• Jul 30, 2025

भारत विश्व का ऐसा देश है जहां घूमने के लिए विकल्पों की कई श्रृंखला मौजूद है। प्रत्येक मौसम में घूमने की अपेक्षा पर्यटन हेतु गर्मी की छुट्टियां सबसे ज्यादा पंसदीदा होती हैं क्योंकि इस समय बिना किसी टेंशन के घूमने का मजा कुछ और ही होता है साथ में सूरज की तेज़ गर्मी से बचने के लिए पर्यटन की ठोस वजह भी होती है। इस देश में पर्वतों की वादियों से लेकर, लम्बे समुद्र तटों तक और जंगल पहाड़ झरनों से लेकर ऐतिहासिक विरासतों के कई खजाने मौजूद है, जिनके बारें में जानकर आप इस समर वैकेशन को अपनी सबसे अच्छी यादों का आईना बना सकते हैं।

जहां हरी भरी घाटियों की मोहकता, शांति का पर्याय बने हिल स्टेशन आपके लिए कुदरत के तोहफे लेकर बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं, आइए इनके इंतजार को खत्म करने के लिए बनाते हैं एक सॉलिड प्लान जिसमें जानते हैं फेवरेट 15 समर डेस्टिनेशन्स की खूबियों और वहां जाने से जुड़ी जानकारी, यकीनन यह आपके काम आएगा।

1. मसूरी, उत्तराखंडः

गर्मियों में स्वर्ग यदि स्वर्ग का आनंद लेना चाहते हैं तो यह जगह एकदम उपयुक्त है जहां राहत भरी ठंडक के साथ प्रकृति के आकर्षक नजारों की खूबसूरती का आनंद ले सकते हैं, ब्रिटिशकालीन समय से यह स्थान ग्रीष्मकालीन रिसॉर्ट की तरह काम करती थी, जहां देश की प्रमुख हस्तियों के आवास भी बने हुए हैं। ऊंची ऊंची पहाड़ियों से शानदार नजारें देखना और यहां की स्वच्छ निर्मल जलवायु का आनंद लेना, तन और मन में स्फूर्ति का संचार कर देता है, जिसे फील करना जीवन का सबसे यादगार क्षण बन सकता है।

प्रमुख आकर्षणः

मसूरी में आप सुरकंडा मंदिर, लंढोर, भट्टा जलप्रपात, झड़ी पानी झरना, केम्प्टी फॉल्स, कैमल्स बैक रोड, कंपनी बाग, लाल टिब्बा, क्राइस्ट चर्च, मंसूरी झील, मॉल रोड और गन हिल, पार्क एस्टेट इत्यादि स्थलों के साथ ही अन्य आकर्षणों और एडवेंचर एक्टिविटी का मजा भी ले सकते हैं।

मंसूरी कैसे पहुंचेः

  • यह स्थान देहरादून सड़क मार्ग से बेहतरी से जुड़ा हुआ है, जहां पहुंचने के लिए मंसूरी से टिहरी के लिए बाईपास लेकर मंसूरी चंबा रोड पर ड्राइविंग का आनंद ले सकते हैं।
  • निकटतम एयरपोर्ट व रेलवे स्टेशनः जॉली ग्रांट हवाई अड्डा देहरादून और नजदीकी रेलवे स्टेशन देहरादून है जो यहां से लगभग 70 किमी दूरी पर है।

2. शिमला, हिमाचल प्रदेशः

‘‘पहाड़ियों की रानी’’ के नाम से मशहूर यह जगह वास्तव में इतनी लुभावनी है कि जहां एन्जॉए करना हमेशा ही आकर्षित करता है। हिमाचल प्रदेश की आधिकारिक राजधानी का दर्जा प्र्राप्त शिमला गर्मियों की पर्यटकांं की पहली पसंद होती है जहां जाने के लिए अति उत्साह होना लाजिमी है। एक ऐसा हिल स्टेशन जहां सिर्फ खूबसूरत मौसम की सौगात ही नहीं बल्कि वन्य जीव वनस्पतियों और प्राणियों का आकर्षण, मेलों और त्योहारों की रौनक, सांस्कृतिक विरासतें, स्वादिष्ट लजीज व्यंजनों के स्वाद के साथ आकर्षक रोमांचक अवसर प्रदान करता है।

प्रमुख आकर्षणः

शिमला में घूमने के लिए काफी कुछ विशेष है जिसमें से शिमला स्टेट म्यूजियम, अन्नाडाले, कियाला जंगल, कुथर किला, समर हिल, स्कैण्डल पॉइंट, शैली पीक, द रिज, मॉल रोड, वाटर कैचमेंट वाइल्डलाइफ सैंक्चुअरी, लक्कड़ बाजार, जाखू हिल एवं मंदिर, ग्रीन वैली, क्राइस्ट चर्च, कुफरी, वाइसरीगल लॉज, हिमालयन बर्ड पार्क, तारा देवी मंदिर, काली बाड़ी मंदिर, चैडविक वाटरफॉल, जॉनी वैक्स म्यूज़ियम,मंजाथल सैक्ंचुअरी, और अन्य कई सारे आकर्षण स्थलों के साथ टॉय ट्रेन का मजा लेते हुए शिमला को एक्सप्लोर करें।

शिमला कैसे पहुंचेः

  • देश के सभी प्रमुख शहरों से शिमला के लिए साधन आसानी से मिल जाते हैं जिसमें कि चंडीगढ से शिमला के लिए हर आधे घंटे में बस उपलब्ध रहती हैं, जहां से शिमला की लगभग दूरी 120 किमी है।
  • निकटतम एयरपोर्ट व रेलवे स्टेशनः निकटतम हवाई अड्डा चंडीगढ है और नजदीकी रेलवे स्टेशन कालका है जहां से शिमला जाने में लगभग 5 घंटे लग जाते हैं जिसकी दूरी लगभग 80 किमी है। आप चाहें तो चंडीगढ ट्रेन या प्लेन के माध्यम से पहुंचकर वहां से वाया रोड शिमला पहुंच सकते हैं।

3. मुन्नार, केरलः

दक्षिण भारत के स्वर्ग के नाम से मशहूर यह जगह प्रकृति प्रेमी, रोमांस और रोमांच की चाह रखने वालों के लिए सर्वोत्तम स्थानों में से एक है, जहां एक से बढकर एक परिदृश्य पर्यटकों का मन मोह लेते हैं। झील के आसपास हरे भरे चाय बागानों की खूबसूरती मन को भाव विभोर कर देती है। चारों ओर हरियाली लिए परिवेश, घुमावदार रास्तों की शोभा और सीढीनुमा खेतों की व्यापकता के साथ धुंध भरे बादल भरी हवाओं का चलना, अंतर्मन और तन का रोम रोम खिला देता है। अगर आप एकांत के शौकीन हैं या परिवार, दौस्तों संग मौज मस्ती के शौकीन हैं तो मुन्नार आपको न सिर्फ भाएगा बल्कि हरियाली की चादर ओढे यह जगह बार बार यहां आने की खूबसूरत वजह भी प्रदान करेगा।

प्रमुख आकर्षणः

इको प्वाइंट, पोथामेडु व्यूपॉइंट, एराविकुलम राष्ट्रीय उद्यान, टाटा चाय संग्रहालय, वंडर वैली एडवेंचर और मनोरंजन पार्क, चीयप्पारा झरने, अट्टुकड़ झरने, कुंडला झील, गुलाब उद्यान, ब्लॉसम पार्क, शीर्ष स्टेशन, मुट्टापेथी बांध व झील के साथ यहां के अन्य आकर्षणों को निहारते हुए समय बिता सकते हैं।

मुन्नार कैसे पहुंचेः

  • केरल के प्रमुख शहरों से मुन्नार के लिए अच्छी उपलब्धता के साथ बसें उपलब्ध हैं जहां से आप अपनी सुविधानुसार बस कैटगरी का चुनाव कर सफर कर सकते हैं।
  • निकटतम हवाई अड्डा व रेलवे स्टेशनः सबसे नजदीकी हवाई अड्डा कोचीन इंटरनेशनल एयरपोर्ट है जो यहां से लगभग 100किमी दूरी पर है और रेलवे स्टेशन अलुवा से मुन्नार पहुंचने के लिए अनुमानित तौर पर 3 से 4 घंटे तक का समय लग सकता है।

4. ऊटी, तमिलनाडुः

दक्षिण भारत के फेमस हिल स्टेशनों में से एक ऊटी तमिलनाडु का एक फेवरेट हॉलीडे डेस्टिनेशन है जहां प्राचीन झीलों के साथ ही हरियाली लिए बागानों और कुहासे की ढकी पहाड़ियों की चोटी मंत्रमुग्ध कर देने वाले दृश्य प्रस्तुत करती हैं। नीलगिरी पर्वत पर बसा यह हिल स्टेशन घने देवदार के जंगलों, वन्य प्राणियों और टॉय ट्रेन में घूमने के लिए जाना जाता है। अगर आप सुकून और शांति की तलाश में है तो ऊटी इसका बेहतर विकल्प है जहां बिना किसी शोर शराबे के प्रकृति अपनी बांह फैलाए आपका स्वागत करती है।

प्रमुख आकर्षणः

नीलगिरी माउंटेन रेल, ऊटी झील, बोटैनिकल गार्डन, डोडाबेट्टा चोटी, गुलाब बाड़ी, एमराल्ड झील, चाय संग्रहालय, सेंट स्टीफन चर्च, मुदुमलाई नेशनल पार्क, कुन्नूर, पाइकारा झील और झरनों की शोभा देखते बनती है जिसका आप आनंद ले सकते हैं।

ऊटी कैसे पहुंचेः

  • ऊटी के लिए प्रमुख और आसपास के शहरों से आसानी से वाहन मिल जाते हैं जहां से आप तमिलनाडु राज्य परिवहन की बसें भी मिलती है
  • निकटतम एयरपोर्ट और रेलवे स्टेशनः कोयम्बटूर एयरपोर्ट सबसे नजदीकी है जहां से दूरी लगभग 80किमी है व नजदीकी रेलवे स्टेशन मेट्टूपलयम है जिसकी ऊटी से लगभग दूरी 40 किमी है।

5. माउंट आबू, राजस्थानः

रेगिस्तानी क्षेत्र में फेवरेट समर प्लेस के रूप में यह जगह सभी पर्यटकों को आकर्षित करने के साथ ही आश्चर्यचकित भी करती है कि कैसे मरूस्थलीय क्षेत्र में यह हिल स्टेशन इतना जीवंत और आनंदमयी वातावरण प्रदान करता है। विश्व की सबसे प्राचीन अरावली पर्वत श्रृख्ांलाओं पर बसा यह क्षेत्र माउंट आबू नाम से जाना जाता है जिसे पौराणिक मान्यताओं में अर्बुदारण्य भी कहा गया इसका अर्थ होता है कोई उठा हुआ भाग, जो धीरे धीरे माउंट आबू नाम से चलन में आ गया। इसे रेगिस्तान में नखलिस्तान की संज्ञा से भी नवाजा जाता है।

प्रमुख आकर्षणः

सनसेट प्वाइंट, अर्बुदा देवी मंदिर, शंकर मठ, नक्की झील, गुरु शिखर, हनीमून प्वाइंट, दिलवाड़ा जैन मंदिर, गौमुख टेंपल, चंपा केव, रघुनाथ मंदिर, लूना वासाही मंदिर, हनुमान मंदिर, दूध बावड़ी, अचलगढ फोर्ट के साथ अचलेश्वर महादेव मंदिर में दर्शन करने के अलावा अन्य और भी आकर्षणों को देख सकते हैं।

माउंट आबू कैसे पहुंचेः

  • दिल्ली से या राजस्थान के अन्य प्रमुख शहरों से आसानी से सड़क माध्यम से माउंट आबू जा सकते हैं
  • निकटतम एयरपोर्ट व रेलवे स्टेशनः उदयपुर का महाराणा प्रताप इंटरनेशनल हवाई अड्डा निकटतम हैं जिसकी माउंट आबू से दूरी लगभग 170किमी है व आबू रोड रेलवे स्टेशन से लगभग 25 किमी का सफर तय कर माउंट आबू तक पहुंच सकते हैं।

6. उदयपुर, राजस्थानः

झीलों की नगरी के नाम से परिचित यह शहर तमाम सारी झीलों और ऐतिहासिक विरासतों के लिए पर्यटकांं की पहली पसंद बना रहता है, यहां की झीलें जहां से सूर्योदय और सूर्यास्त के परिदृश्य बहुत सुखद अनुभव प्रदान करते हैं, साथ ही झीलों पर बने महल या वेधशाला एक आईलैण्ड का निर्माण करते हुए अवस्थित है जिससे इनकी सुंदरता कई गुना तक बढ जाती है। जहां से आप आकर्षक झील के नजारों के साथ सुंदर सी सेल्फी और वीडियों बनाते हुए उदयपुर जो राजे रजवाड़ों का शहर है उसके राजसी अंदाज को महसूस कर सकते हैं।

प्रमुख आकर्षणः

पिछोला झील, सिटी पैलेस, जगमंदिर, जगनिवास पैलेस, फतेह सागर झील, जयसमंद झील, मोती मागरी, मानसून पैलेस, अहार संग्रहालय, जगदीश मंदिर, सहेलियों की बाड़ी, सुखदिया सर्किल, बर्ड पार्क गुलाब बाग, बागोर की हवेली, भारतीय कला मंडल, उदयसागर झील, शिल्पग्राम, दूध तलाई झील, नौलखा महल, बड़ी झील, नागदा इन सभी के साथ ही अन्य और भी फेमस आकर्षणों का आनंद ले सकते हैं।

उदयपुर कैसे पहुंचेः

  • राजस्थान और देश के प्रमुख शहरों के साथ ही उदयपुर बेहतर सड़क मार्गों से जुड़ा हुआ है, जहां से आप आसानी से उदयपुर पहुंच सकते हैं।
  • निकटतम हवाई अड्डा व रेलवे स्टेशनः महाराणा प्रताप हवाई अड्डा, उदयपुर एवं उदयपुर रेलवे स्टेशन।

7. पंचमढी, मध्यप्रदेशः

मध्य भारत का ऐसा नायाब हीरा जिसकी शोभा और सुंदरता बेमिसाल है, चारों ओर हरियाली का खुशनुमा वातावरण, ठंड, धुएं भरे बादलों का बहुत नीचे से होकर चलना, लगभग 1100 मीटर की ऊंचाई पर स्थित एक बेहद खूबसूरत हिल स्टेशन है जहां भारत के सबसे ऊंचे झरनों में से एक रजतप्रपात की लगभग 350 फीट ऊपर से गिरता हुआ मनमोहक प्रतीत होता है। ऐतिहासिक दृष्टि महत्व की बात करें तो यहां माना जाता है कि पांच पाडंव अपने वनवास काल के दौरान यहां आए थे और भगवान शंकर की उपासना हेतु शिवलिंग का निर्माण भी किया था। विशाल सतपुड़ा रेंज के अन्तर्गत आने वाली यह जगह पाई जाने वाली वनस्पति और वन्य आकर्षणों के लिए यूनेस्को के बायोस्फीयर रिजर्व में लिस्टेड है।

प्रमुख आकर्षणः

पंचमढी में पर्यटकों के लिए कई सारे आकर्षणों के विकल्प हैं जिसमें से यहां बनी पाडंव गुफाएं, धूपगढ चोटी, जटाशंकर गुफा व भगवान शिव का मंदिर, पंचमढी में बी फॉल्स, अप्सरा विहार झरना, सिल्वर फॉल्स, मधुमक्खी जलप्रपात जहां के पानी से मधुमक्खियों के भिनभिनाने जैसी आवाज आती है। यहां आप जीप सफारी और अन्य साहसिक गतिविधियों का आनंद लेते हुए पंचगढी में और भी बहुत कुछ देख सकते हैं।

पंचमढी कैसे पहुंचेः

  • मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल से जो लगभग 200 किमी दूर है और अन्य प्रमुख शहरों से पंचमढी के लिए आसानी से बसें टैक्सी मिल जाती है।
  • निकटतम हवाई अड्डा एवं रेलवे स्टेशनः पंचमढी के लिए भोपाल शहर का राजा भोज एयरपोर्ट यहां के करीबी है इसके अलावा नजदीकी रेलवे स्टेशन पिपरिया है, जिसकी पंचमढी से दूरी लगभग 50किमी है और यहां से पंचमढी जाने के लिए साधन भी आसानी से उपलब्ध रहते हैं।

8. लोनावला, महाराष्ट्रः

मुंबई और पुणे के मध्य स्थित इस हिल स्टेशन की सड़क माध्यम से बेहतर कनेक्टिविटी है जहां शहर की शोरगुल से भरी जिंदगी से बेहतर सुकून भरी छांव का एहसास मिलता है। एक ओर जहां हर तरह से यह स्थान पर्यटन के सभी मापदंडों पर खरा उतरता है तो वहीं दूसरी ओर ऐतिहासिक विरासतों को भी सहेजता है, सुरम्य पर्यावरण, रोमांचकारी अनुभव, गिरते हुए झरने, कुहासे से सराबोर पहाड़ियों के आकर्षक नजारें, कुदरत की बेहतर रचनाओें का कलात्मक प्रदर्शन करते हुए खूब रिझाता है, यहां के बायोस्फीयर रिजर्व का नाम यूनेस्कों में भी दर्ज है और इसी के पास ही खंडाला हिल स्टेशन भी है।

प्रमुख आकर्षणः

लोनावाला के समस्त आकर्षण ग्रीष्म ऋतु में एक ताजी सी ठंडक का एहसास कराते हैं जिसमें निहारने के लिए बहुत सी चीजें हैं जैसे टाइगर्स लीप, भुंशी बांध, राजमाची किला, लोहागढ किला, कार्ला व भजा गुफाएं, पावना झील, राईवुड पार्क और शिवाजी उद्यान की शोभा का लुत्फ ले सकते हैं।

लोनावाला कैसे पहुंचेः

  • मुंबई और पुणे से यहां की यात्रा बहुत आसानी से खुद के वाहन कार या राज्य परिवहन बसों की मदद से लोनावला पहुंच सकते हैं। 
  • निकटतम एयरपोर्ट व रेलवे स्टेशनः निकटतम पुणे इंटरनेशनल एयरपोर्ट है जहां से लोनावला की दूरी लगभग 60 किमी है इसके अलावा नजदीकी रेलवे स्टेशन लोनावाला ही है जिसका मुंबई और पुणे से संपर्क बेहतर है।

9. ऋषिकेश, उत्तराखंडः

वैश्विक योग नगरी या योग राजधानी के नाम से प्रसिद्ध यह पर्यटनीय स्थान अपने आप में बेहद अनूठा और पवित्र है। देवभूमि उत्तराखंड में यह स्थान तमाम सारे आश्रमों, ध्यानावस्थित केंद्रों और योगा सेंटर्स का संगम है। हिमालय की तलहटी में बसी ऋषिकेश नगरी सौम्यता और आध्यात्मिक ऊर्जा की धारणा को और मजबूती प्रदान करती है। शाम के वक्त होती भव्य गंगा आरती का दिव्य वातावरण मन में शक्ति का संचार करती है जैसे कोई मन की गिरह को सुलझाकर एक नई चेतना का जन्म करा रहा हो। धार्मिक स्तर पर नई कल्पनाओं और पुरानी मान्यताओं को सहेजकर रखता हुआ ऋषिकेश वास्तव में ऋषियों की ही नगरी प्रतीत होती है।

प्रमुख आकर्षणः

ऋषिकेश में धार्मिक स्थलों की अधिकता है जिसमें से रघुनाथ मंदिर, त्रिवेणी घाट, भारत मंदिर, राम झूला, लक्ष्मण झूला, बीटल्स आश्रम, गीता भवन, त्रयंबकेश्वर मंदिर और बेहतरीन गंगा घाटों के साथ योग साधना का अभ्यास करते हुए यहां मौजूद झरनों की मोहकता से भी रूबरू हो सकते हैं।

ऋषिकेश कैसे पहुंचेः

  • राजधानी दिल्ली और अन्य प्रमुख शहरों से ऋषिकेश के लिए घूमने जाया जा सकता है, जिसकी नजदीकी हरिद्वार से निकट है। 
  • निकटतम एयरपोर्ट एवं रेलवे स्टेशनः जॉली ग्रांट हवाई अड्डे देहरादून से ऋषिकेश के लिए आसानी से टैक्सी मिल जाती हैं एवं नजदीकी रेलवे स्टेशन ऋषिकेश है।

10. नैनीताल, उत्तराखंडः

दिल्ली के नजदीक यह हिल स्टेशन पर्यटकों को खूब लुभाता है, जहां नैनी झील के मंत्रमुग्ध कर देने वाले परिदृश्यों के आसपास सुसज्जित सात आकर्षक पहाड़ियां देखने में अत्यधिक आकर्षक लगती हैं। समुद्र तल से करीब 2000 मीटर की ऊंचाई पर अवस्थित यह हिल स्टेशन अपने औपनिवेशिक इतिहास के लिए भी जाना जाता है जहां आज भी यादगार इमारतें और संग्रहालय प्रतिष्ठित हैं। पौराणिक मान्यताओं की बात करें तो इस स्थान पर देवी सती के नैन गिरे थे, जिस वजह से इस झील का नाम नैनी और इसमें प्रतिष्ठित मंदिर का नाम नैना देवी पड़ा। इसी झील की वजह से इस जगह को नैनीताल कहते हैं। गर्मियों में यहां का वातावरण मैदानी भागों से बहुत ठंडा और सर्द होता है जहां सूर्य की तेज रोशनी नहीं बल्कि धुंध भरे नजारों की शीतलता होती है।

प्रमुख आकर्षणः

कई झीलों गरूड़ताल, सुखा ताल, भीमताल, खुपराताल, सरियाताल के अलावा मां नैना देवी मंदिर, टिफिन टॉप, स्नो व्यू प्वाइंट, इको केव पार्क, एरियल रोप वे, नैनीताल चिड़ियाघर, वुडलैंड झरना, किलबरी, डायनासोर पार्क देख सकते हैं।

नैनीताल कैसे पहुंचेः

  • नेशनल हाइवे 87 के माध्यम से नैनीताल के लिए बस सेवा या अन्य वाहनों की मदद से पहुंचा जा सकता है।
  • निकटतम एयरपोर्ट व रेलवे स्टेशनः नैनीताल के निकट एयरपोर्ट पंतनगर है जिसकी दूरी करीब 70 किमी है। सबसे करीबी रेलवे स्टेशन काठगोदाम है जिसकी नैनीताल से लगभग दूरी 34 किमी है।

11. गंगटोक, सिक्किम

पूर्वोत्तर राज्य सिक्किम की राजधानी गंगटोक अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए जाना जाता है जहां हरी भरी घाटियों के अद्भुत दृश्यों के साथ घने देवदार के जंगलों और माउंट कंचनजंगा के राजसी परिदृश्यों की मोहकता है। प्राचीन कथाओं के आकर्षण में गंगटोक का नाम जाना जाता है। जहां पर्यटन हेतु कई आकर्षण हैं जिन्हें देखकर गंगटोक की खूबसूरती से मिले बिना रह नहीं पाएंगे

प्रमुख आकर्षणः

गंगटोक के सेवन सिस्टर्स झरने, नाथू ला दर्रा, ताशी व्यू पॉइंट, नामग्याल तिब्बती संस्थान, गणेश टोक मंदिरों के साथ अन्य तिब्बती मठांं के साथ यहां की संस्कृति को भी समझ सकते हैं।

गंगटोक कैसे पहुंचेः

  • निकटतम एयरपोर्ट व रेलवे स्टेशनः बागडोगरा एयरपोर्ट, जो गंगटोक से लगभग 75 किमी दूर है इसके अलावा निकटतम रेलवे स्टेशन न्यू जलपाईगुड़ी है जो लगभग 115 किमी दूरी पर है।
  • नेशनल हाईवे 10 के द्वारा गंगटोक भारत से कनेक्ट होता है इसका प्रमुख निकट शहर सिलीगुड़ी पश्चिम बंगाल है, यहां से आसानी से बस या टैक्सियां मिल जाती हैं।

12. दार्जिलिंग, पश्चिम बंगालः

दार्जिलिंग अपने चाय बागानों और जीआई टैग प्राप्त चाय के लिए जाना जाता है जहां अद्भुत जादुई परिदृश्य, पूर्व हिमालय की गोद और माउंट कंचनजंगा का शाही अंदाज देखने को मिलता है। यहां की सबसे खास आकर्षण है टॉय ट्रेन जिसे यूनेस्को वैश्विक धरोहर में जगह भी मिली हुई है। धुंध भरे पहाड़, हरी भरी धरती और यहां से सूर्योदय और सूर्यास्त के दृश्यों को देखने का आनंद ही कुछ और होता है।

प्रमुख आकर्षणः

टाइगर हिल, पीस पैगोडा, हैप्पी वैली टी एस्टेट देखने के अलावा हिमालय पर्वतारोहण भी कर सकते हैं।

दार्जिलिंग कैसे पहुंचेः

  • सिलीगुड़ी से सड़क एनएच 55 के माध्यम से भारत के सभी प्रमुख शहरों से आसानी से जाया जा सकता है
  • निकटतम एयरपोर्ट व रेलवे स्टेशनः बागडोगरा जो दार्जिलिंग से लगभग 100किमी दूरी पर है इसके अलावा करीबी रेलवे स्टेशन न्यू जलपाई गुड़ी है, जिसकी दूरी लगभग 90किमी है।

13. तवांग, अरूणाचल प्रदेशः

भारत का ऐसा प्रदेश जहां सबसे पहले सूर्योदय होता है, वहां का तवांग पर्यटन के लिए बर्फीले पहाड़ों की गोद में एक स्वच्छ निर्मल स्थान है जो अपने मंत्रमुग्ध करते दृश्यों, बौद्ध मठों की धार्मिकता और प्राकृतिक सुदंरता से सराबोर सुकून और राहत प्रदान करता है, जहां गर्मियों में जाना एक सुखद अनुभव हो सकता है।

प्रमुख आकर्षणः

नागुला झील, तवांग मठ, गोरीचेन चोटी, सेला दर्रा और नूरानाग फाल्स के साथ कई अनगिनत आकर्षणों को निहार सकते हैं।

तवांग कैसे पहुंचेः

  • तेजपुर, गुवाहाटी, उदलगुरी या भालुकपोंग से तवांग के लिए बसें या कैब मिल जाती हैं। 
  • निकटतम एयरपोर्ट व रेलवे स्टेशनः सलोनीबाड़ी हवाई अड्डा जो तेजपुर में है और नजदीकी रेलवे रंगापारा स्टेशन, तेजपुर है जिसकी तवांग से दूरी लगभग 350किमी है।

14. स्पीति घाटी, हिमाचल प्रदेशः

तिब्बती संस्कृति का परिचय देती स्पीति शीत मरूस्थल है जो ग्रीष्म ऋतु में अति लुभावनी प्रतीत होती है, जहां चिलचिलाती गर्मी से सर्द राहत का असर मिलता है। यहां आप घाटियों में बह रही नदियों के करिश्माई नजारों को निहारने के साथ ही इस पर बने ऊंचे पुलों की भव्यता को महसूस कर सकते हैं। जहां एकांत के शौकीन हों या परिवार, दोस्तों संग यादगार क्षणों के मुरीद, यह हर किसी के लिए स्पेशल है।

प्रमुख आकर्षणः

की मठ, चंद्रताल लेक, कुंजुम दर्रा व मंदिर, कोमिक व लंग्जा गांव, ताबो मठ, धनकर मठ व झील, पिन वैली नेशनल पार्क इसके अलावा अन्य कई आकर्षण हैं।

स्पीति कैसे पहुंचेः

  • शिमला या मनाली के रास्ते स्पीति पहुंचा जा सकता है जहां से देश के प्रमुख शहरों से बसें नियमित तौर पर संचालित की जाती है।
  • निकटतम एयरपोर्ट व रेलवे स्टेशनः बेहतर कनेक्टिविटी के साथ चंडीगढ हवाई अड्डा और नजदीकी रेलवे स्टेशन चंडीगढ है जहां से स्पीति बस या कैब के माध्यम से जाया जा सकता है।

15. श्रीनगर, जम्मू व कश्मीरः

धरती के स्वर्ग के रूप में प्रसिद्ध यह जगह सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि वैश्विक स्तर पर भी अपनी खूबसूरती के लिए जानी जाती है, प्राकृतिक सुंदरता, बर्फ से ढके पर्वतीय नजारें, हरी भरी घाटियां और लुभावनी झीलों के परिदृश्यों की श्रृंखला अपने पर्यटको को हमेशा से ही लुभाती रहीं हैं, जहां खूबसूरती के कई शानदार खजाने हैं और ग्रीष्माकालीन अवकाश के लिए कश्मीर पर्यटकों को हमेशा से ही आकर्षित करता रहा है।

प्रमुख आकर्षणः

श्रीनगर की डल झील, मुगल बगीचा, इंदिरा गांधी ट्यूलिप गार्डन, शंकराचार्य मंदिर, निगीन झील और हरि पर्वत के अलावा कई अन्य टूरिस्ट प्लेसस का लुत्फ ले सकते हैं।

श्रीनगर कैसे पहुंचे

  • श्रीनगर की सड़क मार्ग से जुड़ाव लगभग पूरे देश से ही है जहां आप आसानी से अपनी कार या किसी और वाहन से पहुंच सकते हैं 
  • निकटतम एयरपोर्ट व रेलवे स्टेशनः श्रीनगर हवाई अड्डे से आप यहां पहुंच सकते हैं इसके अलावा निकटतम रेलवे स्टेशन जम्मू तवी या उधमपुर है जहां से श्रीनगर की लगभग दूरी 200 किमी रह जाती है जिसे आप कैब या अन्य साधनों से तय कर सकते हैं।

निष्कर्ष

भारत में पर्यटन, गर्मी की छुट्टियों का मजा लेने और सूरज की तपिश से बचने का सबसे कारगर उपाय है। विविधताआें और विभिन्नताओं का ऐसा संगम और कहां देखने को मिलता है जिसमें उत्तर से लेकर दक्षिण तक, पूरब से लेकर पश्चिम तक कई सारी पर्यटन स्थानीय विशेषताएं देखने को मिलती हैं, कहीं पहाड़ हैं तो कहीं मरूस्थलीय क्षेत्रों की झीलों के बेमिसाल नजराने हैं। कहीं ध्यान साधना का शांत वातावरण हैं तो कहीं बेशुमार मौज मस्ती के तराने हैं। ऐसे में ऋतु और अवकाश साथ दे तो भला कौन घूमने से खुद को रोक सकता है।

अक्सर पूछे जाने वाले 10 प्रश्न उत्तरः

प्रश्न1ः भारत में हिल स्टेशन घूमने का सबसे अच्छा समय कौन सा है?

उत्तर1ः ग्रीष्म ऋतु का समय सबसे बेहतरीन होता है क्योंकि उस समय अधिकांश लोगों की छुट्टियां भी होती हैं और हिल स्टेशन का सर्द वातावरण आकर्षक भी लगता है।

प्रश्न2ः भारत में बजट नियंत्रित समर गंतव्य कौन कौन से हैं?

उत्तर2ः ऋषिकेश, माउंट आबू और उदयपुर ऐसे स्थान हैं जहां आप बजट नियंत्रित करते हुए घूम सकते हैं।

प्रश्न3ः परिवार, दोस्तो संग जाने वाले फेवरेट गंतव्य कौन से है?

उत्तर3ः शिमला, मसूरी, ऊटी, मुन्नार, गंगटोक, उदयपुर और दार्जिलिंग

प्रश्न4ः एकांत वास में घूमने के लिए कौन से गंतव्य उपयुक्त हैं?

उत्तर4ः ऋषिकेश, माउंट आबू, तवांग

प्रश्न5ः हिल स्टेशनों पर कौन कौन सी एडवेंचर एक्टिविटी कर सकते हैं?

उत्तर5ः ट्रैकिंग, कैपिंग, रिवर राफ्टिंग अन्य

प्रश्न6ः सांस्कृतिक रूप से कौन से गंतव्य अपनी विशेष पहचान रखते हैं?

उत्तर6ः सभी गंतव्य सांस्कृतिक रूप से अपनी विशेष पहचान रखते है जैसे राजस्थानी, हिमाचली, पहाड़ी और तिब्बती।

प्रश्न7ः दार्जिलिंग और गंगटोक दोनो ही जगह से माउंट कंचनजंगा दिखाई देता है क्या?

उत्तर7ः जी हां

प्रश्न8ः मध्यप्रदेश का फेमस हिल स्टेशन कौन सा है?

उत्तर8ः पंचमढी

प्रश्न9ः दिल्ली के सबसे ज्यादा नजदीक कौन सा पर्वतीय राज्य है जहां हिल स्टेशनों की अधिकता है?

उत्तर9ः उत्तराख्ांड

प्रश्न10ः गर्मियों में कौन से ऐसे हिल स्टेशन बहुत पास है जिन्हें लगातार घूमा जा सकता है?

उत्तर10ः महाराष्ट्र में लोनावाला और खंडाला फेमस जुड़वां हिल स्टेशन है जो एक दूसरे के पास ही स्थित है।

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