गर्मियों का मौसम भारत में बहुत चुनौती भरा हो सकता है। उमस भरे माहौल में घर से बाहर निकलना किसी जंग लड़ने से कम नहीं लगता। बढ़ता तापमान और उसके प्रभावों को देखते हुए दिल दिमाग यही कहता है कि ऐसी जगहों पर घूमने जाया जाए जहां तन और मन दोनों को ठंडक का एहसास हो क्योंकि चिलचिलाती धूप में ठंडी हवा का झोंका ऐसा लगता है जैसे स्वर्ग की अनुभूति हो गई हो और ऐसे ही कुछ स्वर्ग से सुंदर पर्यटन स्थान हमारे भारत में भी लोकप्रिय हैं, जहां हर साल गर्मियों में पर्यटकों का तांता लगा रहता है। जानिए कौन से हैं ऐसे पर्यटन स्थान जहां लोग गर्मियों में घूमना अधिक पसंद करते हैं।
प्राकृतिक सुंदरता, मनोरम दृश्यों और सुरम्य वातावरण का संयोग ऊटी को परफेक्ट हिल स्टेशन के रूप में परिभाषित करते हैं जंहा हर साल लाखों पर्यटक आते हैं। शहरों की अराजकता से दूर यह स्थान तमिलनाडु के नीलगिरी जिले के अन्तर्गत आता है जो कोयंबटूर शहर से 86 किमी उत्तर पश्चिम में स्थित है। शानदार नीलगिरी पहाड़ियों के बीच बसे होने के कारण यह ‘‘क्वीन ऑफ हिल्स स्टेशन’’ कहलाता है। जो अपने औपनिवेशिक इतिहास के लिए भी प्रसिद्ध है। ऊटी झील यहां की कृत्रिम झील के साथ यहां एमराल्ड झील, एवलांच झील और पोर्थिमुंड झील भी दर्शको के लिए प्रमुख आकर्षण है।
निकटतम रेलवे स्टेशन व एयरपोर्टः मेट्टुपालयम रेलवे स्टेशन, कोयंबटूर इंटरनेशनल एयरपोर्ट
प्रमुख आकर्षणः नीलिगिरी माउंटेन रेलवे, बॉटनिकल गार्डन, डोडाबेट्टा पीक, पाइकारा झील, झरने और रोज़ गार्डन
‘‘दक्षिण भारत का कश्मीर’’ कहे जाने वाले इस हिल स्टेशन को पर्यटकों द्वारा विवाह बाद घूमने वाले स्थलों के रूप में विशेषतः पंसद किया जाता है। तीन नदियों के मिलन बिंदु होने के कारण इसका नाम मुन्नार पड़ा। यहां झीलों के आसपास चाय के बागान देखने में बहुत शानदार प्रतीत होते हैं जो नैसर्गिक सुंदरता को बहुत विस्तृत रूप से प्रदर्शित करता है। यह क्षेत्र आदिवासियों के निवास स्थान के रूप में भी लोकप्रिय है, यहां इनकी लोकसंस्कृति, परंपराएं और रीति रिवाजों को समझने का अवसर मिलता है।
निकटतम रेलवे स्टेशन व एयरपोर्टः बोदिनायक्कानूर (तमिलनाडु) रेलवे स्टेशन व कोचीन अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा
प्रमुख आकर्षणः 12 वर्षों में खिलने वाले नीलकुरिंजी पुष्प का दीदार कर सकते हैं, टॉप स्टेशन, मट्टुपेट्टी डैम, कनन्न देवन टी म्यूजियम, अनामुडी पीक और पोथामेडु व्यूपॉइंट का आनंद ले सकते हैं।
कुल्लू जिले के पास स्थित मनाली एक फेवरेट हिल स्टेशन है जहां पर्यटक गर्मियों में घूमना बहुत पसंद करते हैं। किंवदंती के अनुसार मनाली को मनु के घर के रूप में माना जाता है,यहां इनका प्राचीन मंदिर भी है। यह देवताओं की घाटी के रूप में प्रसिद्ध पवित्र पर्यटन स्थान है। हिमालय पर्वत के विलक्षण परिदृश्य और नीला आकाश क्षितिज (जहां धरती और गगन मिलन बिन्दु) के समान दिखाई देते हैं। ऊंचे देवदार और चीड़ के वृक्षों के वन देखने में बहुत अद्वितीय प्रतीत होते हैं।
निकटतम रेलवे स्टेशन व एयरपोर्टः चण्डीगढ या पठानकोट रेलवे स्टेशन से बस या कैब द्वारा या भुंतर एयरपोर्ट से मनाली पहुंचा जा सकता है।
प्रमुख आकर्षणः सोलंग वैली, हिडिम्बा मंदिर, ओल्ड मनाली, ब्यास नदी प्रोमनेड, अभयारण्य आदि।
हिंदू और बौद्ध धर्मो का पवित्र सम्मिश्रण यहां देखने को मिलता है, यहां पर्वतीय स्थलों की खूबसूरती, प्राकृतिक सुरम्य वातावरण और अपनी आध्यात्मिक संस्कृति के लिए लोकप्रिय पर्यटन स्थल है जहां स्पीति नदी बहती है। यह शीतकालीन मरूस्थल भी है, यहां का ठंडा वातावरण और शांति विशेष रूप से लोगों का ध्यान ग्रीष्मकाल में आकर्षित करती है, जिसका अनुभव अनूठा होता है।
निकटतम रेलवे स्टेशन व एयरपोर्टः जोगिन्दर या शिमला रेलवे स्टेशन एवं भुंतर एयरपोर्ट
प्रमुख आकर्षणः ट्रैकर्स के लिए बहुत प्रसिद्ध है, जैसे पिन घाटी, किन्नौर, लाहौल, भाभा यहां ट्रेकिंग का लुत्फ उठा सकते हैं।
नैनी झील के होने के कारण इस जगह को नैनीताल के नाम से जानते हैं। हिमालय की कुमाऊं तलहटी में स्थित यह स्थान गर्मियों में पर्यटकों को खूब लुभाता है। यहां का ठंडा वातावरण, घने वनों की शीतलता, मनमोह लेने वाले झीलों के परिदृश्य और हिमालयी पर्वत श्रृंखला का दीदार जो किसी जन्नत से कम नहीं लगता। यहां की खूबसूरती को कुदरत ने स्वयं संवारा है।
निकटतम रेलवे स्टेशन व एयरपोर्टः काठगोदाम रेलवे स्टेशन व पंतनगर एयरपोर्ट
प्रमुख आकर्षणः ट्रेकिंग, बोटिंग और भी अन्य साहसिक गतिविधियों को कर सकते हैं साथ ही यहां स्थित आकर्षण केंद्रों को देख सकते हैं जैसे नैनी झील, नैना देवी मंदिर, स्नो व्यू पॉइंट, टिफिन टॉप इत्यादि
दार्जिलिंग से स्पष्ट रूप से कंचनजंगा जो दुनिया का तीसरा सबसे ऊंचा पर्वत है, दिखाई देता है। यहां का सुरम्य वातावरण, चाय के बागान, आकर्षक पर्वतों के दृश्य इसे सुंदर हिल स्टेशन के रूप में नामित करते हैं। ब्रिटिश शासनकाल के दौरान यह ब्रिटिशर्स की ग्रीष्माकालीन राजधानी हुआ करती थी। दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे को यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल बनाया गया है। दार्जिलिंग चाय अपनी विशेषताओं के कारण दुनिया भर में मशहूर ब्रांड है।
निकटतम रेलवे स्टेशन व एयरपोर्टः दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे स्टेशन और बागडोगरा एयरपोर्ट दार्जिलिंग से 90 किमी दूर निकटतम हवाई अड्डा है।
प्रमुख आकर्षणः सूर्योदय का शानदार नजारा देखने के लिए टाइगर हिल का रूख करें। मॉल रोड पर सुहानी सी शाम बिताएं और टॉय ट्रेन से घूमकर दार्जिलिंग के सभी पहलुओं को बारीकी से समझें।
इस खूबसूरत जगह को सतपुड़ा की रानी के नाम से जाना जाता है। पंचमढी की ऊंचाई लगभग 1067 मीटर है, यह सतपुड़ा की पहाड़ियों पर स्थित एक हिल स्टेशन है जो मध्यप्रदेश के अन्तर्गत आता है। इसकी सबसे ऊंची चोटी धूपगढी है। पंचमढी का शाब्दिक अर्थ पांच और गुफाएं हैं। किंवदंती के अनुसार इस स्थान का निर्माण महाभारत काल के दौरान पांच पांडवों ने किया था। पंचमढी की खोज 1857 में कैप्टन जेम्स फोर्सिथ ने की थी। मध्य प्रांतों के लिए यह ग्रीष्म ऋतु की राजधानी होती थी।
निकटतम रेलवे स्टेशन व एयरपोर्टः पिपरिया रेलवे स्टेशन और भोपाल हवाई अड्डा
प्रमुख आकर्षणः आप यहां जटाशंकर पवित्र गुफा के दर्शन कर सकते हैं जिसकी विशेषता है कि यहां बिना किसी सहारे का झूलता हुआ विशाल शिलाखंड रखा है। अप्सरा विहार, महादेव गुफा, प्रियदर्शिनी प्वाइंट और भी दर्शनीय स्थलों को घूम सकते हैं।
अरावली पर्वतमाला के सिरोही जिले में स्थित यह पर्वतीय स्टेशन कई प्रमुख जैन व हिंदू मंदिरों के लिए जाना जाता है। इसे रेगिस्तान में नखलिस्तान की उपाधि दी जाती है। अपने सुरम्य वातावरण के कारण यह पर्यटन की दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण है, यहां नदियों, झरनों, झीलों और वर्षभर हरे भरे वनों का साया रहता है। किंवदंती के अनुसार ऋषि वशिष्ठ ने धर्म की रक्षा हेतु माउंट आबू पर एक यज्ञ किया था। इस स्थान का पौराणिक महत्व अर्बुदा पर्वत महाकाव्य के नाम से प्रचारित है, इस पर्वत का उल्लेख अर्जुन की बारह साल की तीर्थयात्रा के समय किये गए सफर में मिलता है।
निकटतम रेलवे स्टेशन व एयरपोर्टः आबू रोड रेलवे स्टेशन जो माउंट आबू से 28 किमी दूर स्थित है और महाराणा प्रताप एयरपोर्ट उदयपुर जो 176 किमी की दूरी पर है।
प्रमुख आकर्षणः भारत की पहली मानव निर्मित झील नक्की लेक को देखने के साथ अन्य कई पर्यटन केंद्र जैसे टोड रॉक व्यू पॉइंट, दिलवाड़ा जैन मंदिर, माउंट आबू अभयारण्य, पीस पार्क और ब्रहमकुमारीज साधना केंद्र इत्यादि को देख सकते हैं।
भारत का एक केंद्र शासित प्रदेश के रूप में प्रसिद्ध यह प्रदेश अपने लाजवाब मौसम और परिदृश्यों के कारण पर्यटकों के दिल में समाया रहता है। कश्मीर क्षेत्र का सबसे पूर्वी भाग जो भारत का सीमा क्षेत्र भी कहलाता है। लद्दाख का सबसे बड़ा शहर लेह है, लेह में ही सिंधु, श्योक और नुबरा नदी घाटियां हैं। लद्दाख बाइकर्स के लिए बहुत फेवरेट जगह है।
निकटतम रेलवे स्टेशन व एयरपोर्टः जम्मूतवी रेलवे स्टेशन से लेह की दूरी लगभग 700 किमी है, जहां से आप कैब बुक कर लेह लद्दाख पहुंच सकते हैं, और कुशोक बाकुला रिमपूछी एयरपोर्ट लेह में है।
प्रमुख आकर्षणः बौद्ध मठों हेमिस, अलची, लामायुरू, शेय और थिक्से घूम सकते हैं। पैंगोग झील और दुनिया की सबसे ऊंची सड़क खारदोंगला पर बाइकिंग का आनंद ले सकते हैं।
सतारा जिले का प्रमुख हिल स्टेशन है जो वर्ष भर पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है। पंचगनी का शाब्दिक अर्थ है ‘‘पांच गांवों के बीच की भूमि’’ समर रिसॉर्ट के रूप में यह स्थान ब्रिटिश समय से ही लोकप्रिय है। शहर की भागदौड़ और हलचल भरी जिंदगी से दूर शांति सुकून से ओतप्रोत वातावरण जहां की हवाओं में ठंडक के साथ ताजगी की महक है। ऊर्जा से लबरेज करता मौसम जो पंचगनी को कई मायनों में स्पेशल बनाता है।
निकटतम रेलवे स्टेशन व एयरपोर्टः सतारा रेलवे स्टेशन (पंचगनी से लगभग 52 किमी दूरी) और लोहेगांव इंटरनेशनल एयरपोर्ट, पुणे (पंचगनी से लगभग 100 किमी दूरी)
प्रमुख आकर्षणः पर्यटक यहां फलों से बने उत्पाद व स्ट्रॉबेरी से बने लज़ीज़ व्यंजनों का स्वाद चख सकते हैं और मैप्रो गार्डन, टेबल लैंड, सिडनी प्वांइट, पारसी प्वाइंट, डेविल्स किचन, महाबलेश्वर, राजपुरी गुफाओं, वेन्ना झील और हैरिसन मूर्खता जगह का आनंद ले सकते हैं।
गर्मियों का मौसम भी मज़ेदार बन सकता है यदि आप इस मौसम में पर्यटन के लिए इन जगहों का चुनाव करते हैं। भारत के हर राज्य में लगभग ऐसे हिल स्टेशन हैं जहां आप अपनी समर वैकेशन को एन्जॉय करते हुए अलग अलग तरह का स्वाद चख सकते हैं। भिन्न भिन्न संस्कृतियों में रहकर स्थानीय परंपराएं, रीति रिवाजों और लोककलाओं से परिचित हो सकते हैं। प्राकृतिक सुंदरता, सुरम्य वातावरण, मंत्रमुग्ध कर देने वाले परिदृश्यों और पर्वतमालाओं की विभिन्न श्रृंखलाओं को देखकर आनंदित होते हुए गर्मियों में ठंडक भरी यादों के एहसासों को अपने खूबसूरत पलों में शामिल कर सकते हैं।