बच्चों के साथ सफर करना अपने आप में एक मजेदार अनुभव होता है। लेकिन बच्चों को सफर में ले जाने से पहले इस बात को समझ लेना बहुत जरूरी होता है कि यात्रा कोई भी हो रेल, हवाई या सड़क उनमें बच्चों के साथ सफर करने नियम क्या हैं। मतलब किस उम्र के बच्चे के लिए टिकट लेना जरूरी है। किस उम्र के बच्चे के लिए हाफ टिकट लगता है और किस उम्र तक के बच्चे को हम मुफ्त में यात्रा करा सकते हैं। कई बार हम इस चक्कर में रहते हैं कि हमारे बच्चे का टिकट नहीं लगेगा और केवल अपने टिकट के साथ यात्रा करने निकल जाते हैं। लेकिन ऐसा करना हमारे लिए महंगा पड़ जाता है और हमें जुर्माना भरना पड़ता है। ट्रेन या बस तक में तो जुर्माना सही है लेकिन अब जरा सोचिए कि आपने फ्लाइट की टिकट बुक करा ली है और इस दौरान अपने बच्चे की टिकट आपने बुक ही नहीं कराई है, तब आपके साथ क्या होगा। आप इस तरह की स्थिति में न फंसे इसीलिए हम आपको बता रहे हैं कि विमान में बच्चों के किराये के क्या नियम हैं।
उड़ान में बच्चों के किराये के नियम क्या हैं?
- एयर इंडिया के मुताबिक सात दिन से ज्यादा और दो साल से कम उम्र के बच्चे को ही बिना टिकट के यात्रा के लिए पात्र माना जाएगा।
- इसका मतलब यह नहीं कि ऐसे बच्चे बिना टिकट के कहीं भी आ या जा सकते हैं, इसका मतलब यह है कि अपने माता-पिता के टिकट पर ही ऐसे बच्चे सफर कर सकते हैं।
- अगर ऐसे नवजात बच्चें एक से ज्यादा हैं तो प्रति बच्चे के साथ एक वयस्क का होना अनिवार्य है।
- अगर आपका बच्चा दो साल से बड़ा है तो हवाई जाहाज में यात्रा करने के दौरान उसके लिए टिकट लेना अनिवार्य होगा।
- हवाई जहाज में यात्रा के लिए दो साल से ज्यादा उम्र के बच्चों के टिकट में किसी तरह की कोई छूट नहींं होती है।
- विमान कंपनी के मेडिकल विभाग की ओर से आपको क्लियरेंस प्राप्त होना चाहिए। इसके लिए आप ग्राहक सेवा अधिकारी से संपर्क कर सकते हैं।
- दो साल से कम उम्र के बच्चे के लिए एक्सट्रा सीट आप चाह कर भी बुक नहीं कर सकते हैं। बच्चे को आपको अपनी गोद में ही रखना होगा।
डॉक्यूमेंट्स
- दो साल से कम उम्र के बच्चे के लिएः अगर आपके बच्चे की उम्र दो साल से कम है तो वह हवाई जहाज में मुफ्त यात्रा करने के लिए पात्र है। लेकिन आपको सफर के दौरान अपने साथ बच्चे का जन्म प्रमाण पत्र, वैक्सिनेशन सर्टिफिकेट और अगर अंतरराष्ट्रीय यात्रा है तो उसका पासपोर्ट साथ रखना होगा। साथ ही बाल रोग विशेषज्ञ के द्वारा बनाया गया एक मेडिकल सर्टिफिकेट यात्रा के दौरान आपके पास होना चाहिए।
- दो साल से ज्यादा उम्र के बच्चे के लिएः दो साल से ज्यादा उम्र के बच्चे सामान्य श्रेणी में आते हैं। ऐसे में उनके साथ यात्रा करते समय आपको बच्चे की वैध आईडी प्रूफ के साथ एक सामान्य हवाई टिकट और अंतरराष्ट्रीय यात्रा के दौरान उसका पासपोर्ट अपने साथ रखना होगा।
बैगेज में छूट
अगर बच्चा अभी सामान्य डायट पर नहींं है तो तय सीमा से ज्यादा हैंड बैगेज के साथ आप सफर कर सकते हैं। इस दौरान आप केबिन में बच्चे की खाने पीने की चीजों को अपने साथ कैरी कर सकते हैं। इसके लिए आपको कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं देना होता है। इसके अलावा आपको अपने साथ बेबी ट्रॉली ले जाने की भी छूट दी जाती है।
बच्चों के लिए सुविधाएं
- बच्चे की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए बोर्डिंग के दौरान ऐसे यात्रियोंं का विशेष ध्यान रखा जाता है। ऐसे में आप सबसे पहले बोर्डिंग के लिए रिक्वेस्ट कर सकते हैं।
- विमान में बच्चे के लिए गर्म पानी और जरूरत पड़ने पर मुफ्त में दूध की भी व्यवस्था कराई जाती है।
- हवाई यात्रा में दबाव के कारण बच्चों के कान बंद हो सकते हैं ऐसे में फ्लाइट स्टाफ की ओर से इयर बड की भी व्यवस्था कराई जाती है।
- हवाई जहाज में बच्चों के लिए डायपर का भी इंतजाम कराया जाता है।
- विमान में बच्चों को लेकर टहलने की अनुमति नहीं होती है लेकिन एयरपोर्ट पर बेसिनेट्स की व्यवस्था कराई जाती है। यह एक तरह का छोटा सा बिस्तर होता है जिसे फ्लाइट सीट पर लटकाया जा सकता है।
- लेकिन बेसिनेट्स पर 20 पाउंड से कम वजन वाले बच्चों को ही लिटाने या बिठाने की अनुमती है।
- एयर पोर्ट पर बच्चों के लिए नर्सिंग रूम की व्यवस्था भी कराई जाती है।
क्या भारतीय विमानों में बच्चों का हाफ टिकट लगता है?
सरकार द्वारा बनाए गए नियम के मुताबिक दो से 12 साल के बच्चों के लिए विमान किराया का 75 फीसद ही देना होता है। हालांकि समय के साथ यह नियम बदलता भी रहता है। ऐसा जरूरी नहीं कि जब आप यह लेख पढ़ रहे हों तब भी यही नियम हो।
सावधानियां
- अगर आप किसी नवजात के साथ हवाई जहाज में सफर करने जा रहे हैं तो पहले बाल रोग विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।
- यात्रा के दौरान दबाव के कारण बच्चों के काम में दर्द की समस्या आ सकता है तो ऐसे में घबराने की जरूरत नहीं है बल्कि धीरज से काम लें
- उड़ान के समय बच्चे को उल्टी हो सकता है तो ऐसे में पहले से अपने पास पॉलिबैग तैयार रखें।
- बच्चों को विमान में सांस से संबंधित समस्याएं भी आ सकती है, अगर पहले से आपके बच्चे को कोई ऐसी समस्या है तो हवाई यात्रा करने से बचें।
- उड़ान के दौरान बच्चों को डिहाइड्रेशन की समस्या भी आ सकती है तो ऐसे में नवजात के लिए अपने पास कोई तरल पदार्थ रखें।
- बच्चा अगर चार साल से बड़ा है तो टेक ऑफ के दौरान उसे च्विंगम खाने के लिए दें इससे उसके कानों में दर्द की समस्या नहीं होगी।
- बोर्डिंग करने से पहले ही अपने बच्चे से टॉयलेट यूज करने के लिए कहें क्योंकि उड़ान से पहले और उड़ान के कुछ समय बाद तक विमान में टॉयलेट इस्तमाल करने की इजाजत नहीं होती है।
बच्चों की हवाई यात्रा के लिए भारत सरकार के नियम
दरअसल, भारत में विमान कंपनियां उन्हीं नियमों का पालन करती हैं जो भारत सरकार ने बनाए हुए हैं। जिसके मुताबिक भारत में दो साल से कम उम्र का बच्चा ही विमान में मुफ्त यात्रा के लिए पात्र है। यानी कि ऐसे बच्चे अपने माता पिता के टिकट पर ही यात्रा कर सकते हैं। जबकि दो साल से 12 साल के बच्चे के लिए यात्रा के दौरान टिकट लेना अनिवार्य है।
अगर आप अपने बच्चें के साथ विमान यात्रा करना चाहते हैं तो जरूरी है कि इस यात्रा से पहले यात्रा से जुड़ी जानकारी अच्छी तरह से इकट्ठा कर लें। क्योंकि अगर आपकी तैयारी में अगर कुछ भी अधूरा रहता है तो आपकी यात्रा में रुकावट आ सकती है। विमान कंपनियां कभी भी अपने नियमों से इतर जा कर आपको यात्रा नहीं करा सकती है। यात्रा के दौरान जिन बच्चों को मुफ्त यात्रा की सुविधा दी जाती है उनके उम्र की जांच एयरलाइंस कंपनियां करती हैं। तो ऐसे में जरूरी है कि आप अपनी यात्रा के दौरान बच्चे की आईडी और जरूरी कागजात अपने साथ रख लें। साथ ही ध्यान रखें कि सात साल से कम उम्र के बच्चे के साथ हवाई यात्रा करने की इजाजत नहीं है तो टिकट बुक करने से पहले एक बार सोच लें। किसी भी तरह का फ्रॉड करने से बचें जैसे कि फर्जी जन्म प्रमाण पत्र जैसे कागजात गलती से भी न बनवाएं। यह आपके लिए भारी पड़ सकता है।