अन्य और भी नामों से इस जगह को जाना जाता है जो पर्यटकों की विशेष पसंद के रूप में हमेशा प्राथमिकता पर रहता है। नीलगिरी पहाड़ियों पर स्थित यह स्थान हिल स्टेशनों की रानी के नाम से मशहूर है। यहां की स्थानीय अर्थव्यवस्था मुख्यतः पर्यटन पर आधारित है। इस जगह की मैदानी इलाकों से अच्छी कनेक्टीविटी है जो इसे घूमने के लिए सुलभ बनाता है। नीलगिरी पहाड़ियों की ढलानों पर खिले नीले फूल इसके नाम को सजीवता देने का काम करते हैं।
निकटतम रेलवे स्टेशन व एयरपोर्टः मेट्टूपालायम रेलवे स्टेशन व कोयम्बटूर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा
प्रमुख आकर्षणः चाय बागानों का भ्रमण करने के साथ ही ऊटी झील और चोटियों का आनंद ले सकते हैं।
बहुत कम आबादी वाला यह क्षेत्र याना गुफाओं और महाबलेश्वर मंदिर के लिए सुप्रसिद्ध तीर्थ स्थल है जो हिंदू धर्मो के सात महत्वपूर्ण तीर्थस्थलों में से एक है। मान्यता के अनुसार ब्रह्मा जी ने यहां भगवान शिव का ध्यान किया था, जिससे भगवान शिव, ब्रह्मा जी के कान से प्रकट हुए और इस जगह का नाम गोकर्ण पड़ा। यहां पर मौजूद ओम आकार का तीर्थ देखने में रोमांचक प्रतीत होता है। इस स्थान को लेकर कई रोचक किंवदंतियां और दंतकथाएं प्रचलित हैं।
निकटतम रेलवे स्टेशन व एयरपोर्टः गोकर्ण रोड रेलवे स्टेशन व दाबोलिम, गोवा एयरपोर्ट या हुबली हवाई अड्डा कर्नाटक
प्रमुख आकर्षणः समुद्री किनारों पर नौकायन, मंदिरों और अन्य एडवेंचर गतिविधियां कर सकते हैं।
पुदुचेरी नाम से प्रसिद्ध यह क्षेत्र केंद्र शासित प्रदेश के अन्तर्गत आता है लेकिन यह चारों ओर से तमिलनाडु राज्य से घिरा हुआ है, जो इसे पर्यटकों के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र बनाता है। पांडिचेरी बहुत लंबे समय तक फ्रांसिसीयों का औपनिवेशिक केंद्र के रूप में रहने के कारण फ्रांसीसी प्रभाव से रचा बसा शहर है, इसे भारत का छोटा फ्रांस भी कहते हैं। जहां ऐतिहासिक इमारतें, टाउनशिप, समुद्री किनारे और फ्रांसीसी बस्तियांं के नमूने देखने को मिलते हैं। यहां के समुद्री तट अपनी अद्वितीय विशेषताओं के कारण बहुत प्रसिद्ध हैं।
निकटतम रेलवे स्टेशन व एयरपोर्टः विल्लपुरम रेलवे स्टेशन व चेन्नई हवाई अड्डा
प्रमुख आकर्षणः फ्रेंच तमिल कला के संगम को यहां के ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और वास्तुकला में देखने के साथ ही मंदिर और आश्रमों में आध्यात्मिक अनुभव कर सकते हैं।
दक्षिण भारत के कश्मीर के रूप में पहचाने जाने वाला यह क्षेत्र केरल के इडुक्की जिले में स्थित है, जो चाय बागानों के लिए प्रसिद्ध हिल स्टेशन के रूप में जाना जाता है। तीन नदियों के संगम से बना यह स्थान पर्यटन और बजट दोनों के अनुकूल होने के साथ ही प्रकृति के बेहद करीब होने का एहसास कराता है। यहां पाई जाने वाली मट्टुपेटी झील और उसके आसपास चाय के बागानों की उपस्थिति की शोभा अविस्मरणीय है।
निकटतम रेलवे स्टेशन व एयरपोर्टः बोदिनायक्कानूर रेलवे स्टेशन और कोचीन अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा
प्रमुख आकर्षणः अनैमुडी चोटी, कन्नन देवन टी म्यूजियम, पोथामेडु व्यूपॉइंट और अन्य लुभावने स्थलों को देख सकते हैं।
डिंडीगुल जिले में स्थित कोडाईनाल बहुत सुंदर पर्यटन हिल स्टेशन है जो पश्चिमी घाटों पलानी पहाड़ियों की खूबसूरत वादियों के बीच बसा हुआ अति लोकप्रिय स्थान है जिसे हिल स्टेशनों की राजकुमारी की संज्ञा दी गई है। बेहद कम आबादी वाला यह क्षेत्र प्रकृति का वरदान के रूप में भी जाना जाता है जिसका तमिल भाषा में शाब्दिक अर्थ भी यही है। इस जगह का उल्लेख तमिल संगम साहित्य के साथ और भी तमिल ग्रंथों में मिलता है। यहां भगवान मुरूगन से जुड़े ऐतिहासिक मंदिर अवस्थित हैं।
निकटतम रेलवे स्टेशन व एयरपोर्टः कोडाई रेलवे स्टेशन व मदुरई एयरपोर्ट, मदुरै
प्रमुख आकर्षणः बोटिंग, साइक्लिंग, ट्रैकिंग और घुड़सवारी का आनंद ले सकते हैं और प्रमुख स्थलों का भ्रमण कर सकते हैं जैसे कोडई झील, ग्रीन वैली व्यू, थलियार फॉल्स इत्यादि
अलपुझा या अलेप्पी केरल में लक्षद्वीप सागर में अवस्थित एक प्रमुख पर्यटन स्थल है जिसका इतिहास संगम युग से संबंधित है। इस शहर में परिवहन का साधन नहरें हैं। सागर पर स्थित होने के कारण यह बहुत रोमाचंक और आकर्षक पर्यटन स्थल है, इसे पूर्व के वेनिस के रूप में जाना जाता है। पुरातन काल के अवशेषों के साथ शिलालेख, मंदिरों और चट्टानों को काटकर बनाई गयी गुफाएं, और ऐतिहासिक स्मारक यहां प्रसिद्ध स्थलों की श्रेणी में जाने जाते हैं।
निकटतम रेलवे स्टेशन व एयरपोर्टः अलेप्पी रेलवे स्टेशन व कोचीन अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा
प्रमुख आकर्षणः बैकवाटर, समुद्री तटों का आनंद लेने के साथ ही हाउसबोट क्रूज़ और अन्य साहसिक गतिविधियों का अनुभव ले सकते हैं।
इसे मेडिकरी और कोडागु नाम से जाना जाता है। पश्चिमी घाटों के ढलानों पर स्थित यह खूबसूरत सा हिल स्टेशन प्रकृति की सुंदरता को बयां करता अनोखा स्थान है जहां कई नदियों के मुहाने हैं जहां से वह अरब सागर में प्रवेश करती हैं। इस जगह की सबसे ऊंची चोटी पुष्पगिरी है, इनके साथ तांडियामोल, कुमार पर्वत और ब्रहमगिरी का भी अवलोकन कर सकते हैं। यहां सबसे मुख्य नदी कावेरी है। भारत के कॉफी कप के नाम से मशहूर यह स्थान कई आकर्षणों को खुद में संजोए हुए है।
निकटतम रेलवे स्टेशन व एयरपोर्टः मैसूर जंक्शन व मंगलौर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा, कर्नाटक
प्रमुख आकर्षणः प्रकृति की सुंदरता, साहसिक गतिविधियों को करने के साथ ही यहां के लोकसंस्कृति को समझने का अनुभव ले सकते हैं।
भारत का ऐसा भाग जो तीनों ओर से समुद्र से घिरे होने के कारण विशेष जलवायु ज़ोन में जाना जाता है। यहां के प्रमुख हिल स्टेशन वर्ष भर अपने सुहाने मौसम और आकर्षक परिदृश्यों का संकलन करते अपनी अनुपम अद्वितीय छवि की वजह से पर्यटकों की पहली पसंद के रूप में प्रसिद्ध है। जहां समुद्र तटों की खूबसूरती के साथ आकर्षक मंदिरों की आध्यात्मिकता और पावन स्थलों की कहानियां जो पौराणिक रूप से यहां की पवित्रता को समर्पित हैं, पर्यटकों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करती हैं। ऐसे में दक्षिण भारत की यह यात्रा बजट फ्रेंडली होने पर और शानदार बन जाती है जो जेब पर ज्यादा बोझ न डालते हुए अनूठा एहसास प्रदान करती है।