• Aug 08, 2025

विश्व में भारत ही एक ऐसा देश है जहां कई सारी संस्कृतियों और विरासतों का विशाल समूह देखने को मिलता है, जो बारिश के महीनों में और भी ज्यादा मंत्रमुग्ध करने वाले होते हैं। अगस्त महीना, जब मौसम में घटाओं की खुमारी और सजीव हरियाली लिए वातावरण, रिमझिम बरसते शानदार बादलों की मौजूदगी के बीच इन सांस्कृतिक ऐतिहासिक स्थलों की खूबसूरती में और भी ज्यादा बढोत्तरी हो जाती है। भारत की समृद्ध विरासत स्थलों के दर्शन के लिए योजना की तैयारी कैसी हो, आइए विस्तार से जानते हैं।

1. खजुराहोः

यूनेस्को विश्व धरोहर स्थलों में शामिल खजुराहो अपनी ऐतिहासिकता, प्राचीन विरासत के साथ मंत्रमुग्ध करते मंदिरों के लिए विशेष रूप से जाना जाता है। जिसकी कामुक कलाकृतियों के विभिन्न नमूने और जटिल नक्काशियों की बनावट दुनिया भर के सैलानियों को आकर्षित करता है। खजुराहो मंदिर को तीन प्रकार की श्रेणियों में बांटा गया है- पश्चिम, पूर्व और दक्षिण, अगर आप इन मंदिरों को देखने का प्लान बना रहें हैं तो यहां के प्रमुख मंदिरों के साथ ही प्रसिद्ध बांधों की भी सैर करें, जहां अगस्त माह में अनोखा ही आकर्षण देखने को मिलता है।

प्रमुख आकर्षणः

  • लक्ष्मण मंदिर
  • दूल्हादेव मंदिर
  • चित्रगुप्त मंदिर
  • अजयगढ किला
  • पन्ना राष्ट्रीय उद्यान
  • रानेह जलप्रपात
  • बेनी सागर जलप्रपात

निकटतम एयरपोर्ट व रेलवे स्टेशनः

  • खजुराहो हवाई अड्डा जहां से देश के प्रमुख शहरों के लिए उड़ानें संचालित होती है जो सिर्फ 2 किमी की दूरी पर ही स्थित है। रेलवे स्टेशन खजुराहो नाम से ही है, इसके अतिरिक्त आसपास के रेलवे स्टेशन झांसी जो लगभग 63 किमी दूर है, यहां से देश के सभी प्रमुख शहरों से आसानी से खजुराहो जाया जा सकता है।

2. हम्पी

मानसून समय में घूमने लायक सर्वश्रेष्ठ जगहों में से एक कर्नाटक का यह ऐतिहासिक शहर रामायण काल से संबंधित हैं जिसे किष्किंधा नाम से जानते हैं, मध्यकाल में यह जगह विजयनगर साम्राज्य के अन्तर्गत आती थी। इसका ऐतिहासिक महत्व और सांस्कृतिक स्थलों की भरपूर मौजूदगी से इसे यूनेस्को ने अपने वैश्विक धरोहर स्थलों में भी स्थान दिया है। अनगिनत करिश्माई खंडहरों की बेमिसाल खूबसूरती को प्रदर्शित करता हम्पी अपने पांरपरिक इतिहास और अद्भुत विरासतों को सहेजता हम्पी बारिश के महीनों में और खूबसूरत हो जाता है जहां हरा भरा शानदार वातावरण की शोभा देखने में और भी ज्यादा आकर्षक लगता है।

प्रमुख आकर्षणः

  • ऐनेगुंडी
  • विरुपाक्ष मंदिर
  • शशिवेकालु मंदिर
  • कृष्ण मंदिर
  • यंत्रोधारक हनुमान मंदिर
  • हुचप्पयाना मठ मंदिर
  • हजारा राम मंदिर
  • तुंगभद्रा नदी तट व गणगिट्टी मंदिर

निकटतम हवाई अड्डा व रेलवे स्टेशनः

  • निकटतम एयरपोर्ट तोरणगल्लू के पास स्थित विजयनगर एयरपोर्ट है जो हम्पी से लगभग 40 किमी दूर है। प्रमुख निकटतम रेलवे स्टेशन होस्पेट जंक्शन है जो लगभग 13 किमी दूरी पर अवस्थित है।

3. उदयपुर

राजस्थान मेवाड़ क्षेत्र के अन्तर्गत आने वाला यह ऐतिहासिक शहर अपनी खूबसूरत बनावट, आकर्षक स्थलों और बेमिसाल विरासत में मिली झीलों के कारण मशहूर है जो आज से नहीं बल्कि सदियों से आकर्षण का केंद्र रहा है। मानसूनी मौसम में यह स्थान बेहिसाब खूबसूरती से सराबोर हो जाता है जहां की झीलें लबाबल पानी से भरी हुई और मनमोहक प्रतीत होती है। सज्जनगढ पैलेस की ऊंचाई से होती हुई बारिश को निहारना इतना आकर्षक है कि इस पैलेस को ही मानसून पैलेस भी कहते हैं। हरी भरी अरावली पहाड़ियों की रौनक और शाही अंदाज बयां करता उदयपुर अपनी शांत सुदंरता और ऐतिहासिक प्रकृति का लाजवाब उदाहरण हैं। 

प्रमुख आकर्षण

  • पिछोला झील
  • जयसमंद झील
  • फतेहसागर झील
  • जगनिवास मंदिर व महल 
  • वेधशाला
  • सहेलियों की बाड़ी
  • लेक पैलेस
  • मानसून पैलेस 
  • उबेश्वर महादेव और बाहुबली पहाड़ियां 

निकटतम हवाई अड्डा व रेलवे स्टेशनः

  • उदयपुर एयरपोर्ट और उदयपुर रेलवे स्टेशन 

4. जयपुर

गुलाबी शहर के नाम से मशहूर भारत का ऐतिहासिक व्यवस्थित शहर जो राजस्थान की राजधानी भी है। मानसून की खूबसूरती के बीच यहां के प्रमुख स्थलों विरासतों को निहारना बेहद अच्छा लगता है, यहां राजस्थानी संस्कृति की भी अनोखी झलक देखने को मिलती है। प्रसिद्ध किले, प्राचीन स्मारकें, भव्य महलो से लेकर कई ऐसे अन्य स्थल है जो जयपुर को मानसून के दौरान परफेक्ट डेस्टिनेशन बनाते हैं। बारिश की बूंदों के साथ जलमहल की शोभा देखते बनती हैं जहां आप बोटिंग का आनंद लेने के साथ ही फेवरेट फोटोग्राफी का भी मजा ले सकते हैं। जयपुर में किले, स्मारक और कई विरासतों का गढ है जिसकी तुलना शायद विश्व में किसी और स्थान से नहीं की जा सकती। 

प्रमुख आकर्षणः 

  • जलमहल
  • सिटी पैलेस 
  • नाहरगढ किला
  • आमेर व जयगढ किला 
  • लोहागढ रिजार्ट किला 
  • हवामहल 

निकटतम एयरपोर्ट एवं रेलवे स्टेशनः

जयपुर इंटरनेशनल हवाई अड्डा व जयपुर रेलवे स्टेशन 

5. ओरछा

मध्यप्रदेश की धार्मिक नगरी ओरछा का इतिहास बहुत पुराना है जो विरासत और संस्कृति के धनी शहरों में से एक हैं। यहां भगवान राम की पूजा यहां के राजा के रूप में की जाती है, और यहां के निवासी खुद को उनकी प्रजा के रूप में ही देखते हैं। ऐतिहासिक महलों की विहंगम खूबसूरती और बेतवा नदी के किनारे बसा यह स्थान यूपी की सीमा से सटा हुआ है और झांसी से करीब 15 किमी की दूरी पर ही स्थित है। बरसात के मौसम में बेतवा नदी की उफान और राजकीय स्मारकों, मंदिरों, भव्य महलों की शोभा देखते बनती हैं जहां से ओरछा के मनमोहक दृश्यों को देखा जा सकता है। मंदिर परिसर में मानसूनी मौसम से जुड़ी एक प्रसिद्ध किंवदंती है- यहां मौजदू दो विशाल स्तंभ जो एक दूसरे से कुछ दूरी पर स्थित हैं, नाम सावन भादों हैं कहते हैं कि यह किसी समय मानूसन के समय आपस में जुड़ जाया करते थे। हरी भरी धरती और विशाल प्रांगण परिसर में बने राजाराम के मंदिर श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण के केंद्र के रूप में जाना जाता है। मान्यता है कि रात में भगवान राम अयोध्या में निवास करते हैं तो वहीं दिन के समय ओरछा नगरी को संभालते हैं।

प्रमुख आकर्षण

  • चतुर्भुज मंदिर
  • भुलभुलैया
  • रामराजा मंदिर
  • हरदौल बैठका
  • ओरछा किला
  • राजामहल ओरछा

निकटतम एयरपोर्ट व रेलवे स्टेशनः

  •  ग्वालियर एयरपोर्ट जिसकी यहां से दूरी लगभग 120 किमी है व प्रमुख स्टेशन के रूप में झांसी रेलवे स्टेशन है जिसकी ओरछा से दूरी लगभग 20 किमी है।

6. आगराः

सांस्कृतिक और विरासतों में आगरा शहर का नाम बहुत प्रमुखता से आता है। मुगलकालीन समय में यह भारत की राजधानी हुआ करती थी, इस वजह से इस शहर के नाम कई ऐतिहासिक स्थल है जो सिर्फ भारत में ही नहीं वरन् विदेशों में भी प्रसिद्ध हैं। सफेद मकराना संगमरमर से बना ताजमहल विश्व के सात अजूबों में से एक है जिसकी भव्य बनावट चारों कोनो से एक समान ही दिखाई देती है। मानसूनी मौसम में आगरा में बहती यमुना नदी की शोभा आकर्षक लुक प्रदान करती है। चारों तरफ हरियाली और सुखद मौसम के बीच इन ऐतिहासिक स्थलों की सैर करना एक अच्छा अनुभव हो सकता है। यूपी का यह शहर दिल्ली से नजदीक ही है जिसकी कनेक्टिविटी सभी शहरों से बेहतर है।

प्रमुख आकर्षणः

  • आगरा का किला
  • फतेहपुर सीकरी
  • एतात्मद्दौला का मकबरा
  • जामा मस्जिद
  • मोती मस्जिद
  • सिंकदरा किला
  • मेहताब बाग
  • जोधाबाई का रौजा व अन्य कई आकर्षण हैं।

निकटतम एयरपोर्ट व रेलवे स्टेशनः

  • खेरिया एयरपोर्ट की आगरा से दूरी लगभग 13 किमी है। आगरा में कई सारे रेलवे जोन होने की वजह से कई सारे रेलवे स्टेशन है जो शहर के अंदर है जैसे आगरा जंक्शन, आगरा सिटी, आगरा कैंट व अन्य, आप अपनी सुविधानुसार रेलवे स्टेशन का चुनाव कर सकते हैं।

7. हैदराबाद

निजामों के शहर के नाम से मशहूर यह शहर दक्षिण भारत का प्रमुख सांस्कृतिक नगर है। समृद्धि और संपन्नता के साथ तकनीकी के क्षेत्र में भी हैदराबाद बहुत आगे है। बारिश के शानदार दिनों में हैदराबाद अपने कुहासे भरे वातावरण, जगमगाती धाराओं और मोड़दार सड़को के साथ ही यहां कई प्रसिद्ध ऐतिहासिक विरासतों के आकर्षणों के लिए प्रसिद्ध है जिसकी खूबसूरती और तथ्य बेहद रोचक और आकर्षक हैं। यहां की वास्तु और स्थापत्यकला दुनिया भर में मशहूर है जिसकी आकर्षक शैली और अतीत दोनों ही अति प्रभावशाली हैं।

प्रमुख आकर्षण

  • चारमीनार
  • सालारजंग संग्रहालय
  • चौमोहल्ला पैलेस
  • नेहरू जूलॉजिकल पार्क
  • मक्का मस्जिद
  • कुतुब शाही स्तूप
  • फलकनुमा पैलेस
  • चिरकुल बालाजी मंदिर

निकटतम एयरपोर्ट व रेलवे स्टेशनः

  • हैदराबाद में नजदीकी हवाई अड्डा राजीव गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट व हैदराबाद में नामपल्ली रेलवे स्टेशन या हैदराबाद डेक्कन रेलवे स्टेशन करीब है।

8. कच्छ का रणः

गुजरात के प्रसिद्ध टूरिस्ट प्लेस कच्छ का रण मानसून के दौरान पर्यटकों के लिए फेमस डेस्टिनेशन है, जो इस मौसम में अलग ही रंग बिखेरता है। शुष्क हवा और वातावरण राहत की ठंड में बदल जाता है और आसपास के परिदृश्य सुहाने हो जाते हैं। करिश्माई कच्छ का रण पर्यटकों को इस सीजन में बहुत अनोखा लुक प्रदान करता है। बंजर पहाड़ियों पर हरियाली की रौनक और मौसमी झीलों की नीरसता भरपूर रस लेकर पानी से लबालब भर जाती हैं। काले बादलों और अन्य वन्यजीवों के झुंड मिलकर जैसे मौसम को खुशनुमा बना देते हैं। बारिश के दौरान कच्छ का रण अपनी मरूस्थलीय संस्कृति से हरी भरी वसुंधरा में परिवर्तित हो जाता है, अलौकिक परिदृश्य का निर्माण करते हुए खूबसूरत शीशे सा आकर्षण प्रदान करता है।

प्रमुख आकर्षणः

  • छारी ढंड
  • बन्नी घास के मैदान
  • धोलावीरा
  • कालो डूंगर
  • मानसूनी काल में कच्छ में खेती बाड़ी के काम भी होते हैं, जिसकी झलक यहां एन्जॉए कर सकते हैं।
  • कच्छ में निरोना रोगन कला और तांबे की घंटी बनाने के लिए फेमस है , होदका और लुडिया जिसमें मिट्टी की झोपड़ियां भुंगा और सजीव प्रतीत होती कढाई करने का रिवाज है और अजरख पारंपरिक ब्लॉक प्रिटिंग का भी ये प्रसिद्ध ठिकाना है।

निकटतम एयरपोर्ट व रेलवे स्टेशनः

  • भुज हवाई अड्डा व भुज रेलवे स्टेशन, कच्छ की भुज से लगभग दूरी 53 किमी है जिसको तय करने के लिए स्थानीय साधनों की मदद ले सकते हैं।

9. मैसूर

किसी ज़माने में राजा महाराजाओं की राजधानी रेहे मैसूर का राजसी अंदाज़ आज भी जीवंत है। हर जगह आप इस झलक को देख सकते हैं जहां शाही बागों और महलों की शोभा देखते बनती है। मैसूर शाही खुशबू की महक को आज भी बरकरार रखता है, मानसूनी मौसम में इसका असर और बढ जाता है। चंदन, गुलाब की छिड़क लिए मैसूर धूप, तेल और नक्काशी आदि के लिए जाना जाता है। यहां के सुदंरतम स्मारक स्थल अपनी बनावट और शानदार परिदृश्यों के लिए संस्कृति और विरासत के प्रसिद्ध अजूबों में से एक जाने जाते हैं।

प्रमुख आकर्षणः

  • चामुंडेश्वरी मंदिर
  • मैसूर पैलेस 
  • वृंदावन बाग 
  • सेंट फिलोमना चर्च 
  • जगनमोहन पैलेस 
  • जयलक्ष्मी विलास 

निकटतम एयरपोर्ट व रेलवे स्टेशनः

मंदाकिली मैसूर एयरपोर्ट व मैसूर रेलवे स्टेशन 

निष्कर्षः

अंत में, अगस्त के मानसूनी महीने में भारत के इन समृद्ध शहरों का दौरा करना लाजवाब और यादगार अनुभव दे सकता है, जब मौसम की ठंडक और भव्य इमारतों के आकर्षणों को निहारना बेहद रोचक लगता है। हरियाली का श्रृंगार किये मौसम और प्राचीन खंडहरों में बारिश का पानी और पर्यटन की दृष्टि से ऑफ सीजन के फायदे इसी मौसम में मिल पाते हैं। आपका सांस्कृतिक भ्रमण निश्चित रूप से इस समय आपके लिए खास तरह की स्मृतियों का संग्रह करता है, जिसमें भारतीय गौरवपूर्ण विरासतों की खुशबू व चमक और निखर जाती है।

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