अगर आप एनिमल लवर हैं और अपने घर में कोई जानवर या कुत्ता पालना चाहते हैं तो यह आपके लिए तब तक ही अच्छा है जब तक कि आप परिवार के साथ रहते हैं और पूरे परिवार को एक साथ सफर न करना होता हो। लेकिन अगर आप बैचलर हैं या फिर पूरे परिवार को एक साथ कहीं जाने की जरूरत पड़ जाए तो ऐसे में आपके सामने सबसे बड़ी मुसीबत यह रहती है कि आपके पालतू का रख रखाओ या उसका देखभाल कौन करेगा। अगर आपके पास ऐसा कोई नहीं है जो उसका रख रखाओ करे तो आपके पास केवल एक ही विकल्प बचता है कि उसके साथ सफर करें। लेकिन यहां एक और मुसीबत है, मुसीबत इस बात की है कि अगर आप सड़क या रेल मार्ग के माध्यम से कहीं जाने की सोच रहे हैं तब तो ठीक है लेकिन हवाई मार्ग से कहीं जाने की योजना बना रहे हैं तो ऐसे में आपको अच्छी खासी जानकारी जुटा लेनी चाहिए। जैसे कि वो कौन-कौन सी एयरलाइन कंपनियां हैं जो केबिन में पालतू जानवरों को अनुमती देती है। साथ ही इसके लिए कितना शुल्क देना होता है। तो अब आप अपनी कुर्सी की पेटी बांध लीजिए क्योंकि यहां हम आपको पालतू जानवरों के साथ हवाई सफर करने की वो सारी जानकारी देने जा रहे हैं जो आपके काम आ सकती है।
अगर आप अपने पालतू जानवर के साथ भारत में कोई घरेलु सफर करते हैं या फिर अंतरराष्ट्रीय यात्रा कर रहे हैं तो आपको जो शुल्क देना होगा वह पालतु जानवर और उसके कंटेनर के संयुक्त वजन पर निर्भर करेगा। यदि आपने अपने बैगेज में दिए गए छूट का पूर्ण रूप से उपयोग नहीं किया है तब भी आपको पालतू जानवर के लिए जो किराया देना होगा वह अतिरिक्त शुल्क के रूप में ही देना होगा। उदाहरण के लिए प्रति व्यक्ति 15 किलो तक बैगेज ले जाने की अनुमती होती है और आपने केवल पांच किलो का ही बैगेज कैरी किया है। तब भी पालतु जानवर के किराये में आपको किसी भी तरह की कोई छून नहीं दी जाएगी।
हवाई यात्रा के दौरान पालतू जानवर के लिए कोई सीट नहीं मुहैया कराई जाती है। अगर आपने अपने साथ केबिन में किसी जानवर की बुकिंग कराई है तो विमान में आपको सबसे पीछे की सीट दी जाएगी। भले ही आपके बगल की सीट खाली हो आप अपने जानवर को उस सीट पर नहीं बिठा सकते हैं। फ्लाइट के भीतर आपको अपने जानवर को गोद में बिठाने या उठाने की अनुमती भी नहीं दी जाती है।
नोटः पालतू जानवर के साथ अंतरराष्ट्रीय सफर करते समय गंतव्य देश के नियम कानून को भी जान लेना चाहिए। ऐसा नहीं करने पर आपके लिए समस्या खड़ी हो सकती है।