उत्तर भारत में सितम्बर पर्यटन के लिए सर्वोत्तम महीना है। आखिरी मानसून और सर्दी की दस्तक के बीच सुहावने मौसम की सौगात देते सितम्बर में न तो बहुत ज्यादा गर्मी होती है और न ही सर्दी की ठिठुरन। हरी भरी धरती और चारों ओर जीवंत परिदृश्यों की श्रृंखला को बिखेरता सितम्बर में उत्तर भारत प्रकृति प्रेमियों, राजसी अंदाज़ और आध्यात्मिकता के अलावा और भी कई विविधताओं को बिखेरते सुंदरतम सजीव आंगनों में से एक है। ऐसे में पर्यटन प्रेमियों की इच्छाओं को पूरी करते इन जगहों पर बहुत कुछ खास है जहां घूमने से आप भी खुद को रोक नहीं पाएंगे।
राजस्थान की राजधानी और ऐतिहासिक विरासत की नगरी के नाम से मशहूर गुलाबी नगर जयपुर सैलानियों को हमेशा ही अनोखा अनुभव प्रदान करता है। यहां के किलों, स्मारकों और अन्य आकर्षणों के साथ पर्यटकों का स्वागत करता यह शहर सितम्बर में और भी ज्यादा विशेष हो जाता है, जहां मानसून की गीली सड़कों से लेकर ऐतिहासिक दीवारों पर गिरती बारिश की बूंदों की झलक मन को भीतरी सुकून और शांति देती हुई उन यादों तक ले जाती हैं जिसमें शाही अंदाज़ का रूतबा देखते बनता है। जयपुर की खूबसूरती और संस्कृति सदियों से आकर्षित करती है। जयपुर की नाइटलाइफ और शॉपिंग कल्चर खूबसूरत पहलुओं में से एक है, जिसके लिए पर्यटक स्पेशली जयपुर आना पसंद करते है।
यह भी पढ़ें: कश्मीर पर्यटन हेतु शीर्ष 15 आकर्षक स्थान
शुरूआती दिनों में धीमी फुहार के साथ तापमान 26 डिग्री सेल्सियस से लेकर 30 डिग्री सेल्सियस तक रहता है।
जयगढ, आमेर किला, जलमहल, हवामहल, जंतर मंतर, गलताजी मंदिर, नाहरगढ किला, महारानी की छतरी, राजमंदिर सिनेमा हॉल, सिटी पैलेस, मोती डूंगरी गणेश जी मंदिर, अक्षरधाम मंदिर, अल्बर्ट हॉल संग्रहालय के साथ अन्य कई आकर्षण स्थल और गतिविधियां हैं जिनका लुत्फ लिया जा सकता है।
सितम्बर में श्रीनगर की वादियां और वातावरण की खूबसूरती पर्यटकों का ध्यान अपनी ओर विशेष रूप से आकर्षित करती हैं। यहां की खूबसूरती और ऑफ सीजन का सुखद संयोग इसकी विशेषताओं में चार चांद लगाने का काम करते हैं जिसमें डल झील के शानदार नज़ारें, धूप और बारिश के कम असर में रंगा यह पर्यटक शहर हरियाली के रंगों से सजी भव्य पहाड़ियां और घास के मैदान, रंग बिरंगे फूलों की महक और स्वच्छ नीले आसमान की झलक इन सबके साथ जम्मू कश्मीर की राजधानी श्रीनगर बेहद आकर्षक और मनमोहक लगती है और इसीलिए यह कला, संस्कृति और प्राकृतिक धरोहरों को संजोता धरती का स्वर्ग कहलाता है, जिसकी बेमिसाल खूबसूरती की तुलना किसी से संभव ही नहीं है।
यह भी पढ़ें: सितम्बर में केदारनाथ यात्राः संपूर्ण मार्गदर्शिका
इन दिनों मौसम का मिजाज़ न्यूनतम 12 डिग्री सेल्सियस से लेकर 25 डिग्री सेल्सियस तक रहता है जहां सुबह से लेकर शाम तक आरामदायक और लुभावना मौसम रहता है।
सितम्बर में ट्रेकिंग का मज़ा ले सकते हैं, मुगल गार्डन की सैर, डलझील में नौकायन आनंद लेने के साथ ही हाउसबोट में ठहरना रोमांचक अनुभव प्रदान करता है। यहां के बागों का भ्रमण करें जैसे शालीमार बाग, निशात बाग और चश्मे शाही। चिनार के पेड़ों के शाही अंदाज़ को देखते हुए कश्मीरी संस्कृति की झलक महसूस कर सकते हैं जहां पुराने श्रीनगर और हजरतबल दरगाह में आध्यात्मिकता का अनूठा अनुभव लेना गहरी शांति प्रदान करता है।
उत्तर भारत का प्रसिद्ध हिल स्टेशन मनाली पर्यटकों को हमेशा रिझाता है। सितम्बर में मनाली का लुक पर्यटकों के साथ ही एडवेंचर प्रेमियों को भी खासा आकर्षित करता है। जहां आप ट्रेकिंग, पैराग्लाइडिंग और राफ्टिंग के साथ ही कई साहसिक गतिविधियों को एन्जॉए कर सकते हैं। पहाड़ों की हरियाली, सुदंरतम घाटियां और अल्पाइन चीड़ के पेड़ों की सघनता प्रकृति के खूबसूरत अंदाज़ को बेहद सौम्यता से दर्शाती है। सुबह की ठंडक से लेकर शाम के सुकून को संजीदगी से पेश करता मनाली हिमाचल प्र्रदेश का बेहद शानदार पर्यटन स्थल है जहां सितम्बर के मौसम में बगीचों के नज़ारें देखते बनते हैं। मानसूनी ऋतु के आखिर का यह समय झरनों के भव्य नज़ारों और हरियाली के बीच बेहद वातावरण सुरम्य और आकर्षक होता है।
यह भी पढ़ें: सितंबर 2025 में राजस्थान यात्रा : व्यापक यात्रा गाइड
सितम्बर में मौसम नई तरंगों का संचार करता हुआ प्रतीत होता है जिसकी शुरूआत मानसूनी अंत और आखिर तक सर्दी का आग़ाज़ होने लगता है, तापमान 11 डिग्री सेल्सियस से लेकर अधिकतम 24.5 डिग्री सेल्सियस तक रहता है जिसमें रात्रि का मौसम हल्का सर्द और दिन सुहावना अंदाज़ लिए स्वागत करता है।
सोलंग घाटी, हम्पटा दर्रा, नेहरू कुंड, रोहतांग दर्रा, मनु मंदिर, हिडिम्बा मंदिर, मनाली गोम्पा, चंद्रताल, जोगिनी झरना, मानिकरण, अर्जुन गुफा, हिमालयन राष्ट्रीय उद्यान, वशिष्ठ गर्म पानी के कुंड, बौद्ध मंदिरों के दीदार करने के अलावा कई अद्भुत स्थलों की शोभा को निहार सकते हैं जहां स्थानीय व्यंजनों को भी जरूर चखें जैसे सिडू, खट्टा, बबरू, मिठ्ठा, माद्रा, अकतोरी, ट्राउट और भेय इत्यादि।
गंगा किनारे बसा पवित्र शहर ऋषिकेश अपने योग और आध्यात्मिकता के कारण दुनिया भर में जाना जाता है जहां सितम्बर में इसकी हरियाली के रंग औलिककता को और भी ज्यादा बढाते हैं जहां आप एडवेंचरर्स गतिविधियों का आनंद भी ले सकते हैं। इस मौसम में न तो उमस भरी गर्मी की झंझट होती है और न ही तेज़ बारिश की रूकावट, इसलिए ऐसे में ऋषिकेश में समय व्यतीत करना और योगाभ्यास करना एक आदर्श अनुभव देता है। धार्मिक पर्यटन की पराकाष्ठा को प्रतीत करता ऋषिकेश गंगा नदी के भव्य परिदृश्यों के साथ ही मन को गहरी शांति प्रदान करता है।
यह भी पढ़ें: मानसूनी सीजन और सप्ताहांत छुट्टियांः शीर्ष 10 स्थान जो दिल्ली से नजदीक हैं
सितम्बर की शुरूआत में कभी कभार हल्की फुल्की फुहारों के साथ मौसम 24 डिग्री सेल्सियस से लेकर 30 डिग्री सेल्सियस तक रहने के आसार रहते हैं और यह समय लुभावने और घनी हरियाली के साथ बेहद प्यारा मौसम है जहां इस समय कई सारे त्योहारों और सांस्कृतिक पर्वों की झलक देखने का अवसर प्राप्त होता है।
सांझ के समय गंगा आरती और भव्य मंदिरों की दिव्य आभा को महसूस करें साथ ही लक्ष्मण झूला, त्रिवेणी घाट और अन्य जगहों पर हरी भरी वसुंधरा की गोद में समय बिताएं। गंगा नदी में रिवर राफि्ंटग के साथ ही अन्य कई रोमांचक गतिविधियों का मज़ा ले सकते हैं। शांत और सुकून भरे वातावरण मे योग और ध्यान अभ्यास कर सकते हैं जहां प्रकृति का अद्भुत संग मिलता है।
बारिश की आखिरी दस्तक देता यह महीना पर्यटकों को हरे भरे जीवंत नज़ारों और आकर्षणों के साथ शानदार यादगार अनुभव देता है। पहाड़ों की रानी के नाम से मशहूर मसूरी उत्तराखंड के साथ ही पूरे उत्तर भारत के लिए आकर्षक पर्यटन हिल स्टेशन है जहां सितम्बर माह में ऊंचे ऊंचे पहाड़ों, गहरी झीलों और अद्भुत हरियाली के रंगों से सजा मसूरी अपनी प्राकृतिक सुदंरता और सितम्बर में अपनी मंत्रमुग्ध कर देने वाले परिदृश्यों के साथ बेहद लुभावना प्रतीत होता है।मसूरी और आसपास कई ऐसे स्थान है जहां प्रकृति के खूबसूरत नज़ारों के साथ उसकी सुदंरता को महसूस करते हुए इन पलों को एन्जॉए कर सकते हैं।
यह भी पढ़ें: मानसूनी अगस्त में दिल्ली के नजदीक शीर्ष 8 हिल स्टेशन
सितम्बर में मौसम की दिशा आगुंतकों को इसे नए रूप में देखने का अवसर प्रदान करती है जहां तापमान ज्यादा से ज्यादा 20 डिग्री सेल्सियस पर छूकर लौट आता है और कम तापमान पर यहां के खूबसूरत ठंडक भरे मौसम का लुत्फ ले सकते हैं।
केम्पटी फॉल्स और झरीपानी फॉल्स की शोभा देखते बनती है, मानसून के बाद दृश्य और भी ज्यादा मंत्रमुग्ध करने वाले होते हैं। मसूरी लेक, दलाई हिल्स, लण्ढोर, बेनोग वाइल्डलाइफ सेंचुरी, जॉर्ज एवरेस्ट हाउस, मसूरी एडवेंचर पार्क, लाल टिब्बा, गन हिल, हाथीपांव, कैमल्स बैक रोड, ज्वाला देवी मंदिर और यहां के स्थानीय स्ट्रीट फूड का मज़ा ले सकते हैं।
भगवान शिव की नगरी वाराणसी सितम्बर में भरपूर बरसात के बाद गंगा नदी के भव्य बहाव और घाटों की दिव्यता से मन को भीतर तक शिवमय बना देती है। यहां के कण कण में ईश्वर की अनुभूति का एहसास होता है जहां इस दौरान विभिन्न मंदिरों की धार्मिकता से लेकर मन की गिरह को सुलझाता अनोखा स्थान है। बनारस के घाटों की प्रमुखता विश्व प्रसिद्ध है जहां हर एक घाट की अपनी विशेषता और शानदार इतिहास है और कुछ से जुड़ी धार्मिक मान्यताएं और प्रमुख किंवदंतियां सभी को अपनी ओर आकर्षित करती हैं। मानसून के बाद बनारस की गलियां और ज्यादा रौनक प्रदान करती गुलज़ार रहती हैं इसके अलावा बनारस के आसपास कई ऐसी ऐतिहासिक विरासतें हैं जिन्हें देखना रोमांचक लगता है।
यह भी पढ़ें: अगस्त के दौरान मसूरी में करने योग्य चीजों के साथ मौसम और यात्रा व्यापक गाइड
बनारस का मौसम इस दौरान 25 डिग्री सेल्सियस से लेकर 30 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचता है जहा कभी कभार बारिश की फुहार के साथ मौसम में ठंडक और आकर्षण स्वाभाविक है।
दशाश्वमेध घाट, अस्सी घाट, जैन घाट, दरभंगा घाट आदि का अवलोकन व काशी विश्वनाथ मंदिर के साथ अन्य प्रमुख मंदिरों के दर्शन कर सकते हैं। सारनाथ, धमेख स्तूप जैसी बौद्ध सभ्यताओं के गौरवपूर्ण इतिहास को बयां करते विभिन्न आकर्षणों को निहार सकते हैं। बनारस के नजदीक ही चुनार के किले की भव्य और ऐतिहासिक दीवारें और खूबसूरती पर्यटकों को भारत के अलग ही परिप्रेक्ष्य से परिचित कराती हैं।
सुहावने मौसम का तोहफा देता सितम्बर धर्मशाला की ज़मीन पर और भी ज्यादा लुभावना हो जाता है। पहाड़ियों और ढलानों के आकर्षक नज़ारे, शानदार सीढीनुमा परिदृश्यों की श्रृंखलाएं भाव विभोर करती हैं जहां सर्दियों की शुरूआत की दस्तक इसी माह से हो जाती है जहां रातें अब और ज्यादा सर्द और दिन कम गर्म हो जाते हैं। सितम्बर माह में भारी बारिश से राहत मिलने के साथ ही मानसून से होने वाले जोखिमों से भी मुक्ति मिलती है। हिमालय की धौलाधार पर्वत श्रृंखला और शिवालिक पर्वत श्रृंखलाओं के बीच बसा यह हिल स्टेशन कांगड़ा घाटी के दुर्लभ नज़ारों का संयोजन करता है। धर्मशाला के घने वनों की हरियाली और कभी कभी होने वाली बारिश की बूंदों के सुरम्य परिदृश्यों को देखना आकर्षक लगता है।
यह भी पढ़ें: अगस्त में उदयपुर : झीलों के शहर में जादुई मानसूनी परिदृश्य
धर्मशाला में सितम्बर का मौसम शुरूआती दिनों में कभी तेज या धीमी बारिश लिए सुहावना होने के साथ ही कम से कम 15 डिग्री सेल्सियस से लेकर 24 डिग्री सेल्सियस तक रहता है। सितम्बर अंत तक सर्द मौसम में वृद्धि होना लाज़िमी है।
बौद्ध संस्कृतियों को समर्पित प्रमुख बौद्ध मठों के दर्शनों के साथ संस्कृतियों का जीवंत अनुभव ले सकते हैं इसके अलावा डल झील धर्मशाला, त्रिउंड हिल, ज्वालामुखी मंदिर, कांगड़ा आर्ट संग्रहालय, युद्ध स्मारक, भागसू झरना, नामग्याल मठ, दलाई लामा मंदिर और साथ ही स्थानीय स्वाद का मज़ा ले सकते हैं, जैसे यहां के थुकपा, मोमोज और सैंडविच काफी मशहूर हैं।
उत्तर भारत की खूबसूरत ऊंचाई वाले क्षेत्रों में से एक इस जगह की शांति और सुकून भरी सड़कों पर समय बिताना पर्यटकों की विशेष पसंद हैं जहां इसकी शोभा सितम्बर के महीने में जन्नत से कम नहीं होती। शानदार मौसम और शांत वातावरण में साफ स्वच्छ नीले आसमान के नीचे लेह लद्दाख अपनी राजसी चोटियों के भव्य परिदृश्यों और यहां होने वाली कम भीड़ की ख़ासियत की वजह से भी पर्यटकों को आकर्षित करता है। लेह लद्दाख की ऊंचाई वाले रास्तों पर राइडर्स अपने शौक को बखूबी पूरा कर यादगार अनुभवों को शामिल करते हैं। सितम्बर माह में लेह लद्दाख अपने पर्यटकों को आकर्षक नजारों के साथ ही सुरक्षित वातावरण भी प्रदान करता है। जिसकी खूबसूरती को यहां कई सारी रोमांचक गतिविधियों को एन्जॉए करते हुए फील किया जा सकता है। इस मौसम में नदियों का बहाव कम हो जाता है जहां ग्लेशियरों के पिघलने से नदियों का पानी भी कम होने लगता है, ऐसे में आप यहां काली बर्फ कहलाने वाले परिदृश्यों का दीदार कर सकते हैं, जो रात भर जमने वाले कीचड़युक्त जलाशय होते हैं।
यह भी पढ़ें: अगस्त माह के दौरान लैंसडाउनः उत्तराखंड की शांति और सुकून भरी सैर
इस समय लद्दाख का मौसम 15 डिग्री सेल्सियस से लेकर 20 डिग्री सेल्सियस तक रहता है जहां रातें और भी ज्यादा सर्द हो सकती है। सितम्बर की शुरूआत में धूप की हल्के साये मिलते हैं लेकिन महीने के आखिर में ये और भी ज्यादा कोमल हो जाती है।
मैग्नेटिक हिल, शांति स्तूप, लामायुरू, मैत्रेय बुद्ध, गुरूद्वारा, पेंगोग झील, नुब्रा घाटी के साथ कई प्रसिद्ध दर्रों को देखने का लुत्फ ले सकते हैं।
सितम्बर भारत के उत्तरी भाग के पर्यटन के लिए जाना माना समय है जहां मौसम की अनुकूलता के साथ प्राकृतिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासतों के नज़ारें और भी ज्यादा आकर्षण प्रदान करते हैं। अगर आप भी मौसम के खूबसूरत मिजाज़ के साथ रूख मिलाना चाहते हैं तो इन जगहों का दीदार आपको शांति, सुकून, संस्कृति, रोमांस और रोमांच के साथ बहुत कुछ स्पेशल देने को तैयार है जहां आप अपनी पंसदीदा यादों को सहेज कर अपने विशेष सुनहरे अनुभवों में शामिल कर सकते हैं।
यह भी पढ़ें: काशी विश्वनाथ मंदिर: वाराणसी के ह्रदय में बसा एक दिव्य ज्योतिर्लिंग