अयोध्या भगवान राम की जन्मभूमि, संस्कृति और पवित्रता के लिए दुनिया भर में विख्यात है। सरयू नदी के किनारे बसे इस शहर के बारें में कथा कहानियों का दौर अनंतकाल से चला आ रहा है। आध्यात्मिक दृष्टि से संपन्न अयोध्या विभिन्न सारे मंदिरों, पावन नदी घाटों और ग्रंथो में वर्णित आकर्षणों की वजह से जाना जाता है। यूं तो वर्ष भर अयोध्या पर्यटकों के लिए आस्था और श्रद्धा के केंद्र के रूप में प्रसिद्ध है लेकिन अगस्त माह की छुट्टियों के दौरान इसका अनोखा ही रंग देखने को मिलता है।
आइए आज अयोध्या पर्यटन की ओर रूख करते हैं, कैसा रहेगा अगस्त में अयोध्या पर्यटन? प्रमुख त्योहारों, मौसम और स्थानीय आकर्षणों की इस लिस्ट में क्या है ख़ास-
संपन्न हरियाली से परिपूर्ण समृद्ध वातावरण के साथ यहां के अलौकिक दर्शनों की छटा निराली है। मानसूनी महीनो के बीच पड़ने वाला अगस्त महीना, अयोध्या में भारी बारिश के साथ ही ठंडक और हरी भरी हरियाली के संपन्न नज़ारें प्रस्तुत करता है, जहां हल्की फुहारों के साथ अयोध्या दर्शन पर निकले दर्शनार्थियों के लिए यह मौसम बहुत शानदार रहता है। बारिश होने की वजह से मई जून की चिलचिलाती गर्मी से राहत भी मिलती है जिससे दर्शनीय स्थलों को देखने के साथ ही खूबसूरती को महसूस करना सहज हो जाता है
तापमानः अधिकतम 34 डिग्री सेल्सियस से लेकर न्यूनतम 25 डिग्री सेल्सियस तक रहता है, रात के समय ज्यादा राहत रहती है।
बारिशः पूरे उत्तर प्रदेश में इस समय मध्यम के साथ ही भारी बरसात तक होने की संभावनाएं रहती हैं।
नमीः उच्च स्तर की आर्द्रता होती है लेकिन इस मौसम में घूमने के लिए सूती नर्म कपड़े पहनने में आरामदायक रहते हैं जो नमी से होने वाली दिक्कतों को कम करते हैं।
मानसूनी मौसम अयोध्या की नदियों और मंदिरों का मर्मस्पर्शी एहसास पर्यटकों को लुभाता है। हो सकता है कि बारिश के दौरान आप भीग भी जाएं इसलिए रेनकोट या छतरी साथ रखना बेहतर रहेगा, जो भी हो लेकिन इस समय हरीतिमा का आंचल, मिट्टी का सौंधापन और प्रकृति का खुशनुमा वातावरण आपको मंदिरों तक का पैदल भ्रमण और भव्य दर्शनांं की अनुभूति को और भी विशेष बना सकते हैं। बरसाती मौसम के दौरान अक्सर सड़के दलदली और फिसलन भरी हो सकती हैं ऐसे में थोड़ी देर हो जाए तो घबराने की कोई बात नहीं है, लेकिन यात्रा सकुशल पूरी करना जरूरी है।
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भगवान की नगरी में तो यूं तो हर दिन एक त्योहार जैसा ही है लेकिन कुछ खास पर्व पर तीर्थ स्थानों की शोभा देखते बनती है। इस दिन मंदिरों में सजावट की भव्यता से और वातावरण और दिव्यमय हो जाता है। बहनों और भाइयों के आपसी प्यार और समर्पण को दर्शाता यह त्योहार राखी की चमक, मिठाइयों की महक और त्यौहार की रौनक मन को आकर्षित करती है। लोग भगवान राम, माता सीता और अन्य देवी देवताओं को भी राखी अर्पण कर भोग लगाते हैं।
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अगस्त माह में ही स्वतंत्रता का पर्व मनाया जाता है, जिसे पूरे भारत देश में हर्षोल्लास के साथ सेलिब्रेट करते हैं। इस दिन अयोध्या के प्रसिद्ध मंदिरों को राष्ट्रीय झंडे के तीन प्रतीक रंगों से सजाया जाता है। मंदिरों में विभिन्न रंगों की फूलों की सजावट, तोरण और रंगोलियों के आकर्षण मनमोहक होते हैं इसके साथ ही जगह जगह रैलियों और नारों की गूंज से वातावरण देशमय हो जाता है जिसमें भक्ति का एक और रंग जुड़ जाता है।
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भगवान कृष्ण को समर्पित यह दिन दुनिया भर के मंदिरों के लिए एक चेतना का दिन होता है। विशाल भव्य सजावट, मेले, दरबार की रौनक के साथ बाजारों की व्यस्तता जन्माष्टमी को आज भी जीवंत बना देता हैं, जहां अयोध्या के मंदिरों मेंं लगने वाली झांकियां, नृत्य झलकियां, भक्ति संगीत संध्याओं के साथ कलाकारों द्वारा भगवान कृष्ण के जीवन से जुड़े मंचन पर्यटकों को अयोध्या का नया कलेवर दिखाते हैं। इतना खुशहाल वातावरण जो किसी का भी मन मोह ले, और हो भी क्यों न? भगवान राम और कृष्ण भगवान विष्णु के ही तो रूप हैं।
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अयोध्या में बारिश के दिनों में छोटे छोटे स्तरों पर सांस्कृतिक कार्यक्रम और लोक कथाओं जैसे राम कथा या अन्य किसी पौराणिक कथा का आयोजन पार्कों या मंदिर के अंदर होते हैं। कथाओं और ऐसे कार्यक्रमों से लोक रीतियों रिवाजों और ऐतिहासिक पौराणिक तथ्यों को सुनने का शानदार अवसर मिलता है और अयोध्या की पावन धरती पर इनका आनंद लेने से महत्व कई गुना और बढ जाता है।
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अयोध्या अलौकिक शहरों में से होने के साथ ही एक धार्मिक नगरी भी है, जहां का सात्विक जीवन ही उसकी पहचान है। इसीलिए यहां सात्विक शुद्ध भोजन के बढिया विकल्पों की एक लंबी सूची अपने घूमने वालो के लिए तैयार है, यहां हम कुछ व्यंजन की चर्चा कर रहे हैं।
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अयोध्या के प्रसिद्ध मंदिरों में से एक कनक भवन एक बहुत ही भव्य मंदिर है, जिसका अर्थ ही है ‘‘सोने का भवन’’ जिसे भगवान राम और देवी सीता को विवाह उपरांत माता कैकेयी द्वारा प्रदान किया गया था। नवदंपति श्री राम और सीता जी के निजी महल के रूप में प्रसिद्ध हैं। पौराणिक कथाओं के संग्र्रह को प्रस्तुत करता यह महल आज भी बहुत अनोखा और आकर्षक है। इस मंदिर का कई बार जीर्णोद्धार किया गया है- यहां गर्भ ग्रह में भगवान राम और देवी सीता की मूर्तियां स्थापित हैं।
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अयोध्या दर्शन करते समय पर्वत की चोटी पर अवस्थित इस मंदिर को अवध के नवाब द्वारा बनवाया गया था। भक्त शिरोमणि श्री हनुमान जी को समर्पित इस मंदिर में लगभग 76 सीढियां हैं, जहां इनके साथ भगवान श्री राम और माता सीता की प्रतिमाएं भी देखने को मिलती हैं। इस जगह की ऊंचाई से खड़े होकर देखने में पूरे अयोध्या के भव्य दीदार होते हैं। भगवान हनुमान की विशेष कृपा और आशीर्वाद पाने के लिए भक्तों की लंबी कतारें यहां देखी जा सकती हैं।
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नवनिर्मित प्रभु श्री राम का बाल स्वरूप दर्शाता यह मंदिर अनेकों हिंदुओं की आस्था, भक्ति और तपस्या का प्रतीक है। जो भगवान राम की जन्मभूमि अयोध्या में जन्मस्थान पर बनने वाला मंदिर है। काले रंग की मनमोहक प्रतिमा भगवान श्री राम के बालस्वरूप का प्रतिनिधित्व करती है। मंदिर की वास्तुकला और भव्यता श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केंद्र है। मंदिर में गर्भग्रह, मंडप, वहाना और शिखरता का प्रतिनिधित्व है।
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माता सीता का एक नाम अन्नपूर्णा भी है, जहां माता सीता स्वयं भोजन का निर्माण किया करती थीं और यहां उन्होंने पांच ऋषियों को भोजन भी करवाया था। अयोध्या के राजकोट जगह में अवस्थित यह जगह कौतूहलता और आस्था का विशेष प्रतीक है। सीता की रसोई नाम से यह स्थान एक तहखाने में है, इस मंदिर में निःशुल्क भोजन कराए जाने की भी व्यवस्था है।
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सरयू नदी के घाट पर स्थित यह मंदिर सोने के रंग में रंगा अति भव्य और विशाल मंदिर है जहां भगवान राम मुख्य देवता हैं जिन्हें त्रेता के ठाकुर नाम से जाना जाता है। इनके साथ ही माता सीता, भगवान लक्ष्मण और श्री हनुमान जी की प्रतिमाएं भी पूजित हैं। काले पत्थर की शिला से बनी यह प्रतिमाएं पौराणिक कथा जो त्रेता युग के भगवान राम के अश्वमेध यज्ञ से जुड़ी है, प्रतिनिधित्व करती हैं, कहते हैं भगवान श्री राम ने इसी जगह अश्वमेध यज्ञ का आयोजन किया था।
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जी हां बिल्कुल! मानसूनी सीजन में कुछ विशेष तैयारियों की जरूरत पड़ती है लेकिन यह महीना घूमने के लिहाज से एकदम परफेक्ट है। अगस्त का यह महीना त्योहारों की धूम और चमक से और स्पेशल हो जाता है जहां अन्य बड़े त्योहारों की या अन्य मौसम की अपेक्षा भीड़ भी कम देखने को मिलती है।
अगस्त का रूहानी मौसम और भक्ति का अनूठा संगम अयोध्या जाना और दर्शन करना प्रत्येक वर्ग आयु लोगों के लिए भी सुलभ और सुरक्षित है।
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बारिश के दिनों में प्रकृति जब अपने पूरे रंगो से खिली होती है ऐसे में आध्यात्मिक आभा का दर्शन उत्सव और भक्तिमय उल्लास से ओतप्रोत हो तो पूरा जीवन जीवंत हो जाता है। आप कला प्रेमी हों, तीर्थ दर्शनयात्री हों, पौराणिक कथाओं में रूचि रखते हों या स्ट्रीट फूड्स के शौकीन हों अयोध्या हर किसी के लिए स्पेशल कोना तैयार रखती है। भगवान राम के जीवन दर्शन के साथ ही अयोध्या के समस्त पहलुओं को जानना और समझना हर किसी के लिए रोचक और आश्चर्यजनक विशेषताओं से भरा हो सकता है। जय श्री राम!
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