मुंबई, यह नाम जे़हन में आते ही छवि बनती है, एक ऐसे शहर की जो कल्पनाओं का, सपनों का और उम्मीदों का है। भारत की आर्थिक व वाणिज्यिक राजधानी, मुंबई जो परिचायक है प्रगति का, समृद्धि का और साथ ही ये संजोए है, ऐतिहासिक और नये भारत की कई उपलब्धियाँ। मुंबई, यह नाम मुंबा देवी के नाम पर पड़ा। अगर आप भी मुंबई को सिर्फ बाॅलीवुड के लिए प्रसिद्ध मानते हैं, तो आपकी जानकारी अधूरी है, यहां हम आपको मुंबई के 10 प्रसिद्ध घूमने योग्य स्थानों के बारें में बताने जा रहे हैं।
‘भारत का प्रवेश द्वार’ जिसे ब्रिटिश काल में बनवाया गया था। यह ऐसा प्रसिद्ध स्मारक स्थल है कि यहां हमेशा सैलानियों का जमावड़ा लगा रहता है। मुंबई के ताजमहल के नाम से प्रसिद्ध यह जगह दरअसल आगरा के ताजमहल के प्यार की तरह निशानी नहीं है पर इसकी बनावट और संरचना के तरीके से यह देखने में ताजमहल जैसा लगता है। सरसेनिक आॅर्किटेक्चर का यह अनूठे नमूने का फाइनल डिजाइन जाॅर्ज विटेट द्वारा बनाया गया था। जब इसे बनाने की शुरूआत की गई थी, तब इसमें गुजराती वास्तुकला के गुण शामिल थे। लेकिन बाद में ये तरीका पूरी तरह बदल दिया गया और इसमें इंडो-सरसेनिक जुड़ाव दिया गया। यहां से आप सूर्योदय और सूर्यास्त के मंत्रमुग्ध कर देने वाले नज़ारों का दीदार कर सकते हैं।
स्थानः कोलाबा, मुबंई
उपयुक्त समयः नवंबर से मार्च
मुंबई का पौराणिक महत्व बताती यह गुफाएं एलिफेंटा द्वीप पर स्थित है। यहां पत्थर की बनी हाथियों की आकृति के कारण पुर्तगालियों द्वारा इस नाम को दिया गया। इसे घारापुरी के नाम से भी जानते हैं । ओमान सागर में एक द्वीप पर एक दूसरे से संबंधित सात गुफाओं का ऐसा दृश्य है जो हिन्दू पौराणिक कलाओं और संस्कृतियों का साक्षी है । गुफा के अंदर पत्थर पर जो कारीगरी है वो इसे बहुत विशेष बनाता है, इसमें सबसे ज्यादा प्रसिद्ध भगवान शिव की त्रिमुखी प्रतिमा और उनसे संबंधित नक्काशी है। बारिश के महीने मंे इन गुफाओं मंें जाने से बचना चाहिए। इन गुफाओं की खोज राष्ट्रकूटों राजाओं द्वारा की हुई थी।
स्थानः गेटवे आफ इंडिया, कोलाबा से 10 किमी दूर ओमान सागर में।
उपयुक्त समयः नवंबर से फरवरी
संजय गांधी राष्ट्रीय परिसर में स्थित यह गुफाएं बौद्ध कला को इंगित करती हैं। कन्हेरी या कृष्णगिरी इसका अर्थ काला पर्वत होता है। सालसेट द्वीप पर अवस्थित पर्वत की बड़ी बड़ी बेसाल्ट चट्टानों को काटकर बनाया गया यह स्थान बौद्धों का चैत्य है। बौद्ध धर्म की हीनयान शाखा का इस पर ज्यादा प्रभाव दिखाई देता है साथ ही महायान शैली के वास्तुकला की झलक मिलती है जिसमें वज्रयान से संबंधित आदेश के कुछ मुद्रण भी शामिल हैं। यह इकलौता ऐसा स्थान है जहां बौद्ध धर्म और वास्तुकला की लगातार प्रगति को दूसरी शताब्दी ईस्वी से 9वीं शताब्दी ईस्वी तक एक स्थायी विरासत के रूप में देखा जाता है।
स्थानः बोरीवली, मुंबई
उपयुक्त समयः नवंबर से फरवरी
एक आकर्षक तटीय स्थान, जिसकी लोकप्रियता की सबसे बड़ी खूबसूरती है, 3.6 किमी लंबा वक्राकार सैरगाह। जिसकी रात में जगमगाती रोशनियों की लड़ी एक मोतियों की माला की तरह लगती है और इसी वजह से इस जगह को ‘रानी का हार’ भी कहते हैं। अरब सागर के किनारे पर फैला मरीन ड्राइव मालाबार हिल्स तक है। यहां का हर नज़ारा बहुत ख़ास हे, चाहे आप अकेले सैर पर एकांतिक शांति के लिए निकले हों, या परिवार के साथ मौज मस्ती के इरादे से, यहां हर किसी को कुछ न कुछ विशेष जरूर मिलता है। भागती दौड़ती मुंबई की लाइफ स्टाइल से प्राकृतिक राहत देने वाली यह जगह घूमने वालों की पहली पसंद होती है। यहां से सूर्यास्त के मनोहारी दृश्य को देखने के साथ ही आप मुंबई की वास्तुकला को भी निहार सकते है और सिर्फ यही नहीं, यहां मिलने वाले स्ट्रीट फूड्स का स्वाद भी लाजवाब होता है। मरीन ड्राइव पर सैर का मतलब सिर्फ अद्भुत नजारों के दृश्य या मंुबई के प्राकृतिक क्षितिज को देखना ही नहीं है, यह एक ऐसी याद है जो मुंबई की नई पहचान देता है।
स्थानः अरब सागर का किनारा, दक्षिण मुंबई, मुंबई
उपयुक्त समयः अक्टूबर से मार्च
हिंदू धर्म के प्रमुख तीर्थस्थलों में से एक इस मंदिर की एक ख़ास विशेषता यह है कि यहां विराजे गणपति दाईं ओर मुड़ी सूँड वालेे हैं जिनसे जुड़ी मान्यता यह होती है कि ऐसे गणपति सिद्ध पीठ होते हैं और बहुत ही जल्दी प्रसन्न और बहुत जल्दी कुपित भी होते हैं। चार भुजाओं वाला यह विग्रह काले शिलाखंड से बना हुआ है जिसके ऊपरी दांए हाथ में कमल, बाएं हाथ में अंकुश, नीचे तरफ दाहिने हाथ में मोतियों की माला और दूसरे हाथ में उनका विशेष प्रिय मोदक है।मस्तक पर पिता की तरह तीसरा नेत्र व गले में सर्प की माला है। 2.5 फीट ऊंचे और दो फीट चैड़े, इस विग्रह के दोनों ओर उनकी पत्नियां त्रद्धि व सिद्धि हैं, जो धन,ऐश्वर्य सफलता और संपन्नता का पर्याय हैं।
स्थानः प्रभादेवी, मुंबई
उपयुक्त समयः अक्टूबर से मार्च
अरब सागर के तट पर स्थित एक प्रसिद्ध जगह जो कई मायनों में बेहद ख़ास है। यह स्थान वर्ष भर पर्यटकों की पंसदीदा लिस्ट में रहता है। यहां फिल्मस् की शूटिंग होती है। मुंबईया स्ट्रीट फूड्स भेलपूरी, पानीपूरी, और सेवपूरी का अनोखा स्वाद चख सकते हैं जो विशेष रूप से मुंबई शैली से आपका परिचय करवाते हैं। इसके अलावा विभिन्न तरह के कलाबाज़, अपनी अपनी कला का प्रदर्शन करते हैं, जिसे स्ट्रीट फूड्स का आनंद लेते हुए समुद्र किनारे बैठकर देखना, बहुत लुभावना एहसास देता है। यहां का मसरूफ पर शांत वातावरण कई बाॅलीवुड हस्तियों का और कई बिजनेस क्लास का निवास स्थान है, इस वजह से जुहू को ‘बाॅलीवुड का बेवर्ली हिल्स’ भी कहते हैं।
स्थानः सिल्वर बीच 2, जेवीपीडी स्कीम, जुहू, मुंबई
उपयुक्त समयः सितंबर से मई
मुंबई के सबसे प्रसिद्ध पर्यटक आकर्षणों में से एक चिड़ियाघर का एक नाम वीरमाता जीजाबाई भोंसले उद्यान है, यह नाम मराठा साम्राज्य के हीरो शिवाजी की माँ के नाम पर रखा गया है। यह भारत का सबसे पुराना चिड़ियाघर है, जिसका निमार्ण 1861 में हुआ था। इस ज़ू में 180 स्तनधारियों, 500 पक्षियों, और 40 सरीसृपों का आश्रय स्थान है।वनस्पति की बात करें तो यहां पेड़ों की लगभग 3000 प्रजातियां हैं, जो लुप्त होने की कगार पर हैं। यह शेर, लकड़बग्घा, लोमड़ी, माॅनिटर छिपकली, काले हिरन, बंदर, भालू, दरियाई घोड़े, मगरमच्छ, और लंगूर जैसे जानवरों की प्रजातियां का गृह है। इस चिड़ियाघर का एक प्रमुख आकर्षण हैं यहां का डाॅ भाऊदाजी संग्रहालय में पुरातात्विक और ऐतिहासिक महत्व की कलाकृतियों और अवशेषों जैसे मिट्टी के माॅडल, चांदी, कांस्य और तांबे के बर्तन वेशभूषा और अतीत के हथियारों का एक विशाल संग्रह है। इसकी सबसे शानदार संपत्तियों में हातिमताई की 17 वीं शताब्दी की एक पांडुलिपि और एलिफेंटा द्वीप के बाहर से उत्पन्न अखंड बेसाल्ट हाथी की बरामद संरचना है। यहां पेंगुइन बाड़ा है, जिसमें मौजूद पेंगुइन्स पर्यटकों को लुभाती हैं।
स्थानः बायकुला, पूर्वी मुंबई, मुंबई
उपयुक्त समयः मार्च से मई, अक्टूबर से फरवरी
यह दरगाह प्रसिद्ध इस्लामी तीर्थस्थलों मे से एक है, जो 15वीं शताब्दी के सूफी संत पीर हाजी अली शाह बुखारी पर आधारित है। इस दरगाह का नाम सुनते ही बॉलीवुड का गीत ‘पिया हाजी अली’ और उस पर फिल्माया दृश्य आंखों के सामने आता है, जो ऐसा लगता है मानो अरब सागर के आधार पर बनी, दरगाह पानी पर तैर रही हो। इंडो-इस्लामिक वास्तुकला का सर्वश्रेष्ठ उदाहरण, मनभावन स्थान, भवन निर्माण सौदंर्य और प्रांसगिकता इन सबका अनूठा संगम इसे बहुत शानदार बनाता है। मकराना संगमरमर से बने इस स्मारक को चारों तरफ से चांदी के फ्रेम से कवर किया हुआ है, और पूरा निर्माण संगमरमर के आठ खंभों से घिरा हुआ है। यहां सभी धर्माें के लोग आशीर्वाद लेने के लिए आते हैं।
स्थानः वर्ली, मुंबई
उपयुक्त समयः अक्टूबर से मार्च
महाराष्ट्र के सात अजूबों में से एक यह पैगोेडा शांति, सदभाव और महात्मा बुद्ध की शिक्षाओं के प्रसार के लिए कार्य करता है। यहां लगभग 8 हज़ार लोग एक साथ ध्यान साधना कर सकते हैं। इस पैगोडा के मध्य में दुनिया का सबसे बड़ा पत्थर का गुबंद है जो बिना किसी सहायक स्तंभ के निर्मित है, इसकी ऊंचाई लगभग 29 मीटर है, जबकि पूरी इमारत की ऊंचाई 99 मीटर है। निर्माण विपश्यना के शिक्षक और स्वतंत्र बर्मा के पहले महालेखाकार, ‘सया जी उ बा खिन’ की याद में कृतज्ञ रूप से किया गया है। यह गुंबद दुनिया पहले के सबसे बड़े खोखले पत्थर के स्मारक, भारत के बीजापुर में गोल गुबंद के आकार का दोगुना है। ग्लोबल विपश्यना पैगोडा के धम्म पट्टाना ध्यान केंद्र में दस दिवसीय विपश्यना ध्यान पाठ्यक्रम निःशुल्क आयोजित किए जाते हैं।
स्थानः गोराई, मुंबई
उपयुक्त समयः मार्च से मई, जून से सितंबर, अक्टूबर से फरवरी
इसका आधिकारिक नाम शहीद भगत सिंह रोड है, जो प्रोफेशनली व्यस्त मार्ग है, जो कोलाबा व मुंबई में ओल्ड वूमन आईलैंड के बीच का एक संपर्क मुख्य मार्ग है। यह प्रसिद्ध है, खरीदारी के लिए। यहां सड़क किनारे विक्रताओं से लेकर उच्च दामों की बुटीक तक है। आप यहां आकर अपने बजट अनुसार खरीदारी कर सकते हैं। यहां हस्तशिल्प, समस्त उपकरण, और सामान विभिन्न वैराइटी में उपलब्ध रहता है।
स्थानः अदनवाला रोड, अपोलो बंदर, कोलाबा, मुबंई
उपयुक्त समयः नंवबर से मार्च
मुंबई, ऐसी जगह जो समुद्र किनारे बसी, आधुनिकता का आंचल लिये, तेजी से बढ़ता हुआ शहर है। साथ ही समेटे हैं, प्राचीनताएं और उज्जवल भविष्य की संभावनाएं। मायानगरी के नाम से मशहूर इस शहर में कई तरह की विभिन्नताएं हमें इसकी ओर आकर्षित करती हैं, जो कहती हैं एक्सप्लोर मुंबई।