छुट्टियां होते ही कहीं घूमने फिरने का प्लान बन जाता है, ऐसे में गोवा पर्यटन लिस्ट में प्राथमिकता पर रहता है। यहां के प्राकृतिक समुद्री किनारें, रेत पर आराम से घंटों बैठना, जीवंत नाइटलाइफ स्टाइल, और ढेर सारी मौज मस्ती के साथ खूब सारा फन, ऐसे में दिल उमड़ घुमड़ कर कहता है गोवा घूमने चलें क्या? चाहें आप पहली बार जा रहे हों या बार बार, गोवा में घूमने के लिए कई आकर्षण पर्यटन स्थान हैं जो दिल को लुभाते हैं। यहां हम ऐसे ही 10 आकर्षक पर्यटन स्थानों के बारें में बताने जा रहे हैं।
बागा क्रीक जो अरब सागर में गिरती है इसी के नाम पर बीच का नाम बागा बीच रखा गया है। जो अपनी जीवंतता और ऊर्जा के लिए जाना जाता है। यहां कई सारी वाटर एक्टिविटीज़ की जा सकती हैं। इस तट के किनारे कई सारी झुग्गियां हैं, जो स्वादिष्ट व्यंजन, पेय पदार्थ के साथ एक परफेक्ट रेस्टफुल वातावरण प्रदान करती हैं। यहां से आप डॉल्फिन भी देख सकते हैं और बोट राइडिंग का भी आनंद ले सकते हैं। तिब्बती मार्केट से हस्तशिल्प की वस्तुएं और स्मृतियों को खरीद सकते हैं। यहां आप क्लब वगैरह के नाइट इवेंट में भाग ले सकते हो। कहा जाए तो बागा बीच में आप पूरी तरह से मनोरजंन कर सकते हो।
स्थानः सौंता वड्डो, कांगुलेट, बारदेज, गोवा
उपयुक्त समयः नवंबर से फरवरी
गोवा के लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में से एक चापोरा किला, शाही वंश के शासक आदिल शाह द्वारा निर्मित है। जिसका नाम शापोरा किला था। कालान्तर में पुर्तगालियों की विनती पर मालवणकर ने इसका नाम बदलकर चापोरा कर दिया। किले के पास ही चापोरा नदी भी बहती है। चापोरा नदी के पार मोरजिम तक ये बहुत मनमोहक दृश्य प्रतीत होता है। एक प्रमुख स्थान पर होने की वजह से इस किले से सभी दिशाओं के विहंगम दृश्य दिखाई पड़ते हैं। चापोरा के इस प्रसिद्ध किले में बॉलीवुड मूवी दिल चाहता की शूटिंग भी हुई है। इसके बाद से लोगों की उत्सुकता और दिलचस्पी इस जगह के लिए और बढी है।
स्थानः बारदेज, उत्तरी गोवा, गोवा
उपयुक्त समयः नवंबर से फरवरी
यह किला अपने आकर्षक व्यूज़ के लिए बहुत प्रसिद्ध हैं। 17 वीं सदी पुर्तगाली युग के इस किले में एक लाइटहाउस भी है, जो एशिया में अपनी तरह का सबसे पुराना लाइटहाउस है। इस किले को बनाने का कारण उस समय डचों से सुरक्षा पाना था। और इसके नाम की पीछे की कहानी इस तरह है- किले के भीतर एक मीठे पानी का झरना उन जहाजों को पानी की सप्लाई करता था, जो यहां रूकते थे। इस तरह से इस किले का नाम अगुआडा पड़ा , जिसका पुर्तगाली भाषा में अर्थ पानी वाला होता है। यह किला दो खंडो में बंटा हुआ है,ऊपरी भाग किले और पानी स्टेशन के रूप में और निचला हिस्सा पुर्तगाली जहाजों के लिए सुरक्षित सीट के रूप में था। मंडोवी नदी के किनारे पर बना यह किला उस समय का बेशकीमती और महत्वपूर्ण रहा है और आज पर्यटन की दृष्टि से भी उतना ही अमूल्य है।
स्थानः सिंक्केरिम समुद्र तट, कैंडोलिम, गोवा
उपयुक्त समयः जून से सितंबर, अक्टूबर से मार्च
यह प्रतिष्ठित चर्च एक कैथोलिक तीर्थस्थल के रूप में मानी जाती है। इसे यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल के रूप में मान्यता प्राप्त है। बासिलिका ओल्ड गोवा की राजधानी में स्थित है। यहां सेंट जेवियर के पार्थिव अवशेष दर्शन हेतु रखे हुए हैं। इसकी वास्तुकला बारोक वास्तुकला और पुर्तगाली औपनिवेशक वास्तुकला के सबसे अच्छे उदाहरणों में से एक माना जाता है, साथ ही पुर्तगाली मूल के सात अजूबों में से एक है।
स्थानः पुरानी गोवा सड़क, पुराना गोवा, गोवा
उपयुक्त समयः नवंबर से फरवरी
यह चार स्तरीय जलप्रपात महादयी नदी पर बना हुआ है। दूधसागर जलप्रपात आधे चंद्रमा के आकार की घाटी के शीर्ष पर स्थित, इतना आकर्षक प्रतीत होता है कि पर्यटक इसकी खूबसूरती को घंटो तक निहारते हैं। चारों ओर से हरियाली ओेढे 310 मीटर की ऊंचाई और 30मीटर की औसत चौड़ाई के साथ भारत के सबसे ऊंचे झरनों में से एक है। दूध जी जल धारा बहते हुए इतनी लुभावनी लगती है कि प्रकृति के इस विंहगम दृश्य को बार बार देखने का मन करता है। यहां आप ट्रेंकिग कर भी पहुंच सकते हैं।
स्थानः सोनौली, गोवा
उपयुक्त समयः अक्टूबर से जून
यह मंदिर भगवान शिव की पत्नी देवी पार्वती को समर्पित एक अनूठा मंदिर है जो गोवा के बहुप्राचीन मंदिरों में से एक है। इस मंदिर में वृहद स्तर पर मुख्यतः दशहरे पर्व का उत्सव मनाया जाता है, जो सिर्फ एक दिन का नहीं वरन् नवरात्रि आश्विन शुक्ल प्रतिपदा से पूर्णिमा तक अति प्रसन्न और उल्लासमय होकर मनाये जाने वाला विशेष पर्व है, इस दौरान मंदिर में हजारों की संख्या में दर्शनार्थी आकर इस पर्व का भक्ति भावना के साथ आनंद लेते हैं। श्री देवी भगवती संस्थान अनोखी वास्तुकला लिए है, इसके मुख्य द्वार के पास दो स्तंभो का दृश्य अति मनोरम प्रतीत होता है।
स्थानः पेरनेम, गोवा
उपयुक्त समयः अक्टूबर से फरवरी
गोवा राज्य की राजधानी के रूप में विख्यात यह शहर मंडोवी नदी के किनारे पर स्थित है। यहां सीढीदार पहाड़ियां, बालकनी, और लाल टाइल वाली छतों वाली कंक्रीट की इमारतें, चर्च और नदी के किनारे सैरगाह हैं। यहां का मानव विकास सूचकांक 0.90 है, जो इसे प्रमुख भारतीय शहरों में सबसे अच्छा माना जाता है। गुलमोहर, बबूल और दूसरे पेड़ों से सजी सड़कें हैं। पणजी का डोना पाउला बीच, आवर लेडी ऑफ द इमैक्युलेट कॉन्सेप्शन चर्च और भी कई सारी आकर्षक चीजों के लिए पणजी प्रसिद्ध है।
स्थानः उत्तरी गोवा, गोवा
उपयुक्त समयः नवंबर से फरवरी
चोराओे द्वीप के पश्चिमी सिरे पर अवस्थित यह अभयारण्य एक मैंग्रोव स्थल है। जिसका नाम भारत के विख्यात बर्ड सांइटिस्ट सलीम अली के नाम पर रखा गया है।पक्षियों की कई शानदार और दुर्लभ प्रजातियां यहां पाई जाती हैं। कॉमन प्रजातियों में धारीदार बगुला, पश्चिमी रीफ बगुला दर्ज हैं। पक्षी जीवों के अलावा यहां सियार और मगरमच्छ भी देखे जा सकते हैं। सर्दियों के पक्षी कूट और पिंटेल भी देखे जा सकते हैं और बहुत से मैंग्रोव आवास स्पेशलिस्टों का यहां निवास है। जिससे यह विभिन्न प्रकार की मछलियों और कीड़ों के प्रजनन और आश्रय के लिए एक आदर्श पारिस्थितिकी तंत्र बनाता है। अभयारण्य में एक पक्का रास्ता भी है जो कई सारी प्रजातियों के वनों के बीच से होकर गुजरता है।
स्थानः रिबंदर फेरी, चोराओ, गोवा
उपयुक्त समयः नंवबर से फरवरी
गौड़ सारस्वत ब्राह्मण समुदाय से संबंधित इस मंदिर के प्रमुख श्रीमत् शिवानंद सरस्वती स्वामी गोपादाचार्य श्री, यहां के आध्यात्मिक प्रमुख हैं। यह मंदिर देवी दुर्गा को समर्पित है, देवी को संतेरी भी कहा जाता हैं। पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान शिव और भगवान विष्णु में युद्ध हो गया था, जो इतना भंयकर था कि देवी पार्वती से ब्रह्मा जी ने मध्यस्थता करने का अनुरोध किया, माता का यही रूप शांतादुर्गा के नाम से प्रख्यात हुआ। शांतादुर्गा ने अपने दाहिने हाथ पर भगवान विष्णु और बांए हाथ में भगवान शिव को रखा और युद्ध समाप्त कर दिया। मां के दोनों हाथों में एक एक सर्प भी है, जिसे भगवान विष्णु और भगवान शिव का प्रतिरूप माना जाता है। मंदिर सारस्वत स्थापत्य शैली में बनाया गया है।
स्थानः कपिलेश्वरी, कावले रोड, दोंशीवडो, पोंडा, गोवा
उपयुक्त समयः नवंबर से फरवरी
यह न केवल गोवा में बल्कि पूरे देश में सबसे लोकप्रिय समुद्र तटों में एक है जहां हर साल लाखों सैलानियों का तातां लगा रहता है। 7 किलोमीटर में फैला यह बीच न केवल अपने अद्वितीय आकर्षण से पयटकों का मन मोह लेता है, बल्कि ‘समुद्री किनारों की रानी’ नाम से प्रसिद्ध भी है। सन बाथ और रेत का बिछौना, साथ ही यहां आप समुद्र की ताजा लहरों का लुत्फ भी ले सकते है। आप यहां स्कीइंग, पैरासिलिंग और सर्फिंग भी कर सकते हैं।
स्थानः कंलुगट रोड, उमताव वडो, कलुंगट, गोवा
उपयुक्त समयः नवंबर से फरवरी
गोवा, सिर्फ आधुनिकीकरण की परिभाषा नहीं लिये हुए है,यह तो कई ऐतिहासिक इमारतों के इतिहास को भी संजोए है। यहां सिर्फ बीचों की मौज मस्ती नहीं बल्कि मंदिरों की पवित्र आध्यात्मिकता भी है। तो चाहे एडवेंचर के शौकीन हों या शांति भरे वातावरण के, गोवा सभी के लिए आकर्षण का केंद्र है। अकेले जाएं या परिवार के साथ गोवा की ट्रिप हर तरह से यादगार है।