हवाई जहाज में यात्रा के दौरान सबसे अहम बात यह होती है कि आप किसके साथ यात्रा कर रहे हैं। अगर आप अकेले सफर कर रहे हैं तब तो आपको ज्यादा चिंता करने की जरूरत नहीं है लेकिन आप अगर परिवार के साथ सफर में हैं तो आपको कई सारी बातों को ध्यान में रखना होता है। इनमें सबसे अहम होता है बच्चों के टिकट की पॉलिसी। कई लोगों को यह लगता है कि अगर उनके साथ कोई बच्चा है तो वह बच्चा उनके साथ मुफ्त यात्रा कर सकता है लेकिन ऐसा नहीं है। भारत समेत दुनिया भर में ऐसे कई मामले सामने आए हैं जहां देखने में आया है कि लोग अपनी टिकट तो करा लेते हैं लेकिन अपने बच्चे की टिकट यह सोच कर नहीं लेते है कि उसकी यात्रा मुफ्त होगी। लेकिन यहां ध्यान दीजिए कि हवाई जहाज में यात्रा के लिए आपको काफी सख्त नियमों का पालन करना पड़ता है। ऐसा भी हो सकता है कि आपके बच्चे को यात्रा करने से रोक दिया जाए। ऐसे में आप भी यात्रा नहीं कर पाएंगे तो जाहिर है कि आपका अच्छा खासा पैसा बर्बाद हो सकता है। हवाई यात्रा के दौरान बच्चों के टिकट को लेकर भी कई अहम नियम बनाए गए हैं। जिनके बारे में जानना हमारे लिए बहुत जरूरी होता है। तो चलिए जानते हैं कि भारत में किस उम्र के बच्चों के लिए मुफ्त उड़ान है।
बच्चों के साथ उड़ान भर रहे हैं तो इन बातों का रखें ध्यान
मुसाफिरों के यात्रा से संबंधित नियम पहले सरकारी विमान कंपनी एयर इंडिया बनाती थी। जिसे सभी कंपनियां मानती थीं मौजूदा समय में एयर इंडिया को टाटा समूह ने खरीद लिया है। तो ऐसे में अब इन नियमों को नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) के द्वारा तय किया जाता है और उसे ही सभी विमान कंपनियां मानती भी हैं। बच्चों के किराये को लेकर डीजीसीए के जो नियम हैं उसके तहतः
- विमान में उन्हीं बच्चों को मुफ्त यात्रा करने के पात्र माना जाएगा जिनकी उम्र सात दिन से ज्यादा और और दो साल से कम है।
- इन बच्चों को उनके माता पिता के टिकट पर मुफ्त यात्रा करने की इजाजत दी जाती है।
- हवाई यात्रा के दौरान अगर ऐसे बच्चों की संख्या एक से ज्यादा है तो हर बच्चे के साथ एक वयस्क का होना अनिवार्य है।
- दो साल से कम उम्र के बच्चे के लिए आप चाह कर भी अलग से सीट नहीं बुक कर सकते हैं, उसे किसी वयस्क के गोद में ही सफर करना होगा।
बच्चे के साथ सफर के दौरान इन कागजातों को रखें अपने पास
- अगर बच्चे की उम्र दो साल से कम है तो बच्चे का आयु प्रमाण पत्र अपने साथ जरूर रखें।
- जरूरत पड़ने पर विमान अधिकारियों के द्वारा यह डॉक्यूमेंट आपसे मांगा जा सकता है।
- यात्रा से पहले बच्चे का फिटनेस सर्टिफिकेट मान्यता प्राप्त बाल रोग विशेषज्ञ से प्राप्त करना होता है।
- यह सर्टिफिकेट 72 घंटे से ज्यादा पुराना नहीं होना चाहिए।
- उड़ान से पहले एयरपोर्ट पर मेडिकल अथॉरिटी की परमीशन जरूर लेनी होगी।
बच्चे की उम्र अगर दो से 12 साल के बीच है तो क्या करना होगा?
- अगर आपके बच्चे की उम्र दो साल से ज्यादा है लेकिन, वह 12 साल से छोटा तो उसे बच्चा तो माना जाएगा। लेकिन उसके लिए सामान्य टिकट लेना होगा।
- यहां बच्चा मानने का मतलब यह है कि विमान कंपनी के द्वारा यात्रा के दौरान उसे कुछ छूट दी जा सकती है। जैसेः लगेज में बच्चे के खाने पीने की सामग्री ले जाने की छूट, बेबी ट्रॉली ले जाने की छूट इत्यादी।
- दो से 12 साल के बच्चे के लिए कई विमानों में 75 फीसद किराया ही देना होता है। हो सकता है कि समय के साथ इस नियम में बदलाव भी हो।
- अगर आप घरेलु यात्रा कर रहे हैं तब आपके पास बच्चे की वैलेड आईडी प्रूफ होनी चाहिए। वहीं, अंतरराष्ट्रीय यात्रा के दौरान पासपोर्ट का होना भी अनिवार्य है।
एयरपोर्ट और विमान में बच्चों के लिए मिलती है यह सुविधाएं
जो लोग अपने बच्चों के साथ हवाई यात्रा करते हैं उनके लिए एयर पोर्ट अथॉरिटी कुछ विशेष सुविधाएं ऑफर करती है। जिसका इस्तेमाल यात्री कर सकते हैं।
- कुछ एयरपोर्ट्स पर फीडिंग रूम और बेबी चेंजिंग रूम की सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती है।
- अंतरराष्ट्रीय उड़ान के दौरान माताओं को अपनी सीट पर ही फीडिंग कराने की इजाजत होती है इसके लिए उन्हें ब्लैंकेट की सुविधा दी जाती है।
- फ्लाइट और अयरपोर्ट पर बच्चों के लिए डायपर और बेबी केयर किट की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाती है।
- अगर आपके बच्चे को किसी प्रकार के मेडिकल कॉम्पलिकेशन की समस्या आती है तो एयरपोर्ट पर नर्सिंग रूम का भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
- फ्लाइट में यात्रा के दौरान बच्चों के लिए गर्म पानी और दूध की व्यवस्था भी कराई जाती है।
उड़ान से पहले पूरी कर लें अपनी तैयारी
- परिवार में अगर कोई बच्चा है तो उड़ान से पहले बच्चे से संबंधित सारे कागजातों को इकट्ठा कर लें।
- अपनी यात्रा से दो दिन पहले या हो सके तो टिकट बुक कराने के पहले ही डॉक्टर से मिल कर यह परामर्श ले लें कि आपका बच्चा हवाई यात्रा के लिए तैयार है या नहीं।
- अगर बच्चा नवजात हो यानी उसकी उम्र अगर दो साल से कम हो तो हवाई यात्रा करने से बचें।
- एयरपोर्ट पर या विमान अधिकारी के द्वारा नवजात का वैक्सिनेशन सर्टिफिकेट भी मांगा जा सकता है।
- बच्चे की उम्र पांच से 12 साल के बीच है तो उड़ान से पहले ही उसे टॉयलेट ले जाएं। क्योंकि, विमान के टेकऑफ होने के काफी देर के बाद ही टॉयलेट इस्तेमाल करने की अनुमति होता है।
भारत में हवाई यात्रा करते समय हो सकता है कि आपको अलग-अलग विमानों में अलग-अलग नियम और कानून का पालन करना पड़े। लेकिन, यहां ज्यादातर नियम नागर विमानन महानिदेशालय के तरफ से ही तय किए जाते हैं। फिर भी अगर आपके मन में किसी भी तरह का कोई संशय हो तो ऐसे में आप टिकट बुक करने से पहले जिस भी विमान कंपनी में यात्रा करना चाहते हैं उसके ग्राहक सेवा अधिकारी से बात कर लें। ताकि उस विमान कंपनी से जुड़े सारे नियम कानून के बारे में आपको जानकारी प्राप्त हो जाए और यात्रा के दौरान आपको किसी भी तरह की कोई परेशानी का सामना न करना पड़े। इस बात का ध्यान रखें कि यात्रा के दौरान जिन डॉक्यूमेंट्स को विमान कंपनी के तरफ से मांगा जाए वह वास्तविक हों। किसी भी तरह की जालसाजी से बचें क्योंकि यह आपके बच्चें के जीवन को मुसीबत में डाल सकता है। उदाहरण के लिए अगर आप डॉक्टर के परामर्श से इतर जा कर जबरन उससे फिटनेस सर्टिफिकेट बनवाते हैं तो हो सकता है कि यह फैसला आपके लिए भारी पड़ जाए।