भारत में मानसून का मौसम जून से लेकर सितम्बर तक रहता है। अगस्त ऐसा समय होता है जब बारिश के कारण चारों ओर हरियाली की छटा बिखर जाती है और मनमोहक भीगी वादियों की खुशबू से मन मस्तिष्क पर खुमारी सी छा जाती है। ऐसे में भारत के हिल स्टेशनों की शोभा देखते बनती है जहां दार्जिलिंग में छाई धुंध के नजारों से लेकर माउंट आबू की हरियाली तक और दक्षिण भारत के मुन्नार और ऊटी में विस्तृत घास के मैदानों से लेकर नैनीताल की खूबसूरत झीलों तक पर्यटकों को अगस्त की छुट्टियों में घूमने के कई विशेष अवसरों की ये सौगात प्रकृति से मुफ्त में मिलती है।
राजस्थान में नखलिस्तान की तरह माना जाने वाला यह हिल स्टेशन अपने आप में किसी आश्चर्य से कम नहीं है। अरावली पर्वत श्रेणियों पर बसी यह जगह बहुत ही मनमोहक और दिव्यता प्रदान करने वाली है। यहां हिंदू धर्म से जुडी कई पौराणिक मान्यताओं की कहानी सुनने में आती हैं जो इसकी आध्यात्मिक आभा को बढाने का काम करती हैं। यहां जैन धर्म से जुड़े दिलवाड़ा जैन मंदिर की खूबसूरत नक्काशी और भव्य वास्तुकला को देखने का मौका मिलता है। जहां आप गुरूशिखर चोटी से माउंट आबू का भव्य नजारा देख सकते हैं और यहां की बरसाती पानी से भरपूर उपलब्ध नक्की झील के शानदारों परिदृश्यों से मुखातिब हो सकते हैं। अगस्त में यहां मौसम लगभग 22 डिग्री सेल्सियस के तापमान के साथ बहुत आकर्षक प्रतीत होता है, जहां कभी कभार आप पर बारिश की फुहार भी पड़ सकती है।
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पश्चिम बंगाल का दार्जिलिंग अपने चाय के बागानों और माउंट कंचनजंगा के भव्य शाही परिदृश्यों के लिए जाना जाता है, लेकिन अगस्त माह में बरसात के समय यहां धुंध के गहरे बादल छाए रहते हैं जो आपको एक अलग ही बादलों सी दुनिया का एहसास कराते हैं, ऐसे में हो सकता है कि कंचनजंगा की झलक कभी कभार आपको मिल सके लेकिन चाय बागानों की खुशबू से आप रूबरू हो सकते हैं। टाइगर्स हिल से सूर्योदय या सूर्यास्त के परिदृश्यों के स्थान पर पेड़ों की शोभा और मदमस्त हरियाली की चमक से आप मानसूनी सुंदरता का एहसास कर सकते हैं। अगर आप भारी बारिश के बीच शांति से होटल के कमरे से हरियाली और मानसून का भव्य संगम देखना चाहते हैं तो दार्जिलिंग आपको बहुत भाएगा।
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उत्तराखंड में नैनी झील के किनारे बसा यह हिल स्टेशन उत्तर भारत के पर्यटकों को विशेष रूप से आकर्षित करता है। सात पहाड़ियों के बीच बसा यह स्थान कई सारे तालों और झरनों की विशेष झलक से शोभाएमान होता है। जहां साल भर मौसम सुहावना और आकर्षक रहता है। अगस्त महीने में यहां लगभग 20 डिग्री सेल्सियस तापमान के साथ हरियाली के भरपूर खुशनुमा दृंश्यों को देखने का अवसर मिलता है, इस समय लबालब पानी से भरे झील और तालाब देखने में और शानदार भव्य दिखाई देते हैं। आध्यात्मिक शांति प्राप्त करने के लिए आप यहां नैना देवी मंदिर, हनुमान गढी या ऊंची पहाड़ी पर स्थित भगवान शिव के प्राचीन मंदिर के दर्शन कर सकते हैं और यहां मौजूद प्राकृतिक झरनों को स्पर्श कर उनकी दिव्यता को महसूस कर सकते हैं।
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दक्षिण भारत के स्वर्ग के रूप में प्रसिद्ध मुन्नार प्रकृति प्रेमियों, रोमांस और रोमांच के शौकीनों के लिए आदर्श हिल स्टेशन है। जहां घुमावदार पहाड़ियों और मोड़दार रास्तों के बीच घनी हरियाली के बीच चाय बागानों के विस्तृत मैदान और सीढीदार खेतों की अद्भुत श्रृंखला देखने को मिलती है। अगस्त महीने के दौरान यहां का तापमान लगभग 20 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहता है, जब खुशनुमा मौसम के बीच कभी कभी आर्द्रता का रूख भी महसूस कर सकते हैं। घनी हरियाली और प्राकृतिक वनस्पतियों के बीच पड़ने वाली झीलों के बेमिसाल नजारांं की रौनक आपको सुकून की प्यारी सी नर्माहट देने का काम करती हैं। धुंध के बादलों का पहाड़ियों से टकराते हुए वातावरण में बहना, भला ऐसा कौन है जो ऐसे में प्रकृति को धन्यवाद कहने से खुद को रोक सकता है।
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तमिलनाडु का फेमस हिल स्टेशन ऊटी पर्यटकों के लिए प्रकृति की मनोरम सौगात को वर्ष भर प्रदान करता है। नीलगिरी पहाड़ियों पर बसा यह हिल स्टेशन अंग्रेजो के समय से ही उनकी ग्रीष्माकालीन रिसॉर्ट के रूप में प्रसिद्ध रहा है। अगस्त माह में यहां हरी भरी कालीन सी बिछी धरती और कुहासे से सराबोर माहौल की तरह अति प्र्रिय लगता है जब चारों ओर हरियाली के रंगीन परिदृश्यों से तन और मन भी नृत्य करने लगता है। आप चाहें तो यहां मेट्टुपालयम से यहां तक टॉय ट्रेन के सफर का या ऊटी झील के साथ अन्य आकर्षणों का आनंद ले सकते हैं। यहां की मनमोहक सुदंरता किसी को भी अपना दीवाना बना सकती है।
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अंत में, अगस्त माह में खूबसूरती का पर्याय बने भारत के ये हिल स्टेशन आम जनमानस के साथ ही प्रकृति में मौजूद हर सजीव और निर्जीव वस्तु में जान डालने का काम करते हैं। जहां कण कण से लेकर अवस्थित विशाल पहाड़ों तक की जीवंतता देखते बनती है। हरीतिमा और प्रकृति के इस संगम में संपूर्णता का एहसास होता है, जहां विशाल पहाड़ियां, घने वनों, विस्तृत क्षेत्रफल पर फैले हरी घास के मैदान और कुहासे में लिपटा वातावरण, प्रकृति का इतना शानदार मेल इसी मौसम में देखने को मिलता है।