चार धामों में से एक केदारनाथ भगवान शिव का ऐसा अनूठा धाम है जो 12 ज्योतिर्लिंगों में से भी एक है। हिंदू धर्म के कई पुराणों और ग्रन्थों में केदारनाथ धाम की महिमा और महत्व के बारें में बताया गया है। आध्यात्मिकता को उच्च शिखर पर ले जाता केदारनाथ धाम हिमालय के पवित्र मनोरम वातावरण में मुकुट मणि के रूप में सुशोभित है। प्राकृतिक और सांस्कृतिक विरासत को संजोए यह तीर्थस्थल अपनी दिव्य अनुभूति से श्रद्धालुओं को हमेशा सिंचित करता है। यदि आप भी धार्मिकता और प्रकृति के अनोखे संगम को फील करना चाहते हैं तो केदारनाथ यात्रा से जुड़े हर एक पहलू पर विस्तार से जानते हैं इस ब्लॉग में
उत्तराखंड के रूद्रप्रयाग में स्थित केदारनाथ चार धामों में से सबसे दूर स्थित इस धाम का जिक्र कई जगह देखने को मिलता है।
पंजीकरण प्रक्रिया ऑफलाइन या ऑनलाइन तरह से संपन्न की जा सकती हैं। दोनों ही प्रक्रियाओं के लिए कुछ दस्तावेजों का होना आवश्यक है।
केदारनाथ दर्शन सिर्फ साल के कुछ महीनों में ही होते हैं अन्य महीनों में मौसम संबंधी परिस्थितियों के रहते कपाट बंद रहते हैं। केदारनाथ यात्रा को किस तरह संपन्न करें, आइए जानते हैं केदारनाथ यात्रा का फुल रोडमैप
केदारनाथ यात्रा चार धाम यात्रा में से एक ऐसा तीर्थ हैं जिसकी यात्रा सबसे दुर्गम और कठिन है। आप अपनी सुविधानुसार हेलीकॉप्टर से भी इस यात्रा को पूरा कर सकते हैं, जिसकी बुकिंग आपको पहले से करनी होगी क्योंकि ऐन मौके पर सुविधा मिल पाना थोडा मुश्किल हो सकता है।
सड़क मार्ग से यात्रा करना दुर्गम प्रतीत होता है लेकिन अगर आप शारीरिक रूप से स्वस्थ हैं तो थोड़ी सी बेहतर तैयारी के साथ आप अपनी यात्रा संपन्न कर सकते हैं।
केदारनाथ एक तय समय से शुरू होकर तय समय में बंद हो जाती है जिसको शुभ घड़ी मूहुर्त के हिसाब से निश्चित किया जाता है।
केदारनाथ मंदिर कपाट खुलने की तारीख अक्षय तृतीया तिथि पर निश्चित होती है, जो वैशाख महीने में शुक्ल पक्ष की तृतीया को मनाई जाती है। अक्षय तृतीया वाले दिन केदारनाथ मंदिर के मुख्य पुजारी मंदिर के कपाट खुलने की तारीख की घोषणा करते हैं। वर्ष 2025 में यह तारीख 2 मई को निर्धारित की गई है। इस दिन से यह यात्रा अगले छह माह तक जारी रहेगी।
दीवाली त्योहार के बाद आने वाली भाई दूज की तिथि पर केदारनाथ मंदिर के कपाट बंद कर दिये जाते हैं जो सर्दियों की तैयारी के चलते जरूरी होता है और इस बार यह त्योहार 23 अक्टूबर को होने के कारण केदारनाथ मंदिर के कपाट बंद होने की निश्चित तारीख 23 अक्टूबर 2025 है।
केदारनाथ मंदिर कपाट खुलने की तारीख | 02 मई 2025, शुक्रवार |
केदारनाथ मंदिर बंद होने की तारीख | 23 अक्टूबर 2025, गुरूवार |
केदारनाथ यात्रा महज सिर्फ यात्रा नहीं है, यह एक आध्यात्मिक अनुभव है। दिव्य आभास की अनुभूति कराता सुरम्य वातावरण, हिमालय की गोद में बसता सुकून का एहसास, जहां की यात्रा व्यक्ति को जन्म मरण के बंधन से मुक्त करा देती है। केदारनाथ की महिमा का स्पष्ट प्रमाण तो साल 2013 में आई त्रासदी के समय मिलता है जब मंदिर को किसी विशाल शिला ने आकर ऐसा संभाला कि इस मंदिर और इसमें मौजूद लोगों को कोई हानि नहीं हुई, कुदरत के इस चमत्कार साक्षात देखा गया है।
प्रश्नः केदारनाथ मंदिर किस भगवान को समर्पित मंदिर है?
उत्तरः केदारनाथ भगवान शिव को समर्पित प्रसिद्ध मंदिर है।
प्रश्नः क्या केदारनाथ मंदिर 12 ज्योतिर्लिंग में से एक है?
उत्तरः हां, केदारनाथ मंदिर 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है।
प्रश्नः केदारनाथ मंदिर के कपाट वर्ष 2025 में कब से खुल रहा है?
उत्तरः केदारनाथ मंदिर के कपाट वर्ष 2025 में 2 मई से खुल रहा है।
प्रश्नः केदारनाथ मंदिर के कपाट 2025 में कब से बंद हो रहे हैं?
उत्तरः केदारनाथ मंदिर के कपाट 2025 में 23 अक्तूबर से बंद हो रहे हैं।
प्रश्नः केदारनाथ यात्रा गौरीकुंड से कितनी किलोमीटर पर स्थित है?
उत्तरः केदारनाथ यात्रा गौरीकुंड से लगभग 16 किलोमीटर पर स्थित है।
प्रश्नः केदारनाथ यात्रा किन माध्यमों से पूरी की जा सकती है?
उत्तरः केदारनाथ यात्रा पैदल, पालकी, खच्चर या हेलीकॉप्टर माध्यम से पूरी की जा सकती है।
प्रश्नः केदारनाथ उत्तराखंड के किस जिले में अवस्थित है?
उत्तरः केदारनाथ उत्तराखंड के रूद्रप्रयाग जिले में अवस्थित है।
प्रश्नः क्या केदारनाथ यात्रा पर जाने से पहले रजिस्ट्रेशन अनिवार्य है?
उत्तरः हां जी केदारनाथ दर्शन करने के लिए रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया पूरी करना जरूरी है।
प्रश्नः केदारनाथ यात्रा पर जाने से पहले क्या क्या सावधानी बरतनी चाहिए?
उत्तरः केदारनाथ यात्रा पर जाने से पहले स्वास्थ्य जांच के साथ आवश्यक दवाएं और डॉक्टरी पर्चा यदि है तो साथ रखना चाहिए और यदि आप पैदल यात्रा करने वाले हैं तो पहले से ऊंचाई पर चलने वाले व्यायामों का अभ्यास करें।
प्रश्नः क्या केदारनाथ यात्रा साल में कभी भी की जा सकती है?
उत्तरः नहीं, यह केवल एक नियत समय के दौरान ही की जा सकती है जो अप्रैल मई से लगभग अक्टूबर नवंबर तक चलती है।